शनिवार, 4 मई 2013

द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज

द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज
अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने जाने-माने तीर्थस्थल द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य द्वार खोलने की गुहार खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य व न्यायाधीश जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर फैसला देते हुएकहा कि सुरक्षा मुद्दे को देखते हुए द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य द्वार नहीं खोले जाने का निर्णय पूरी तरह प्रशासनिक है। इससे किसी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है। इसलिए यह जनहित याचिका खारिज की जाती है। द्वारका के न्यू मर्चेन्ट एसोसिएशन के सदस्य अनिल लाल ने याचिका दायर कहा था कि द्वारकाधीश देव स्थानम समिति ने सुरक्षा के नाम पर मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है जिससे आम भक्तों विशेषकर वृद्धजनों, विकलांगों को प्रवेश में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस द्वार को बंद किए जाने की बात कही गई। याचिकाकर्ता के अनुसार यह फैसला उचित नहीं है। इसलिए इस द्वार को खोलना चाहिए। उधर राज्य सरकार ने दलील दी थी कि द्वारका का मंदिर देश भर में धार्मिक रूप से काफी अहम स्थल है। यह आतंककारियों के निशाने पर है। इसके मद्देनजर गत वर्ष जुलाई महीने में राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) खुफिया की अध्यक्षता में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। इसके बाद इस द्वार को बंद करने की सिफारिश की गई थी।

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