बाड़मेर। अकाल राहत को लेकर पुख्ता प्रबन्ध
बाडमेर, 7 मई। जिले में इस वर्ष अति अल्प वर्षा तथा खरीफ की फसल के खराबे के कारण अकाल के हालात के मद्देनजर राहत को पुख्ता प्रबन्ध किए गए है। इसके लिए पेयजल परिवहन, चारा डिपों, पशु शिविर तथा गौशालाओं को अनुदान के जरिये आम जन को राहत पहंुचाई जा रही है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने गुरूवार को जिला स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक में राहत गतिविधियों की समीक्षा की तथा अभावग्रस्त क्षेत्रों में तुरन्त राहत पहंुचाने को नये प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि जिले में 53 प्रतिशत गांव अभावग्रस्त घोषित किए गए है जहां 50 प्रतिशत से अधिक फसल का खराबा हुआ है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के मानकों के अनुरूप 90 दिन तक ही राहत गतिविधियां संचालित की जा सकती है, इसी को ध्यान में रखते हुए पेयजल परिवहन, पशु शिविर के प्रस्ताव भेजे जाए। इसके बाद राज्य सरकार अपने स्तर पर स्वयं के बजट से राहत गतिविधियां संचालित करेगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि पेयजल परिवहन के लिए जलदाय विभाग साप्ताहिक योजना बना ले तथा जलापूर्ति वाले स्थानों को कलण्डर के अनुसार दिन नियत कर विस्तृत कार्ययोजना उपखण्ड स्तरीय समिति के माध्यम से प्रेषित करें। साथ ही उपखण्ड अधिकारी अपने स्तर से प्रस्तावों को तुरन्त स्वीकृत करे तथा इस प्रकार से स्वीकृतियां निकाले कि 15 जुलाई तक अधिकतम समस्या वाले दिनों में अभावग्रस्त गांवों में पेयजल की आपूर्ति हो सकें। उन्होने बताया कि अभावग्रस्त एवं समस्याग्रस्त स्थानों पर जहां निजी टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन कार्य करवाया जाना है उन स्थानों का चयन कर प्रस्ताव तथा कमीशण्ड एवं नाॅन कमीशण्ड अंकित कर प्रेषित करें।
जिला कलक्टर ने बताया कि राहत कार्यो के तहत संचालित गतिविधियां का एक सप्ताह में भुगतान भी करते रहें। उन्होने बताया कि पशु शिविरों के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमीयों के संबंध में टिप्पणी तथा वर्तमान स्थिति तथा आवश्यकता के संबंध में तथ्यात्मक प्रस्ताव अविलम्ब प्रेषित किए जाए। इसी प्रकार चारा डिपों से संबंधित सूचना पखवाडा वार तैयार कर भेजे तथा नये चारा डिपों के संबंध में प्रस्ताव प्रेषित किए जाए।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में समस्त तहसीलों में गौशालाओं के अनुदान के लिए पंजीकृत गौशालाओं से प्रस्ताव मांगे गए है तथा उनमें संधारित पशुओं का भौतिक सत्यापन कर अभावग्रस्त तथा गैर अभावग्रस्त सूचनाएं मांगी गई है। उन्होने अनुग्रह सहायता के लिए पात्र असहाय एवं वृद्ध लोगों का भौतिक सत्यापन करने के पश्चात् ही प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि आदान अनुदान, अग्नि सहायता के बकाया प्रकरणों तथा मुख्यमंत्री सहायता कोष के बकाया प्रकरणों पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रधुनाथ गर्ग, आपदा प्रबन्धन प्रभारी अधिकारी नखतदान बारहठ समेत संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बाडमेर, 7 मई। जिले में इस वर्ष अति अल्प वर्षा तथा खरीफ की फसल के खराबे के कारण अकाल के हालात के मद्देनजर राहत को पुख्ता प्रबन्ध किए गए है। इसके लिए पेयजल परिवहन, चारा डिपों, पशु शिविर तथा गौशालाओं को अनुदान के जरिये आम जन को राहत पहंुचाई जा रही है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने गुरूवार को जिला स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक में राहत गतिविधियों की समीक्षा की तथा अभावग्रस्त क्षेत्रों में तुरन्त राहत पहंुचाने को नये प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि जिले में 53 प्रतिशत गांव अभावग्रस्त घोषित किए गए है जहां 50 प्रतिशत से अधिक फसल का खराबा हुआ है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के मानकों के अनुरूप 90 दिन तक ही राहत गतिविधियां संचालित की जा सकती है, इसी को ध्यान में रखते हुए पेयजल परिवहन, पशु शिविर के प्रस्ताव भेजे जाए। इसके बाद राज्य सरकार अपने स्तर पर स्वयं के बजट से राहत गतिविधियां संचालित करेगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि पेयजल परिवहन के लिए जलदाय विभाग साप्ताहिक योजना बना ले तथा जलापूर्ति वाले स्थानों को कलण्डर के अनुसार दिन नियत कर विस्तृत कार्ययोजना उपखण्ड स्तरीय समिति के माध्यम से प्रेषित करें। साथ ही उपखण्ड अधिकारी अपने स्तर से प्रस्तावों को तुरन्त स्वीकृत करे तथा इस प्रकार से स्वीकृतियां निकाले कि 15 जुलाई तक अधिकतम समस्या वाले दिनों में अभावग्रस्त गांवों में पेयजल की आपूर्ति हो सकें। उन्होने बताया कि अभावग्रस्त एवं समस्याग्रस्त स्थानों पर जहां निजी टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन कार्य करवाया जाना है उन स्थानों का चयन कर प्रस्ताव तथा कमीशण्ड एवं नाॅन कमीशण्ड अंकित कर प्रेषित करें।
जिला कलक्टर ने बताया कि राहत कार्यो के तहत संचालित गतिविधियां का एक सप्ताह में भुगतान भी करते रहें। उन्होने बताया कि पशु शिविरों के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमीयों के संबंध में टिप्पणी तथा वर्तमान स्थिति तथा आवश्यकता के संबंध में तथ्यात्मक प्रस्ताव अविलम्ब प्रेषित किए जाए। इसी प्रकार चारा डिपों से संबंधित सूचना पखवाडा वार तैयार कर भेजे तथा नये चारा डिपों के संबंध में प्रस्ताव प्रेषित किए जाए।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में समस्त तहसीलों में गौशालाओं के अनुदान के लिए पंजीकृत गौशालाओं से प्रस्ताव मांगे गए है तथा उनमें संधारित पशुओं का भौतिक सत्यापन कर अभावग्रस्त तथा गैर अभावग्रस्त सूचनाएं मांगी गई है। उन्होने अनुग्रह सहायता के लिए पात्र असहाय एवं वृद्ध लोगों का भौतिक सत्यापन करने के पश्चात् ही प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि आदान अनुदान, अग्नि सहायता के बकाया प्रकरणों तथा मुख्यमंत्री सहायता कोष के बकाया प्रकरणों पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रधुनाथ गर्ग, आपदा प्रबन्धन प्रभारी अधिकारी नखतदान बारहठ समेत संबंधित अधिकारी मौजूद थे।