शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

नागौर में पहली सभा, हंगामा-लाठीचार्ज बेनीवाल समर्थकों ने काले झंडे दिखाए

  मूंडवा की तेजास्थली


नागौर में पहली सभा, हंगामा-लाठीचार्ज बेनीवाल समर्थकों ने काले झंडे दिखाए 





नागौर  पद संभालने के तीन घंटे बाद वसुंधरा मूंडवा में तेजास्थली पहुंचीं। यहां सभा के दौरान खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के समर्थकों ने विरोध किया। काले झंडे दिखाए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा तो पत्थर फेंके। आधा दर्जन वाहनों में तोड़-फोड़ की गई। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। बाद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वसुंधरा समर्थकों ने कांग्रेस के इशारे पर हंगामा किए जाने का आरोप लगाया।

उधर, लाठीचार्ज के विरोध में शाम को बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। देर शाम बेनीवाल समर्थक दो सरपंचों सहित २७ लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया। दो लोगों को हिरासत में लिया गया।

 
37 मिनट भाषण, राजे ने कहा- कोई कितना ही रोके, मैं थमने वाली नहीं 

हंगामे के बावजूद वसुंधरा राजे ने 37 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने कहा-मेरी तरक्की कुछ लोगों को रास नहीं आ रही। कोई कितना ही रास्ता रोके, हमारी रफ्तार रुकने वाली नहीं। मैं आपकी चुनरी की लाज रखूंगी। यह चुनरी प्रदेश की जनता के चरणों में है। इसकी लाज हमारे भाइयों को भी रखनी है। वसुंधरा ने शायरी करते हुए कहा-बिजली चमकती है तो आकाश बदल देती है। आंधी उठती है तो दिन-रात बदल देती है। जब नारी गरजती है तो इतिहास बदल देती है। इससे पहले वीर तेजा संस्थान के अध्यक्ष सीआर चौधरी व भाजपा नेताओं ने 51 किलो की फूल माला पहनाकर व चुनरी ओढ़ाकर वसुंधरा का स्वागत किया। लौटते समय वसुंधरा ने सभा स्थल के ऊपर हेलिकॉप्टर के तीन चक्कर लगवाए और जनता का अभिवादन किया।

यह तो शुरुआत है : बेनीवाल

बेनीवाल ने कहा कि यह तो विरोध की शुरुआत है। विरोध करने वाले आम लोग हैं। नागौर की जनता वसुंधरा के पिछले शासनकाल को भूली नहीं है। शांतिपूर्वक विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया। मैं जनता के विरोध के साथ हूं।

विरोध क्यों?

बेनीवाल खींवसर से भाजपा के विधायक थे। दारिया मामले में भाजपा नेताओं पर टिप्पणी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। राजे समर्थक कई स्थानीय नेता खींवसर से टिकट की कतार में हैं। वसुंधरा का यह कार्यक्रम जाट वोटरों से जोड़कर देखा जा रहा है। बेनीवाल के विरोध को इसकी काट माना जा रहा है।

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