जयपुर। राज्यसभा चुनाव : कमल मोरारका कैंप को झटका, भाजपा की बाड़ाबंदी में पहुंचीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक
— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक अब भाजपा विधायकों के साथ बाड़ाबंदी में ही रहेंगी
— कांग्रेस की उम्मीदों को झटका
— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को सीएम ने मंच पर बैठाया
— कांग्रेस ने राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए शाम 7 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक
— कांग्रेसी खेमे को लग सकते हैं और झटके
— एक और निर्दलीय विधायक से भी भाजपा संपर्क में
जयपुर। राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका को एक बड़ा झटका लगा है। जमींदारा पार्टी को दोनों विधायक गुरुवार दोपहर अजमेर रोड़ स्थित भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में पहुंच गईं है। जमींदारा पार्टी विधायक कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी भाजपा विधायकों के साथ अब बाड़ाबंदी में ही रहेंगी। कांग्रेस खेमे के लिए यह झटका इसलिए है, क्योंकि कांग्रेस के मैनेजर जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को अपने खेमे में लेने के प्रयास कर रहे थे।
जमींदारा पार्टी के समर्थन में आने के पीछे वजह :जमींदारा पार्टी विधायकों के भाजपा के समर्थन में आने के पीछे कई तरह की चर्चाएं हैं। बताया जाता है कि हाल ही में जमींदारा पार्टी के संस्थापक बीडी अग्रवाल के खिलाफ दर्ज एक मामले में पुलिस ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद जमींदारा पार्टी का भाजपा के प्रति रुख बदल गया था।
होटल जयपुर ग्रीन में चल रहे भाजपा के बाड़ाबंदी शिविर में मौजूद जमीदारा पार्टी की श्रीगंगानगर विधायक कामिनी जिंदल व रायसिंह नगर विधायक सोनादेवी बावरी।
कांग्रेस रणनीति बनाती, इससे पहले ही लगा झटका :कांग्रेसी खेमा लगातार दोनों विधायकों के सपंर्क में था और कांग्रेसी इन्हें खुद के पाले में ही मानकर चल रहे थे। कांग्रेस ने आज शाम 7 बजे ही राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के घर शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस रणनीति से पहले ही जमींदारा पार्टी की ओर से उन्हें बड़ा झटका लग गया।
मंच पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पीछे की ओर ठीक बराबर में बैठीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक (घेरे में)।
दोनों विधायकों को वीआईपी ट्रीटमेंट, सीएम के साथ बैठीं मंच पर :जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों — कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी — को भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। शिविर में दोनों विधायकों को मुख्यमंत्री के साथ मंच पर बैठने को जगह दी गई। मंच पर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, राज्यसभा के चारों उम्मीदवार और चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं के लिए ही जगह है, वहां इन्हें बैठने का मौका दिया गया।
एक और निर्दलीय विधायक पर भाजपा की निगाह : भाजपा एक और निर्दलीय महिला विधायक को अपने खेमे में लेने के प्रयास मेेंं है। यह निर्दलीय महिला विधायक अभी कांग्रेस खेेमे है।
मोरारका की राह मुश्किल, 8 विधायकों का समर्थन और मिले तो बने बात : कमल मोरारका को कांग्रेस के 24 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बसपा के तीन विधायकों का समर्थन है, लेकिन एक विधायक जेल में है। इसके अलावा राजपा के चार और निर्दलीय राजकुमार शर्मा, हनुमान बेनीवाल और अंजू धानका भी उनके समर्थन में है। ये समर्थन पुख्ता तौर पर जारी रहता है तो 34 विधायक ही होते हैं, जबकि जीत के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। 34 का आंकड़ा भी तब होता है, जब जेल में बंद बनवारी लाल कुशवाह को वोट देने की इजाजत मिल जाए। ऐसे में फिलहाल कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार कमल मोरारका की राह मुश्किलों भरी नजर आ रही है।
— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक अब भाजपा विधायकों के साथ बाड़ाबंदी में ही रहेंगी
— कांग्रेस की उम्मीदों को झटका
— जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को सीएम ने मंच पर बैठाया
— कांग्रेस ने राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए शाम 7 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक
— कांग्रेसी खेमे को लग सकते हैं और झटके
— एक और निर्दलीय विधायक से भी भाजपा संपर्क में
जयपुर। राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका को एक बड़ा झटका लगा है। जमींदारा पार्टी को दोनों विधायक गुरुवार दोपहर अजमेर रोड़ स्थित भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में पहुंच गईं है। जमींदारा पार्टी विधायक कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी भाजपा विधायकों के साथ अब बाड़ाबंदी में ही रहेंगी। कांग्रेस खेमे के लिए यह झटका इसलिए है, क्योंकि कांग्रेस के मैनेजर जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों को अपने खेमे में लेने के प्रयास कर रहे थे।
जमींदारा पार्टी के समर्थन में आने के पीछे वजह :जमींदारा पार्टी विधायकों के भाजपा के समर्थन में आने के पीछे कई तरह की चर्चाएं हैं। बताया जाता है कि हाल ही में जमींदारा पार्टी के संस्थापक बीडी अग्रवाल के खिलाफ दर्ज एक मामले में पुलिस ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद जमींदारा पार्टी का भाजपा के प्रति रुख बदल गया था।
होटल जयपुर ग्रीन में चल रहे भाजपा के बाड़ाबंदी शिविर में मौजूद जमीदारा पार्टी की श्रीगंगानगर विधायक कामिनी जिंदल व रायसिंह नगर विधायक सोनादेवी बावरी।
कांग्रेस रणनीति बनाती, इससे पहले ही लगा झटका :कांग्रेसी खेमा लगातार दोनों विधायकों के सपंर्क में था और कांग्रेसी इन्हें खुद के पाले में ही मानकर चल रहे थे। कांग्रेस ने आज शाम 7 बजे ही राज्यसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के घर शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस रणनीति से पहले ही जमींदारा पार्टी की ओर से उन्हें बड़ा झटका लग गया।
मंच पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पीछे की ओर ठीक बराबर में बैठीं जमींदारा पार्टी की दोनों विधायक (घेरे में)।
दोनों विधायकों को वीआईपी ट्रीटमेंट, सीएम के साथ बैठीं मंच पर :जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों — कामिनी जिंदल और सोनादेवी बावरी — को भाजपा विधायकों के बाड़ाबंदी शिविर में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। शिविर में दोनों विधायकों को मुख्यमंत्री के साथ मंच पर बैठने को जगह दी गई। मंच पर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, राज्यसभा के चारों उम्मीदवार और चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं के लिए ही जगह है, वहां इन्हें बैठने का मौका दिया गया।
एक और निर्दलीय विधायक पर भाजपा की निगाह : भाजपा एक और निर्दलीय महिला विधायक को अपने खेमे में लेने के प्रयास मेेंं है। यह निर्दलीय महिला विधायक अभी कांग्रेस खेेमे है।
मोरारका की राह मुश्किल, 8 विधायकों का समर्थन और मिले तो बने बात : कमल मोरारका को कांग्रेस के 24 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बसपा के तीन विधायकों का समर्थन है, लेकिन एक विधायक जेल में है। इसके अलावा राजपा के चार और निर्दलीय राजकुमार शर्मा, हनुमान बेनीवाल और अंजू धानका भी उनके समर्थन में है। ये समर्थन पुख्ता तौर पर जारी रहता है तो 34 विधायक ही होते हैं, जबकि जीत के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। 34 का आंकड़ा भी तब होता है, जब जेल में बंद बनवारी लाल कुशवाह को वोट देने की इजाजत मिल जाए। ऐसे में फिलहाल कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार कमल मोरारका की राह मुश्किलों भरी नजर आ रही है।
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