शनिवार, 11 अक्टूबर 2014

नोबेल विजेता सत्यार्थी के काम पर पत्रकार ने उठाए सवाल, कहा-एनजीओ के आंकड़े फर्जी -

Forbes former journalist raises questions on nobel winner Satyarthi NGO BBA

साल 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान के मलाला यूसुफजाई को संयुक्त रूप से देेने की घोषणा की गई है। बाल मजदूरी के खिलाफ काम करने वाले सत्यार्थी को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद जहां भारत में एक ओर जश्न मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर उनके काम पर सवाल उठने लगे हैं। अंग्रेजी मैगजीन फॉर्ब्स की एक पूर्व पत्रकार ने सत्यार्थी के एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस आंदोलन पर आरोप लगाया है कि यह एनजीओ गलत आंकड़ों के आधार पर ज्यादा से ज्यादा विदेशी फंड हासिल करता है।




फॉर्ब्स मैगजीन ने अपनी वेबसाइट पर अपनी पूर्व पत्रकार मेघा बहरी का लेख प्रकाशित किया है, जिसमें बहरी ने बचपन बचाओ आंदोलन के साथ अपने अनुभव को लिखा है। उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि वह 2008 में फोर्ब्स मैगजीन के लिए 'पश्चिमी देशों द्वारा भारत में बाल श्रम के इस्तेमाल' पर रिपोर्ट कर रही थी। रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश के मोनसेंटो कॉटन फील्ड से लेकर राजस्थान के ग्रेनाइट क्वेरीज, दिल्ली की झुग्गी बस्तियों और उत्तर प्रदेश के कॉर्पेट बेल्ट के साथ कई अन्य क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान मैंने पाया कि इन क्षेत्रों में भारतीय बच्चे दुनिया के बड़े देशों के लिए कम पैसे में विकट परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।




साथ ही उन्होंने लेख में लिखा है कि मुझे पहली बार में पता लग गया था कि सत्यार्थी और उनका बचपन बचाओ आंदोलन अपने मिशन में कामयाब नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के दौरान बचपन बचाओ आंदोलन के एक उच्च प्रतिनिधी से मैंने मुलाकात की। उन्होंने मुझे बताया कि गार्मेंट सेक्टर के अलावा मुझे यूपी के कॉर्पेट सेक्टर के बाल मजदूरों को भी देखना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुझे बताया कि यहां हर गांव के हर घर में बच्चे एक्सपोर्ट के लिए कॉर्पेट बनाते हैं। तब मैंने उनसे वह दिखाने के लिए कहा, जिसके बाद हम लोग दिल्ली से यूपी के उन गांवों में गए जहां एक्सपोर्ट के लिए कॉर्पेट बनते थे। लेकिन जब हम उन गांवों में पहुंचे तो देखा कि वहां सिर्फ बड़े लोग ही कॉर्पेट बना रहे थे। उसके बाद मुझे शक हुआ मैंने उनसे सवाल किए तो वे मुझे एक घर में लेकर गए। वहां पर उन्होंने मुझे कहा कि आप बाहर कार में इंतजार कीजिए और मैं अभी आता हूं। लेकिन मैंने उनका पीछा किया और घर के अंदर गई तो वहां पर करघे के पास दो छह साल के बच्चे बैठे हुए थे। दोनों ही बच्चे स्कूल ड्रेस में थे और जब मैंने उनसे बुनाई करने के लिए कहा तो वह बुनाई नहीं कर पाए।




इससे यह स्पष्ट है कि जितने ज्यादा बच्चों को बचाने का आंकड़ा दिखाया जाता है, उतना ज्यादा एनजीओ को विदेशों से फंड मिलता है। विदेश से ज्यादा फंड पाने के चक्कर में एनजीओ झूठे आंकड़ें देते हैं। हालांकि यह भी झूठ नहीं है कि भारत में बाल मजदूरी बड़े स्तर पर होती है।




मेघा ने लिखा है कि कॉर्पेट इंडस्ट्री में बाल मजदूर काम करते हैं, इसके बाद मैंने खुद इस इंडस्ट्री को देखा तो मैंने पाया कि यहां बड़ी संख्या में बाल मजदूर काम करते हैं। उस दौरान मैं यूपी के मिर्जापुर में 14 साल के राकिल मोमीन से मिली जो कि करघे पर काम कर रहा था। उसने चौथी क्लास के बाद स्कूल छोड़ दिया था और पश्चिम बंगाल में अपने माता-पिता को छोड़कर यूपी आ गया और यहां आकर कॉर्पेट बुनने का काम करने लगा। अपनी नई जिंदगी में वह सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक एक महीने में 25 डॉलर के लिए काम करने लगा।




मेघा ने लिखा कि बचपन बचाओ आंदोलन ने भी इस पर काम किए होंगे, अच्छे काम किए होंगे, लेकिन उन्हें जिस तरह से हीरो बनाया जा रहा है वैसा नहीं है। -  

ससुरालवालों ने बेटे के सामने गुंडों से कराया बहु का गैंगरेप -



अमृतसर। तीन महीने पहले शादी हुई थी, युवती ने नई जिंदगी के रंगीन सपने बुने थे। लेकिन शादी के बाद सुसराल वाले उससे नफरत करने लगे। वे इस शादी से खुश नहीं थे।
woman raped by 8 men in amritsar


हालात ऎसे बन गए कि सात वचन निभाना मुश्किल होने लगा और शादी के सात फेरों से घुटन होने लगी। पति-पत्नी अलग रहने लगे। लेकिन युवती ने यह नहीं सोचा था कि उसके ससुराल वाले इतने नीचे गिर जाएंगे।




उसके पति और ससुराल वाले शुक्रवार रात उसके घर पहुंचे और मार-पीट करने लगे। इसी बीच ससुरालवालों के साथ आए 8 लोगों ने उस महिला से गैंगरेप कर डाला। यह घटना पंजाब के अमृतसर की है।




पति के सामने 8 लोगों ने लूटी अस्मत-

अजनाला कस्बे में हुई इस दरिंदगी से सनसनी मच गई है। पीडिता ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया है।




पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात ससुराल वाले 8 बदमाश लेकर उनके घर पहुंचे और महिला से मारपीट शुरू कर दी। महिला के पति ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसे बंधक बना लिया और ससुरालवालों ने बदमाशों से महिला के साथ गैंगरेप करने को कहा।




जिसके बाद आठ दरिंदों ने महिला को हवस का शिकार बनाया।




गैंगरेप का मामला दर्ज, आरोपियों की तलाश शुरू-

पुलिस के अनुसार 3 महीने पहले पीडिता का सुरजीत सिंह से विवाह हुआ था। महिला के ससुरालवाले इस शादी से खुश नहीं थे और शादी के बाद से ही बहू को परेशान करते थे।




पीडिता की रिपोर्ट पर ससुरलवालों के अलावा दुष्कर्म के 8 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों को पकड़ने में जुट गई है।

जोधपुर: मकान के मलबे में दफन हुई महिला

जोधपुर। जोधपुर शहर के सदर थाना क्षेत्र में कबूतरों के चौक में शनिवार सुबह गिरे मकान के मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई। 
building collapses in jodhpur one died
थानाधिकारी सुमेर सिंह ने बताया कि सुबह करीब दस बजे कबूतरों के चौक के पास हरिजन बस्ती चांदसा का ताजिया के पास गिरे मकान के मलबे में दबने से महिला की मौत हो गई। उसका नाम सीमा था और उसकी उम्र 40 वर्ष थी। 

उन्होंने बताया कि करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से उसका शव निकाल लिया गया। 

उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि हालांकि मलबे में अब किसी अन्य के दबे होने की आशंका नहीं है लेकिन फिर भी जेसीबी से मलबा हटाया जा रहा है। 

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं तथा राहत और बचाव कार्य जारी है।

सीएम राजे ने पेंशनर्स को दी बड़ी सौगात

जयपुर। राजस्थान सरकार ने पेंशनर्स को बड़ी सौगात देते हुए प्रदेश में राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायती योजना 2014 को लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इसे स्वीकृत प्रदान कर दी है। इससे राज्य सेवा के लाखों पेंशनधारी लाभान्वित होंगे। cm Vasundhara raje launches rajasthan pension rebate scheme 2014
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014-15 के अपने बजट भाषण में राज्य सेवा के पेंशनर्स को सरकारी कर्मचारियों जैसी चिकित्सा सुविधा देने के लिए वर्तमान योजना में संशोधन कर नई योजना लाने की घोषणा की थी। इसी क्रम में राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायती योजना- 2014 को मंजूरी दी गई है।

इस योजना के लागू होने से पेंशनर्स को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा परिचर्या एवं उपचार, राज्य के अनुमोदित चिकित्सालयों में इण्डोर व आउटडोर सुविधा, पीपीपी के तहत संचालित अस्पतालों तथा राजस्थान के बाहर स्थित सरकारी चिकित्सालयों में उपचार की सुविधा मिल सकेगी। -

दिल्ली रवानगी से पहले राजे ने करा 381 अफसरों का तबादला

जयपुर। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले राज्य सरकार ने शुक्रवार देर रात कुल 381 अधिकारियों के तबादले कर दिए। इनमें 365 आरएएस अधिकारियों के अलावा आईएएस, आईपीएस आईएफएस शामिल हैं। अकेले जयपुर जिले में ही 100 से अधिक अधिकारियों को बदला गया जिनमें कलक्ट्रेट, जेडीए व नगर निगम के अधिकारी ज्यादा हैं।



बताया जा रहा है कि तबादला सूचियों को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली रवाना होने से पहले हरी झण्डी दी। खास बात यह है कि पीएमटी भर्ती परीक्षा गड़बड़ी मामले में चर्चाओं में रही राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार अनुप्रेरणा कुन्तल का भी तबादला कर दिया गया है।

कार्मिक विभाग की ओर से जारी सूची के मुताबिक रामनारायण बड़गुर्जर को एपीओ रखा गया है, जबकि मुकेश कुमार मीणा के फरवरी में किए गए स्थानांतरण को निरस्त कर दिया गया है।

कोटा को मिला पुलिस अधीक्षक

कोटा में कई माह से खाली पड़े पुलिस अधीक्षक पद पर आईपीएस अमनदीप सिंह कपूर को शुक्रवार देर रात लगा दिया गया। कपूर अभी जयपुर कमिश्नरेट में ईस्ट डीसीपी पद पर कार्यरत थे। कार्मिक विभाग ने विशेष्ा तौर पर यह तबादला किया, जबकि पुलिस महकमे में पांच आईपीएस फिलहाल आरपीएस का काम देख रहे हैं। उनको भी पोस्टिंग देना बाकी है। गौरतबल है कि कोटा के पूर्व एसपी सतवीर सिंह के रिश्वत मामले में गिरफ्तार होने के बाद से ये पद रिक्त पड़ा था।

अधिकारी का नाम तथा नवीन पद

मधुसूदन पालीवाल - उपायुक्त जेडीए

बिरधीचन्द्र गंगवाल - एसडीएम जयपुर शहर दक्षिण

राजवीर सिंह यादव - एडीएम जयपुर कोटपूतली

गोपाल सिंह - एसडीएम शाहपुरा जयपुर

राधेप्रताप सिंह - सम्पदा प्रबंधक हाउसिंग बोर्ड

लोकेश कुमार मीणा - एसडीएम जमवारामगढ़ जयपुर

वालकृष्ण तिवारी - एसडीएम चाकसू जयपुर

महेश नारायण शर्मा - उप निदेशक एचसीएम रीपा जयपुर

ओंकारमल - अतिरिक्त निदेशक गोपालन जयपुर

राजेन्द्र कृष्ण - गोपालन जयपुर

चन्द्रशेखर मूथा - संयुक्त शासन सचिव यूडीएच जयपुर

मुकेश कुमार कायथवाल - नगर निगम आयुक्त

जगवीर सिंह - उपायुक्त जेडीए

देवेन्द्र कुमार जैन - डीएसओ द्वितीय जयपुर

रामोतार गुर्जर - उपायुक्त जेडीए

अशोक कुमार शर्मा प्रथम - एसडीएम सांगानेर

कनिष्क सैनी - एसडीएम बस्सी जयपुर

रामावतार कुमावत - एसडीएम चौमूं जयपुर

धारासिंह मीणा - सहायक सचिव राज्य निर्वाचन आयोग जयपुर

सत्तार खां - उपायुक्त जेडीए

राजेन्द्र सिंह चारण - सहायक आयुक्त खाद्य विभाग जयपुर

प्रकाशचन्द्र चौधरी - एसीईओ जयपुर

फतेह राय सोनी - सचिव समाज कल्याण बोर्ड

दीप प्रकाश माथुर - उप सचिव शिक्षा विभाग जयपुर

मुकुट बिहारी जांगीड़ - आयुक्त नगर निगम जयपुर

अनीता मीणा - प्रबंधक रविन्द्र मंच

नीतू राजेश्वर - उप निदेशक स्थानीय निकाय विभाग

रणजीत सिंह - एसडीएम विराटनगर जयपुर

दीपाली भागोतिया - सहायक निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जयपुर

प्रिया बलराम शर्मा - उपायुक्त, राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिष्ाद
आभा बेनीवाल - उपायुक्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं पदेन उपसचिव

महेन्द्र कुमार खींची - उपसचिव, सामान्य प्रशासन
राजीव जैन - अतिरिक्त जिला कलक्टर जयपुर प्रथम

बचनेश कुमार अग्रवाल - उपसचिव, कार्मिक
त्रिभुवनपति- अतिरिक्त निदेशक, आईसीडीएस

लक्ष्मीनारायण मीणा- एमडी, राजफैड
ए.एन. बैराठी- उपनिदेशक, अल्पसंख्यक मामलात

भगवान सहाय शर्मा- अतिरिक्त आयुक्त, कॉलेज शिक्षा
भंवर सिंह सांदू- उपायुक्त, जेडीए

अमृता चौधरी- सदस्य सचिव, राज्य महिला आयोग
दिनेश कुमार शर्मा- उपसचिव, पीएचईडी

अबरार अहमद- एमडी, बुनकर संघ
सेवाराम स्वामी- एमडी, राजस्थान बीज निगम

शक्तिसिंह राठौड़- अतिरिक्त निदेशक, एचसीएम रीपा
शाहीन अली खान- संयुक्त निदेश, राज्य भंडारण निगम

विवेक कुमार- उपसचिव, कार्मिक
ओमप्रकाश गुप्ता- अतिरिक्त निदेशक, इंदिरागांधी पंचायती राज संस्थान

सुखवीर सैनी- उपायुक्त, जेडीए
सुनील भाटी- निदेशक, राजस्थान सिविल एविएशन कॉर्पोरेशन

किशन सिंह वर्मा- उपसचिव, गृह (मानवाधिकार)
पुरूष्ाोत्तम शर्मा- अतिरिक्त जिला कलक्टर, जयपुर चतुर्थ

रामलाल गुर्जर- उपायुक्त, जेडीए
देवेन्द्र कुमार शर्मा- डीएसओ जयपुर प्रथम

जगरूप सिंह यादव- सचिव, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग
नरेश कुमार शर्मा- एमडी, जेसीटीएल

सीमा कुमार- प्राधिकृत अधिकारी, जेडीए
बीरबलराम चौधरी- उपसचिव, शिक्षा विभाग

चुन्नीलाल सैनी- उपसचिव, वन विभाग
पुष्पा सत्यानी- अतिरिक्त निदेशक, चिकित्सा शिक्षा

अनिल कुमार जैन- परियोजना निदेशक एवं पदेन उपसचिव, ग्रामीण विकास
अंजू ओमप्रकाश- उपनिदेशक, सम्पदा विभाग, जीएडी

प्रेमसिंह चारण- अतिरिक्त कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस
राजेन्द्र कुमार वर्मा- उपसचिव, राज्य मानवाधिकार आयोग

संचिता विश्नोई- उपसचिव, स्वायत्त शासन विभाग
सीमा सिंह- रजिस्ट्रार, राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय

सुनील शर्मा- कार्यकारी निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम
उमरदीन खान- संयुक्त सचिव, ऊर्जा विभाग

विमल कुमार जैन- कार्यकारी निदेशक, राजस्थान स्टेट बेवरेजेज कॉर्पोरेशन
इकबाल खान- उपसचिव, उद्योग विभाग

वेद सिंह- निदेशक, मुद्रण एवं लेखन सामग्री
प्रतिभा सिंह- कार्यकारी निदेशक, रोडवेज

पूनम प्रसाद सागर- उपायुक्त-प्रथम, वाणिज्यिक कर विभाग
पवन कुमार जैन- उपसचिव गृह (पुलिस)

इन्दरसिंह राव- संयुक्त सचिव, राजस्व
रामचन्द्र ढेनवाल- अतिरिक्त आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग

अर्जुन राम चौधरी- उपायुक्त, जयपुर-तृतीय, वाणिज्यिक कर विभाग
नलीन कठोतिया- रजिस्ट्रार, राजस्थान मेडिकल यूनिवर्सिटी

अनुप्रेरणा कुंतल- अतिरिक्त निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि
चित्रा गुप्ता- निदेशक, भाष्ाा विभाग

मेघराज सिंह रत्नू- अतिरिक्त आयुक्त, जेडीए
महावीर प्रसाद मीणा- जीएम, अनुसूचित जाति विकास निगम

रश्मि शर्मा- अतिरिक्त निदेशक, पर्यटन
हष्ाüवर्घन भटनागर- अतिरिक्त महानिदेशक, जवाहर कला केन्द्र

लालचंद ओझा- परियोजना निदेशक, राजस्थान कृçष्ा प्रतिस्पर्द्धात्मक परियोजना
महेशचन्द शर्मा- संयुक्त सचिव, जल संसाधन

सत्यपाल -एमडी, राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम
कैलाश बैरवा- एमडी, राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त विकास सहकारी निगम

अंजू राजपाल- जीएम, आमेर विकास प्रबंध प्राधिकरण
विनोद कुमार पुरोहित- कार्यपालक मजिस्ट्रेट (फास्ट्रेक), जमवारामगढ़

प्रीति माथुर- परियोजना निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग
मोहनलाल नेहरा- संयुक्त सचिव, पीएचईडी

टीकमचंद बोहरा- सीईओ, राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण
विजेन्द्रपाल तोमर- अतिरिक्त निदेशक एवं पदेन उपसचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

पुष्पेन्द्र सिंह- सक्षम अधिकारी (भूमि अवाप्ति अधिकारी), मूंदड़ा-दिल्ली पाइपलाइन प्रोजेक्ट, एचपीसीएल, जयपुर
दुर्गा जोशी- संयुक्त सचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग

जसवंत सिंह- अतिरिक्त जिला कलक्टर, जयपुर-तृतीय
निशा मीणा- उपनिदेशक, महिला अधिकारिता विभाग

राजेन्द्र पैंसिया- सचिव, अम्बेडकर पीठ
सुरेन्द्रनाथ शर्मा- संयुक्त सचिव, न्याय विभाग

राकेश शर्मा- उपसचिव, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग

दीपेन्द्र सिंह राठौड़ - एसडीएम सागवाड़ा

करतार सिंह - उप परियोजना अधिकारी टीएडी डूंगपुर

बजरंग लाल वर्मा - सहायक आयुक्त उपनिवेशन कोलायत

राकेश कुमार गर्ग - एसडीएम बागीदौरा

बृजमोहन नोगिया - एसडीएम पीपलू टोंक

भगवान स्वरूप शर्मा - आयुक्त नगर परिषद बांरा

देवीसिंह - एसडीएम धरियावाद

रवि वर्मा - एसडीएम दौसा

नाथू सिंह राठौड़ - एसडीएम गुढ़ा मलानी

सत्यपाल सिंह - एसडीएम शिव

मोहनसिंह राजपुरोहित - उपायुक्त जेडीए जोधपुर

संजयकुमार - एसडीएम टोंक

कमल सिंह यादव - एसडीएम भवानी मण्डी

अनुपम कायल - एसडीएम रामगढ़ शेखावाटी

रामानन्द शर्मा - एसडीएम गंगापुर

राकेश कुमार प्रथम - एसडीएम छबड़ा

सुभाषचन्द्र शर्मा - एसडीएम उनियारा टोंक

हिम्मत सिंह - एसडीएम निवाई

संजय कुमार माथुर - एसडीएम अजमेर

राष्ट्रदीपक यादव - प्रोटोकोल अधिकारी जीएडी अजमेर

हरिताभ कुमार आदित्य - एसडीएम माण्डलगढ़

हेमराज परिडवाल - एसडीएम नगर

कैलाश चन्द्र शर्मा द्वितीय - एसडीएम करौली

रामदेव - एसीएम लालसोट

संतोष कुमार मीणा - एसडीएम रूपवास

सुरेन्द्र सिंह यादव - एसीएम धौलपुर

केशव मिश्रा - एसडीएम बाड़मेर

राकेश कुमार शर्मा प्रथम - एसडीएम फलौदी

मणिलाल तीरगर - सहायक आयुक्त मोहनगढ़ जैसलमेर

वीरेन्द्र सिंह यादव - एसडीएम लूणकरणसर

मुरारीलाल वर्मा - आयुक्त नगर परिषद ब्यावर

सैयद मुर्करशाह - डीएसओ प्रतापगढ़

उत्तम सिंह - एसडीएम डीग

चन्दन दुबे - एसडीएम गंगधार

अशोक कुमार पुरूसवानी - एसडीएम किशनगढ़

लालसिंह देवड़ा - एसडीएम मावली

प्रकाशचन्द्र अग्रवाल - एसडीएम बायतू

आलोक जैन - एसडीएम बिचोलिया

अजंुम ताहिर सम्मा - एसडीएम नौखा

अयूब खां - उपनिदेशक अल्पसंख्यक मामलात जोधपुर

विजयपाल सिंह तृतीय - उपायुक्त वाणिज्यकर जोधपुर

भंवरलाल मेहरा - भू प्रबंध अधिकारी जोधपुर

विनय कुमार नंगायच - एसडीएम बहरोड़

श्रवण सिंह - एसडीएम चौहटन

मुकेश चौधरी - एसडीएम भदेसर

भोजकुमार - उप निबंधक राजस्व मण्डल अजमेर

दलबीर सिंह ढढ्ढा - एसडीएम बाप

लक्ष्मीकांत बालोत - सीईओ जिला परिषद चित्तौड़गढ़

प्रतिष्ठा पिलानिया - एसडीएम नागौर

सोहनलाल - एसडीएम मेड़ता

नन्दकिशोर राजौरा - एसडीएम बनेड़ा

प्रभूदान चारण - एसडीएम नोहर

रामरतन सौकरिया - एसडीएम अटरू

कुशल कुमार कोठारी - एसडीएम सलूम्बर

धीरेन्द्र व्यास - एसडीएम मनोहर थाना

रामकिशोर मीणा - एसडीएम बौंली

रामनारायण मीणा - एसडीएम सरदार शहर

परसराम मीणा - एसडीएम नावा

सतवीर यादव - एसडीएम नीमकाथाना

रणसिंह - एसडीएम कोलायत

हीरालाल वर्मा - एसडीएम छीपा बड़ौद

अजय कुमार आर्य - एसडीएम सुजानगढ़

फतेह मोहम्मद खान - जिला आबकारी अधिकारी हनुमानगढ़

ब्रहमलाल जाट - एसडीएम पीपाड़सिटी

सत्यनारायण आमेटा - एसडीएम कुशलगढ़

अनिल कुमार शर्मा - उप परियोजना अधिकारी टीएडी बांसवाड़ा

अशोक कुमार योगी - एसडीएम खण्डार

अशोक कुमार चौधरी - एसडीएम मांगरोल

रामकिशन मीणा - एसडीएम पिड़ावा

मानसिंह मीणा - जिला आबकारी अधिकारी झालावाड़

नरेश कुमार मालव - एडीएम बांरा

बंशीलाल मीणा - एडीएम भूमि रूपांतरण अजमेर

यशोदानन्दन श्रीवास्तव - एडीएम भूमि अवाप्ति बीसलपुर परियोजना

किशोर कुमार - एडीएम अजमेर

गजेन्द्र सिंह राठौड़ - सीईओ जिला परिषद टोंक

वन्दना खोरवाल - एसडीएम छोड़ी सादड़ी

हनुमान प्रसाद खण्डेलवाल - एसडीएम जहाजपुर

राजूलाल गुर्जर - एसडीएम गुलाबपुरा

गीतेश श्री मालवीय - एसडीएम कपासन

जगदीश आर्य - एसडीएम टोडाभीम

राधेलाल डेलू - एसडीएम पदमपुर

वीरेन्द्र सिंह चौधरी - एसडीएम आहोर

रामचन्द्र - एसडीएम रेवदर

गोपाल लाल स्वर्णकार - एसडीएम गढ़ी

नरेश बुनकर - एसडीएम खेरवाड़ा

सोहनलाल जाट - एसडीएम जायल

नरेन्द्र चौधरी - एसडीएम नैनवा

प्रकाशचन्द्र जैन प्रथम - एसीईओ करौली

सुनील आर्य - एसडीएम केशोरायपाटन

रामचन्द्र मीणा - एसडीएम पंूगल

महेन्द्र प्रताप सिंह - परियोजना प्रबंधक अनुसूचित जाति विकास निगम जोधपुर

निशार खान - एसडीएम रानीवाड़ा

हाकम खान - सहायक आयुक्त सतर्कता उपनिवेशन बीकानेर

राकेश कुमार शर्मा - आयुक्त सीएडी आईडीएनपी बीकानेर

वरसिंह - एसडीएम बड़ी सादड़ी

सत्यप्रकाश कुस्वा - एसडीएम अकलेरा

अशोक सैंगवा - एसडीएम झालावाड़

सुखराम खोकर - एसडीएम खींवसर

अशोक कुमार चतुर्थ - एसडीएम किशनगढ़

प्रभाती लाल जाट - एसडीएम मालपुरा

देवाराम सुथार - एसीईओ जालौर

राजेन्द्र प्रसाद सारस्वत - एसीईओ राजसमंद

हरेन्द्र कुमार जाखड़ - एसडीएम पिसांगन

सत्यनारायण आचार्य - एसडीएम गोगून्दा

राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल - एसडीएम सिकराय

चिमनलाल मीणा - विशेषाधिकारी स्पेशल प्रोजेक्ट बांरा

पर्वत सिंह चूड़ावत - एसडीएम आसपुर

शक्तिसिंह भाटी - एसडीएम शिवगंज

वार सिंह - एसडीएम डूंगला

रामचन्द्र पोटलिया - एसडीएम खाजूवाला

मदनलाल सिहाग - एसडीएम मलसीसर

चिंदगीराम जाझडिया - एसीईओ झुंझुंनू

नरेन्द्र पाल सिंह - एसडीएम पोखरण

अलका विश्नोई - एसडीएम नीमराना

महावीर सिंह प्रथम - एसीईओ सवाई माधोपुर

हनुमान सिंह गुर्जर- एसडीओ, खानपुर
हरिमोहन मीणा- सीईओ, जिला परिष्ाद सीकर

कमलराम मीणा- सीईओ जिला परिष्ाद धौलपुर
हेमंत स्वरूप माथुर- उपपरियोजना अधिकारी टीएडी, प्रतापगढ़

मुरलीधर प्रतिहार- उपसचिव यूआईटी कोटा
रवि विजय- एसडीओ लालसोट

कैलाश चन्द शर्मा- एडीएम दौसा
त्रिलोकचंद मीणा- एसडीओ झाडोला

कीर्ति राठौड़- ओएसडी यूआईटी उदयपुर
नंदकिशोर स्वर्णकार- एडीएम टोंक

प्रहलाद सहाय नागा- एडीएम सिरोही
वृद्धिचंद गर्ग- सीईओ जिला परिष्ाद सिरोही

रणछोड़लाल- एसडीओ सराड़ा
अशोक कुमार सांखला- उपप्राचार्य एपीआरटीएस, टोंक

भावना राघव गुर्जर- उपनिदेशक स्थानीय निकाय विभाग, कोटा
दिनेश कुमार मंडोवरा- एसडीओ प्रतापगढ़

ओमप्रकाश- चतुर्थ- कुलसचिव सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय जोधपुर
मदनलाल नेहरा- आरटीओ, जोधपुर

बिहारीलाल मीणा- एसीईओ जिला परिष्ाद नागौर

श्ौलेन्द्र देवड़ा- डीएसओ, नागौर
भारतभूष्ाण गोयल, एसडीओ, चुरू

आशुतोष्ा गुप्ता, सीईओ, जिला परिष्ाद, पाली
भागीरथ राम विश्नोई- आयुक्त, नगर निगम कोटा

जगदीश प्रसाद बुनकर- सीईओ, जिला परिष्ाद, करौली
निष्काम दीवाकर-सीईओ, जिला परिष्ाद, उदयपुर

राजेन्द्र सिंह चांदावत- एसडीओ, पर्बतसर
रामेश्वर लाल मीणा- एसीईओ जिला परिष्ाद प्रतापगढ़

इन्द्राज सिंह- एसडीओ राजाखेड़ा
रमेशचंद जैन्थ- एसडीओ, सरमथुरा

अनिल कुमार वाष्णेüय- उपनिदेशक स्थानीय निकाय विभाग भरतपुर
मेघराज सिंह मीणा- कुलसचिव, बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर

रामप्रसाद मीणा- एडीएम सहरिया विकास शाहबाद
मोहनलाल वर्मा- एसीईओ डूंगरपुर

अमरीश मेहता- सीईओ, जिला परिष्ाद बूंदी
अशफाक हुसैन- अतिरिक्त आयुक्त, आबकारी विभाग बीकानेर

जगदीश चन्द पुरोहित- राजस्व अपील अधिकारी जोधपुर
कैलाश चन्द मीणा- सीईओ, नगर निगम कोटा

सरोज ढाका- उपखण्ड अधिकारी, हिण्डौन
रामशरण शर्मा- एसीईओ जिला परिष्ाद धौलपुर

महावीर प्रसाद नायक- एसडीएम लक्ष्मणगढ़, सीकर
ओमप्रकाश सहारण- एसडीएम रायसिंह नगर

भगवती प्रसाद प्रजापत- एसीईओ जिला परिष्ाद बाड़मेर
चांदमल शर्मा- उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, उदयपुर

श्वेता फगेडिया- आयुक्त, नगर पालिका, नाथद्वारा
राजेन्द्र सिंह राठौड़- उपायुक्त, जेडीए जोधपुर

लालाराम मीणा- प्राचार्य, एपीआरटीएस, टोंक
सुनिता डागा- एडीएम (शहर), कोटा

कल्पना अग्रवाल- सीईओ जिला परिष्ाद कोटा
प्रकाशचन्द पवन- सीईओ, जिला परिष्ाद, सवाईमाधोपुर

परशुराम धानका- सीईओ, जिला परिष्ाद, डूंगरपुर
अनुराग भार्गव- एडीएम प्रतापगढ़

रामस्वरूप- सीईओ, जिला परिष्ाद, नागौर
राजेश कुमार चौहान- एडीएम बीकानेर

13 आईएफएस के तबादले

राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर 13 आईएफएस अधिकारियों के स्थानान्तरण किए हैं। आदेश के अनुसार सुरेश चन्द्र को अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) जयपुर, अमरीक सिंह गुरू को अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य आयोजना एवं वन बंदोबस्त), मोहनलाल मीणा को मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय जयपुर, स्नेह कुमार जैन को मुख्य वन संरक्षक कोटा, अशोक कुमार बी. रामटेक को मुख्य वन संरक्षक जयपुर, वेंकटेश शर्मा को मुख्य वन संरक्षक बीकानेर, उदय शंकर को मुख्य वन संरक्षक (आयोजना) जयपुर, अजय कुमार गुप्ता को वन संरक्षक (फ्लड प्रोन रिवर प्रोजेक्ट) जयपुर, शैलजा देवल को उप वन संरक्षक डूंगरपुर, लक्ष्मण लाल पंवार को उप वन संरक्षक जालोर, राजेश कुमार जैन को निदेशक एवं पदेन शासन उप सचिव पर्यावरण विभाग जयपुर, राज संदीप को उप वन संरक्षक विभागीय कार्य मंडल उदयपुर एवं आर. एस. शर्मा को कार्य आयोजना अधिकारी जयपुर के पद पर लगाया गया है। 

दौसा। बुआ ने भतीजे के साथ ये क्या किया, सुनकर उड़ जाएंगे होश -

दौसा। कालीपहाड़ी गांव में शुक्रवार सुबह बुआ सीमा ने अपने 6 वर्षीय मासूम भतीजे नीरज को जिंदा जला दिया। उसने मासूम को जलाने के बाद घर से करीब 150 मीटर दूर खेत में पटक दिया।

परिजनों ने उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मृतक के पिता की प्राथमिकी पर पुलिस ने आरोपित बुआ सीमा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित बुआ की मानसिक स्थिति कमजोर बताई जा रही है।
aunt burnt her nephew in dausa

पुलिस ने बताया कि नीरज सुबह घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान उसके माता-पिता पास स्थित खेत पर चले गए। इस दौरान उसकी बुआ सीमा उसे अपने साथ ले गई। इसके बाद उसने नीरज पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा दी।

आग लगाने के बाद वह उसे खेत में ही छोड़ आई। इस दौरान परिजन खेत में धुआं दिखने पर पहुंचे तो वहां नीरज झुलसी अवस्था में पड़ा था। पिता मुथरेश ने उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

ऎसे हुआ खुलासा
कुछ बच्चों ने परिजनों व पुलिस को बताया कि एक महिला बालक को साथ ले गई थी। इस आधार पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। एएसपी ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपित बुआ खेत में छुपी हुई थी। पूछताछ में उसके द्वारा ही बालक को जलाने की बात सामने आई। -

बाड़मेर। शोरूम में लूट के अब तक 63 लाख बरामद


बाड़मेर। गतदिनों शहर के नजदीक हाइवे पर स्थित एक कंपनी के शोरूम से 74 लाख की लूट के मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर 63 लाख 11 हजार 700 रुपए बरामद किए गए। जबकि एक आरोपी हिंदू राम अभी तक फरार है। हालांकि हिंदूराम के हिस्से की राशि भूर सिंह की निशानदेही पर हिंदू राम के माता-पिता से पुलिस ने बरामद कर उन्हें भी हिरासत में लिया है। 

सदर थानाधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि लूट के आरोप में कमल सिंह, हिंदूसिंह, पवनसिंह पृथ्वी सिंह को पूर्व में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं गुरुवार को मुख्य आरोपी भूर सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कड़ी पूछताछ के बाद भूर सिंह के कब्जे से 9 लाख 6 हजार 500 रुपए बरामद किए गए। वहीं भूर सिंह ने पूछताछ में बताया कि छठे आरोपी हिंदू राम ने लूट में अपने हिस्से की राशि उसके माता-पिता को दी है। पुलिस ने भूर सिंह की निशानदेही पर हिंदू राम के पिता चेतन राम के कब्जे से 2 लाख 20 हजार माता मिरगो देवी के कब्जे से 2 लाख 48 हजार 500 रुपए बरामद कर उन दोनों को गिरफ्तार किया। ऐसे में अब तक लूट की 63 लाख 11 हजार 700 रुपए राशि बरामद की जा चुकी है। वहीं भूर सिंह को न्यायालय में पेश करने के बाद तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है, साथ ही चेतन राम मिरगो देवी को जेल भेज दिया गया।

धोरीमन्ना। स्कूल पर ताला जड़ कर विरोध जताया

धोरीमन्ना। पंचायत समिति धोरीमन्ना रामावि सुदाबेरी के विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों ने विद्यालय पर ताला लगाकर मुख्य गेट के आगे प्रदर्शन किया। प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश विश्नोई का स्थानांतरण होने पर विद्यार्थी सुबह से ही धरने पर बैठ गए। विद्यालय के आगे पांच घंटे तक धूप में बैठ कर नारेबाजी करने लगे। छात्रों की मांग की है कि प्रधानाध्यापक विश्नोई को वापस लाओ। स्कूल पर ताला जड़ कर विरोध जताया
            धाेरीमन्ना. रामाविसुदाबेरी के विद्यार्थियों ने स्कूल पर ताला लगा किया प्रदर्शन। 

इस दौरान सरपंच जनप्रतिनिधियों ने समझाइश की विद्यार्थी नहीं माने। इस बीच एबीईईओ रूपसिंह जाखड़ मौके पर पहुंचे और छात्र-छात्राओं से समझाइश विधायक लादूराम विश्नोई तथा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से वार्ता कर स्थानातंरण निरस्त करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद विद्यालय का ताला खोला और विद्यार्थियों ने पढ़ाई शुुरू की।

यूं करें पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का व्रत

कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु की कामना हेतु करवाचौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश, श्री कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा का विधान है। पति के सुख-सौभाग्य के लिए रखा जाने वाला यह व्रत उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मुख्य रूप से मनाए जाने के साथ ही  भारत के अन्य कई राज्यों में भी मनाया जाता है।
यूं करें पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का व्रत
व्रत करने की विधि :
सूर्योदय से पूर्व : सुबह सूर्योदय से पूर्व अर्थात तारों की छांव में सुहागिनें  स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर सरगी खाती हैं जो उन्हें उनकी सास द्वारा भेंट की जाती हैं। सरगी में मिठाई, फल व सेवइयों के साथ श्रृंगार का सामान भी होता है। संकल्प लेते हुए सुहागिनें यह मंत्र बोलती हैं-

मम् सुख-सौभाग्य पुत्र पौत्रादि सुस्थिर,         
श्री प्राप्तयै करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।
सरगी खाने के बाद करवाचौथ का निर्जल व्रत आरंभ होता है।

सायंकाल को कथावाचन और थाली बंटाना : शाम को एक नियत समय पर सभी स्त्रियां सोलह शृंगार कर एक खुले स्थान पर एकत्रित होती हैं। उनके हाथों में सजी थाली में मीठी व फीकी मट्ठियां, नारियल, फल, कपड़े व शगुन रखा होता है और साथ में पानी से भरी एक गड़वी होती है जिसमें थोड़े से कच्चे चावल व चीनी के दाने  होते हैं। सभी सुहागिनों को कोई बड़ी-बूढ़ी महिला या मंदिर का पुजारी करवा चौथ व्रत की कथा सुनाता है। इसके बाद थालियां बंटाने की रस्म शुरू हो जाती है। इसे करवा खेलना भी कहते हैं।

सभी स्त्रियां गोल दायरे में बैठ जाती हैं और अपनी थाली में शुद्ध घी की जोत जलाकर अपनी-अपनी थाली पंक्ति में एक-दूसरे को पकड़ाती जाती हैं और जब उनकी थाली उनके हाथों में आ जाती है तो एक चक्कर पूरा होता है। इस तरह से सभी सात बार थाली बंटाते हुए यह गीत गाती हैं-

वीरा कुडि़ए करवड़ा, सर्व सुहागन करवड़ा,
ए कटी न अटेरीं न, खुंब चरखड़ा फेरीं ना,
ग्वांड पैर पाईं ना, सुई च धागा फेरीं ना,
रुठड़ा मनाईं ना, सुतड़ा जगाईं ना,
बहन प्यारी वीरां, चंद चढ़े ते पानी पीना,
लै वीरां कुडि़ए करवड़ा, लै सर्व सुहागिन करवड़ा।
इसके बाद वे थाली में रखा सामान जिसे ‘बया’ कहते हैं अपनी सास को दे देती  हैं व चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेती हैं।

चंद्रोदय के समय : रात को जब चांद निकलता है तो वे भगवान शिव-पार्वती व श्री गणेश का ध्यान करते हुए चंद्रमा को छलनी की ओट से देख कर फिर पति का चेहरा देखती हैं। तब वे चंद्रमा को अघ्र्य देती हैं और पति उन्हें पानी पिलाकर उनका व्रत सम्पूर्ण करते हैं। चंद्रमा को अघ्र्य देते समय वे यह मंत्र बोलती हैं-

पीर धड़ी पेर कड़ी, अर्क देंदी सर्व सुहागिन चौबारे खड़ी।

तत्पश्चात सुहागिनें भोजन ग्रहण करती हैं। इस तरह करवा चौथ का व्रत पूर्ण होता है।    
    

आज करवा चौथ पर विशेष योग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

आज करवा चौथ पर सिद्धि नामक योग बन रहा है। यह योग महिलाओं के लिए समृद्धि लेकर आएगा। ज्योतिष के अनुसार आज सुबह 10.18 पर चतुर्थी लग जाएगी क्योंकि करवा चौथ व्रत में चंद्र व्यापानी तिथि की महत्ता है इसलिए संध्या की बेला में चंद्रोदय का समय चतुर्थी व्रत में श्रेष्ठ रहेगा। आज सुबह 6.26 पर सिद्धि योग शुरू होगा, जो समस्त सिद्धियों का प्रदाता एवं समृद्धिदायक है।
आज करवा चौथ पर विशेष योग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
सुहागनें अपना व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत ही पूरा करती हैं क्योंकि करवा चौथ की रात्रि चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में होता है और रात 8 बजे के उपरांत ही उदय होता है। उच्च राशि में होने से यह पूर्ण प्रभावकारी होता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम 05 बजकर 52 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक। चंद्रोदय का स्टैंडर्ड टाइम रात 08 बजकर 34 मिनिट


अलग-अलग शहरों में चंद्रोदय का समय भिन्न होगा
कुल्लू में रात्रि 8.13 बजे, कांगडा 8.15 बजे, चम्बा-चण्डीगढ़ 8.16 बजे, नादौन-धर्मशाला में 8.17 मिनट पर, नंगल-ऊना 8.18 बजे , अम्बाला, दिल्ली, कुरुक्षेत्र, उधमपुर, आगरा में 8.19 बजे , जम्मू, गुडग़ांव, गुरदासपुर, कैथल 8.20 मिनट पर, जालंधर, कपूरथला 8.22 बजे, अमृतसर और जींद में रात्रि 8.23 मिनट।

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014

बाड़मेर ग्लोब्ज़ खरीद प्रकरण एक करोड़ का घोटाला पौने दो लाख की वसूली। मामले पर पर्दा

बाड़मेर ग्लोब्ज़ खरीद प्रकरण 

एक करोड़ का घोटाला पौने दो लाख की वसूली। मामले पर पर्दा 


    बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में पिछले लंंबे अरसे से घोटालो का दौर चल रहा हैं ,इसी क्रम में विभाग में इन आर एच एम में वर्ष 2011 -2012 में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी अज़मल हुसैन के समय   एक करोड़ के ग्लोब्ज़ खरीद में हुए भरष्टाचार की निदेशालय स्तर की जांच पर विभागीय अधिकारियो ने इस काण्ड से जुड़े कार्मिको को बचाने के चक्कर में मामले पर लीपा पोती कर महज एक लाख पंचानवे हज़ार की वसूली कर प्रकरण को खत्म करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाने के समाचार हैं जबकि पुरे मामले में दोषी रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित कई कार्मिको को सीधे सीधे बचाया जा रहा हैं 


लगभग दो वर्ष पूर्व विभाग द्वारा इन आर एच एम योजना के तहत एक करोड़ रुपये के हाथो के ग्लोब्ज़ खरीद की निविदाएं आमंत्रित की गयी थी ,जिसमे सफल निविदा करता द्वारा ग्लोब्ज़ आपूर्ति करने में असमर्थता जताने के बाद उसकी धरोहर राशि जब्त कर ली गयी ,इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नियमानुसार दूसरे कम दर वाली फर्म को आपूर्ति के लिए अामंत्रित किया जाना था मगर कार्मिको की मिली भगत से मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तीसरे नंबर की दर वाली फर्म से अनुबंध  कर उसे आपूर्ति का आदेश दे दिया ,इधर नियम विरुद्ध तीसरी फर्म को आदेश देने की शिकायत उच्च स्तर पर विभागीय अधिकारियो  गयी ,जिसल की करीब डेढ़ साल से जांच चल रही थी ,

कुछ रोज पर इस प्रकरण की जांच के लिए गठित कमिटी ने गोलबज़ खरीद में अनियमितता व् भरष्टाचार को मानते हुए तीसरे क्रम की फर्म से करीब एक लाख पिचनवे हज़ार रुपये की वसूली के आदेश दिए साथ ही तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी करने का प्रस्ताव  राज्य सरकार को भेजा गया। 

दोषी कार्मिको का बचाव। . पुरे प्रकरण में शामिल कार्मिको को पूर्ण रूप से बचाया गया जबकि निविदा में शामिल कार्मिको और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रक्रम में दोषी माना गया मगर दूसरे नंबर की फर्म और तीसरे नंबर की फर्म के बीच दरो  के अंतर को वसूली योग्य  वसूली के आदेश दिए ,यह  वसूली किससे की जानी थी इसे स्पष्ट नहीं किया गया ,तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रकरण से बचने के लिए खुद ने यह राशि जमा करा दी। 

प्रश्न यह उठता हे की जांच में जब भरष्टाचार होना मान लिया और उसकी वसूली निकाल ली तो कार्मिको पर दोष तय क्यों नहीं किये ,इन कार्मिको की अनियमितता में  भागीदारी थी ,इसके बावजूद इन कार्मिको के खिलाफ कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं कर तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी करना प्रस्तावित किया ,एक करोड़ का घोटाले में महज एक लाख पिचनवे हज़ार रुपये की वसूली के प्रस्ताव से एक बार फिर मुख्य चिकित्सा विभाग और इन आर एच एम संदेह के घेरे में आ गया ,

उच्च स्तरीय जांच। । इस प्रकरण की पुनः जांच निदेशालय द्वारा  निष्पक्ष प्रशसनिक अधिकारी से कराई जानी चाहिए ताकि पुरे मामले का खुलासा होने के साथ दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही हो सके 

बालक रूद्राक्ष की हत्या के विरोध में कल कोटा बंद

कोटा। राजस्थान के कोटा में दो करोड़ रूपए की फिरौती के लिए अपह्वत किए गए बालक रूद्राक्ष (7) की हत्या के आरोपी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर कोटा व्यापार महासंघ ने शनिवार को कोटा बंद का आह्वान किया है। इस घटना के विरोध में शुक्रवार तीसरे पहर कोटा व्यापार महासंघ ने आपात बैठक बुलाई थी जिसमें इस घटना पर आक्रोश जताते हुए घोषणा की गई कि रूद्राक्ष की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कोटा बंद रखा जाएगा। 
kota vyapar mahasangh announces kota band on saturday due to murder of minor boy
महासंघ के पदाधिकारियों ने सभी सदस्य व्यापार संघों से कोटा बंद को सफल बनाने में सहयोग का आह्वान किया है। उल्लेखनीय है कि कोटा के तलवंडी में रहने वाले एक बैंक अधिकारी पुनीत हांडा के पुत्र रूद्राक्ष का गुरूवार देर शाम उस समय अपहरण कर लिया था जब वह अपने आवास के पीछे स्थित पार्क में खेल रहा था और अग्यात अपहरणकर्ता ने फोन पर पुनीत हांडा से दो करोड रूपए की फिरौती मांगी थी। 

इसके बाद शुक्रवार सुबह बूंदी मार्ग पर जाखमूंड गांव के पास एक नहर से रूद्राक्ष का शव बरामद हुआ था। इस बीच मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोटा के प्रभारी सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी शुक्रवार दोपहर कोटा पहुंच गए। उन्होंने पुनीत हांडा के निवास पर जाकर इस घटना पर शोक व्यक्त किया और हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार कराने का भरोसा दिलाया। राज्य सरकार ने इस मामलें की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) को सौंपी है। 

सचिन ने रूद्राक्ष की हत्या पर जताया शोक

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कोटा से अपह्वत सात वर्षीय रूद्राक्ष की हत्या पर शोक जताते हुए प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की कड़ी निंदा की है। पायलट ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की संवेदनहीन कार्यप्रणाली का खामियाजा मासूम बच्चों एवं महिलाओं सहित हर वर्ग को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकों को सुरक्षा प्रदान के मामलें में पूरी तरह विफल रही है। 

उन्होंने कहा कि एक दिन पहले बालक को सकुशल वापस लाने का दावा कर रही सरकार की अनदेखी के कारण मासमू को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि जयपुर के चित्रकूट डकैती का आज तक पुलिस पर्दाफाश नहीं कर पाई जबकि सिरोही में पुलिस अभिरक्षा मेें युवती की आत्महत्या भी अनसुलझी पहेली बनकर रह गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार ने प्रशासन को पंगु बना रखा है तथा महिलाओं द्वारा पानी मांगने को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सुरक्षा में चूक बताकर अधिकारियों को प्रताडित किया जा रहा है।
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करवा चौथ पर पतियों के लिए जरूरी 8 बातें



करवा चौथ पर पत्नी का साथ निभाने के लिए पति केभी व्रत करने की परंपरा चली आ रही है। इस परंपरा को कुछ फेमस हस्तियों जैसे कि चेतन भगत व अन्य का सपोर्ट मिलने के कारण आजकल यह एक फैशन सा ही बन गया है।

8 important karwa chauth do and dont for husbands

लेकिन फास्ट करने वाले पतियों को इस दौरान निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि सेहत खराब न हो।




फिट टू फास्ट

पहले आप यह तय करें कि क्या आपका शरीर पूरा दिन भूखा रहने के लिए तैैयार है। ब्लड प्रेशर और डायबिटिक इस तरह के व्रत से बचें।




पहले जम कर न खाएं

फास्ट से पहले खूब सारा स्वादिष्ट खाना खा लेने की प्रवृति से बचें। इसके बजाए आप को अपने पिछले खाने में कुछ हैल्दी चीजें शामिल करनी चाहिए।




अपना मन कड़ा करें

कोशिश करें कि आपकी किचन और घर में ऎसा कोई खाने का सामान न रखा हो जिसे देखकर आपका मन ललचाए।




अपने शरीर की भी सुनें

अगर आपका यह पहला ही फास्ट है तो हो सकता है कि आपक ो इसके कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिले। अगर ऎसा हो तो फौरन फास्ट तोड़ते हुए आप कुछ खा लें। मेडिटेशन करें ताकि आपका स्ट्रैल लैवल कम रहे।




विटामिन खाएं

मल्टीविटामिन और कैल्शियम की सही डोज आपको दिन भर की उर्जा प्रदान करेगी। इससे आपको थकान नहीं होगी और साइड इफेक्ट से भी बचे रहेंगे।




दिमागी कंट्रोल

कोशिश करें कि आपका ध्यान खाने की ओर न जाए। लंच टाइम के दौरान ऎसा करना निहायत ही जरूरी है क्योंकि शरीर इस समय खाने का आदी हो चुका होता है। पास के किसी मॉल में घूमें या फिर अपना कोई फेवरेट टीवी शो देखकर ध्यान बटाएं।




दोस्तों से बात करें

आपके कई दोस्त यह व्रत कर रहे होंगे। उनसे बात कर आप खुद को काफी हद तक मोटिवेट रख सक ते हैं।




व्रत के बाद यह कभी न करें

अक्सर व्रत के बाद लोग छक कर खाते हैं लेकिन ऎसा नहीं क रना चाहिए। इससे आपके शरीर पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। गरिष्ठ भोजन करने से शरीर का ग्लूकोस लेवल अचानक बढ़ जाता है जो कि उसके लिए अच्छा नहीं होता। इसके बजाय हल्का फुल्का ही खाएं। 

शेर के साथ सोने वाली अभिनेत्री!



लंदन। क्या आपने कभी शेरों के मुंह में सिर रख कर किसी को सोते देखा है?
this actress sleeps with lion


अगर वह एक महिला हो तो बात कुछ हजम ही नहीं होती। आइए आपको मिलाते हैं ऎसी ही एक दिलेर महिला से जो शेर के साथ ऎसे खेलती है मानो कोेई बच्चे के साथ खेल रही हो।




एक्ट्रेस मेलानी ग्रिफिथ का बचपन साधारण नहीं रहा।




हॉलीवुड की पृष्ठभूमि में पली बढ़ी खूबसूरत मेलानी ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।




ेमेलानी मशहूर हॉलीवुड हस्ती टिपी हैदरें की बेटी थी। मेलानी नेे केेवल 14 साल की उम्र में ही फेमस हॉलीवुड स्टार 22 साल के डॉन जॉनसन के साथ डेटिंग करना शुरू कर दिया था।




लेकिन एक और बात मेलानी को खास बनाती है। मेलानी के घर में एक खूंखार अफ्रीकी बब्बर शेर भी किसी पालतू जानवर की तरह रहता है।




इस बब्बर शेर का नाम नील है। मेलानी का परिवार इस बब्बर शेर को अफ्रीका से लेकर आया था।




वीडियो देखकर आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि मेलानी और नील साथ साथ एक ही बिस्तर में सोते हैं। मिलानी खेल खेल में नील के मुंह में अपना सिर रख कर आराम से सो जाती है।




मिलानी और नील के करतब वाकई में काफी हैरान करते हैं। स्विमिंग पूल पर अक्सर बिंदास मिलानी और नील एक दूसरे के साथ जमकर अठखेलियां करते मिलते हैं।

 

भारत-पाक को मिला शांति का नोबल पुरस्कार



ओस्लो। शांति के नोबल पुरस्कार के लिए इस वर्ष भारत के कैलाश सत्यार्थी तथा पाकिस्तान की मलाला युसूफजई को चुना गया है। द नॉर्वेजियन नोबल कमेटी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें यह पुरस्कार बच्चों तथा युवा लोगों के लिए संघर्ष करने और उन्हें शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए दिया गया है।
The Nobel Peace Prize for 2014 given to Kailash Satyarthi, Malala Yusufjai


उल्लेखनीय है कि कैलाश सत्यार्थी बचपन बचाओ अभियान से जुड़े हुए हैं। वह भारत में बच्चों के अधिकार के लिए लड़ रहें हैं। उन्होंने बच्चों के अपहरण कर उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने और उनका शोषण करने के खिलाफ जंग छेड़ी जिसमें उन्हें बहुत बार खतरों का भी सामना करना पड़ा। इसी तरह मलाला युसुफजई ने पाकिस्तान में लड़कियों की पढ़ाई के लिए आंदोलन छेड़ा जिसका विरोध करते हुए तालिबान ने उन पर हमला भी किया, हालांकि वह बाल-बाल बच गई।




आश्चर्यजनक रूप से नोबल पुरस्कार समिति ने कहा कि एक हिन्दू और एक मुस्लिम, एक भारतीय और एक पाकिस्तान को इस पुरस्कार के लिए चुनना अदभुत है। दो बिल्कुल भिन्न बैकग्राउंडस से आने वाले कैलाश सत्यार्थी तथा मलाला युसुफजई ने एक ही उद्देश्य को लेकर लड़ाई लड़ी और जान की जोखिम उठाकर भी लड़कियों और बच्चों को पढ़ाई का अधिकार दिलाने का संघर्ष किया। -