जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के ओल्ड कैम्पस में बुधवार को एक छात्र व छात्रा के बंद कमरे में होने की सूचना पर बवाल मच गया। पुलिस भी मौके पर पहुंची, हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे कमरे में छात्र छात्रा तो मिले, लेकिन वे केवल नोट्स आदान प्रदान करने वहां आए थे।
जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि दोनों ने कमरा अंदर से बंद कर रखा था और पुलिस ने दरवाजा खटखटाकर खुलवाया। विवि प्रशासन भी मामले को सामान्य बता कर रफा-दफा करने का प्रयास कर रहा है। इधर शिक्षा के मंदिर में इस प्रकार की घटना की कतिपय संगठनों ने निंदा की है।
घटना ओल्ड कैम्पस के स्थित जसवंत हॉल के उपाध्यक्ष कार्यालय की है। यहां दोपहर में एक छात्र और छात्रा कमरे में बंद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जब विवि चौकी पुलिस वहां पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था।
पुलिस के दरवाजे खटखटकाने के बाद कुछ देर बाद दरवाजा खुला जो एक लड़का व लड़की अंदर से निकले। अंदर बैडशीट बिछी हुई थी और उनके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पुलिसवाले दोनों छात्र-छात्रा को विवि चौकी पर लेकर गए और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इस मामले के बाद बात विवि कैम्पस में आग की तरह फैल गई।
कमरा बंद था- पुलिस
इस मामले में हंगामा बढ़ता देख विवि व पुलिस डैमेज कंट्रोल में लग गए। दोनों ऎसी घटना से इनकार कर रहे है और इस मामले को नोट्स के लेन-देन की बात कर सामान्य घटना बता रहे हैं। मौके पर गए एएसआई भगाराम चौधरी का कहना था कि कमरा बंद तो था, लेकिन अंदर से कुंदी नहीं लगी हुई थी। छात्रसंघ उपाध्यक्ष के कार्यालय में दोनों बैठे थे। दोनों छात्र-छात्रा किसी संदिग्ध हालत में नहीं मिले।
छात्रा नोट्स देने गई थी-विवि
इधर वाणिज्य संकाय के अधिष्ठाता प्रो. ललित गुप्ता का कहना है कि छात्रा छात्र को नोट्स देने आई थी। छात्र ओल्ड कैम्पस का है और छात्रा हाल ही में 12 वीं पासआउट है। पकड़ी गई छात्रा की बड़ी बहन इस छात्र की सीनियर है। छात्र ने अपने छोटे भाई के लिए नोट्स लेने के लिए छात्रा को ओल्ड कैम्पस में बुलाया था।
यही बात मौके पर गए एएसआई इधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि छात्र-छात्रा काफी देर से बंद कमरे में थे और पुलिस के आने के बाद ही कमरा खोला गया है। अब पुलिस और विवि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटे हैं।
एनएसयूआई ने की निंदा
इस घटना के बाद एनएसयूआई ने घटना की निंदा की है। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष कुश गहलोत ने बताया कि विवि को इस तरह की घटना रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। छात्राओं की सुरक्षा के लिए विवि को अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। -
जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि दोनों ने कमरा अंदर से बंद कर रखा था और पुलिस ने दरवाजा खटखटाकर खुलवाया। विवि प्रशासन भी मामले को सामान्य बता कर रफा-दफा करने का प्रयास कर रहा है। इधर शिक्षा के मंदिर में इस प्रकार की घटना की कतिपय संगठनों ने निंदा की है।
घटना ओल्ड कैम्पस के स्थित जसवंत हॉल के उपाध्यक्ष कार्यालय की है। यहां दोपहर में एक छात्र और छात्रा कमरे में बंद थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जब विवि चौकी पुलिस वहां पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था।
पुलिस के दरवाजे खटखटकाने के बाद कुछ देर बाद दरवाजा खुला जो एक लड़का व लड़की अंदर से निकले। अंदर बैडशीट बिछी हुई थी और उनके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पुलिसवाले दोनों छात्र-छात्रा को विवि चौकी पर लेकर गए और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। इस मामले के बाद बात विवि कैम्पस में आग की तरह फैल गई।
कमरा बंद था- पुलिस
इस मामले में हंगामा बढ़ता देख विवि व पुलिस डैमेज कंट्रोल में लग गए। दोनों ऎसी घटना से इनकार कर रहे है और इस मामले को नोट्स के लेन-देन की बात कर सामान्य घटना बता रहे हैं। मौके पर गए एएसआई भगाराम चौधरी का कहना था कि कमरा बंद तो था, लेकिन अंदर से कुंदी नहीं लगी हुई थी। छात्रसंघ उपाध्यक्ष के कार्यालय में दोनों बैठे थे। दोनों छात्र-छात्रा किसी संदिग्ध हालत में नहीं मिले।
छात्रा नोट्स देने गई थी-विवि
इधर वाणिज्य संकाय के अधिष्ठाता प्रो. ललित गुप्ता का कहना है कि छात्रा छात्र को नोट्स देने आई थी। छात्र ओल्ड कैम्पस का है और छात्रा हाल ही में 12 वीं पासआउट है। पकड़ी गई छात्रा की बड़ी बहन इस छात्र की सीनियर है। छात्र ने अपने छोटे भाई के लिए नोट्स लेने के लिए छात्रा को ओल्ड कैम्पस में बुलाया था।
यही बात मौके पर गए एएसआई इधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि छात्र-छात्रा काफी देर से बंद कमरे में थे और पुलिस के आने के बाद ही कमरा खोला गया है। अब पुलिस और विवि प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटे हैं।
एनएसयूआई ने की निंदा
इस घटना के बाद एनएसयूआई ने घटना की निंदा की है। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष कुश गहलोत ने बताया कि विवि को इस तरह की घटना रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। छात्राओं की सुरक्षा के लिए विवि को अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। -
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