घर से बेदखल के बाद विवाहिता के ससुराल पक्ष ने निकाह को भी नकारा
अछू के इस मामले की कार्यालय से पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद पीडिता ने न्यायलय में इस्तगासे के जरिये मामला दर्ज कराया
बाड़मेर विवाहिता को दहेज की मांग लेकर घर से बेदखल करने एवं राजस्व सम्बंधित मामलों पर राजीनामे के लिए परेशान कर दबाव बनाने के लिए पुलिस थाना शिव में आठ जातीय पंचों के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है। थानाधिकारी सुखराम विश्नोई ने बताया कि असू पुत्री मलूखां का विवाह करीब चार वर्ष पूर्व पीरू खां पुत्र वीदे खां निवासी देवका के साथ हुआ था। पीडिता के पति के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का फायदा उठाकर उसके ससुर वीदे खां एवं देवर खुदाबक्स ने पारिवारिक 77 बीघा में से 65 बीघा जमीन का बेचान वीदे खां के साले के लड़के सामीर खां के नाम करते हुए उसको ससुराल से निकाल दिया।
पैतृक सम्पति से बेदखल करने एवं दहेज की मांग के मामले विचाराधीन है। इधर,आरोपित पक्ष ने जातीय पंचों के दबाव डलवाना शुरू कर दिया। इस पर महिला ने ने वीदे खां पुत्र हाजी शकर, खुदा बक्स पुत्र वीदे खां, आदम खां पुत्र मगे खां, अली खां पुत्र अमरे खां, ईसाक खां पुत्र अमरे खां, कुर्बान अली पुत्र भेमा खां, भाई खान पुत्र इमाम खां एवं शामीर खां पुत्र आलम खां के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया। पूरा मामला इस प्रकार हें अच्छु पत्नी पीरे खां निवासी गांव राजडाल तहसील शिव बाड़मेर राजस्थान कि मेरी शादी मुस्लिम रितिरिवाज के अनुसार आज से 4 साल पहले मेरे गांव राजडाल पर पीरे खां के साथ हुई थी। मेरा पति जन्म से गुंगा बहरा व अर्द्धविकसित है। मेरी शादी मेरे व मेरे परिवार वालो पर अनाधिकृत रूप से दबाव बनाकर समाज के कुछ दबंग प्रवृती के पंचों पीरे खां के साथ करवायी थी जिसमें पंच भाईखान पुत्र श्री इमाम खान निवासी कोटड़ा कुरूबान अली पुत्र विभेखान व आदमखान पुत्र श्री मंगेखान, इशाक खान अमरे खान आदि व्यक्तियों ने मेरी भविष्य की जिन्दगी के समस्त सुख दुख की भागीदारी निभाने का वचन देकर व मेहर के रूप में एक लाख रूप्ये व मेरे ससुर की आधी जमीन मेरे को दान में देने की घोषणा की थी। दो साल तक मेरा व्यवाहिक जीवन सही चला इस दौरान मेरे एक मात्र देवर की सगाई इनमें से पंच भाई खान की पोती के साथ कर दी गयी उस दिन से भाई खान, कुरूबान अली, अदम खान, इशाक खान, एवं इनके परिवार से 77 बीघा में से 65 बीघा मेरे मामा ससुर के लड़के शामीर पुत्र श्री आलम तथा उनके परिवार वाले जिनके बारे में मैं उनको जानती नहीं हॅू वह भी इस प्रकरण में शामिल है। .तथा मुझे व मेरे पुत्र व मेरे अपाहिज पति पीरूखां को जमीन व ससुराल पक्ष की सम्पति से बेदखल कर दिया गया। उपरोक्त प्रकरण के बारे में जब मुझे मालूम हुआ तो मैनें मेरे ससुराल वालो से ऐसा नहीं करने के लिये यह कहा तब उन्होनें मुझे मारपीट कर घर से बाहर निकल जाने हेतु मजबूर कर दिया तब में अपने पीहर गयी व पीहर पक्ष के लोगों को व गांव के मुजहिज लोगों को इस हेतु ससुराल वालो को समझाने हेतु भेजा लेकिन उपरोक्त पंचों के दबाव में उन्होनें मुझे अपनी पुत्रवधू व मेरे लड़के को अपना पौत्र भी मानने से मना कर दिया व हमारी शादी को भी नकार दिया। .उपरोक्त विषय में मैनें पुलिस व जिला प्रशासन से शिकायत की तब पुलिस ने जांच कर प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना शिव में दर्ज करायी जिसकी रिपोर्ट संख्या 73/2012 अंकित है जो इस प्रार्थना पत्र के साथ सलंग्न की जा रही है। पुलिस जांच मे उनको दोषी माना व करीब 23 गवाहान ग्राम पंचायत व ग्रामीणों के दर्ज कराये गये व मेरे सासु ससुर, देवर ने पुलिस थाना में यह बयान दिया कि अच्छू हमारी पुत्रवधू है तब पुलिस ने इनका चालान दर्ज किया जो न्यायालय मे विचाराधीन चल रहा है। .बाड़मेर जिलाधीश महोदया गा्रमीण रात्रि चौपाल में जब हमारे गांव पधारी तब हमारे गांव के 200250 आदमी व औरतों ने व मैनें मिलकर मेरे खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने व अत्याचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया तब जिलाधीश महोदय ने तहसीलदार शिव व दो अन्य अधिकारीयों को उक्त प्रकरण के सारी जांच के आदेश दिये जो अधिकारीयों द्वारा जांच कर मुझे व मेरे बच्चे व मेरे पति को सही माना व मेरी शादी को भी वैध माना जिसकी रिपोर्ट इस प्रार्थना पत्र के साथ सलंग्न कर रही हॅू। .मैं महिला सलाह व सुरक्षा केन्द्र बाड़मेर में भी गयी व वहा जाकर मेरे ससुराल व पंचो को समझाईश हेतु कहा लेकिन महिला सुरक्षा केन्द्र द्वारा समझाईश किये जाने पर भी वह नहीं माने महिला सलाह सुरक्षा अधिकारी हमारे गांव भी पधारी व मेरी रिपोर्ट को उसमें सही माना व पंचों को मेरे साथ ऐसा अत्याचार नहीं करने हेतु समझाईश की लेकिन वह नहीं माने व मुझे प्रताड़ित करते रहते है।
पैतृक सम्पति से बेदखल करने एवं दहेज की मांग के मामले विचाराधीन है। इधर,आरोपित पक्ष ने जातीय पंचों के दबाव डलवाना शुरू कर दिया। इस पर महिला ने ने वीदे खां पुत्र हाजी शकर, खुदा बक्स पुत्र वीदे खां, आदम खां पुत्र मगे खां, अली खां पुत्र अमरे खां, ईसाक खां पुत्र अमरे खां, कुर्बान अली पुत्र भेमा खां, भाई खान पुत्र इमाम खां एवं शामीर खां पुत्र आलम खां के विरूद्ध मामला दर्ज करवाया। पूरा मामला इस प्रकार हें अच्छु पत्नी पीरे खां निवासी गांव राजडाल तहसील शिव बाड़मेर राजस्थान कि मेरी शादी मुस्लिम रितिरिवाज के अनुसार आज से 4 साल पहले मेरे गांव राजडाल पर पीरे खां के साथ हुई थी। मेरा पति जन्म से गुंगा बहरा व अर्द्धविकसित है। मेरी शादी मेरे व मेरे परिवार वालो पर अनाधिकृत रूप से दबाव बनाकर समाज के कुछ दबंग प्रवृती के पंचों पीरे खां के साथ करवायी थी जिसमें पंच भाईखान पुत्र श्री इमाम खान निवासी कोटड़ा कुरूबान अली पुत्र विभेखान व आदमखान पुत्र श्री मंगेखान, इशाक खान अमरे खान आदि व्यक्तियों ने मेरी भविष्य की जिन्दगी के समस्त सुख दुख की भागीदारी निभाने का वचन देकर व मेहर के रूप में एक लाख रूप्ये व मेरे ससुर की आधी जमीन मेरे को दान में देने की घोषणा की थी। दो साल तक मेरा व्यवाहिक जीवन सही चला इस दौरान मेरे एक मात्र देवर की सगाई इनमें से पंच भाई खान की पोती के साथ कर दी गयी उस दिन से भाई खान, कुरूबान अली, अदम खान, इशाक खान, एवं इनके परिवार से 77 बीघा में से 65 बीघा मेरे मामा ससुर के लड़के शामीर पुत्र श्री आलम तथा उनके परिवार वाले जिनके बारे में मैं उनको जानती नहीं हॅू वह भी इस प्रकरण में शामिल है। .तथा मुझे व मेरे पुत्र व मेरे अपाहिज पति पीरूखां को जमीन व ससुराल पक्ष की सम्पति से बेदखल कर दिया गया। उपरोक्त प्रकरण के बारे में जब मुझे मालूम हुआ तो मैनें मेरे ससुराल वालो से ऐसा नहीं करने के लिये यह कहा तब उन्होनें मुझे मारपीट कर घर से बाहर निकल जाने हेतु मजबूर कर दिया तब में अपने पीहर गयी व पीहर पक्ष के लोगों को व गांव के मुजहिज लोगों को इस हेतु ससुराल वालो को समझाने हेतु भेजा लेकिन उपरोक्त पंचों के दबाव में उन्होनें मुझे अपनी पुत्रवधू व मेरे लड़के को अपना पौत्र भी मानने से मना कर दिया व हमारी शादी को भी नकार दिया। .उपरोक्त विषय में मैनें पुलिस व जिला प्रशासन से शिकायत की तब पुलिस ने जांच कर प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना शिव में दर्ज करायी जिसकी रिपोर्ट संख्या 73/2012 अंकित है जो इस प्रार्थना पत्र के साथ सलंग्न की जा रही है। पुलिस जांच मे उनको दोषी माना व करीब 23 गवाहान ग्राम पंचायत व ग्रामीणों के दर्ज कराये गये व मेरे सासु ससुर, देवर ने पुलिस थाना में यह बयान दिया कि अच्छू हमारी पुत्रवधू है तब पुलिस ने इनका चालान दर्ज किया जो न्यायालय मे विचाराधीन चल रहा है। .बाड़मेर जिलाधीश महोदया गा्रमीण रात्रि चौपाल में जब हमारे गांव पधारी तब हमारे गांव के 200250 आदमी व औरतों ने व मैनें मिलकर मेरे खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने व अत्याचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया तब जिलाधीश महोदय ने तहसीलदार शिव व दो अन्य अधिकारीयों को उक्त प्रकरण के सारी जांच के आदेश दिये जो अधिकारीयों द्वारा जांच कर मुझे व मेरे बच्चे व मेरे पति को सही माना व मेरी शादी को भी वैध माना जिसकी रिपोर्ट इस प्रार्थना पत्र के साथ सलंग्न कर रही हॅू। .मैं महिला सलाह व सुरक्षा केन्द्र बाड़मेर में भी गयी व वहा जाकर मेरे ससुराल व पंचो को समझाईश हेतु कहा लेकिन महिला सुरक्षा केन्द्र द्वारा समझाईश किये जाने पर भी वह नहीं माने महिला सलाह सुरक्षा अधिकारी हमारे गांव भी पधारी व मेरी रिपोर्ट को उसमें सही माना व पंचों को मेरे साथ ऐसा अत्याचार नहीं करने हेतु समझाईश की लेकिन वह नहीं माने व मुझे प्रताड़ित करते रहते है।
.इस तरह सारी जांच रिपोर्ट मेरे पक्ष में है क्योंकि सत्यता भी सही है कि मेरी शादी पीरू खां पुत्र श्री विदे खां के साथ मुस्लिम रिति रिवाज के अनुसार ही हुई है तथा पीरू खां की मैं विधिवत पत्नी हॅू।
.लेकिन इन पंचो ने मेरी जिन्दगी बरबाद करने के आशय से मेरे को, मेरे पति को व मेरे बच्चे को जमीन व संपति से बेदखल कर इन पंचों ने दरदर कि ठौकरे खाकर भूखे मरने को मजबूर कर दिया है मेरी जमीन व मुझे बेदखल करने से भूखमरी के कगार पर खड़ी हॅू। तथा जिन पंचों ने मुझे इस स्थिति तक पहुंचाया यह लोग मेरे बीपीएल राशन कार्ड व अन्य राजकीय सहायता हेतु किये गये प्रयासों में भी कई तरह से अड़चने पैदा कर मुझे प्रताड़ित करते रहते हैं।
.इस तरह से मुझे शादीशुदा होते हुये भी पंचों द्वारा प्रताड़ित कर षडयंत्र पूर्वक जमीन जायदाद से बेदखल कर ससुराल से निकाल दिया व अन्य कई तरीको से मुझे परेशान करते रहते है।
.इस तरह से अब जातिय पंच मुझे मेरे लड़के को जान से मार देने और मुझे खुद मर जाने हेतु तरहतरह से धमकीय देकर परेशान किया जा रहा है।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि इन पंचों के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर मेरी मदद कर कठोर कार्यवाही कराने में मेरी मदद करावे प्रशासन द्वारा सहायता प्रदान करावें जिससे मुझ अबला को न्याय मिल सके।अछू के इस मामले की कार्यालय से पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद पीडिता ने न्यायलय में इस्तगासे के जरिये मामला दर्ज कराया
.लेकिन इन पंचो ने मेरी जिन्दगी बरबाद करने के आशय से मेरे को, मेरे पति को व मेरे बच्चे को जमीन व संपति से बेदखल कर इन पंचों ने दरदर कि ठौकरे खाकर भूखे मरने को मजबूर कर दिया है मेरी जमीन व मुझे बेदखल करने से भूखमरी के कगार पर खड़ी हॅू। तथा जिन पंचों ने मुझे इस स्थिति तक पहुंचाया यह लोग मेरे बीपीएल राशन कार्ड व अन्य राजकीय सहायता हेतु किये गये प्रयासों में भी कई तरह से अड़चने पैदा कर मुझे प्रताड़ित करते रहते हैं।
.इस तरह से मुझे शादीशुदा होते हुये भी पंचों द्वारा प्रताड़ित कर षडयंत्र पूर्वक जमीन जायदाद से बेदखल कर ससुराल से निकाल दिया व अन्य कई तरीको से मुझे परेशान करते रहते है।
.इस तरह से अब जातिय पंच मुझे मेरे लड़के को जान से मार देने और मुझे खुद मर जाने हेतु तरहतरह से धमकीय देकर परेशान किया जा रहा है।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि इन पंचों के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर मेरी मदद कर कठोर कार्यवाही कराने में मेरी मदद करावे प्रशासन द्वारा सहायता प्रदान करावें जिससे मुझ अबला को न्याय मिल सके।अछू के इस मामले की कार्यालय से पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद पीडिता ने न्यायलय में इस्तगासे के जरिये मामला दर्ज कराया