अश्लील फोटो खींच रचाई शादी!
जयपुर। 16 साल की एक युवती के अश्लील फोटो खींच उस पर दो साल तक शादी का दबाव बनाया,उसके 18 साल के होने पर आर्य समाज में शादी की और 19 साल की उम्र में दहेज के लिए उसे घर से निकाल दिया।
कुछ ऎसी ही करतूत
सामने आई है शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र की। बीते दिन इस्तागासा से प्राप्त मामले को महिला थाना (उत्तर) ने दर्ज किया गया। मामले की जांच कर रहे महिला थाना (उत्तर) उपनिरीक्षक बजरंग सिंह ने बताया कि झुंझुनूं की खेतड़ी तहसील निवासी 19 वर्षीय विवाहिता ने दर्ज कराए मामले में आरोप लगाया है कि शास्त्री नगर थाने पर तैनात एक कांस्टेबल के पुत्र ने उसके नाबालिगहोने का फायदा उठाकर अश्लील फोटो खींच लिए और दबाव बनाकर अपने साथ गुजरात भगा ले गया।
आरोप है कि यहां पीडिता की इच्छा विरूद्ध उससे ज्यादती की गई। इसके बाद दबाव बनाकर युवक ने गत वष्ाü अक्टूबर महीने में आर्य समाज में उसके साथ शादी की। शादी के बाद से ही आरोपी विवाहिता से दहेज की मांग करने लगा। पिछले दिनों उसने दहेज को लेकर विवाहिता से मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया।
थाना प्रभारी ने बनाया दबाव
पीडिता का आरोप है कि घटनाक्रम के बारे में जब वह जानकारी देने के लिए शास्त्री नगर थाने पहुंची तो थाना प्रभारी नाथूलाल ने थाने पर तैनात आरोपी के पिता कांस्टेबल को फायदा पहुंचाने की नीयत से रिपोर्ट दर्ज नहीं की और राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया।
पीडिता ने थाने में पति व अन्य की ओर से मारपीट करने की रिपोर्ट दी थी। हमने आरोपी पति को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पक्षों में राजीनामे की स्थिति बन गई थी। पीडिता के मुझपर लगाए आरोप निराधार हैं।
नाथूलाल, थानाप्रभारी, शास्त्री नगर
बुधवार, 8 मई 2013
कर्नाटक विधानसभा चुनावः कांग्रेस को बढ़त, दस साल बाद सत्ता में वापसी के आसार
कर्नाटक में वोटों की गिनती का काम शुरू हो चुका है. मतगणना के लिए बनाए गए सभी 36 केंद्रों पर सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं. अभी 168 सीटों के रुझान आए हैं, जिनमें से कांग्रेस 71, बीजेपी 37, जेडीएस 36 और केजेपी 11 सीटों पर आगे है. शुरुआती रुझान में कांग्रेस को मिल रही बढ़त से उसके दस साल बाद सत्ता में वापसी के आसार दिखने लगे हैं.
5 मई को कर्नाटक में 223 सीटों पर वोट डाले गए थे. राज्य में कुल 224 सीटें हैं, लेकिन 1 बीजेपी उम्मीदवार का निधन हो जाने की वजह से वहां मतदान नहीं हुआ. बहुमत के लिए 113 के आंकड़े की जरूरत है. राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, विधानभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और जेडीएस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी शामिल हैं.
राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के बीच है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की मुश्किल बढ़ा दी हैं.
दक्षिण भारत में बीजेपी की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है. लेकिन चुनाव अनुमानों के मुताबिक, संकट में घिरी बीजेपी की स्थिति डांवाडोल है जबकि कांग्रेस के मजबूती के साथ उभरने की संभावना है.
पिछली विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी. पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था. कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 28 सीटें थीं.
मैसूर जिले की पेरियापटना विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत के चलते मतदान की तारीख बढ़ा दी गई है. वहां 28 मई को मतदान होगा. मतदान के बाद हुए एक्जिट पोल ने जहां इस बार कांग्रेस का पलडा भारी दिखाया है वहीं पहले से ही आंतरिक खींचतान और भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझी बीजेपी की संभावनाओं में, अपने मूल दल से अलग हुई पार्टियां- पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पक्ष और पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू द्वारा गठित बीएसआर कांग्रेस, के सेंध लगाने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
5 मई को कर्नाटक में 223 सीटों पर वोट डाले गए थे. राज्य में कुल 224 सीटें हैं, लेकिन 1 बीजेपी उम्मीदवार का निधन हो जाने की वजह से वहां मतदान नहीं हुआ. बहुमत के लिए 113 के आंकड़े की जरूरत है. राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, विधानभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और जेडीएस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी शामिल हैं.
राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के बीच है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की मुश्किल बढ़ा दी हैं.
दक्षिण भारत में बीजेपी की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है. लेकिन चुनाव अनुमानों के मुताबिक, संकट में घिरी बीजेपी की स्थिति डांवाडोल है जबकि कांग्रेस के मजबूती के साथ उभरने की संभावना है.
पिछली विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी. पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था. कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 28 सीटें थीं.
मैसूर जिले की पेरियापटना विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत के चलते मतदान की तारीख बढ़ा दी गई है. वहां 28 मई को मतदान होगा. मतदान के बाद हुए एक्जिट पोल ने जहां इस बार कांग्रेस का पलडा भारी दिखाया है वहीं पहले से ही आंतरिक खींचतान और भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझी बीजेपी की संभावनाओं में, अपने मूल दल से अलग हुई पार्टियां- पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पक्ष और पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू द्वारा गठित बीएसआर कांग्रेस, के सेंध लगाने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
सिरोही तस्करी के आरोपी को कठोर कारावास
सिरोही तस्करी के आरोपी को कठोर कारावास
सिरोही. विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 जुलाई, 2008 को अनादरा थाना पुलिस ने गुलाबगंज के समीप से एक वाहन से डोडा-पोस्त बरामद किया था।
मामले में पुलिस ने जालोर के करड़ा निवासी अशोकुमार पुत्र ईसराराम विश्नोई, अरणाय निवासी गोपाराम पुत्र बाबूलाल दर्जी व डीगांव-करडा निवासी किशनाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद अशोक कुमार व गोपाराम को तस्करी में दोषी करार दिया गया। मामले में न्यायाधीश ने अशोक कुमार को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। गोपाराम न्यायालय में हाजिर नहीं होने से वारंट सजा के बिंदु पर सुनने के लिए जारी किया गया। किशनाराम विश्नोई को तस्करी मामले से बरी कर दिया गया। सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक (एनडीपीएस) करणसिंह देवड़ा ने बहस की।
सिरोही. विशिष्ठ न्यायाधीश (एनडीपीएस) ने मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 7 जुलाई, 2008 को अनादरा थाना पुलिस ने गुलाबगंज के समीप से एक वाहन से डोडा-पोस्त बरामद किया था।
मामले में पुलिस ने जालोर के करड़ा निवासी अशोकुमार पुत्र ईसराराम विश्नोई, अरणाय निवासी गोपाराम पुत्र बाबूलाल दर्जी व डीगांव-करडा निवासी किशनाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद अशोक कुमार व गोपाराम को तस्करी में दोषी करार दिया गया। मामले में न्यायाधीश ने अशोक कुमार को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। गोपाराम न्यायालय में हाजिर नहीं होने से वारंट सजा के बिंदु पर सुनने के लिए जारी किया गया। किशनाराम विश्नोई को तस्करी मामले से बरी कर दिया गया। सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक (एनडीपीएस) करणसिंह देवड़ा ने बहस की।
सहायक श्रम आयुक्त एसीबी के शिकंजे में
सहायक श्रम आयुक्त एसीबी के शिकंजे में
चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा के पास 2.15 लाख रूपए की राशि मिलने पर पूछताछ शुरू की है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि औद्योगिक इकाइयों से वसूल की है। उसके कोटा व मध्यप्रदेश स्थित मकानों पर जांच के लिए टीमें भिजवाई गई है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ को सूचना मिली कि बांसवाड़ा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से वसूली कर श्रम विभाग का एक अधिकारी कोटा की ओर जा रहा है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह के निर्देश पर सीआई जयमलसिंह कार्रवाई के लिए पहुंचे। टीम ने रिठोला चौराहे के निकट एक निजी कार को रूकवा कर तलाशी ली। कार में केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा गट्टूसिंह पुत्र बच्चूसिंह राठौड़ सवार थे। कार की तलाशी में वहां रखे सूटकेस में लिफाफों में अलग-अलग 2 लाख 15 हजार रूपए रखे हुए थे। एक कागज पर कुछ औद्योगिक इकाइयों के नाम लिखे थे जिन पर निशान लगा रखे थे। एसीबी की टीम उसे जांच के लिए कार्यालय ले आई।
जांच में सामने आया कि गट्टूसिंह मूलत: मध्यप्रदेश के केरवासा गांव का रहने वाला है वह औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए बांसवाड़ा गया था। एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि माइंस के निरीक्षण में वहां की कमियों के बदले लाने की बात कही। एएसपी भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि टीम ने कोटा में किराए के तथा रतलाम जिले में उसके मकान की तलाशी के लिए टीमें रवाना कर दी है। एक बार तो वसूली के रूप में राशि लाने की बात स्वीकार की। लेकिन अब वह कृषि उपज की राशि लाने की बात कह रहा है। जबकि उसकी जमीन से आने वाली उपज के मुकाबले राशि ज्यादा है।
केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त वर्तमान में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, बांरा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, टौंक, करौली तथा धोलपुर जिले का प्रभारी है। एसीबी की टीम ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बजवाना स्थित कोरोमण्डल त्रिनेत्र सीमेंट में उसकी टैक्सी लगी हुई है। मंगलवार सुबह कम्पनी के अधिकारियों ने अधिकारी को कोटा छोड़ने जाने की बात कही। मार्ग में वे बांसवाड़ा के पालोदा रूके थे जहां कई मांईस क्षेत्र है। सुबह 10.30 बजे पालोदा मांइस क्षेत्र में पहुंचे वहां से कोटा के लिए रवाना हुए।
चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा के पास 2.15 लाख रूपए की राशि मिलने पर पूछताछ शुरू की है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि औद्योगिक इकाइयों से वसूल की है। उसके कोटा व मध्यप्रदेश स्थित मकानों पर जांच के लिए टीमें भिजवाई गई है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ को सूचना मिली कि बांसवाड़ा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों से वसूली कर श्रम विभाग का एक अधिकारी कोटा की ओर जा रहा है। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्रसिंह के निर्देश पर सीआई जयमलसिंह कार्रवाई के लिए पहुंचे। टीम ने रिठोला चौराहे के निकट एक निजी कार को रूकवा कर तलाशी ली। कार में केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त कोटा गट्टूसिंह पुत्र बच्चूसिंह राठौड़ सवार थे। कार की तलाशी में वहां रखे सूटकेस में लिफाफों में अलग-अलग 2 लाख 15 हजार रूपए रखे हुए थे। एक कागज पर कुछ औद्योगिक इकाइयों के नाम लिखे थे जिन पर निशान लगा रखे थे। एसीबी की टीम उसे जांच के लिए कार्यालय ले आई।
जांच में सामने आया कि गट्टूसिंह मूलत: मध्यप्रदेश के केरवासा गांव का रहने वाला है वह औद्योगिक इकाइयों की जांच के लिए बांसवाड़ा गया था। एसीबी की प्रारंभिक पूछताछ में सहायक श्रम आयुक्त ने यह राशि माइंस के निरीक्षण में वहां की कमियों के बदले लाने की बात कही। एएसपी भूपेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि टीम ने कोटा में किराए के तथा रतलाम जिले में उसके मकान की तलाशी के लिए टीमें रवाना कर दी है। एक बार तो वसूली के रूप में राशि लाने की बात स्वीकार की। लेकिन अब वह कृषि उपज की राशि लाने की बात कह रहा है। जबकि उसकी जमीन से आने वाली उपज के मुकाबले राशि ज्यादा है।
केन्द्रीय सहायक श्रम आयुक्त वर्तमान में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, बांरा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, टौंक, करौली तथा धोलपुर जिले का प्रभारी है। एसीबी की टीम ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बजवाना स्थित कोरोमण्डल त्रिनेत्र सीमेंट में उसकी टैक्सी लगी हुई है। मंगलवार सुबह कम्पनी के अधिकारियों ने अधिकारी को कोटा छोड़ने जाने की बात कही। मार्ग में वे बांसवाड़ा के पालोदा रूके थे जहां कई मांईस क्षेत्र है। सुबह 10.30 बजे पालोदा मांइस क्षेत्र में पहुंचे वहां से कोटा के लिए रवाना हुए।
सीकर ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर की थी युवक ने आत्महत्या
ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर की थी युवक ने आत्महत्या
सीकर। तासर बड़ी गांव में ढाई माह पहले ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर युवक ने आत्महत्या की थी। युवक को गांव का एक युवक व युवती ब्लैकमेल कर रहे थे। यह आरोप युवक की पत्नी ने सदर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज करवा कर लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार तासर बड़ी निवासी ममता का पति राजेन्द्र गांव में दूध बेचने का काम करता था। राजेन्द्र ने 21 फरवरी को खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ममता ने आरोप लगाया है कि राजेन्द्र से गांव के एक युवक की मित्रता थी। उसने गांव की एक महिला से राजेन्द्र को मिलवा दिया। बाद में महिला व युवक राजेन्द्र को समाज में बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रूपए ऎंठने लगे। साथ ही मोबाइल पर भी धमकियां देना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर राजेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। राजेन्द्र ने मरने से पहले गांव के कुछ लोगों को भी यह परेशानी बताई थी। आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस ने तवज्जो नहीं दी।
सीकर। तासर बड़ी गांव में ढाई माह पहले ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर युवक ने आत्महत्या की थी। युवक को गांव का एक युवक व युवती ब्लैकमेल कर रहे थे। यह आरोप युवक की पत्नी ने सदर थाने में इस्तगासे से मामला दर्ज करवा कर लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार तासर बड़ी निवासी ममता का पति राजेन्द्र गांव में दूध बेचने का काम करता था। राजेन्द्र ने 21 फरवरी को खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ममता ने आरोप लगाया है कि राजेन्द्र से गांव के एक युवक की मित्रता थी। उसने गांव की एक महिला से राजेन्द्र को मिलवा दिया। बाद में महिला व युवक राजेन्द्र को समाज में बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रूपए ऎंठने लगे। साथ ही मोबाइल पर भी धमकियां देना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर राजेन्द्र ने आत्महत्या कर ली। राजेन्द्र ने मरने से पहले गांव के कुछ लोगों को भी यह परेशानी बताई थी। आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस ने तवज्जो नहीं दी।
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