राजस्थान में रोजगार के 80 लाख नए अवसर!
जयपुर। देश के प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने बुधवार को कहा है कि जैविक खेती के काम को राजस्थान में आगे बढ़ाया जाए तो यहां अगले पांच वर्ष में 80 लाख से अधिक लागों के लिए रोजी रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
इस उद्योग मंडल द्वारा तैयार एक रपट के अनुसार राजस्थान में "आर्गैनिक" खेती को प्रोत्साहित करने से केवल खेती के काम में ही 65 लाख से भी अधिक लोगों के लिए काम के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा यदि जैविक उत्पादों के भंडारण,प्रसंस्करण,मूल्यवर्धन,पैकेजिंग और विपणन के काम को भी शामिल कर लें तो करीब 15 लाख रोजगार के अवसर और जोड़े जा सकते हैं।
"आर्गैनिक राजस्थान: अन टैप्ड पोटेंशियल फोर ग्रोथ" शीर्षक इस रपट के अनुसार जैविक खेती में सामान्य खेती की तुलना मे 30 प्रतिशत अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। यह रिर्पोट बुधवार को जयपुर में एसोसिएटेड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया(एसोचैम) के पूर्व अध्यक्ष अनिल के अग्रवाल,एसोचैम की राजस्थान कौंसिल की अध्यक्ष दिया कुमारी और एसोचैम के महा सचिव डीएस रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन में जारी किया।
एसोचैम के इस अध्ययन के अनुसार प्रदेश में जैविक खेती के प्रोत्साहन से रोजगार के अवसरों में वृद्धि के साथ साथ इसी अवधि में 47,000 करोड़ रूपए की संपत्ति हो सकती है और यहां से 600 करोड़ रूपए का निर्यात किया जा सकता है। इस अध्ययन रपट में इस बात को प्रमुखता से कहा गया है," आगैनिक खेती को अपनाने से प्रदेश में अगले पांच वर्ष में एक किसान की प्रति व्यक्ति आय 250 प्रतिशत के भारी उछाल के साथ 15,000 रूपए तक पहुंच सकती है जो इस समय मात्र 6,000 रूपए है। रपट में कहा गया है,"इससे राजस्थान से लोगों का दूसरे राज्यों में पलायन भी रूकेगा।"
जयपुर। देश के प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने बुधवार को कहा है कि जैविक खेती के काम को राजस्थान में आगे बढ़ाया जाए तो यहां अगले पांच वर्ष में 80 लाख से अधिक लागों के लिए रोजी रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
इस उद्योग मंडल द्वारा तैयार एक रपट के अनुसार राजस्थान में "आर्गैनिक" खेती को प्रोत्साहित करने से केवल खेती के काम में ही 65 लाख से भी अधिक लोगों के लिए काम के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा यदि जैविक उत्पादों के भंडारण,प्रसंस्करण,मूल्यवर्धन,पैकेजिंग और विपणन के काम को भी शामिल कर लें तो करीब 15 लाख रोजगार के अवसर और जोड़े जा सकते हैं।
"आर्गैनिक राजस्थान: अन टैप्ड पोटेंशियल फोर ग्रोथ" शीर्षक इस रपट के अनुसार जैविक खेती में सामान्य खेती की तुलना मे 30 प्रतिशत अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। यह रिर्पोट बुधवार को जयपुर में एसोसिएटेड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया(एसोचैम) के पूर्व अध्यक्ष अनिल के अग्रवाल,एसोचैम की राजस्थान कौंसिल की अध्यक्ष दिया कुमारी और एसोचैम के महा सचिव डीएस रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन में जारी किया।
एसोचैम के इस अध्ययन के अनुसार प्रदेश में जैविक खेती के प्रोत्साहन से रोजगार के अवसरों में वृद्धि के साथ साथ इसी अवधि में 47,000 करोड़ रूपए की संपत्ति हो सकती है और यहां से 600 करोड़ रूपए का निर्यात किया जा सकता है। इस अध्ययन रपट में इस बात को प्रमुखता से कहा गया है," आगैनिक खेती को अपनाने से प्रदेश में अगले पांच वर्ष में एक किसान की प्रति व्यक्ति आय 250 प्रतिशत के भारी उछाल के साथ 15,000 रूपए तक पहुंच सकती है जो इस समय मात्र 6,000 रूपए है। रपट में कहा गया है,"इससे राजस्थान से लोगों का दूसरे राज्यों में पलायन भी रूकेगा।"