शुक्रवार, 10 जून 2016

जयपुर। राज्यसभा चुनाव : कमल मोरारका कैंप को झटका, भाजपा की बाड़ाबंदी में पहुंचीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक

जयपुर। राज्यसभा चुनाव : कमल मोरारका कैंप को झटका, भाजपा की बाड़ाबंदी में पहुंचीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक



— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक अब भाजपा विधायकों के साथ बाड़ाबंदी में ही रहेंगी
— कांग्रेस की उम्मीदों को झटका
— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को सीएम ने मंच पर बैठाया
— कांग्रेस ने राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए शाम 7 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक
— कांग्रेसी खेमे को लग सकते हैं और झटके
— एक और निर्दलीय विधायक से भी भाजपा संपर्क में


जयपुर। राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका को एक बड़ा झटका लगा है। जमींदारा पार्टी को दोनों विधायक गुरुवार दोपहर अजमेर रोड़ स्थित भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में पहुंच गईं है। जमींदारा पार्टी विधायक कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी भाजपा विधायकों के साथ अब बाड़ाबंदी में ही रहेंगी। कांग्रेस खेमे के लिए यह झटका इसलिए है, क्योंकि कांग्रेस के मैनेजर जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को अपने खेमे में लेने के प्रयास कर रहे थे।


जमींदारा पार्टी के समर्थन में आने के पीछे वजह :जमींदारा पार्टी विधायकों के भाजपा के समर्थन में आने के पीछे कई तरह की चर्चाएं हैं। बताया जाता है कि हाल ही में जमींदारा पार्टी के संस्थापक बीडी अग्रवाल के खिलाफ दर्ज एक मामले में पुलिस ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद जमींदारा पार्टी का भाजपा के प्रति रुख बदल गया था।





होटल जयपुर ग्रीन में चल रहे भाजपा के बाड़ाबंदी शिविर में मौजूद जमीदारा पार्टी की श्रीगंगानगर विधायक कामिनी जिंदल व रायसिंह नगर विधायक सोनादेवी बावरी।


कांग्रेस रणनीति बनाती, इससे पहले ही लगा झटका :कांग्रेसी खेमा लगातार दोनों विधायकों के सपंर्क में था और कांग्रेसी इन्हें खुद के पाले में ही मानकर चल रहे थे। कांग्रेस ने आज शाम 7 बजे ही राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के घर शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस रणनीति से पहले ही जमींदारा पार्टी की ओर से उन्हें बड़ा झटका लग गया।





मंच पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पीछे की ओर ठीक बराबर में बैठीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक (घेरे में)।


दोनों विधायकों को वीआईपी ट्रीटमेंट, सीएम के साथ बैठीं मंच पर :जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों — कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी — को भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। शिविर में दोनों विधायकों को मुख्यमंत्री के साथ मंच पर बैठने को जगह दी गई। मंच पर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, राज्यसभा के चारों उम्मीदवार और चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं के लिए ही जगह है, वहां इन्हें बैठने का मौका दिया गया।


एक और निर्दलीय विधायक पर भाजपा की निगाह : भाजपा एक और निर्दलीय महिला विधायक को अपने खेमे में लेने के प्रयास मेेंं है। यह निर्दलीय महिला विधायक अभी कांग्रेस खेेमे है।


मोरारका की राह मुश्किल, 8 विधायकों का समर्थन और मिले तो बने बात : कमल मोरारका को कांग्रेस के 24 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बसपा के तीन विधायकों का समर्थन है, लेकिन एक विधायक जेल में है। इसके अलावा राजपा के चार और निर्दलीय राजकुमार शर्मा, हनुमान बेनीवाल और अंजू धानका भी उनके समर्थन में है। ये समर्थन पुख्ता तौर पर जारी रहता है तो 34 विधायक ही होते हैं, जबकि जीत के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। 34 का आंकड़ा भी तब होता है, जब जेल में बंद बनवारी लाल कुशवाह को वोट देने की इजाजत मिल जाए। ऐसे में फिलहाल कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार कमल मोरारका की राह मुश्किलों भरी नजर आ रही है।

जयपुर | हर सप्ताह मॉनिटरिंग, बड़ी-बड़ी बैठकें लेकिन ग्रामीण विकास की योजनाओं की हालात जस के तस

जयपुर |हर सप्ताह मॉनिटरिंग, बड़ी-बड़ी बैठकें लेकिन ग्रामीण विकास की योजनाओं की हालात जस के तस

— पिछले छह माह की साप्ताहिक समीक्षा बैठकों के मिनिट्स से हुआ खुलासा
— छह माह पहले की समीक्षा बैठकों में जो निर्देश दिए गए उनमें से 80 फीसदी निर्देश हर सप्ताह रिपीट होते हैं
— बार-बार समीक्षा के बावजूद ग्राउंड पर न योजनाओं में तेजी आ रही, न सिस्टम सुधर रहा
— समीक्षा बैठक के 25 बिंदुओं में से छह माह में पांच की भी पालना नहीं हुई
— बैठक, पीपीटी, मॉनिटरिंग की इस प्रणाली का ग्राउंड पर असर नहीं होने पर उठे सवाल
— नीचे की मशीनरी पर निर्देशों का असर ही नहीं हो रहा





जयपुर | ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के आला अफसर हर सप्ताह योजनाओं की समीक्षा का दावा करते हैं, ख़ामियों पर लंबे-चौड़े निर्देश जारी करते हैं, लेकिन ये निर्देश कागजों में ही दबकर रह जाते हैं। पिछले छह माह की साप्ताहिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों की हालात तो यही बयां कर रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग लाभार्थियों और बजट दोनों के हिसाब से सबसे बड़ा विभाग है। मनरेगा जैसी योजना का काम भी यही विभाग देखता है। विभाग के मंत्री और आला अफसर पारदर्शिता और मॉनिटरिंग की लंबी-चौड़ी कवायद भी करते हैं लेकिन ग्राउंड पर नतीजा नहीं दिख रहा।





विभाग के सचिव हर सप्ताह योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हैं और ख़ामियों को ठीक करने के निर्देश जारी करते हैं। इस साप्ताहिक बैठक के बाकायदा मिनिट्स जारी होते हैं, ये मिनिट्स जिलों के अफसरों को भी भेजे जाते हैं। पिछले छह माह की साप्ताहिक बैठकों में दिए गए निर्देश और ग्राउंड पर उनकी पालना का अध्ययन किया गया तो हालात बद से बदतर नज़र आए। पिछले छह माह में साप्ताहिक बैठकों के मिनिट्स में दिए गए लगभग अस्सी फीसदी निर्देशों की ग्राउंड पर कोई पालना ही नहीं हुई।









अब साप्ताहिक बैठकों में दिए गए निर्देशों की हालत देखिए, पिछले छह माह से हर बैठक में निर्देश दिए जा रहे हैं कि थर्ड पार्टी निरीक्षण की रिपोर्ट जिलों से मंगवाकर उसकी पालना करवाएं, लेकिन उसकी पालना नहीं हो रही। इसी तरह आवास योजना की पहली किश्त जिन लाभार्थियों की बकाया है, उसका जल्द भुगतान करवाने के छह माह से निर्देश दिए जा रहे हैं| अब-तक पांच हजार से ज्यादा गरीब पैसे का इंतजार कर रहे हैं, उनके मकान अधूरे पड़े हैं।





विधानसभा के लंबित सवालों के जवाब जल्द देने के हर बैठक में निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन सवालों के जवाब नहीं दिए जा रहे। विभाग की 100 से ज्यादा बंद पड़ी योजनाओं का पैसा सरकारी खातों में जमा करवाने के निर्देश पिछले तीन माह से दिए जा रहे हैं,लेकिन ग्राउंड पर उसका असर ही नहीं हो रहा। ग्रामसेवकों को नई मोबाइल एप के पासवर्ड उपलब्ध कराने के लिए पिछले पांच माह से निर्देश जारी किए जा रहे हैं, अब-तक पासवर्ड नहीं मिले।





मुख्यमंत्री जलस्वावलंबन योजना की वेबसाइट की ऑडिट के निर्देश पिछली पांच बैठकों से दिए जा रहे हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं। जब आला अफसरों के निर्देशों की पालना ही ग्राउंड पर नहीं हो तो आम आदमी की तो बिसात ही क्या? ऐसे में ग्रामीण विकास योजनाओं की जमीनी हालात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, यही वजह है कि दावों के बावजूद न योजनाएं आगे बढ़ रही हैं, न आम आदमी को उनका फायदा मिल पा रहा।

अजमेर| शादी से 5 दिन पहले दूल्हे की करंट लगने से हुई मौत, खुशियां हुई मातम में तब्दील

अजमेर| शादी से 5 दिन पहले दूल्हे की करंट लगने से हुई मौत, खुशियां हुई मातम में तब्दील



अजमेर| अजमेर के पीसांगन में सेहरा पहने दूल्हे को दुल्हन लाने से पहले ही मौत ने अपने गले लगा लिया। जिसके बाद शादी की खुशियां पलक झपकते ही करंट के झटके से मातम में तब्दील हो गई।

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आपको बता दें कि कुछ ऐसी ही घटना पीसांगन थाना इलाके के गांव भडसूरी में घटित हुई। जहां आगामी 14 जून को कानाराम गुर्जर के पुत्र धीरज की शादी थी और 3 दिन पूर्व विनायक स्थापना के साथ शादी की धूम शुरू हो गई थी, लेकिन बुधवार रात नाच-गानों के लिए धीरज डी जे लगा रहा था, कि उसी दौरान करंट की चपेट में आ जाने से धीरज अचेत होकर गिर गया। परिजन तत्काल उसे पीसांगन चिकित्सालय लेकर पहुंचे। जहाँ चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया|

बाड़मेर | पाइपलाइन में फंसा 35 लीटर का कैन, शहर में बंद हुई पानी की सप्लाई

बाड़मेर | पाइपलाइन में फंसा 35 लीटर का कैन, शहर में बंद हुई पानी की सप्लाई
बाड़मेर | गुरुवार को बाड़मेर जिले के पचपदरा से 35 लीटर का कैन पानी सप्लाई वाली मैन लाईन से बाहर निकाला गया। जलदाय विभाग की पानी की टंकी वाली पाइपलाइन जो कि पचपदरा शहर को जाती है, में रबड़ का 35 लीटर का कैन फंसा हुआ था|


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जलदाय कर्मचारियों ने पाइपलाइन को खोलकर कैन को बाहर निकाला| विभाग के एक कर्मचारी के अनुसार, जिस समय नई टंकी का निर्माण हुआ था, उस समय मजदूरों ने यह कैन टंकी के अंदर छोड़ दिया था| धीरे-धीरे यह कैन पानी के बहाव से साथ मैन लाइन में चला गया| मैन लाइन में कैन फसने की वजह से शहर में पानी की सप्लाई कम आ रही थी।

सीपी जोशी को मिली अहम जिम्मेदारी, नार्थ-ईस्ट राज्यों का बनाया इंचार्ज

सीपी जोशी को मिली अहम जिम्मेदारी, नार्थ-ईस्ट राज्यों का बनाया इंचार्ज
राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता सीपी जोशी को एआईसीसी ने एक बार फिर अहम जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस आलाकमान ने सीपी जोशी को नॉर्थ-ईस्ट राज्यों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। यानि सीपी जोशी अब पूर्वत्तोर के 11 राज्यों के पार्टी संगठन का कामकाज देखेंगे।

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आपको बता दें कि सीपी जोशी ने फर्स्ट इंडिया से फोन पर बातचीत ने कहा कि वो जल्द ही इन राज्यों का दौरा करते हुए फीडबैक आलाकमान को सौंपेंगे। हालांकि सूत्रो की माने तो कांग्रेस ने सीपी जोशी को फेरबदल तक कुछ समय के लिए यह जिम्मेदारी दी है।



दरअसल पूर्वोत्तर राज्यों के पहले वाले इंचार्ज वी नारायण सामी पुड्डुचेरी के सीएम बन चुके हैं। इसलिए सीपी को बंगाल औऱ असम में बतौर प्रभारी अच्छा काम करने के नाते यह चार्ज दिया है। लेकिन इस जिम्मेदारी से यह सियासी मैसेज गया है कि आज भी आलाकमान की नजर में सीपी का कद बेहद बड़ा है। ऐसे में भविष्य में सीपी को राजस्थान की कमान कब दे दी जाए इसको लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।

जोधपुर। एटीएम से पैसा निकाल रहे युवक को चाकू मारा, हमलावर गिरफ्तार

 जोधपुर। एटीएम से पैसा निकाल रहे युवक को चाकू मारा, हमलावर गिरफ्तार



जोधपुर। शहर के मंडोर क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व एक एटीएम में पैसे निकालने गए युवक को चाकू से गोदने वाले आरोपी युवक को पुलिस ने पकड़ लिया है। एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से यह युवक पुलिस की गिरफ्त में आया है। इस युवक के साथ एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया है।

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पुलिस के अनुसार एटीएम से पैसा निकाल रहे एक युवक पर हमला करने के बाद दोनों आरोपी जोधपुर से फरार हो गए थे, लेकिन अब उनके वापस लौटते ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।


एटीएम में लगे सीसी टीवी कैमरे में कैद हुई घटना के मुताबिक, एक युवक एटीएम से पैसे निकाल रहा हैं, जिसके पीछे से एक नकाबपोश युवक एटीएम में दाखिल होता है और कुछ देर खड़ा रहने के बाद अचानक से पैसा निकाल रहे युवक पर चाकू से हमला कर देता है। इसके बाद युवक अपना बचाव करते हुए हमलावार युवक को पकड़ने की कोशिश करता है, जिससे घबराकर हमलावर वहां से भाग छूटता है।


जानकारी के अनुसार, हमले में घायल हुआ युवक माता का थाना क्षेत्र में रहने वाला दलपतसिंह पुत्र भीखसिंह है, जो जोधपुर-नागौर रोड़ पर नौ मील क्षेत्र में स्थित एक एटीएम से राशि निकालने गया था। इसी दौरान उस पर हमला हो गया। घायल दलपत का अभी इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।


पुलिस के अनुसार एटीएम में घुसकर दलपत पर चाकू से हमला करने वाले 22 वर्षीय नवीन परिहार पुत्र ईश्वर व उसके एक नाबालिग साथी को पकड़ लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी नवीन परिहार ने कहा कि, मुझे पैसों की बहुत जरूरत थी और मैं बहुत हताश हो गया था। इसी वजह से मैंने ऐसा किया था।

प्रतापगढ़ |कुत्ते का बच्चा समझ सियार का शावक लेकर घूम रहे थे बच्चे, और फिर...

प्रतापगढ़ |कुत्ते का बच्चा समझ सियार का शावक लेकर घूम रहे थे बच्चे, और फिर...



प्रतापगढ़ | प्रतापगढ़ में बस्ती क्षेत्र से वनकर्मियों द्वारा सियार के एक शावक पकड़ा गया है| सियार के इस शावक को तालाबखेडा के कुछ बच्चे लेकर घूम रहे थे सुचना मिलने बाद वन विभाग के उड़न दस्ते ने शावक को अपने कब्जे लिए और जंगल में छोड दिया| वन अधिकारियों के मुताबिक़ इस समय सियार का प्रजननकाल चल रहा है| ऐसे में भोजन की तलाश में या रास्ता भटक कर ये शावक बस्ती क्षेत्र में घुसा होगा| वन्य जीवों के आबादी क्षेत्र में घुस आने की बढती घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल फैल गया|


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जानकारी के मुताबिक, तालाब खेडा इलाके के कुछ बच्चे सियार के शावक को लेकर बाजार घूम रहे थे| जब कुछ स्थानीय लोगों की नजर इन पर पडी तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी| इस दौरान वन्य कर्मचारियों के पहुंचने तक बच्चों को बहाना बना कर रोके रखा| कुछ लोगों ने बच्चों से सियार के शावक को खरीदने का बहाना बनाया| इसके बाद मौके पर पहुंच कर वन विभाग के अधिकारियों ने शावक को अपने कब्जे में लिया और उसका स्वास्थ्य परिक्षण कर जंगल में छोड दिया गया|





बच्चों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे इससे कुत्ते का बच्चा समझ कर साथ लेकर घूम रहे थे| गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के आस पास काफी जंगल वाला इलाका है, लेकिन ये जंगल धीरे धीरे कम होते जा रहे है| इनमें रहने वाले वन्य जीवों के रहने के ठिकाने सिमट रहे है| इसलिए कभी भोजन की तलाश में तो कभी रास्ता भटक कर वन्य जीव बस्ती क्षेत्र में आ जाते है|





आपको बता दे कि दो दिन पहले भी धरियावद क्षेत्र में एक पेंथर बस्ती क्षेत्र में घुस गया था और एक मासूम को उठा ले गया था| बाद में मासूम का शव जंगल में मिला था| इस प्रकार वन्य जीवो के आबादी क्षेत्र में आने से लोगो में भय का माहौल था|