*प्रसंग सरहद पर बढ़ता जासूसों का जाल*
*बाड़मेर जैसलमेरसरहदी इलाको में कार्यरत एन जी ओ के कार्यकलपो से अनभिज्ञ प्रशासन और सुरक्षा एजेंसिया*
*बाड़मेर जैसलमेर जैसे सरहदी जिलो में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई एस आई स्थानीय युवाओ को अपने जाल में गूंथने में सफल रही।।ये तमाचा है बॉर्डर जिलो में कार्यरत आधा दर्जन से अधिक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के गाल पर।।।बाड़मेर जैसलमेर जिलो में बाहर से कौन आता है कौन नही प्रशासन को खबर तक नही।।इन जिलों का सबसे बड़ा मुद्दा है सरहदी इलाको में कोई 2 दर्जन एन जी ओ विदेशी फंड से कार्य कर रहे हैं।इन इन जी ओ के पाश फंड कहाँ से और किन कार्यो के लिए आता है यह कहाँ खर्च होता है।कि इन एन जी ओ कितने कार्य कर रहे है इसकी सूचना जिला प्रशासन और खुफिया एजेंसियां को भी नही।।जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को संवेदनशील इलाको में विदेशी फंड से कार्य करने वाली संस्थाओं को सूचीबद्ध करे तथा इनके क्रियाकलापो और फंडिंग की निगरानी की जाए।।सरहदी इलाको में शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत कई संस्थाओं के संचालक खाड़ी देशों में प्रति वर्ष जाते हैं।।वहां जकात के पैसे के नाम पर फंडिंग लेकर आते हैं।एजेंसियो को ऐसे संस्थाओं को सूचीबद्ध करना चाहिए।जिला प्रशासन को यह भी पता नही की जिले में कितने स्थानीय कितने बाहरी क्षेत्रो ऑर्किटनी फंडिंग एजेंसिया कार्य कर रही हैं।।जिला प्रशासन को जिलो में कार्यरत एन जी ओ के क्रियाकलापो पे निगरानी समोती बितानी चाहिए।सूत्रों ने बताया कि इन जिलों के कई एन जी ओ विदेशी फंडिंग के जुगाड़ के लाइट बिना जिला प्रशासन की सहमति और स्वीकृति के सरहदी इलाको की बिजित तक करा रहे हैं।।जिलाप्रशासन,पुलिस प्रशासन ,सुरक्षा और खुफिया एजेंसियो को संख्त होना पड़ेगा। सरहद के हालात इतने विकट हो गए है कि हर व्यक्ति शक के दायरे में आ गया हैं ।।आक एजेंसी आई एस आई द्वारा डमी फंडिंग एजेंसी बना कर संस्थाओं को हवाला और ण स्रोतों से फंड उपलब्ध कराने का कार्य कर रही हैं ।।मजे की बात है ये संस्थाए सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। जिनके माध्यम से देशद्रोह जैसे कार्यो को अंजाम देने का कार्य किया जा रहा हैं।।*
*बाड़मेर जिले के आधा दर्जन से अधिक बाहरी फंडिंग एजेंज़िया स्थानीय एन जी ओ को फंडिंग कर रही है।इसका हिसाब किताब जिला प्रशासन के पास नही।।*
*सरहदी जिलो में कार्यरत फंडिंग एजेंसितो को भी सूचीबद्धकिया जाकर इनके क्रियाकलापो पे निगरानी रखनी चहोये।।
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