किन्नरों ने रचाया ब्याह
बिलासपुर।सरकार और अदालत में समलैंगिकता कानून पर भले ही बहस होती रहे लेकिन शहर में गुरू परम्परा की खातिर शुक्रवार को किन्नरो के दो जोड़ों ने ब्याह रचाया और गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली। किन्नरों ने सुबह देवी पूजा की और शाम को दरगाह पर चादर चढ़ाकर सामाजिक सद्भाव का उदाहरण पेश किया। मसानगंज में रहने वाले किन्नर राजा खान ने यहीं रहने वाली दो बालाओं रजिया और रूखसाना से हिन्दू रीति रिवाजों के तहत ब्याह रचाया।
विवाह के लिए अग्रसेन चौक के पास शादी घर "भगवान मंगलम" बुक करके देश भर से किन्नर परिवार के लोगों को बारात का न्यौता भेजा गया। यहां से सुबह गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकली और मुहल्ले के ईमलीपारा रोड स्थित गणेश मंदिर पंहुची। दोपहर में देवी विजराता की पूजा की गई। कुआं पूजन के बाद गुरू राजा के साथ दुल्हन की तरह सजीं दोनों बालाओं ने बारी- बारी से फेरे लिए।
शाम को विवाह पंडाल सजा करके यहां गीत-संगीत के साथ अपने चिरपरिचितों के लिए रात्रिभोज का इंतजाम किया गया । इसके पहले सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश करते हुए ब्रहन्नलाओं ने पुलिस लाइन स्थित दरगाह पर संदल(चादर) चढ़ाने जुलूस निकाला।
शनिवार, 4 मई 2013
प्रियंका चौधरी ने ग्रामीणों की सुनी समस्याए
कांग्रेस सरकार का दोगला चेहरा सामने आया
बाड़मेर | भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रियंका चौधरी ने शुक्रवार को बाड़मेर विधानसभा के मलवा ,गुडीसर ,जुना ,जसाई सहित कई गाँवो का दौर कर जनता की समस्याए सुनी .प्रियंका का गाँवो में ढोल थाली के साथ स्वागत किया गया .जुना और गुडीसर में आयोजित सभाओ को संबोधित करते हुए प्रियंका चौधरी ने कहा की राज्य की गहलोत सरकार आम जन के साथ छलावा कर रही हें ,उन्होंने आरोप लगाया की सरकार की दोगली निति का उदाहरण हाल ही में स्वीकृत किये डेढ़ सौ विद्यालय बंद करना उन्होंने कहा की शिक्षा के क्षेत्र में इससे भद्दा मजाक हो नहीं सकता .जन प्रतिनिधियों की आपसी लड़ाई में छात्रो का भविष्य दांव पर लगा दिया ,उन्होंने कहा की इन दिनों विद्युत् विभाग बी पी एल परिवारों से विद्युत् कनेक्सन के डिमांड जारी कर पैसे वसूल कर रहे हें ,जबकि सरकार ढोल पीट रही बी पी एल को निशुल्क कनेक्सन दिए जा रहे हें ,उन्होंने कहा की पुरे ग्रामीण क्षेत्रो में पानी की भयंकर किल्लत बनी हुई हें ,लोगो को पानी के टेंकर हज़ार रुपये देकर डलवाने पद रहे हे जो दुर्भाग्यपूर्ण हें उन्होंने कहा की सुराज यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में बाड़मेर पहुँच अशोक गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का बिगुल बजा दे .इस अवसर पर रहमान जायडू ने कहा की भाजपा के राज में विकास के बहुत से काम हुए ,भाजपा महामंत्री हेमाराम खडींन भी उनके साथ थे ,
पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव का एक्सीडेंट, चार टांके लगे
नागौर जिले की तीन प्रतिभाएं आईएएस
नागौर जिले की तीन प्रतिभाएं आईएएस
नागौरभारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के शुक्रवार को घोषित परिणाम नागौर जिले के लिए भी खुशियां लेकर आए। इसमें नागौर के निकटवर्ती डीडिया खुर्द जैसे छोटे से गांव के नथमल डिडेल और डीडवाना के खोजास मूल के व कुचामन में रह रहे पुनीत बिजारणिया को आईएएस बनने का सौभाग्य मिला। डिडेल को 35वीं तथा बिजारणिया को 813वीं रैंक मिली है। दोनों ने ही प्रथम प्रयास में ही यह सफलता प्राप्त की है। परबतसर के लिखियास गांव के गंगाराम पूनिया ने भी इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। उसे 287वीं रैंक मिली है। एक स्कूल में प्रधानाध्यापक सीताराम के बेटे नथमल ने परिणाम की घोषणा के बाद भास्कर से बातचीत में कहा कि बिना मेहनत सफलता संभव नहीं है। पहले लक्ष्य निर्धारित करें फिर लगातार अध्ययन करते रहें तो निश्चित रूप से सफलता कदम चूमती है। जायल तहसील के डीडिया खुर्द निवासी नथमल डिडेल ने जिले का नाम रोशन करते हुए अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। पिता सीताराम डिडेल रूपाथल गांव की एक स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं। वहीं माता नारायणी देवी गृहिणी है। साथ ही छोटा भाई नेमीचंद डिडेल, बहिन मंजू स्नातक में अध्ययनरत है। माता पिता व परिवार में शिक्षित भाइयों को प्रेरणा का श्रेय देने वाले नथमल ने बताया कि उन्होंने भूगोल विषय में लगातार रोजाना 8 से 12 घंटे तक पढाई करते हुए तैयारी की है। साथ ही उन्होंने लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढऩे की सीख दी।
बधाइयां देने वालों तांता
आईएएस का परिणाम जारी होते ही चयनित प्रतिभाओं के परिवारों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नथमल डिडेल के घर पर दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। परिचितों और रिश्तेदारों ने फोन पर बधाइयां दी। एक दूसरे का मुंह मीठा का खुशी का इजहार किया। नथमल के भाई देवकरण डिडेल व शिवपाल ने बताया कि नथमल शुरू से ही मेहनती छात्र रहा है। भाई की सफलता उन्हें गर्व है। पूरे गांव में जश्न का माहौल है।
नागौरभारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के शुक्रवार को घोषित परिणाम नागौर जिले के लिए भी खुशियां लेकर आए। इसमें नागौर के निकटवर्ती डीडिया खुर्द जैसे छोटे से गांव के नथमल डिडेल और डीडवाना के खोजास मूल के व कुचामन में रह रहे पुनीत बिजारणिया को आईएएस बनने का सौभाग्य मिला। डिडेल को 35वीं तथा बिजारणिया को 813वीं रैंक मिली है। दोनों ने ही प्रथम प्रयास में ही यह सफलता प्राप्त की है। परबतसर के लिखियास गांव के गंगाराम पूनिया ने भी इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। उसे 287वीं रैंक मिली है। एक स्कूल में प्रधानाध्यापक सीताराम के बेटे नथमल ने परिणाम की घोषणा के बाद भास्कर से बातचीत में कहा कि बिना मेहनत सफलता संभव नहीं है। पहले लक्ष्य निर्धारित करें फिर लगातार अध्ययन करते रहें तो निश्चित रूप से सफलता कदम चूमती है। जायल तहसील के डीडिया खुर्द निवासी नथमल डिडेल ने जिले का नाम रोशन करते हुए अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। पिता सीताराम डिडेल रूपाथल गांव की एक स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं। वहीं माता नारायणी देवी गृहिणी है। साथ ही छोटा भाई नेमीचंद डिडेल, बहिन मंजू स्नातक में अध्ययनरत है। माता पिता व परिवार में शिक्षित भाइयों को प्रेरणा का श्रेय देने वाले नथमल ने बताया कि उन्होंने भूगोल विषय में लगातार रोजाना 8 से 12 घंटे तक पढाई करते हुए तैयारी की है। साथ ही उन्होंने लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढऩे की सीख दी।
बधाइयां देने वालों तांता
आईएएस का परिणाम जारी होते ही चयनित प्रतिभाओं के परिवारों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नथमल डिडेल के घर पर दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। परिचितों और रिश्तेदारों ने फोन पर बधाइयां दी। एक दूसरे का मुंह मीठा का खुशी का इजहार किया। नथमल के भाई देवकरण डिडेल व शिवपाल ने बताया कि नथमल शुरू से ही मेहनती छात्र रहा है। भाई की सफलता उन्हें गर्व है। पूरे गांव में जश्न का माहौल है।
द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज
द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने जाने-माने तीर्थस्थल द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य व न्यायाधीश जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर फैसला देते हुएकहा कि सुरक्षा मुद्दे को देखते हुए द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार नहीं खोले जाने का निर्णय पूरी तरह प्रशासनिक है। इससे किसी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है। इसलिए यह जनहित याचिका खारिज की जाती है। द्वारका के न्यू मर्चेन्ट एसोसिएशन के सदस्य अनिल लाल ने याचिका दायर कहा था कि द्वारकाधीश देव स्थानम समिति ने सुरक्षा के नाम पर मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है जिससे आम भक्तों विशेषकर वृद्धजनों, विकलांगों को प्रवेश में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस द्वार को बंद किए जाने की बात कही गई। याचिकाकर्ता के अनुसार यह फैसला उचित नहीं है। इसलिए इस द्वार को खोलना चाहिए। उधर राज्य सरकार ने दलील दी थी कि द्वारका का मंदिर देश भर में धार्मिक रूप से काफी अहम स्थल है। यह आतंककारियों के निशाने पर है। इसके मद्देनजर गत वर्ष जुलाई महीने में राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) खुफिया की अध्यक्षता में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। इसके बाद इस द्वार को बंद करने की सिफारिश की गई थी।
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने जाने-माने तीर्थस्थल द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य व न्यायाधीश जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर फैसला देते हुएकहा कि सुरक्षा मुद्दे को देखते हुए द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार नहीं खोले जाने का निर्णय पूरी तरह प्रशासनिक है। इससे किसी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है। इसलिए यह जनहित याचिका खारिज की जाती है। द्वारका के न्यू मर्चेन्ट एसोसिएशन के सदस्य अनिल लाल ने याचिका दायर कहा था कि द्वारकाधीश देव स्थानम समिति ने सुरक्षा के नाम पर मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है जिससे आम भक्तों विशेषकर वृद्धजनों, विकलांगों को प्रवेश में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस द्वार को बंद किए जाने की बात कही गई। याचिकाकर्ता के अनुसार यह फैसला उचित नहीं है। इसलिए इस द्वार को खोलना चाहिए। उधर राज्य सरकार ने दलील दी थी कि द्वारका का मंदिर देश भर में धार्मिक रूप से काफी अहम स्थल है। यह आतंककारियों के निशाने पर है। इसके मद्देनजर गत वर्ष जुलाई महीने में राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) खुफिया की अध्यक्षता में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। इसके बाद इस द्वार को बंद करने की सिफारिश की गई थी।
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