भाजपा जनसुनवाई के दूसरे ही दिन मंत्री नदारद
जयपुर| कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए भाजपा मुख्यालय में दुसरे दिन भी दरबार लगा। दूसरे दिन का का दरबार पहले दिन के मुकाबले कुछ सुस्त नज़र आया। मगर जिस तरह की कार्यकर्ताएं शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं वो वाकई गंभीर है। शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ के दरबार में आने का कार्यक्रम कैंसिल होने के बाद कई कार्यकर्ता नाराज़ दिखे| दुसरे दिन भी तीन मंत्रियों सामजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी, खान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना और बीजेपी के प्रदेश मंत्री जगमोहन बघेल ने कार्यकर्ताओं की सुनवाई की।
भाजपा कार्यकर्ता मुख्यालय पर जनसुनवाई में अपनी समस्या समाधान के लिए आए। सरकार ने इनको नियमित करने की मांग की थी मगर हालात बदतर हैं| पिछले दस माह से से वेतन ही नहीं मिला। यही नहीं तबादला, बिजली पानी, सड़कों की समस्या के दर्जनों मामलों के अलावा गंभीर शिकायतें भी सामने आई। झंझनू से भाजपा पदाधिकारी की सिफारिश पर एक पीड़िता भी जनसुनवाई में पहुंची| पीड़िता ने बताया उसके साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया मगर पुलिस सुवनाई नहीं कर रही है। आरोपी रसूखदार है। मेरी सुनवाई करो।
बाड़मेर, बीकेनर जैसे दूर दराज से मंत्री कालीचरण सराफ से मिलने आए कार्यकर्ताओं मायूसी हाथ लगी। आखिरी वक्त पर कालीचरण सराफ के स्थान पर अरुण चतुर्वेदी जनसुनवाई में आए थे। आज जनसुनवाई में 84 शिकायतें आई। फर्जी राशन कार्ड बनाने सहित, खाद्य सामग्री के वितरण की समस्याएं भी कार्यकर्ताओं ने रखी। इस पर मंत्रिय़ों ने कहा कुछ शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया है। बाकी शिकायतों के निस्तारण पर काम हो रहा है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जनसुनवाई का भले ही दूसरा दिन हो मगर जिस तरह की गंभीर शिकायतें आ रही हैं वो पुलिस प्रशासन पर सवालियां निशान लगा रही हैं। ऐसे में भला सरकार के मंत्री अपनी जिम्मेदारी से कहां बच सकते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के ये हाल हैं तो आमजन की दशा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
जयपुर| कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए भाजपा मुख्यालय में दुसरे दिन भी दरबार लगा। दूसरे दिन का का दरबार पहले दिन के मुकाबले कुछ सुस्त नज़र आया। मगर जिस तरह की कार्यकर्ताएं शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं वो वाकई गंभीर है। शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ के दरबार में आने का कार्यक्रम कैंसिल होने के बाद कई कार्यकर्ता नाराज़ दिखे| दुसरे दिन भी तीन मंत्रियों सामजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी, खान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना और बीजेपी के प्रदेश मंत्री जगमोहन बघेल ने कार्यकर्ताओं की सुनवाई की।
भाजपा कार्यकर्ता मुख्यालय पर जनसुनवाई में अपनी समस्या समाधान के लिए आए। सरकार ने इनको नियमित करने की मांग की थी मगर हालात बदतर हैं| पिछले दस माह से से वेतन ही नहीं मिला। यही नहीं तबादला, बिजली पानी, सड़कों की समस्या के दर्जनों मामलों के अलावा गंभीर शिकायतें भी सामने आई। झंझनू से भाजपा पदाधिकारी की सिफारिश पर एक पीड़िता भी जनसुनवाई में पहुंची| पीड़िता ने बताया उसके साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया मगर पुलिस सुवनाई नहीं कर रही है। आरोपी रसूखदार है। मेरी सुनवाई करो।
बाड़मेर, बीकेनर जैसे दूर दराज से मंत्री कालीचरण सराफ से मिलने आए कार्यकर्ताओं मायूसी हाथ लगी। आखिरी वक्त पर कालीचरण सराफ के स्थान पर अरुण चतुर्वेदी जनसुनवाई में आए थे। आज जनसुनवाई में 84 शिकायतें आई। फर्जी राशन कार्ड बनाने सहित, खाद्य सामग्री के वितरण की समस्याएं भी कार्यकर्ताओं ने रखी। इस पर मंत्रिय़ों ने कहा कुछ शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया है। बाकी शिकायतों के निस्तारण पर काम हो रहा है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर जनसुनवाई का भले ही दूसरा दिन हो मगर जिस तरह की गंभीर शिकायतें आ रही हैं वो पुलिस प्रशासन पर सवालियां निशान लगा रही हैं। ऐसे में भला सरकार के मंत्री अपनी जिम्मेदारी से कहां बच सकते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के ये हाल हैं तो आमजन की दशा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।