माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने पर रोक, रास्ते हुए बर्बाद- बछेंद्री पाल
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाने वाले लोगों को रुकना पड़ेगा। नेपाल सरकार ने विनाशकारी भूकंप से हुई उथल-पुथल के कारण रोकने का फैसला लिया है। भूकंप से शिविरों की ओर जाने वाले रूट बर्बाद, नष्ट हो गए हैं, जो इस सीजन में ठीक नहीं हो सकते हैं।
बछेंद्री ने जमशेदपुर से फोन पर कहा कि पर्वतारोहियों को मेरी निजी सलाह है कि वे तुरंत नीचे उतर जाएं। हिमालयन एनवायरमेंट ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी मनिंदर कोहली ने कहा कि एवरेस्ट की चढ़ाई करना बहुत महंगा पड़ता है और इसमें प्रति व्यक्ति कम से कम 40 लाख रुपए खर्च होते हैं। एवरेस्ट पर हुए हिमस्खलन के दौरान आधार शिविर पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पर्वतारोहियों को फिलहाल चढ़ाई नहीं करने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि पिछले महीने आई प्राकृतिक आपदा से एवरेस्ट पर चढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। नेपाल के इतिहास में आए इस भूकंप में तकरीबन 7,200 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 18 ट्रेकर्स भी शामिल हैं।
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाने वाले लोगों को रुकना पड़ेगा। नेपाल सरकार ने विनाशकारी भूकंप से हुई उथल-पुथल के कारण रोकने का फैसला लिया है। भूकंप से शिविरों की ओर जाने वाले रूट बर्बाद, नष्ट हो गए हैं, जो इस सीजन में ठीक नहीं हो सकते हैं।
बछेंद्री ने जमशेदपुर से फोन पर कहा कि पर्वतारोहियों को मेरी निजी सलाह है कि वे तुरंत नीचे उतर जाएं। हिमालयन एनवायरमेंट ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी मनिंदर कोहली ने कहा कि एवरेस्ट की चढ़ाई करना बहुत महंगा पड़ता है और इसमें प्रति व्यक्ति कम से कम 40 लाख रुपए खर्च होते हैं। एवरेस्ट पर हुए हिमस्खलन के दौरान आधार शिविर पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पर्वतारोहियों को फिलहाल चढ़ाई नहीं करने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि पिछले महीने आई प्राकृतिक आपदा से एवरेस्ट पर चढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। नेपाल के इतिहास में आए इस भूकंप में तकरीबन 7,200 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 18 ट्रेकर्स भी शामिल हैं।
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