गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

जातिगत राजनीती से विकास अवरुद्ध होता हैं। ।जसवंत सिंह


जातिगत राजनीती से विकास अवरुद्ध होता हैं। ।जसवंत सिंह



बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह ने कहा की यह चुनाव लोकतंत्र की मजबूती के लिए अहम हैं ,इन चुनावो में देश की नई तकदीर लिखी जनि हैं जिसमे बाड़मेर जिले की भागीदारी होना जरुरी हैं। जसवंत सिंह गुरूवार को चौहटन रोड स्थित हनुमान मंदिर के पास जटिया समाज आम सभा को सम्बोधित कर रहे थे ,उन्होंने कहा की राजनीती का चेहरा बदलने के लिए युवाओ को आगे आना होगा ,राजनीती में जातिवाद को कोई स्थान नहीं होना चाहिए ,उन्होंने कहा की राजनीती सिद्धांतो के साथ होनी चाहिए ,सिद्धांतो के साथ समझौता कर हम अपने स्वाभिमान को नहीं मार सकते। उन्होंने कहा की बाड़मेर जैसलमेर जिलो में विकास की असीम संभनाए हैं ,इन सम्भावनाओ को अमली जाम पहनने का पूरा प्रयास होगा ,उन्होंने कहा की दलित वर्ग के लिए कुछ ख़ास करने के प्रयास होंगे ,जसवंत सिंह ने कहा की युवाओ का जोश हैं आप इस जोश और सिंह ने कहा की भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओ पर भरोसा करने की बजाय कांग्रेस के एक ऐसे नेता पर भरोसा किया जो पिछले बीस सालो से आपके खिलाफ चुनाव लड़ रहा था ,उन्होंने कहा की गत विधानसभा चुनावो में जनता ने उन्हें नकार दिया तो भाजपा में आ गए ,। कार्यकर्ताओ की भावनाओ की कद्र पार्टी को करनी चाहिए क्यूंकि पार्टी की जान कार्यकर्ता ही होते हैं ,भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओ की भावनो को कुचल कर अच्छा नन्ही किया इसका जवाब आपको देना हैं ,सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की वसुंधरा राजे अच्छा नहीं कर रही ,वसुंधरा को सबक सिखाना होगा , .सभा को ,रमेश मोसलपुरिया ,कैलाश मेहता ,हब्बिरहमान रब्बानी सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया ,सभा के दौरान जटिया समाज के सेकड़ो लोगो ने हाथ खड़े कर जसवंत सिंह को समर्थन देने का ऐलान किया। सभा में बड़ी तादाद में जटिया समाज सहित शहर के लोग उपस्थित थे

धुंधलनाथ जी महाराज का दो दिवशीय मेला मारुड़ी में

धुंधलनाथ जी महाराज का दो दिवशीय मेला मारुड़ी में



बाड़मेर सिद्ध श्री योगिराज धोरमनाथ जी का दो दिवसीय सत्संग मेला शुक्रवार से आरम्भ होगा। श्री प्रगनाथ जान कल्याण संस्थान के अध्यक्ष अभयनाथ ने बताया की धुंधलनाथजी महाराज के धूणे मारुड़ी में शुक्रवार और शनिवार को दो दिवसीय सत्संग मेला का आयोजन रखा गया हैं जिसमे क्षेत्र के हज़ारो की तादाद में धर्म प्रेमी बंधू शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया की इस अवसर पर श्री चंचल प्रगमठ के महंत शम्भुनाथजी सैलानी और कई संत महापुरुष ,महंत ,विद्वान भाग लेंगे उन्होंने बताया की शुक्रवार रात्रि जागरण का आयोजन रखा गया हैं

सेना पर नेताओ के बयान सही नहीं ,सेना धर्म जाती से युद्ध नहीं जीतती। । जसवंत

सेना पर नेताओ के बयान सही नहीं ,सेना धर्म जाती से युद्ध नहीं जीतती। । जसवंत 

बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री और निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह की पत्रकार वार्ता गुरूवार को बाड़मेर में आयोजित हुई। वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि राज्य में आपात काल जैसे हालात की याद आ रही हैं और वसुंधरा डरा धमका कर और परेशान कर सत्ता चला रही हैं। अपने विधायक पुत्र मानवेन्द्र सिंह की जमीन पर सेना के द्वारा कब्जा करने के मामले में जसवंत सिंह ने कहा कि यह राज्य सरकार की शह से किया गया हैं। उन्होंने कहा कि बाड़मेर जैसलमेर के विकास के लिए वे चुनाव मैदान में हैं। वहीँ सपा नेता आज़म खान के कारगिल युद्ध के बयान पर बोलते हुए जसवंत सिंह ने कहा कि किसी एक धर्म जाति या मजहब के सैनिको के युद्ध जिताने का बयान सही नही और उन्हें दुःख हैं कि राजनेता राजनीती के लिए इस तरह से बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना पर राजनीती ठीक नही हैं और कारगिल युद्ध में सैनिको के अदम्य साहस को इस तरह से राजनीती में नहीं डालना चाहिए। 

जसवंत सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा की नरेंद्र मोदी बाड़मेर आ रहे हैं लोकतंत्र में अपनी बात कहने का सभी को अधिकार हे ,उन्होंने कहा की गरनमी हैं छाया पानी की व्यवस्था करा ले। जसवंत सिंह ने कहा की उनके पुत्र के निर्माणधिन माकन पर सेना के कब्जे के मामले में मुख्यमंत्री ही सही जवाब दे सकती हैं ,उन्होंने कहा की मानवेन्द्र सिंह को पार्टी से बहार करने की साज़िश रची जा रही हैं उन्होंने वसुंधरा राजे पर आरोप लगाया की वो मेरे खानदान के पीछे पड़ी हैं। 

इस दौरान जसवंत सिंह ने अपना घोषणा पत्र भी जारी किया ,घोषणा पत्र में बाड़मेर जैसलमेर जिलो के इक्कीस सूत्री  कार्यक्रम शामिल किये गए हैं। 

इन दिनों जसवंत सिंह का चुनाव प्रचार जोर शोर से चल रहा हैं और स्थनीय लोक कलाकारो ने जसवंत का बखान करते लोक गीत तैयार कर लिए हैं जो क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गये हैं।

"मोदी-यशोदाबेन की शादी" बना चुनावी मुद्दा

वडोदरा। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार तथा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के "शादीशुदा" होने का खुलासा होते लोकसभा चुनाव के घमासान में मुख्य विपक्षी कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों को "मुद्दा" मिल गया है। brother somabhi damodardas issues clarification on narendra modis marriage
इस बीच गुरूवार को उनके परिजनों ने इस मुद्दे पर विस्तृत सफाई दी है। ज्ञातव्य है कि जनवरी 2001 में भी राजकोट दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत के बाद मोदी के मुख्यमंत्री बनने पर कांग्रेस ने उनके विवाह को मुद्दा बनाते हुए पर्चे वितरित किए थे।

मोदी के बड़े भाई सोमभाई मोदी ने गुरूवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी देश सेवा में लगे हैं और आज भी परिवार से अलिप्त है। चालीस-पचास साल पूर्व हुई उनकी शादी मात्र औपचारिकता बन कर रह गई थी क्योंकि उन्हीं दिनों उन्होंने देश सेवा के लिए सांसारिक भोग विलास को छोड़ते हुए गृहत्याग कर दिया था। उन्होंने यह कहते हुए मोदी का बचाव किया कि उन्होंने इनकार ही कब करा कि वे शादीशुदा नहीं है।

उन्होंने कहा है कि उनके माता पिता भी कम पढ़े लिखे और गरीब थे। उन्होंने तत्कालीन रूढियों के अनुरूप बर्ताव करते थे इसलिए छोटी सी उम्र में मोदी की शादी करा दी गई। सोमभाई मोदी ने कहा कि उनका पूरा परिवार देशवासियों से हाथ जोड़ कर विनती करता है कि मोदी के बचपन की इस घटना को आज की उनकी पद प्रतिष्ठा के आधार पर मूल्यांकित ना करें।

उन्होंने इस मामले में विरोधियों की टीका-टिप्पणी को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि इस घटना को एक गरीब और रूढिवादी परिवार की तत्कालीन परिस्थितियों के संदर्भ में देखा जाए।

वडोदरा लोकसभा सीट पर नामांकन के साथ दिए हलफनामे में पहली बार खुद के शादीशुदा होने की बात स्वीकार करने से राजनीतिक गलियारों में तूफान मच गया और महिलाओं की सहानुभूति बटोरने के लिए विरोधी मोदी की स्वीकारोक्ति को एक चुनावी मुद्दा बनाने के लिए विरोधी जुट गए हैं।

पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे मोदी (63) ने अपने नामांकन दस्तावेजों में बुधवार को पत्नी के स्थान पर जशोदाबेन का नाम लिखा। अब से पहले 2001, 2002, 2007 और 2012 में चार बार विधानसभा चुनावों के नामांकन में उन्होंने अपने वैवाहिक स्थिति के कॉलम को रिक्त छोड़ दिया था।

उनके नामांकन पत्रों में वैवाहिक स्थिति के कॉलम को रिक्त छोड़ने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को गत नवंबर में खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय ने ऎसे मामलों को आयोग के क्षेत्राधिकार की बात करार दिया था। आयोग ने इस बार नामांकन पत्र के सभी कॉलम को भरने की ताकीद की थी। बताया जाता है कि मोदी ने इसी वजह से विस्तृत कानूनी सलाह के बाद हलफनामे में अपने विवाहित होेने का उल्लेख किया है।

ज्ञातव्य है कि लगभग 19 साल की उम्र में जशोदाबेन से शादी के बाद से ही मोदी का कथित तौर पर उनसे कोई नाता नहीं रहा है। उनके गृहनगर वडनगर से लगभग 35 किमी दूर ब्राह्मणवाड़ा गांव की जशोदाबेन अब एक सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं। पहली बार मोदी ने खुद के शादीशुदा होने की बात औपचारिक तौर पर स्वीकार की है।

बंगाल से लाए लड़कियां और शुरू कर दी वेश्यावृत्ति



जयपुर। जयपुर पुलिस ने बुधवार रात को विद्याधर नगर इलाके में देह व्यापार के अड्डे का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने यहां पर एक फ्लैट में चल रहे देह व्यापार के अड्डे से एक वृद्धा और दो युवतियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान दो युवक मौके से भागने में सफल रहे। पुलिस ने मौके से एक लग्जरी कार, मोबाइल व अन्य सामान भी जब्त किया है।
Jaipur police busts sex racket in Vidhyadhar Nagar area
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुराना विद्याधर नगर में रहने वाले कुछ लोगों ने देह व्यापार के बारे में शिकायत की थी। इस पर विद्याधर नगर थाना प्रभारी राजवीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रात को फ्लैट पर दबिश दी। यहां पुलिस ने सुनीता उर्फ नानकी देवी ( 55) को गिरफ्तार किया, जबकि यहीं एक अन्य कमरे से बंगाल के चंदनपुर जिला निवासी सोनाली ( 28) व नीलम (25) को गिरफ्तार किया है।

कार्रवाई के दौरान कमरे में मौजूद शक्ति सिंह व कालू दीवार भाग निकले। पुलिस ने कार, मोबाइल व अन्य सामान जब्त कर वृद्धा व दोनों युवतियों को पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया।

बड़े खुलासे की उम्मीद
युवतियों से पूछताछ में सामने आया है कि शक्ति सिंह और कालू उन्हें देह व्यापार के लिए बंगाल से जयपुर लेकर आए थे। यहां उन्हें नानकी देवी उर्फ आंटी के घर पर रखवाया गया था। आरोपियों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

 

बड़ा खतरा: जल्द चेंज कर लें जीमेल, फेसबुक के पासवर्ड -



नई दिल्ली। अगर आपने जल्द ही अपना जीमेल, फेसबुक, याहू, अमेजन, ऑनलाइन बैंक अकाउंट पासवर्ड नहीं बदला तो आपकी गोपनीय जानकारी गलत हाथों में जा सकती है। और आपके कांटेक्ट्स, बैंक में जमा पैसे, गुप्त दस्तावेजों को गलत इस्तेमाल हो सकता है।
Hurry up, change your Gmail, Facebook, bank account password
यह खतरा बड़ा है हाल ही में सामने आए "हार्टब्लीड" वायरस से। हार्टब्लीड वायरस इतना खतरनाक है कि यह ना तो आपको अटैक करते समय जानकारी देगा और ना ही इसके बाद। मतलब आपको पता ही नहीं चलेगा कि कब, कैसे और कौन आपको लूट कर चला गया।

इस वायरस की सबसे खास बात यह है कि यह सबसे सुरक्षित माने जाने वाले एसएसएल कोड को भी तोड़ कर गोपनीय फाइलों में घुस जाता है।

हालांकि इस वायरस अटैक से बचने के लिए कई दिग्गज कम्पनियों ने सुरक्षा चाक-चौबंद की है, लेकिन यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे अपना पासवर्ड बदल लें। ऎसा इसलिए कहा जा रहा है कि हो सकता है कुछ यूजर्स का पासवर्ड पहले ही हैक हो चुका हो।

बताया जाता है कि हार्टब्लीड के चक्रव्यूह में गूगल, फेसबुक, याहू, एमेजॉन जैसी दिग्गज साइट्स भी फंस सकती हैं।

11 की उम्र में शादी, 17 की उम्र में 5 बच्चों की मां -



जयपुर। जननी सुरक्षा के तमाम दावों के बीच आज भी सड़कों और फुटपाथों पर माएं बच्चों को जन्म दे रही हैं। यह किसी गांव-ढाणी की नहीं सुविधाओं से लैस राजधानी जयपुर की हकीकत है। न कोई डॉक्टर, न कोई नर्स और न ही दवाइयां, बस एक-दूसरे का साथ, जिसकी बदौलत फुटपाथ पर रहने वाली ये जननियां मिलकर नन्हीं जिंदगी को इस दुनिया में लाती हैं। इनमें से कुछ फरिश्ते वक्त के थपेड़े सह लेते हैं, तो कुछ आते ही दुनिया को अलविदा कह देते हैं। बच्चे को जन्म दिलाने का प्रशिक्षण इन्हें किसी डॉक्टर ने नहीं वक्त ने सिखाया है।

छोटी उम्र, बड़ी जिम्मेदारी
राजधानी की टोंक रोड के फुटपाथ पर रहने वाली तारा अपनी गोद में एक माह के नन्हें बेटे को लिए घूम रही थी। बच्चा आधा गोद में तो आधा हवा में झूल रहा था। हालांकि तारा उसे बार-बार प्यार से संभालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन हर बार नाकाम रहती। उसकी बड़ी-बड़ी आंखों में चमक थी और चेहरे पर मुस्कान। उसने बताया मेरी उम्र 17 साल है। यह पहला बच्चा नहीं है, इससे पहले भी चार बच्चे हुए, उनमें से तीन कुछ दिन बाद ही मर गए।
Girl married in age of 11 and become 5 children`s mother
अब दो बच्चे हैं बेटी साढ़े पांच साल और बेटा एक माह का है। कुछ देर बाद खुशी से बोली हम डिलीवरी के लिए अस्पताल में नहीं जाते, वहां सब मुफ्त है, लेकिन फिर भी कुछ पैसा तो लगता ही है, उतना भी कहां से लाएं। यहां दो वक्त की रोटी मुश्किल से मिलती है। सब बच्चे फुटपाथ की महिलाओं ने ही करवाए। हम सब एक-दूसरे की ऎसे ही मदद करते हैं। जब सब सही हुआ तो बच्चे जी गए, नहीं तो सांसें ही नहीं चलीं। मानों फुटपाथ पर रहते-रहते उसकी भावनाएं भी कठोर हो गई।

शादी को हो गए छह साल
तारा ने बताया कि उसकी शादी को छह साल हो गए हैं। शादी के समय उसकी उम्र 11 साल थी। पिता राजसमंद से मजदूरी करने जयपुर आ गए और फिर हम यहीं फुटपाथी बनकर रह गए, गांव में भी करने को कुछ था नहीं, तो फुटपाथ को घर बनाना मजबूरी था। लड़की थी, बोझ थी उनपर तो 11साल की होने पर ही रिक्शा चलाने वाले से शादी कर दी। एक साल बाद ही मैंने एक बेटी को जन्म दिया। उस समय मैं 12 साल की थी। पहले तो समझ ही नहीं आया, बच्चा संभालूं कैसे?, लेकिन वक्त ने सब सिखा दिया। फिर हर साल बच्चे हुए, लेकिन जी नहीं पाए। अब कुछ दिन पहले ही एक बेटा हुआ है। लेकिन दुख एक ही बात का है कि ये भी यूं ही फुटपाथ पर जिंदगी काट देंगे।

किरोड़ी ने किया टि्वट "विस्फोट", मोदी को देंगे समर्थन -



जयपुर। दौसा से प्रत्याशी और लालसोट से राजपा विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को अपने टि्वट से राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। किरोड़ी ने टि्वट में बताया कि अगर वे चुनाव जीत जाएंगे तो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का समर्थन करेंगे।
Kirodi Meena tweets, if I win, will support NDA
टि्वट में लिखा कि," केन्द्र में मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनती है तो मैं मोदी जी के साथ हूं।" इस टि्वट के बाद दौसा सीट पर भाजपा कार्यकर्ताओं में असमंजस का माहौल है। वहीं राजनीतिक जानकारों के अनुसार मीणा ने अपने पक्ष में माहौल करने के लिए ये पैंतरा आजमाया है।

गौरतलब है कि किरोड़ी मीणा लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार घोषित होने से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों के सम्पर्क में थे। कांग्रेस ने तो उनके भाई जगमोहन को दौसा से टिकट देने का फैसला भी कर लिया था। लेकिन ऎन मौके पर फैसला टाल दिया गया। इसके अलावा उनके भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलेन की खबर भी आई थी।

इसकी पुष्टि करते हुए किरोड़ी मीणा ने टि्वट कर आरोप लगाया कि,"मुझे और जगमोहन के लिए मोदी जी और राजनाथ जी ने दौसा और टोंक-सवाई माधोपुर से भाजपा टिकट ऑफर किया था।" एक अन्य टि्वट में किरोड़ी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर उनकी भाजपा में वापसी रोकने का आरोप लगाया। इसमें कहा गया कि वसुंधरा के इस्तीफे के चलते उनकी भाजपा में वापसी नहीं हो पाई।

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रास्ते के लिए विवाद, दो लोगों को काट डाला



जालोर। राजस्थान के जालोर जिले में गुरूवार को रास्ते को लेकर दो गुटों में हुए झगड़े में दो जनों की मौत हो गई। वहीं एक दर्जन के लगभग लोग घायल हो गए। घटना जिले के सरवाना थाना क्षेत्र के दातिया गांव की है। रास्ते के विवाद को लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों गुट एक दूसरे पर तलवार और लाठियां लेकर टूट पड़े। घायलों को सांचौर और जालौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Two group collided in Jalore, 2 killed
पुलिस ने बताया कि दातिया गांव में दो पक्षों में रास्ते को लेकर कुछ समय से विवाद चल रहा था। इसी के चलते गुरूवार को मामला फिर से उठ खड़ा हुआ। इसके चलते पहले तो दोनों पक्षों में कहासुनी हुई लेकिन थोड़ी ही देर में धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। इसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

जहां गुजरात के घोसर निवासी नत्थाराम कोली और दातिया गांव निवासी जोराराम ने दम तोड़ दिया। नत्थाराम यहां पर खेती करने के लिए आया था। इनके अलावा सेवाराम, मोडाराम, भंवर, उमगदेवी, धोकाराम समेत करीब 12 लोग अस्पताल में भर्ती है। घटना के बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

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जैसलमेर सरहद में चार बांग्लादेशी गिरफ्तार

जैसलमेर सरहद में चार बांग्लादेशी गिरफ्तार 

जैसलमेर: सीमा सुरक्षा बल की बडी कार्यवाही, सरहद पर पकडे गये चार बांग्लादेशी, तनोट क्षेत्र की है घटना, पाकिस्तान जाने का कर रहे थे प्रयास, बांग्लादेशियों से विभिन्न ऐजेन्सियां कर रही है पूछताछ।

कमरे में बंद मिले छात्र-छात्रा, मचा बवाल

जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के ओल्ड कैम्पस में बुधवार को एक छात्र व छात्रा के बंद कमरे में होने की सूचना पर बवाल मच गया। पुलिस भी मौके पर पहुंची, हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे कमरे में छात्र छात्रा तो मिले, लेकिन वे केवल नोट्स आदान प्रदान करने वहां आए थे। Students were locked in the room student created a ruckus
जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि दोनों ने कमरा अंदर से बंद कर रखा था और पुलिस ने दरवाजा खटखटाकर खुलवाया। विवि प्रशासन भी मामले को सामान्य बता कर रफा-दफा करने का प्रयास कर रहा है। इधर शिक्षा के मंदिर में इस प्रकार की घटना की कतिपय संगठनों ने निंदा की है।

घटना ओल्ड कैम्पस के स्थित जसवंत हॉल के उपाध्यक्ष कार्यालय की है। यहां दोपहर में एक छात्र और छात्रा कमरे में बंद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जब विवि चौकी पुलिस वहां पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था।

पुलिस के दरवाजे खटखटकाने के बाद कुछ देर बाद दरवाजा खुला जो एक लड़का व लड़की अंदर से निकले। अंदर बैडशीट बिछी हुई थी और उनके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पुलिसवाले दोनों छात्र-छात्रा को विवि चौकी पर लेकर गए और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इस मामले के बाद बात विवि कैम्पस में आग की तरह फैल गई।

कमरा बंद था- पुलिस
इस मामले में हंगामा बढ़ता देख विवि व पुलिस डैमेज कंट्रोल में लग गए। दोनों ऎसी घटना से इनकार कर रहे है और इस मामले को नोट्स के लेन-देन की बात कर सामान्य घटना बता रहे हैं। मौके पर गए एएसआई भगाराम चौधरी का कहना था कि कमरा बंद तो था, लेकिन अंदर से कुंदी नहीं लगी हुई थी। छात्रसंघ उपाध्यक्ष के कार्यालय में दोनों बैठे थे। दोनों छात्र-छात्रा किसी संदिग्ध हालत में नहीं मिले।

छात्रा नोट्स देने गई थी-विवि
इधर वाणिज्य संकाय के अधिष्ठाता प्रो. ललित गुप्ता का कहना है कि छात्रा छात्र को नोट्स देने आई थी। छात्र ओल्ड कैम्पस का है और छात्रा हाल ही में 12 वीं पासआउट है। पकड़ी गई छात्रा की बड़ी बहन इस छात्र की सीनियर है। छात्र ने अपने छोटे भाई के लिए नोट्स लेने के लिए छात्रा को ओल्ड कैम्पस में बुलाया था।

यही बात मौके पर गए एएसआई इधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि छात्र-छात्रा काफी देर से बंद कमरे में थे और पुलिस के आने के बाद ही कमरा खोला गया है। अब पुलिस और विवि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटे हैं।

एनएसयूआई ने की निंदा
इस घटना के बाद एनएसयूआई ने घटना की निंदा की है। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष कुश गहलोत ने बताया कि विवि को इस तरह की घटना रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। छात्राओं की सुरक्षा के लिए विवि को अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। -  

लोकसभा का पहला बड़ा घमासान, 91 सीटों पर मतदान शुरू

नई दिल्ली। सोलहवीं लोकसभा के लिए गुरूवार को पहला बड़ा घमासान शुरू हो गया है। मतदान के तीसरे चरण में 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर वोटिंग हो रही है।first big battle for 91 seat of lok sabha election
मतदान सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक होगा।

मतदान के इस चरण में कई दिग्गजों का भाग्य ईवीएम के हवाले हो जाएगा। हरियाणा, दिल्ली और केरल की सभी सीटों पर मतदान हो रहा है। साथ ही ओडिशा में विधानसभा के लिए भी मत डाले जा रहे हैं। इससे पहले के दो चरणों में पूर्वोत्तर की 12 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है।

कहां कितनी सीटों पर मतदान
बिहार : 6
क्यों अहम: बिहार में इस बार जदयू, भाजपा और राजद-कांग्रेस गठजोड़ के बीच कांटे का मुकाबला। मतदान के रूझानों से शेष बिहार में राजनीतिक दल अपनी बढ़त या स्थिति का आकलन कर सकेंगे।

केरल : 20
क्यों अहम: कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर। इस बार नरेंद्र मोदी ने केरल में कई सभाएं कीं। भाजपा को राज्य से आस।

हरियाणा : 10
क्यों अहम: दिल्ली से सटा राज्य, कांग्रेस को गढ़ बचाने की चुनौती, "आप" की उम्मीदें भी दांव पर।

ओडिशा : 10
क्यों अहम: बीजद, भाजपा व कांग्रेस मैदान में। बड़ी पार्टियो में गठबंधन नहीं।

दिल्ली : 7
क्यों अहम: कांग्रेस : सीटें बचाना लक्ष्य, भाजपा : वापसी की तलाश, आप : प्रतिष्ठा दांव पर।

झारखंड : 4
क्यों अहम: नक्सल प्रभावित। भाजपा, झामुमो, कांग्रेस, राजद में मुकाबला।

उत्तरप्रदेश : 10
क्यों अहम: भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा में कांटे की टक्कर। जातिवाद व सांप्रदायिकता का कार्ड जमकर खेला गया।

महाराष्ट्र : 10
क्यों अहम: कांग्रेस को भाजपा-शिवसेना से कड़ी चुनौती।

मध्यप्रदेश : 9
क्यों अहम: भाजपा के मजबूत आधार वाले इलाके से शेष राज्य के वोटिंग पैटर्न का पता चलेगा।

यहां 1-1 सीट पर
चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप व अंडमान-निकोबार

कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी के समर्थन में निकाली रैली

जैसलमेर। बाडमेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी के समर्थन में बुधवार दोपहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां रैली निकाली और लोगों से समर्थन मांगा। रैली में कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने शहर के मुख्यमार्गो पर जनसंपर्क करते हुए आमजन से वोट व समर्थन मांगा। इससे पूर्व जैसलमेर पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चौधरी का ढोल नगाड़ों से अभिनन्दन किया। जिला प्रवक्ता शंकरलाल माली ने बताया कि कंाग्रेस के प्रत्याशी चौधरी ने रैली से पूर्व डा.अम्बेडकर, सत्यदेव व्यास, शहीद सागरमल गोपा की प्रतिमाओं पर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें नमन किया। रैली का आगाज सत्यदेव व्यास पार्क से हुआ।Congress took out a rally in support of Chaudhry
रैली में शामिल कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ चौधरी ने मुख्य बाजार मे डोर टू डोर आमजन व व्यापारियों से जनसंपर्क किया। गड़ीसर चौराहे से हनुमान चौराहे तक लोगों ने विभिन्न जगहों पर चौधरी का स्वागत किया। इस दौरान चौधरी ने हर सुख दुख मे साथ देने का विश्वास दिलाने के साथ आशीर्वाद के रूप में मत देने की अपील की। इस दौरान जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, जिलाध्यक्ष रावताराम पंवार, पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला, कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष देवीसिंह भाटी, नगरपरिषद के सभापति अशोक तंवर, जैसलमेर ब्लॉक अध्यक्ष

रेशमाराम, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुमार खां, उपाध्यक्ष दिनेशपालसिंह, पूर्व बीसूका उपाध्यक्ष देवकाराम माली, मेघराज परिहार, गाजी खां उर्फ छोटु खां, राणजी चौधरी, खटन खा मंगलिया, पार्षद आनंद व्यास ,जगदीश बिस्सा, एडवोकेट महेन्द्र चौधरी, नगर अध्यक्ष सिकन्दर अली गाडीवान, महामंत्री उम्मेद आचार्य, महिला अध्यक्ष प्रेमलता चौहान, एनएसयुआई अध्यक्ष अशोक बारूपाल, प्रदीप राठौड़, विकास व्यास, चन्द्रशेखर पुरोहित, जेनाराम सत्याग्रही, पवन सुदा, राजकुमार भाटिया, मानसिहं देवड़ा, लीलाधर दैया आदि साथ थे। चौधरी ने गांधी दर्शन के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा को सूत की माला पहनाई।

फतेहगढ़ . बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी ने फतेहगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों का दौरा कर जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देकर उन्हें विजयी बनाने की अपील की। इससे पूर्व हरीश के फतेहगढ़ पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका ढोल नगाड़ों से अभिनन्दन किया। चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस गरीबों की पार्टी रही है। पार्टी ने हमेशा गांव व गरीब के विकास के लिए काम किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म व सम्प्रदाय के नाम पर राजनीति कर लोगों को बांट रही है। उन्होंने लोगों से विकास को देखकर वोट देने की अपील की। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ट नेता गोवर्द्धन कल्ला ने भाजपा प्रत्याशी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो हमारा (कांग्रेस)का नहीं हो सका वो उनका (भाजपा) का कैसे होगा। जनसभा में जिला प्रमुख अब्दुला फकीर, कांग्रेस नेता रूपाराम धणदे, हुसैन फकीर, सवाईखां, चेलक सरपंच सुखपालसिंह, सादुलसिंह, चंगेज खां ने भी विचार व्यक्त किए।

रामगढ़ . बाड़मेर- जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी ने बुधवार को रामगढ़ में चुनावी सभा में लोगों से मत व समर्थन मांगा। चौधरी ने कांग्रेस सरकार के किए गए कार्यो का बखान किया। चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने झूठ बोलकर सत्ता हासिल की है, लेकिन लोकसभा में उनकी चालें नहीं चलेगी। सभा को जिला प्रमुख अब्दुल्ला फकीर, पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला, जिलाध्यक्ष रावताराम, दिनेशपालसिंह आदि ने संबोधित किया। इस दौरान जतनादेवी, देशलाराम, भंवरसिंह, गोविन्द भार्गव, खेतमल खत्री, अर्जुन दैया, छगनलाल, मालमसिंह, सेंवत खान आदि उपस्थित थे। सभा से पूर्व रामगढ़ पहुंचने पर चौधरी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

मोदी ने कबूला, "मैं शादीशुदा हूं, जशोदा मेरी पत्नी है" -



अहमदाबाद। एक बड़े ही आश्चर्यजनक मामले में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार अपनी पत्नी का नाम सार्वजनिक किया है। वडोदरा लोकसभा सीट से भरे गए नामांकन में 63 वर्षीय मोदी ने इस बात का उल्लेख किया है कि उनकी पत्नी का नाम जशोदा बेन है। हालांकि, पत्नी की संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
Modi admits he is married, `Jashodaben is my wife`
जशोदा बेन के साथ-साथ किसी का नाम आश्रित के रूप में शामिल नहीं है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय मोदी ने जीवन साथी के कॉलम को खाली छोड़ रखा था। इसी तरह वर्ष 2007 के नामांकन के समय भी यह कॉलम रिक्त रखा गया था, जबकि वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पत्नी के नाम का उल्लेख नहीं किया था। विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से मोदी के अपनी पत्नी के नाम का उल्लेख नहीं करने का आरोप लगाया जाता रहा है।
Modi admits he is married, `Jashodaben is my wife`

कौन है मोदी की पत्नी
62 वर्षीय जशोदाबेन रिटयार्ड स्कूल टीचर मोदी की पत्नी हैं। जशोदा की मोदी के साथ 17 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी और शादी के तीन साल बाद ही बिना कोई झगड़े के वे मोदी से अलग हो गई थी। लेकिन अभी राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। ज्यादा समय पूजा-पाठ में बिताने वाली जशोदा को अभी 14 हजार रूपए हर महीने पेंशन के रूप में मिलते हैं और अपना ज्यादा समय अपने भाई के साथ ही काटती है।

जशोदाबेन ने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया था कि हमारा आपस में कोई झगड़ा नहीं हुआ था। मैं ही अपनी मर्जी से उनसे अलग होकर अपने पिता के घर चली गई थी। जब मैं पढ़ाई छोड़कर उनके घर आई तो उन्होंने मुझे पढ़ाई जारी रखने के लिए कहा। शादी के बाद बातचीत की शुरूआत उन्होंने ही की थी। हम किसी कड़वाहट के साथ अलग नहीं हुए थे। तीन सालों में हम केवल तीन महीने ही साथ रहे थे। उन्होंने मुझसे कभी आरएसएस या राजनीति की ओर अपने झुकाव को लेकर बातचीत नहीं की। जब मोदी ने मुझसे कहा कि मैं पूरे देश में घूमूंगा और जहां मन करेगा जाऊंगा तो मैंने भी उनके साथ चलने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। ऎसे में मैंने भी ससुराल जाना बंद कर दिया और अपने पिता के घर वापस चली गई।

साथ ही जशोदाबेन ने कहा था कि उनमें और मोदी में अलग होने के बाद कोई संपर्क नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि अगर वे वापस बुलाए तो क्या करोगे तो जशोदाबेन ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि वे मुझे वापस बुलाएंगे। मैं उनसे मिलने कभी नहीं गई।


मोदी की संपत्ति
मोदी ने नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त अपनी संपत्ति की भी जानकारी दी। नरेद्र मोदी के पास कुल 1.5 करोड़ रूपए की संपत्ति है। इसमें 51.57 लाख रूपए की चल और 01 करोड़ रूपए की अचल संपत्ति हैं। अचल संपत्ति के रूप में उनके पास गांधीनगर में प्लॉट है। जिसकी कीमत एक करोड़ रूपएं आंकी गई है। इसके अलावा 29,700 रूपए नकद, 1,35 लाख रूपए की चार सोने की अंगूठी है। मोदी के पास अपना कोई भी वाहन नहीं है। नवंबर 2012 में विधानसभा के नामांकन के समय मोदी की कुल संपत्ति 1 करोड़ 33 लाख से ज्यादा बताई थी। इन 16 महीनों में यह 19 लाख रूपए बढ़ी है।

बुधवार, 9 अप्रैल 2014

बायतु में जसवंत सिंह के कार्यालय का शुभारम्भ

बायतु में जसवंत सिंह के कार्यालय का शुभारम्भ 


बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के बायतु विधानसभा क्षेत्र का कार्यालय का शुभारम्भ बायतु मुख्यालय पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष बलराम प्रजापत ने किया। इस अवसर पर पूनमाराम मेघवाल ,महावीर जीनगर ,पर्वत सिंह परेउ जीतू सेवक ,ओम प्रकाश मेवाड़ा ,नरपत मेघवाल ,मोहबताराम मेघवाल ,हेमाराम सांसी ,मदन हरिजन ,पांचाराम भील ,भंवर लाल सांसी ,निम्बाराम सहित सेकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

उद्घाटन के बाद सभा को सम्बोधित करते हुए बलराम प्रजापत ने कहा कि देश में हो रहे चुनाव निर्णायक चुनाव हें ,उन्होंने कहा कि बाड़मेर से हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतिक जसवंत सिंह चुनाव लड़ रहे हें। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान का मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग जसवंत सिंह ने हिंगलाज यात्रा के दौरान खुलवाकर दोनों देशो कि अवाम के लिए अमन और प्यार के रास्ते खोल दिए ,वर्षो से बिछड़े रिश्तो को फिर मिलाया ,उन्होंने कहा कि चुनाव जाती से नहीं लड़े जाते छतीस कौम को साथ लेकर चुनाव लड़ना होता हें। उन्होंने कहा कि आज जसवंत सिंह को छतीस कौम का समर्थन हासिल हें।