भीनमाल ।विभागीय उदासीनता से न तो कोई स्टोरेज बना और न कोई अन्य स्रोत
--- माणकमल भण्डारी ---
भीनमाल । ईआर प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा के पानी से हलक तर करने का सपना दस साल बाद भी साकार नहीं हो पाया है। विभाग की उदासीनता के चलते 2006 के बाद शहर में न तो पानी के स्टोरेज बने है एवं ना ही पानी का कोई अन्य स्रोत तलाशा गया है। हर साल विभाग में नए कनेक्शन बढऩे से शहर में पेयजल समस्या भी गहरा रही है। ईआर प्रोजेक्ट के तहत शहर सहित 307 गांवों को नर्मदा का नीर सुलभ करवाने के लिए चल रहा कार्य अब भले ही ठप पड़ा है।
ऐसे में 50 हजार से अधिक की आबादी वाले शहर में साल-दर-साल पेयजल की समस्या विकट हो रही है। सर्दी के मौसम में भी लोगों को पेयजल संकट झेलना पड़ रहा है। शहर में पिछले छह माह से पांच से सात दिन के अंतराल में पेयजल आपूर्ति हो रही है। ऐसे में लोगों को महंगे दाम देकर टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। विभाग में 2006 में आठ हजार 281 नल कनेक्शन थे। अब तक नवम्बर 2016 तक शहर में 11 हजार 718 कनेक्शन हो गए है। विभाग में हर साल करीब 400 नए कनेक्शन होते है। (प.सं.)
पांच एसआर से होती है जलापूर्ति
शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए 200-300 केएल के पांच एसआर बने हुए है। इनमें से मालवीय नगर, कोर्ट परिसर, हाई स्कूल रोड, पुरानी टंकी व श्रीमाल नगर में पांच एसआर बने हुए है। पिछले दस साल में विभाग की ओर से शहर में पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के लिए एक भी स्टोरेज का निर्माण नहीं करवाया गया है। पिछले दस साल में शहर का काफी विस्तार हुआ। कई नई कॉलोनियां बसने से शहर में पेयजल किल्लत की समस्या भी बढ़ गई है। शहर में पांच से सात दिन के अंतराल में पेयजल आपूर्ति हो रही है। हालांकि जलदाय विभाग की ओर से 2006 में शहर के जगजीवनराम कॉलोनी में एसआर का निर्माण करवाया, लेकिन वो एसआर लीकेज व छोटा होने से कोई उपयोग नहीं आ रहा है।
१ घंटे में खाली हो जाता एसआर
जलदाय विभाग में पेयजल आपूर्ति के लिए शहर में पांच एसआर बने हुए है। 10-15 साल पूर्व शहर में पानी आपूर्ति के दौरान एक एसआर करीब दो से ढाई घंटे में खाली होता था, लेकिन अब कनेक्शन बढऩे से एक एसआर एक घंटे में ही खाली हो जाता है।
इनका कहना है...
ईआर प्रोजेक्ट के तहत भीनमाल सहित 307 गांवों में नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए चल रहा कार्य बंद है। कार्य के लिए बजट नहीं मिला है।
अधीक्षण अभियंता, नर्मदा परियोजना वृत्त