थानेदार के खिलाफ हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान उदयपुर के नाई थाना क्षेत्र में 1999 में हुई थी घटना, न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को किया तलब भीलवाड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश परनामी ने नाई (उदयपुर) थाने के तत्कालीन थानेदार व हमीरगढ़ निवासी बद्रीलाल राव के खिलाफ संजय कॉलोनी की एक युवती सपना उर्फ सुनीता राव की उदयपुर में हत्या कर सबूत मिटाने, पद का दुरुपयोग व फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में प्रसंज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। राव को 25 जुलाई को अदालत में तलब किया गया है। संजय कॉलोनी निवासी रतनलाल राव ने 13 साल पहले 29 जून को उदयपुर के एक कोर्ट में थानेदार राव के साथ ही अशोक छीपा, अलका छीपा, दिनेश पाराशर, टीना पाराशर, टीना छीपा, पारस संचेती व लक्ष्मीनारायण राव के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। इसमें बताया गया कि रतन लाल की बेटी सपना उर्फ सुनीता ने बीएड कर रखी थी। समाज के ही बद्री लाल ने परिचित होने से सपना से शादी का प्रस्ताव रखा। थानेदार से मिलकर सात लोग घूमने के बहाने सपना को 24 दिसंबर, 99 को उदयपुर ले गए और बद्री लाल के पास छोड़ दिया। सपना के बारे में पूछने पर इन लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन ने थाने में रिपोर्ट देने की धमकी दी तो उन्होंने सपना को बद्रीलाल के पास छोडऩे की बात स्वीकार की। परिवादी ने आरोप लगाया कि बद्रीलाल ने शादी का झांसा देकर सपना को उदयपुर में रोक लिया और षड्यंत्र पूर्वक सरकारी रिवाल्वर से उसकी हत्या कर दी। सबूत मिटाने की गरज से थानेदार ने सपना के द्वारा उसकी सर्विस रिवाल्वर से आत्महत्या करने की बात कह दी और हत्या को आत्महत्या का रूप भी दे दिया। इस्तगासे पर छह जुलाई, 2000 को नाई थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में जांच के बाद एफआर लगा दी थी। इस पर परिवादी रतन लाल ने केस से संबंधित पत्रावली स्थानांतरण कराने के लिए अधिवक्ता गणपत सिंह राणावत व धीरज राव के जरिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर पत्रावली 17 नवंबर, 11 को उदयपुर कोर्ट से स्थानीय न्यायालय में भिजवा दी गई। भीलवाड़ा न्यायालय ने बहस सुनने के बाद एफआर अस्वीकार करते हुए थानेदार राव के खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए सम्मन जारी कर उसे 25 जुलाई को तलब किया। |
गुरुवार, 23 मई 2013
थानेदार के खिलाफ हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें