शनिवार, 4 मई 2013

किन्नरों ने रचाया ब्याह

किन्नरों ने रचाया ब्याह

बिलासपुर।सरकार और अदालत में समलैंगिकता कानून पर भले ही बहस होती रहे लेकिन शहर में गुरू परम्परा की खातिर शुक्रवार को किन्नरो के दो जोड़ों ने ब्याह रचाया और गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली। किन्नरों ने सुबह देवी पूजा की और शाम को दरगाह पर चादर चढ़ाकर सामाजिक सद्भाव का उदाहरण पेश किया। मसानगंज में रहने वाले किन्नर राजा खान ने यहीं रहने वाली दो बालाओं रजिया और रूखसाना से हिन्दू रीति रिवाजों के तहत ब्याह रचाया।

विवाह के लिए अग्रसेन चौक के पास शादी घर "भगवान मंगलम" बुक करके देश भर से किन्नर परिवार के लोगों को बारात का न्यौता भेजा गया। यहां से सुबह गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकली और मुहल्ले के ईमलीपारा रोड स्थित गणेश मंदिर पंहुची। दोपहर में देवी विजराता की पूजा की गई। कुआं पूजन के बाद गुरू राजा के साथ दुल्हन की तरह सजीं दोनों बालाओं ने बारी- बारी से फेरे लिए।


शाम को विवाह पंडाल सजा करके यहां गीत-संगीत के साथ अपने चिरपरिचितों के लिए रात्रिभोज का इंतजाम किया गया । इसके पहले सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश करते हुए ब्रहन्नलाओं ने पुलिस लाइन स्थित दरगाह पर संदल(चादर) चढ़ाने जुलूस निकाला।

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