बाड़मेर। बाबूलाल प्रकरण मे दलित समुदाय ने किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान , दोषियों की गिरफ्तारी तक चलेगा आंदोलन
बाड़मेर। ठेकेदार बाबूलाल मेघवाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपी नगरपरिषद सभापति लूणकरण बोथरा एवं नामजद किए गये दूसरे कार्मिकों की गिरफ्तारी नही होने से नाखुष दलित समुदाय के लोगों का धरना शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों ने शनिवार को सीधे ही फैक्स से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेजा और अल्टीमेटम दिया कि स्थानीय पुलिस इसी तरह उक्त गंभीर प्रकरण मे ढिलाई बरतती रही तो आंदोलन को बड़े स्तर पर फैलाया जायेगा। धरना स्थल पर भारी संख्या मे दलित समाज के गणमान्य लोग एवं नेता पहुंचे और मृतक बाबूलाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग का समर्थन किया।
राजस्थान मेघवाल परिषद के अध्यक्ष मूलाराम मेघवाल ने बताया कि मृतक के सुसाइड नोट मे स्पष्ट रूप से आत्महत्या का कदम सभापति लूणकरण बोथरा एवं सहयोगी कार्मिकों की मनमानी एवं प्रताड़नाओं से दुखी होकर उठाने का लिखा हुआ हैं लेकिन पुलिस इस सुसाइड नोट को झुलाने एवं आरोपितों को बचाने का षड़यंत्र रच रही हैं। दलित समुदाय ने आष्चर्य जताया कि प्रभावषाली आरोपितों को बचाने के लिए पुलिस ने 24 दिन तक जांच ही शुरू नही की।
नई रणनीति पर हुई चर्चा
मेघवाल ने बताया कि बेमियादी धरने के तीसरे दिन भी पुलिस द्वारा एक भी आरोपी को गिरफ्तार नही किए जाने से आंदोलनकारियों को पुलिस पर कोई यकीन नही आ रहा हैं। समाज के मौजीज लोगों ने धरना स्थल पर आंदोलन की नई रणनीति पर चर्चा की और यह कहा कि पुलिस अपने अड़ीयल एवं मिली भगती के रवैये को छोड़ इंसाफ नही करती हैं तो जिला मुख्यालय पर शीघ्र वृहद प्रदर्षन किया जायेगा। समाज के लोग आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। प्रदेष भर के दलित संगठनों से पत्र व्यवहार एवं दूरभाष पर सम्पर्क कर सहयोग मांगने का निर्णय भी लिया गया हैं। बैठक मे पुलिस की अब तक की कार्यषैली एवं कल हुई वार्ता से सामने आये तथ्यों पर भी विचार किया गया। इस बात पर रोष जताया गया कि डीएसपी जांच अधिकारी सिर्फ आंदोलन शुरू होने के बाद ही तफतीष शुरू करने का कह रहे हैं जबकि घटना 24 दिन पहले की हैं। इससे अंदाज लगाया जा सकता हैं कि आरोपितों को पुलिस किस तरह शह देकर बचाना चाह रही हैं।
शनिवार को धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन देने वाले प्रमुख लोगों मे मूलाराम मेघवाल अध्यक्ष मेघवाल परिषद, उदाराम मेघवाल पूर्व प्रधान षिव, केवलचंद बृजवाल, श्रवण चदेल, मोहनलाल कुरडि़या(भाजपा नगर अध्यक्ष), अग्रेन्द्र कुमार बृजवाल, भैरूसिंह फुलवारिया थानाराम सरपंच, चुतराराम मंसूरिया, बगताराम, पार्षद जगदीष खत्री, भील समाज जिलाध्यक्ष भूराराम भील, आम्बाराम पंवार, भंवराराम, बाबूलाल, गेमराराम पूनड़ कमलाराम मंसूरिया, ठाकराराम मंसूरिया, भंवराराम मसंूरिया, लाभूराम, किषनाराम मंसूरिया, नवाराम मंसूरिया, अचलाराम नामा, सोहनलाल मंसूरिया, छगनलाल मंसूरिया, भूराराम, रूपाराम भील, राजूदास, रामाराम, हरूराम बोचिया, मांगाराम पांचल, हंजारीराम मंसूरिया, विरधाराम कोडेचा, चाम्पाराम मंसूरिया, अचलाराम पंवार बायतु, मांगाराम मंसूरिया, नाराणाराम गर्ग, चंादाराम सेजू, टाउराम पूनड़, किषनलाल भील जिला परिषद सदस्य बाड़मेर, सवाईराम, खेतेष कोसरा, सीवाराम भीमडा, जगदीष महाबार, उपस्थित थे।
बाड़मेर। ठेकेदार बाबूलाल मेघवाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपी नगरपरिषद सभापति लूणकरण बोथरा एवं नामजद किए गये दूसरे कार्मिकों की गिरफ्तारी नही होने से नाखुष दलित समुदाय के लोगों का धरना शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों ने शनिवार को सीधे ही फैक्स से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेजा और अल्टीमेटम दिया कि स्थानीय पुलिस इसी तरह उक्त गंभीर प्रकरण मे ढिलाई बरतती रही तो आंदोलन को बड़े स्तर पर फैलाया जायेगा। धरना स्थल पर भारी संख्या मे दलित समाज के गणमान्य लोग एवं नेता पहुंचे और मृतक बाबूलाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग का समर्थन किया।
राजस्थान मेघवाल परिषद के अध्यक्ष मूलाराम मेघवाल ने बताया कि मृतक के सुसाइड नोट मे स्पष्ट रूप से आत्महत्या का कदम सभापति लूणकरण बोथरा एवं सहयोगी कार्मिकों की मनमानी एवं प्रताड़नाओं से दुखी होकर उठाने का लिखा हुआ हैं लेकिन पुलिस इस सुसाइड नोट को झुलाने एवं आरोपितों को बचाने का षड़यंत्र रच रही हैं। दलित समुदाय ने आष्चर्य जताया कि प्रभावषाली आरोपितों को बचाने के लिए पुलिस ने 24 दिन तक जांच ही शुरू नही की।
नई रणनीति पर हुई चर्चा
मेघवाल ने बताया कि बेमियादी धरने के तीसरे दिन भी पुलिस द्वारा एक भी आरोपी को गिरफ्तार नही किए जाने से आंदोलनकारियों को पुलिस पर कोई यकीन नही आ रहा हैं। समाज के मौजीज लोगों ने धरना स्थल पर आंदोलन की नई रणनीति पर चर्चा की और यह कहा कि पुलिस अपने अड़ीयल एवं मिली भगती के रवैये को छोड़ इंसाफ नही करती हैं तो जिला मुख्यालय पर शीघ्र वृहद प्रदर्षन किया जायेगा। समाज के लोग आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। प्रदेष भर के दलित संगठनों से पत्र व्यवहार एवं दूरभाष पर सम्पर्क कर सहयोग मांगने का निर्णय भी लिया गया हैं। बैठक मे पुलिस की अब तक की कार्यषैली एवं कल हुई वार्ता से सामने आये तथ्यों पर भी विचार किया गया। इस बात पर रोष जताया गया कि डीएसपी जांच अधिकारी सिर्फ आंदोलन शुरू होने के बाद ही तफतीष शुरू करने का कह रहे हैं जबकि घटना 24 दिन पहले की हैं। इससे अंदाज लगाया जा सकता हैं कि आरोपितों को पुलिस किस तरह शह देकर बचाना चाह रही हैं।
शनिवार को धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन देने वाले प्रमुख लोगों मे मूलाराम मेघवाल अध्यक्ष मेघवाल परिषद, उदाराम मेघवाल पूर्व प्रधान षिव, केवलचंद बृजवाल, श्रवण चदेल, मोहनलाल कुरडि़या(भाजपा नगर अध्यक्ष), अग्रेन्द्र कुमार बृजवाल, भैरूसिंह फुलवारिया थानाराम सरपंच, चुतराराम मंसूरिया, बगताराम, पार्षद जगदीष खत्री, भील समाज जिलाध्यक्ष भूराराम भील, आम्बाराम पंवार, भंवराराम, बाबूलाल, गेमराराम पूनड़ कमलाराम मंसूरिया, ठाकराराम मंसूरिया, भंवराराम मसंूरिया, लाभूराम, किषनाराम मंसूरिया, नवाराम मंसूरिया, अचलाराम नामा, सोहनलाल मंसूरिया, छगनलाल मंसूरिया, भूराराम, रूपाराम भील, राजूदास, रामाराम, हरूराम बोचिया, मांगाराम पांचल, हंजारीराम मंसूरिया, विरधाराम कोडेचा, चाम्पाराम मंसूरिया, अचलाराम पंवार बायतु, मांगाराम मंसूरिया, नाराणाराम गर्ग, चंादाराम सेजू, टाउराम पूनड़, किषनलाल भील जिला परिषद सदस्य बाड़मेर, सवाईराम, खेतेष कोसरा, सीवाराम भीमडा, जगदीष महाबार, उपस्थित थे।