आरएएस की बेटी के शादी कार्ड पर बसपा का लोगो
संगरिया (हनुमानगढ़)। आरएएस अफसर ने बेटी की शादी के कार्डो पर बसपा का प्रचार करने का कारनामा किया है। अधिकारी की बेटी की शादी 25 मई को है।
यहां उपखंड अधिकारी रहे जगदीश चंद्र आर्य ने बेटी की शादी के जो कार्ड वितरित किए हैं उसमें नारायणा गुरू, संत रविदास, संत कबीर, तथागत बुद्ध, ज्योतिबा फुले व साहूजी के चित्रों के बीच बहुजन समाज पार्टी का लोगो छापा है। आर्य जुलाई 2012 में नगर पालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी रहते हुए कर्मचारियों को अपशब्द कहकर विवादों में आ गए थे। उधर, आरएएस अधिकारी जगदीश चंद्र आर्य का कहना है कि शादी के कार्ड पर बसपा का लोगो प्रिंटर की गलती से लगा है। कार्ड आने के बाद हमने इस पर स्टीकर लगा दिए थे। संगरिया में जो कार्ड वितरित हुए हैं, उन पर भूलवश स्टीकर लगने से रह गए होंगे। मेरे परिवार को कोई सदस्य बसपा में नहीं है।
रविवार, 19 मई 2013
"कटारिया बेदाग,सोहराबुद्दीन था आतंकी"
"कटारिया बेदाग,सोहराबुद्दीन था आतंकी"
भोपाल। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में नाम आने के बाद राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा था कि वह आर के मार्बल के मालिक पाटनी को नहीं जानते हैं,न ही उनको इस बात की जानकारी थी की सोहराबुद्दीन मार्बल व्यपारियों से रंगदारी वसूल करता था।
वहीं,भोपाल स्थित आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व संवाद केंद्र ने अपने साप्ताहिक लेख में गुलाब चंद कटारिया का बचाव करते हुए कहा है कि सोहराबुद्दीन शेख को आतंकी माना है।
"सोहराबुद्दीन संत नहीं था" शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि उसे एक ऎसे ही मरना था। अगर पुलिस ने उसे नहीं मारा होता तो महात्मा या धर्मात्मा के रूप में कोई आम आदमी उसे मार डालता ।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कटारिया की संभावित गिरफ्तारी से पहले छपे इस लेख में राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री को आदर्शवादी व्यक्ति कहने के साथ ही राजनीति में नैतिकता
का उदहारण बताया है। आगे कहा गया है कि सोहराबुद्दीन आतंकी था जिस पर 56 मामले
चल रहे थे और वह गुजरात के मुख्मंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की फिराक में था।
कटारिया जैसे बेगुनाह और बेदाग व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले सोहराबुद्दीन जैसे आतंकी के अपराधों को दुनिया के सामने लाना चाहिए। लोगों को यह बताने कोशिश की
गई है कि सोहराबुद्दीन एक आम आदमी था।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ को गुजरात और राजस्थान पुलिस का संयुक्त कार्य बताने से पहले लेख में कहा गया है कि कांग्रेस के नेताओं के लिए वह एक साधारण चोर था। लेख में आरोप लगाया गया है कि सोहराबुद्दीन राजस्थान और गुजरात के मार्बल व्यपारियों से पैसों की उगाही करता था।
साथ ही कहा गया है कि वह एक ट्रक ड्राइवर जो दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाले दो अन्य ड्राइवरो के संपर्क में आने के बाद वह रंगदारी वसूलने जैसे मामलों में शामिल हो गया।
लेख में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के शहर कराची के दो सिम कार्ड बरामद हुए थे,जिससे यह साबित होता है कि वह दाऊद और लशकर-ए-तयैबा के संपर्क में था। यही नहीं,1998 में कोयंबटूर में हुए बम धमाकों सहित वह आतंक के कई मामलों में शामिल था।
भोपाल। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में नाम आने के बाद राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा था कि वह आर के मार्बल के मालिक पाटनी को नहीं जानते हैं,न ही उनको इस बात की जानकारी थी की सोहराबुद्दीन मार्बल व्यपारियों से रंगदारी वसूल करता था।
वहीं,भोपाल स्थित आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व संवाद केंद्र ने अपने साप्ताहिक लेख में गुलाब चंद कटारिया का बचाव करते हुए कहा है कि सोहराबुद्दीन शेख को आतंकी माना है।
"सोहराबुद्दीन संत नहीं था" शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि उसे एक ऎसे ही मरना था। अगर पुलिस ने उसे नहीं मारा होता तो महात्मा या धर्मात्मा के रूप में कोई आम आदमी उसे मार डालता ।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कटारिया की संभावित गिरफ्तारी से पहले छपे इस लेख में राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री को आदर्शवादी व्यक्ति कहने के साथ ही राजनीति में नैतिकता
का उदहारण बताया है। आगे कहा गया है कि सोहराबुद्दीन आतंकी था जिस पर 56 मामले
चल रहे थे और वह गुजरात के मुख्मंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की फिराक में था।
कटारिया जैसे बेगुनाह और बेदाग व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले सोहराबुद्दीन जैसे आतंकी के अपराधों को दुनिया के सामने लाना चाहिए। लोगों को यह बताने कोशिश की
गई है कि सोहराबुद्दीन एक आम आदमी था।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ को गुजरात और राजस्थान पुलिस का संयुक्त कार्य बताने से पहले लेख में कहा गया है कि कांग्रेस के नेताओं के लिए वह एक साधारण चोर था। लेख में आरोप लगाया गया है कि सोहराबुद्दीन राजस्थान और गुजरात के मार्बल व्यपारियों से पैसों की उगाही करता था।
साथ ही कहा गया है कि वह एक ट्रक ड्राइवर जो दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाले दो अन्य ड्राइवरो के संपर्क में आने के बाद वह रंगदारी वसूलने जैसे मामलों में शामिल हो गया।
लेख में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के शहर कराची के दो सिम कार्ड बरामद हुए थे,जिससे यह साबित होता है कि वह दाऊद और लशकर-ए-तयैबा के संपर्क में था। यही नहीं,1998 में कोयंबटूर में हुए बम धमाकों सहित वह आतंक के कई मामलों में शामिल था।
रॉयल्स दर्ज कराएगी एफआईआर
रॉयल्स दर्ज कराएगी एफआईआर
नई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग में फंसे तीनों क्रिकटरों का अब बचना मुश्किल है। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स एस.श्रीसंत,अंकित चव्हाण और अजित चंदीला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी।
तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाएगा। बीसीसीआई ने रविवार को चेन्नई में हुई वर्किग कमेटी की बैठक में राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर को बुलाया था। बैठक में मैनेजर ने तीनों खिलाडियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही।
गौरतलब है कि अभी तक किसी ने तीनों क्रिकेटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। पुलिस ने खुद ही छापा मारकर तीनों क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी लगाई है।
420 धोखाधड़ी और 120 बी अपराध के लिए साजिश रचने की धारा है। धारा 420 का अभी तक कोई अर्थ नहीं था। इस धारा को तभी साबित किया जा सकता है जब धोखाधड़ी का शिकार व्यक्ति शिकायत दर्ज करवाए।
रविवार को देश के कई शहरों में छापे मारे गए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली,मुंबई,चेन्नई और कोलकाता में छापे मारे। बुकीज की ओर से दी गई जानकारी के बाद ये छापे मारे गए हैं।
नई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग में फंसे तीनों क्रिकटरों का अब बचना मुश्किल है। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स एस.श्रीसंत,अंकित चव्हाण और अजित चंदीला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगी।
तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाएगा। बीसीसीआई ने रविवार को चेन्नई में हुई वर्किग कमेटी की बैठक में राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर को बुलाया था। बैठक में मैनेजर ने तीनों खिलाडियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही।
गौरतलब है कि अभी तक किसी ने तीनों क्रिकेटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। पुलिस ने खुद ही छापा मारकर तीनों क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी लगाई है।
420 धोखाधड़ी और 120 बी अपराध के लिए साजिश रचने की धारा है। धारा 420 का अभी तक कोई अर्थ नहीं था। इस धारा को तभी साबित किया जा सकता है जब धोखाधड़ी का शिकार व्यक्ति शिकायत दर्ज करवाए।
रविवार को देश के कई शहरों में छापे मारे गए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली,मुंबई,चेन्नई और कोलकाता में छापे मारे। बुकीज की ओर से दी गई जानकारी के बाद ये छापे मारे गए हैं।
बस्तर में फिर खूनी खेल,आठ की हत्या
बस्तर में फिर खूनी खेल,आठ की हत्या
बीजापुर। गंगालूर थाने से सिर्फ छह किमी दूर ग्राम एहड़समेटा में शुक्रवार की रात सुरक्षा जवानों ने मुठभेड़ की आड़ में तीन मासूमों समेत आठ ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। इस पूरे घटनाक्रम में कोबरा बटालियन का एक जवान भी शहीद हो गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है।
घटना के बाद गंगालूर थाने पहुंचे एड़समेटा के करीब 70 ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि वे सभी गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए शिकार के बाद एकत्र हुए थे। वहां पर सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें तीन बच्चों समेत आठ ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग के दौरान मची भगदड़ से 22 ग्रामीण लापता हो गए हैं। वहीं, इस घटना के बाद गांव के 22 ग्रामीण दहशत के चलते लापता बताए जा रहे हैं। सात ग्रामीणों के शव गांव में ही हंै। घटनास्थल से बरामद कथित माओवादी के शव को भी पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले किया गया।
त्योहार मना रहे ग्रामीणों को मारी गोली
गंगालूर पहुंचे ग्रामीण लच्छू कारम का कहना है कि शुक्रवार की शाम को शिकार से लौटने के बाद सभी ग्रामीण गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए एकत्र हुए थे। इसी दौरान रात को तकरीबन 10 बजे पुलिस वहां पहुंची और बैठे हुए ग्रामीणों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इससे ग्रामीण हड़बड़ाकर भागने लगे। पुलिस की गोली से तीन नाबालिग बच्चों सहित आठ ग्रामीणों की मौत हो गई है। इनके शव गांव में पड़े हुए हैं। मारे गए ग्रामीणों मे गुड्डू कारम (10), पाण्डू कारम (45), बहादुर (12), जोगा कारम (40), तारम चोमु (52), पूनेम सोनू (40), पूनेम लखम (15) और कारम मासा (50) शामिल हैं। पुलिस ने गांव से तीन ग्रामीणों कारम आयतु, कारम लच्छु व कारम मंगु को गिरफ्तार किया है। ग्रामीण एवं गांव से आए मृतकों के परिजनों का आरोप है कि इस घटना में मारे गए ग्रामीणों का माओवादियों से कोई सरोकार नहीं है और ये सभी निर्दोष थे।
सालभर पहले मारे गए थे 17 आदिवासी
गौरतलब है कि 28 जून 2012 को सारकेगुड़ा में सीआरपीएफ की कार्रवाई के दौरान 17 आदिवासी ग्रामीण मारे गए थे। इसमे पांच नाबालिग शामिल थे। इस मामले की जांच अब तक की जा रही है।
मुठभेड़ हुई : पुलिस
बीती रात गंगालूर से कोबरा बटालियन 208 के जवान व छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त पार्टी गश्त के लिए निकली थी। डीएसपी नक्सल ऑपरेशन अशोक सिंह ने बताया कि इसी दौरान एड़समेटा में माओवादियों से जवानों की मुठभेड़ हो गई। इसमें कोबरा बटालियन का जवान बनारस (उप्र) निवासी देवप्रकाश शहीद हो गया। साथ ही कुछ माओवादियों के मारे जाने की खबर है, जिसमें से एक माओवादी का शव बरामद कर गंगालूर थाने लाया गया है। इस सम्बंध में बस्तर रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता ने फोन पर सम्पर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया है।
बीजापुर। गंगालूर थाने से सिर्फ छह किमी दूर ग्राम एहड़समेटा में शुक्रवार की रात सुरक्षा जवानों ने मुठभेड़ की आड़ में तीन मासूमों समेत आठ ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। इस पूरे घटनाक्रम में कोबरा बटालियन का एक जवान भी शहीद हो गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है।
घटना के बाद गंगालूर थाने पहुंचे एड़समेटा के करीब 70 ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि वे सभी गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए शिकार के बाद एकत्र हुए थे। वहां पर सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें तीन बच्चों समेत आठ ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग के दौरान मची भगदड़ से 22 ग्रामीण लापता हो गए हैं। वहीं, इस घटना के बाद गांव के 22 ग्रामीण दहशत के चलते लापता बताए जा रहे हैं। सात ग्रामीणों के शव गांव में ही हंै। घटनास्थल से बरामद कथित माओवादी के शव को भी पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले किया गया।
त्योहार मना रहे ग्रामीणों को मारी गोली
गंगालूर पहुंचे ग्रामीण लच्छू कारम का कहना है कि शुक्रवार की शाम को शिकार से लौटने के बाद सभी ग्रामीण गांव के देवगुड़ी में बीज त्योहार मनाने के लिए एकत्र हुए थे। इसी दौरान रात को तकरीबन 10 बजे पुलिस वहां पहुंची और बैठे हुए ग्रामीणों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इससे ग्रामीण हड़बड़ाकर भागने लगे। पुलिस की गोली से तीन नाबालिग बच्चों सहित आठ ग्रामीणों की मौत हो गई है। इनके शव गांव में पड़े हुए हैं। मारे गए ग्रामीणों मे गुड्डू कारम (10), पाण्डू कारम (45), बहादुर (12), जोगा कारम (40), तारम चोमु (52), पूनेम सोनू (40), पूनेम लखम (15) और कारम मासा (50) शामिल हैं। पुलिस ने गांव से तीन ग्रामीणों कारम आयतु, कारम लच्छु व कारम मंगु को गिरफ्तार किया है। ग्रामीण एवं गांव से आए मृतकों के परिजनों का आरोप है कि इस घटना में मारे गए ग्रामीणों का माओवादियों से कोई सरोकार नहीं है और ये सभी निर्दोष थे।
सालभर पहले मारे गए थे 17 आदिवासी
गौरतलब है कि 28 जून 2012 को सारकेगुड़ा में सीआरपीएफ की कार्रवाई के दौरान 17 आदिवासी ग्रामीण मारे गए थे। इसमे पांच नाबालिग शामिल थे। इस मामले की जांच अब तक की जा रही है।
मुठभेड़ हुई : पुलिस
बीती रात गंगालूर से कोबरा बटालियन 208 के जवान व छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त पार्टी गश्त के लिए निकली थी। डीएसपी नक्सल ऑपरेशन अशोक सिंह ने बताया कि इसी दौरान एड़समेटा में माओवादियों से जवानों की मुठभेड़ हो गई। इसमें कोबरा बटालियन का जवान बनारस (उप्र) निवासी देवप्रकाश शहीद हो गया। साथ ही कुछ माओवादियों के मारे जाने की खबर है, जिसमें से एक माओवादी का शव बरामद कर गंगालूर थाने लाया गया है। इस सम्बंध में बस्तर रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता ने फोन पर सम्पर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया है।
दुष्कर्म के बाद की थी आत्मदाह की कोशिश
दुष्कर्म के बाद की थी आत्मदाह की कोशिश
सिवाना। गत दिनो एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ को लेकर दर्ज मामले को दुष्कर्म में तब्दील किया गया है। सी.ओ. बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल के अनुसार इस संबंध मे पीडिता किशोरी की मां की ओर से पेश सप्लीमेन्ट्री रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म के तहत प्रकरण दर्ज किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आत्मदाह की घटना से आधा घंटे पूर्व पीडिता ने बताया था कि आरोपित चैनाराम पुत्र गेबाराम, अजाराम पुत्र मूलाराम व रसाराम पुत्र मंगलाराम निवासी कांखी ने बारी-बारी से पीडिता के साथ दुष्कर्म किया और मोबाइल से वीडियो क्लीप बनाया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर मेडिकल बोर्ड के गठन के लिए महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर को तहरीर पेश की। इस मामले में गिरफ्तार नामजद आरोपी चैनाराम पुत्र गेबाराम को न्यायालय में पेश किया। यहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया। अन्य दो आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
सिवाना। गत दिनो एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ को लेकर दर्ज मामले को दुष्कर्म में तब्दील किया गया है। सी.ओ. बालोतरा रामेश्वरलाल मेघवाल के अनुसार इस संबंध मे पीडिता किशोरी की मां की ओर से पेश सप्लीमेन्ट्री रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म के तहत प्रकरण दर्ज किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आत्मदाह की घटना से आधा घंटे पूर्व पीडिता ने बताया था कि आरोपित चैनाराम पुत्र गेबाराम, अजाराम पुत्र मूलाराम व रसाराम पुत्र मंगलाराम निवासी कांखी ने बारी-बारी से पीडिता के साथ दुष्कर्म किया और मोबाइल से वीडियो क्लीप बनाया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर मेडिकल बोर्ड के गठन के लिए महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर को तहरीर पेश की। इस मामले में गिरफ्तार नामजद आरोपी चैनाराम पुत्र गेबाराम को न्यायालय में पेश किया। यहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया। अन्य दो आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
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