रविवार, 1 जुलाई 2012

सत्यमेव जयते: कभी पक्के शराबी थे जावेद अख्तर

 
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर 26-27 साल तक घनघोर शराबी रहे। उन्होंने बताया कि 19 साल की उम्र में ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने शराब पीनी शुरू कर दी थी। धीरे-धीरे लत लगती चली गई। आखिरी 11-12 सालों में तो वह रोज एक बोतल शराब पीते रहे।
उन्होंने कहा कि शराब पीने के बाद आदमी के तीन रूप हो जाते हैं। या तो वह घिनौने होते हैं या गधे या दोयम। गधा इसलिए होता है क्योंकि एक ही बात को बार-बार रिपीट करता है। शराब की टेंडेंसी यह होती है कि पीने वाला धीरे-धीरे अपने डोज बढाता चला जाता है।
जावेद ने कहा कि उनको लोग इंटेलीजेंट कहते हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया 'अगर मैं वाकई इंटेलीजेंट हूं तो 27 साल लगे क्यूं समझने में कि शराब इतनी बुरी चीज है। मैंने जिंदगी की सारी गलतियां शराब पीने के बाद ही की। 21 साल पहले मैं शराब छोड़ चुका हूं। लोगों को सलाह दूंगा कि शराब न पीएं।'

आमिर खान आज शो में शराब पीने की लत और उससे होने वाली बर्बादी पर चर्चा कर रहे है। इसमें सबसे पहले उन्होंने तहलका से जुड़े फेमस पत्रकार विजय सिम्हा से बात की। वह एक जमाने में बहुत बड़े शराबी रहे।
कॉलेज में दाखिल होने के बाद विजय शराबी हो चुके थे। पत्रकारिता की पढ़ाई करने के दौरान लगी शराब की लत बढती गई। दिल्ली में नौकरी लगने के बाद वह और ज्यादा पीने लगे। उन्होंने बताया कि वह जितनी बड़ी स्टोरी लिखते थे, उतनी ज्यादा पीते थे। एक बार मां-बाप उनके पास आए तो उनको उन्होंने घर से निकाल दिया। पत्रकारिता की नौकरी भी छूट गई।
उसके बाद वह दोस्तों, रिश्तेदारों और यहां तक कि घर में काम करने वाली बाई तक से पैसे उधार मांगने लगे। मां-बाप के पास गए तो उन्होंने उनको नहीं अपनाया।
विजय घर से बेघर हो गए। नौ महीने तक वह नई दिल्ली की सड़कों पर, रेलवे स्टेशन पर जीते रहे और भटकते रहे। इसके बाद नशा मुक्ति केंद्र में उनको ले जाया गया। वहां से वह भागने की सोच रहे थे।
जब वह वहां से भाग रहे थे तो एक बूढे सज्जन ने उनको भागने से रोका।

विजय ने कहा, 'वहां पांचवें दिन वही बूढे सज्जन हम सबको शराब से होने वाली बर्बादी के बारे में हम सबको बता रहे थे। मेरे अंदर जो दर्द था वह वही कह रहे थे। मेरा दर्द कोई समझ रहा था। मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने कहा, 'मैं तो नशे की बीमारी के बारे में बता रहा था।''
विजय ने बताया कि उस पल से उन्होंने कभी मुड़के नहीं देखा। शराबी अगर फिर से जिंदगी में आना चाहे तो सबसे पहले उनको जिंदगी में किए भूलों को सुधारना चाहिए । 'हर इंसान से मैंने माफी मांगी जिनके दिल को मैंने ठेस पहुंचाया था। जब मैंने पहली बार अपने मां-बाप को घर से निकाला था उसके दो हफ्ते बाद मेरे पापा ने मुझे पत्र में लिखा- तुम्हारे जैसा बेटा होना श्राप है। एक महीने बाद उनका देहांत हुआ। मां अभी भी मुझसे अलग रहती हैं। उन्होंने मुझे आज तक माफ नहीं किया है।'

सरबजीत के लिए सलमान ने शुरू किया ऑनलाइन अभियान

अमृतसर. सरबजीत की रिहाई के लिए आगे आए सिने स्टार सलमान खान ने शनिवार को लाहौर हाईकोर्ट में ऑनलाइन रिट दायर की है। इसके साथ देशभर के लोगों की ओर से किए गए हस्ताक्षर की कॉपी भी पाकिस्तान को भेज दी गई है। उसकी रिहाई को लेकर लोगों में इस कदर उत्साह दिखा कि मात्र दो घंटे में सात हजार लोगों ने हस्ताक्षर कर दिए। 
फिरोजपुर में रहने वाले सुरजीत सिंह की रिहाई के दौरान उपजे भ्रम के बाद सुरजीत सिंह तो आ गया, मगर सरबजीत सरहद पार ही रह गया। खैर, इसके बाद देशभर में उसकी रिहाई को लेकर उबाल आ गया। इसी के तहत शुक्रवार को सलमान खान ने पाकिस्तान से खुदा का वास्ता देकर रिहाई की अपील की थी। फिलहाल शनिवार को उन्होंने ऑनलाइन रिट की, जिसमें लोगों के हस्ताक्षर भी भेजे गए हैं। शूटिंग में व्यस्त होने के कारण सलमान से संपर्क नहीं हो सका, मगर उनके पिता सलीम खान ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि सरबजीत का मामला सियासी नहीं, बल्कि इंसानी है।

उसकी रिहाई के लिए भारत ही नहीं अपितु सारी दुनिया के लोगों को खड़ा होना होगा। सलीम का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह भी पाकिस्तान जाएंगे और पाक हुक्मरानों से उसकी रिहाई की अपील करेंगे। सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने बताया कि पहले महेश भट्ट, फिर रजा मुराद और अब सलमान खान तथा उनके पिता ने इस तरफ कदम बढ़ा कर उनके परिवार को संबल दिया है। वह कहती हैं कि पाकिस्तान से अवाम के फोन आ रहे हैं और लोग सलमान के साथ खड़े होने को तैयार हैं।

पापा घर आएं तो पूरी हो जाए जिंदगी की सबसे बड़ी मुराद

‘आंखों में आंसू, स्याह सफर, रोशनी लेके निकले तुम्हारे लिए, दिल धड़कता रहा, सांसें चलती रहीं, तुम्हारे लिए, तुम्हारे लिए’ आंखों में आंसू का सैलाब लिए, अंधेरे रास्ते पर हाथ में मोमबत्तियों की रोशनी लेकर चल रही सुखप्रीत कौर को देख कर ऐसा ही लग रहा था। जैसे उसका दिल पति सरबजीत के लिए ही धड़क रहा है और सांसें चीख-चीख कर उसे घर लौट आने को सदाएं दे रही हों।

अखिल भारतीय ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन की तरफ से शनिवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में उसकी बेटी पूनम जो पिता के जाने के समय मात्र 23 दिन की थी, भी शामिल हुई। मालवीय रोड स्थित अबहरो के आफिस से संस्था के सेक्रेटरी जनरल हवा सिंह तंवर के नेतृत्व में निकाले गए इस मार्च में शहर के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।

इनके हाथों में थमीं सरबजीत की रिहाई की तख्तियां यह बताने के लिए काफी थीं कि सरबजीत निदरेष है और पाकिस्तान इंसानियत के नाते उसे रिहा कर दे। सुखप्रीत ने अश्रुपूरित नेत्रों से मार्च में शामिल लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब तो जिंदगी की आखिरी उम्मीद यही है कि वह जल्द से जल्द सही-सलामत घर आ जाएं। बेटी पूनम का कहना है कि पापा घर आ जाएं तो जिंदगी के सबसे बड़ी मुराद मिल जाएगी। उक्त दोनों ने कहा कि अब उम्मीद हो गई है कि वह एक दिन जरूर लौट कर आएंगे। इस मौके पर दलजीत सिंह धुप्पड़, राजकुमार खोसला, कुलदीप सिंह, कुलवंत सिंह मठारू, अवन कुमार पराशर, सुदर्शन भनोट, ज्योति ठाकुर, रमिंदर कौर, सरोज शर्मा, संदीप कालिया, मेहताब शर्मा, रुपिंदर कौर, विजय कुमार आदि मौजूद थे।

धर्म के नाम पर कुछ यूं खेला जाता रहा है 'सेक्स' का खेल!


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धर्म के नाम पर औरतों के यौन शोषण का इतिहास काफी पुराना है। हिंदू धर्म के तहत जहां मंदिरों में देवदासी प्रथा का प्रचलन हुआ, वहीं बेबीलोन के मंदिरों में भी देवदासियां रहा करती थीं। ईसाई धर्म के तहत चर्च और कॉन्वेन्ट्स में नन रहने लगीं जो चिरकुमारियां कही जाती हैं। जैन धर्म में संतों के साथ साध्वियां भी होती हैं।

महात्मा बुद्ध मठों में औरतों को शामिल करने के विरुद्ध थे। उनका मत था कि औरतों की मौजूदगी में व्यक्ति काम वासना के आकर्षण से बच नहीं सकता, पर उनके महाप्रयाण के बाद मठों के द्वार औरतों के लिए खुल गए। बौद्ध धर्म की एक शाखा पूरी तरह तंत्र पर आधारित हो गई और तंत्र क्रिया में औरतों की देह का इस्तेमाल 'मोक्ष' यानी निर्वाण पाने के नाम पर किया जाने लगा। सभी धर्मों में कमोबेश ऐसी ही बातें जुड़ी हुई हैं।भारत के कुछ क्षेत्रों में महिलाओं को धर्म और आस्था के नाम पर वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेला जाता है। सामाजिक-पारिवारिक दबाव के चलते ये महिलाएं इस धार्मिक कुरीति का हिस्सा बनने को मजबूर हैं। देवदासी प्रथा के अंतर्गत ऊंची जाति की महिलाएं मंदिर में खुद को समर्पित करके देवता की सेवा करती थीं। देवता को खुश करने के लिए मंदिरों में नाचती थीं।इस प्रथा में शामिल महिलाओं के साथ मंदिर के पुजारियों ने यह कहकर शारीरिक संबंध बनाने शुरू कर दिए कि इससे उनके और भगवान के बीच संपर्क स्थापित होता है। धीरे-धीरे यह उनका अधिकार बन गया, जिसको सामाजिक स्वीकार्यता भी मिल गई। उसके बाद राजाओं ने अपने महलों में देवदासियां रखने का चलन शुरू किया। मुगल काल में, जबकि राजाओं ने महसूस किया कि इतनी संख्या में देवदासियों का पालन-पोषण करना उनके वश में नहीं है, तो देवदासियां सार्वजनिक संपत्ति बन गईं।कर्नाटक के 10 और आंध्र प्रदेश के 14 जिलों में यह प्रथा अब भी बदस्तूर जारी है। देवदासी प्रथा को लेकर कई गैर-सरकारी संगठन अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। बताते चलें कि देवदासी हिन्दू धर्म में ऐसी स्त्रियों को कहते हैं, जिनका विवाह मन्दिर या अन्य किसी धार्मिक प्रतिष्ठान से कर दिया जाता है। समाज में उन्हें उच्च स्थान प्राप्त होता है और उनका काम मंदिरों की देखभाल तथा नृत्य तथा संगीत सीखना होता हैपरंपरागत रूप से वे ब्रह्मचारी होती हैं, पर अब उन्हे पुरुषों से संभोग का अधिकार भी रहता है। यह एक अनुचित और गलत सामाजिक प्रथा है। इसका प्रचलन दक्षिण भारत में प्रधान रूप से था। बीसवीं सदी में देवदासियों की स्थिति में कुछ परिवर्तन आया। पेरियार तथा अन्य नेताओं ने देवदासी प्रथा को समाप्त करने की कोशिश की। कुछ लोगों ने अंग्रेजों के इस विचार का विरोध किया कि देवदासियों की स्थिति वेश्याओं की तरह होती है।सदियों से चली आ रही परम्परा का अब ख़तम होना बहुत ही जरुरी है। देवदासी प्रथा हमारे इतिहास का और संस्कृति का एक पुराना और काला अध्याय है, जिसका आज के समय में कोई औचित्य नहीं है। इस प्रथा के खात्मे से कहीं ज्यादा उन बच्चियों के भविष्य की नींव का मजबूत होना बहुत आवश्यक है, जिनके ऊपर हमारे आने वाले भारत का भविष्य है। उनके जैसे परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरनी बहुत जरुरी है।इसी तरह कैथोलिक चर्चों में भी सेक्स के खुले खेल के खुलासे होते रहे हैं। कुछ दिन पहले ही एक पूर्व नन ने पादरियों के व्यभिचार के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि पादरी ननों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। जब वह गर्भवती हो जाती हैं तो बच्चों को गर्भ में ही मार देते हैं। नन सिस्टर मैरी चांडी अपनी आत्मकथा 'ननमा निरंजवले स्वस्ति' लिखा है कि, 'मैंने वायनाड गिरिजाघर में हासिल अनुभवों को सहेजने की कोशिश की है। चर्च के भीतर की जिंदगी आध्यात्मिकता के बजाय वासना से भरी थी। एक पादरी ने मेरे साथ बलात्कार की कोशिश की थी। मैंने उस पर स्टूल चलाकर इज्जत बचाई थी।' उनके मुताबिक चर्च में ननें सेक्सी किताबें पढ़ती है। इसी तरह से नन सिस्टर जेस्मी ने एक किताब लिखकर धार्मिक पाखंडों का खुलासा किया था। इस किताब का नाम 'आमेन: द आटोबायोग्राफी' था1982 में कर्नाटक सरकार ने और 1988 में आंध्र प्रदेश सरकार ने देवदासी प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन कर्नाटक के 10 और आंध्र प्रदेश के 15 जिलों में अब भी यह प्रथा कायम है। उड़ीसा में बताया गया कि केवल पुरी मंदिर में एक देवदासी है, लेकिन आंध्र प्रदेश ने 16,624 देवदासियों का आंकड़ा पेश किया। महाराष्ट्र सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी। जब महिला आयोग ने उनके लिए भत्ते का एलान किया, तब आयोग को 8793 आवेदन मिले, जिसमें से 2479 को भत्ता दिया गया। बाकी 6314 में पात्रता सही नहीं थी।

शनिवार, 30 जून 2012

उदयपुर में दोहरा हत्याकांड, गेस्ट हाउस मालिक और नौकर की हत्या


उदयपुर. हिरण मगरी थाना क्षेत्र में सुबह एक गेस्ट हाउस में दो लाशें मिलने से सनसनी फैल गई। दरअसल शुक्रवार सुबह सांवरिया गेस्ट हाउस के आसपास के इलाके में उठ रही भयंकर बदबू से परेशान लोगों ने पुलिस को फोन किया। लोगों का कहना था कि यह शव सडऩे जैसी बदबू है। जैसे ही पुलिस गेस्ट हाउस पहुंची तो वहां एक की बजाय दो लाशें थीं। पुलिस ने दोनों शव को मुर्दाघर रखवाया। 
एक शव गेस्ट हाउस के मालिक कॉलेज से रिटायर्ड प्रोफेसर आरसी आमेटा और दूसरा शव गेस्ट हाउस के कार्यरत नौकर धारियावद निवासी देवीलाल उर्फ देवा का है। शव की स्थिति और उनसे उठ रही बदबू से पुलिस अनुमान लगा रही है कि हत्या करीब तीन दिन पहले की गई थी। हत्या के कारणों का पुलिस पता लगा रही है।


अवैध संबंधों के कारण हुई हत्या


हालांकि पुलिस इस मामले में सभी पक्षों पर छानबीन कर रही है। पुलिस इस हत्याकांड को अवैधसंबंधसे भी जोड़कर देख रही है।

एक हत्या का मामला बदला दोहरे हत्याकांड में

गेस्टहाउस में पुलिस एक हत्या की सूचना पर आई थी। पुलिस ने सबसे पहले आकर छत पर पड़े नौकर के शव को देखा। इसके बाद पुलिस जब घर की छानबीन कर ही रही थी तो उसे गेस्ट हाउस के पीछे के कमरे का दरवाजा खुला दिखाई दिया। इसपर जैसे ही दरवाजा खोला, वहां से जोरदार बदबू उठ रही थी। कमरे के अंदर गेस्ट हाउस के मालिक का शव दिखाई दिया। इस तरह एक हत्या की सूचना, कुछ ही मिनटों में दोहरे हत्याकांड में बदल गई।

राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में बीएसएनएल की रोमिंग फ्री

जयपुर। बीएसएनएल ने राजस्थान और हरियाणा सीमा में 2 किलोमीटर के क्षेत्रों में फ्री रोमिंग की सेवा शुरु कर दी है। सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की यह लंबे समय से मांग रही है कि वह जब भी पड़ोसी क्षेत्रों में जाते है तो रोमिंग शुल्क लगता है। बीएसएनएल ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस सेवा की शुरुआत की है।
 

राजस्थान परिमंडल के महाप्रबंधक विपणन, संजय कुमार ने बताया कि इस सेवा के शुरु होने से सीमा क्षेत्र हरियाणा से लगते राजस्थान क्षेत्र के अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं, सीकर, श्रीगंगानगर, सीकर, चूरू जिले के कुछ गांव, हरियाणा रेवाड़ी, गुडगांव व हिसार की सीमा पर कस्बों में आने जाने पर 2 किलोमीटर तक रोमिंग शुल्क नहीं लगेगा। यानी की राजस्थान और हरियाणा के उपभोक्ताओं को इस सुविधा का फायदा होगा।

जैसलमेर में चार स्थायी वारंटी गिरफ्तार

जैसलमेर में चार स्थायी वारंटी गिरफ्तार

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने स्थाई वारंटियो के खिला चलाये जा रहे अभियान के तहत चार स्थाई वारंटियो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की हें .पुलिस अधीक्षक ममता राहुल विश्नोई ने बताया की महानिरीक्षक पुलिस, जोधपुर रेंज, जोधपुर के आदेशानुसार रेंज जोधपुर में फरार वारंटियों को पकडने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत पुलिस थाना जैसलमेर में वीरेन्द्र सिंह निपु थानाधिकारी मय हैड कानि0 रमेश कुमार कानि0 माधो सिंह, उगम सिंह, दिनेश कुमार, एवं जेठु सिंह द्वारा श्रीमान न्यायिक मजि0 प्रथम वर्ग जैसलमेर में लम्बित प्रकरण स0 731/09 स/ब श्रीराम ट्रांसपोर्ट/ अरूण सिंह में स्थायी वांरटी अरूण सिंह पुत्र मदन सिंह जाति राजपूत नि0 बडोडा गांव हाल होटल सोना मजदुर पाडा जैसलमेर को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह इसी अभियान के तहत पुलिस थाना जैसलमेर में दिनांक 30.06.12 को वीरेन्द्र सिंह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर मय कानि0 सवाई सिंह, गंगा सिंह, गणपत सिंह द्वारा गिरफ्तारी वारंटी धनश्याम पुत्र भगवाना राम जाति माली उम्र 32 साल नि0 अमर सागर जैसलमेर को गिरफतार किया गया तथा दूसरी तरफ पुलिस थाना जैसलमेर की ही टीम हैड कानि0 किशना राम मय कानि0 बस्ताराम द्वारा जीवण राम पुत्र पुरखा राम ओड नि0 बबर मगरा जैसलमेर, वासुदेव पुत्र मगना राम जाति हरीजन नि0 वाल्मिकी कोलोनी जैसलमेर को गिरफ्तार किया गया।जिनको पकडने के लिए न्यायालय में गिरफतारी वारंटी जारी किये गये थें।

दहेज़ में मांगा राजस्थानी भाषा के लिए ससुराल पक्ष से समर्थन

दहेज़ में मांगा राजस्थानी भाषा के लिए ससुराल पक्ष से समर्थन




बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में राजस्थानी भाषा आन्दोलन से जुड़े युवा दुल्हे ने दहेज़ में अपने ससुराल पक्ष से राजस्थानी भाषा के लिए समर्थन मांग अनुकरणीय उदाहरण पेश किया .अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के जोधपुर संभाग के उप पाटवी और जैसलमेर बाड़मेर के प्रभारी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की बाड़मेर जिले के राजस्थानी भाषा मोटियार परिषद् के जिला पाटवी रघुवीर सिंह सोढा का विवाह उनतीस जून को संपन हुआ .उनकी बारात सरहदी तामलोर गाँव से पाक सीमा से सटे सुन्दरा गाँव गयी .सोढा ने ससुराल पंहुंच दहेज़ के बदले राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए ससुराल पक्ष और भाई गिनायातो से समर्थन मांगा .सोढा की इस नेक पेश कास को देख ससुराल पक्ष ने तुरंत अपने समस्त रिश्तेदारों से राष्ट्रपति ,प्रधान मंत्री के नाम राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए पोस्त्चार्द लिखे .दुल्हे रघुवीर सिंह ने बताया की राजस्थानी भाषा जन जन में बसी हें ,राजस्थानी भाषा के बिना राजस्थानी गुणगा हें ,अब उसे संवेधानिक राजस्थानी जुबान की सख्त जरूरत हें ,ऐसे में उनका मकसद था की सरहद तक के लोग राजस्थानी भाषा के समर्थन में आगे आये .इस अवसर से बेहतर मौका उन्हें मिल नहीं सकता था .सरहद के अंतिम गाँवो तक राजस्थानी भाषा के आन्दोलन की जड़े ज़माने में उन्हें इस कदम से मदद मिलेगी .सोढा की इस मांग के बाद सुन्दरा गाँव से शनिवार को पांच सौ पोस्टकार्ड राजस्थानी को संवेधानिक मान्यता दिलाने के समर्थन में लिखे गए .बाड़मेर में राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए गत एक साल से चलाये जा रहे आन्दोलन में रघुवीर सिंह ने अहम् भूमिका निभाई हें

पति ने सुपारी देकर कराई पत्नी की हत्या

पति ने सुपारी देकर कराई पत्नी की हत्या
मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक लाख रूपए की सुपारी देकर अपनी पत्नी की हत्या कराए जाने का एक सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने पत्नी की हत्या के मामले में उसके पति और दो अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के अनुसार थाना अंबाह के थरा गांव की ऊषा तोमर (35) का कंकाल पुलिस ने गत 25 जून को सरायछोला थाना क्षेत्र के बाबा देवपुरी मंदिर के समीप चंबल के बीहडों से बरामद किया था। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि ऊषा तोमर का विवाह 20 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के पुरूषोतम धोकरे के साथ हुआ था। शादी के कुछ दिनों बाद ही पुरूषोतम और ऊषा में विवाद हो गया और पुरूषोतम ने ऊषा को छोड़ दिया था। पुरूषोतम ने एक अन्य युवती से विवाह कर लिया था। ऊषा ने बाद में न्यायालय की शरण ली और समझौते के लिए 25 जून का समय निर्धारित किया गया। इसमें पुरूषोतम को दो लाख रूपए ऊषा को देना थे।


इसी बीच पुरूषोतम ने अपनी पत्नी की हत्या के लिए ग्राम थरा के ही दो युवकों को एक लाख रूपए की सुपारी दे दी। दोनों युवक ऊषा को 19 जून को धौलपुर राजस्थान से यह झांसा देकर ले गए कि वह उसे ससुराल की जमीन में हिस्सा दिलवाएंगे। दोनों युवकों ने ऊषा की उसी दिन गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर 25 जून को ऊषा के कंकाल को बरामद कर लिया। सायबर सेल की मदद से पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी कमलेश को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है।

बीकानेर में हत्या के बाद विरोध-जाम

बीकानेर में हत्या के बाद विरोध-जाम

बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर शहर में एक युवक की हत्या के विरोध और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोग शनिवार को सड़कों पर उतर आए। शहर के भक्तों का चोराहा, शोभासर रोड और म्यूजियम सर्किल पर प्रदर्शनकारियों ने सुबह 8 बजे से जाम लगा दिया। इसके चलते शहरी क्षेत्र के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 और 15 पर भी यातायात करीब 5 घंटे बुरी तरह बाधित रहा। प्रदर्शनकारियों को विरोध-प्रदर्शन फिलहाल जारी है।

उल्लेखनीय है कि यहां पूगल रोड पर शुक्रवार शाम डाइट के सामने आपसी रंजिश में एक युवक की कुछ लोगों ने चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नाकाबंदी की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश चन्द्र जांगिड़ ने बताया कि मृतक शोभासर निवासी इस्माइल पुत्र मंगतू खां है। हत्या के आरोपी भी इसी गांव के तेजाराम, छैलू सिंह व दो अन्य है। शुरूआती जांच में सामने आया है कि गांव में एक महिला से छेड़छाड़ का इस्माइल ने विरोध किया था। इससे आरोपी रंजिश रखने लगे। तीन-चार दिन पहले भी इस बात को लेकर कहासुनी हुई थी।

शुक्रवार को इस्माइल बीकानेर आया था। शाम को वह ऑटो रिक्शा से गांव लौट रहा था। डाइट के पास एक गाड़ी ने ऑटो को ओवरटेक कर रोका। इस्माइल को आशंका हुई तो वह भागा और र्ईटों के ढेर के पीछे छिपने का प्रयास करने लगा। लेकिन चारों आरोपी उसके पास पहंुच गए और चाकुओं से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी।

फेसबुक मित्र से शादी करने वाली विधायक को भीड़ ने होटल में पीटा



अपने पहले पति को तलाक दिये बिना फेसबुक मित्र से शादी करने वाली कांग्रेसी विधायक रूमी नाथ को शुक्रवार रात भीड़ ने एक होटल में जमकर पीटा।
 

पुलिस ने शनिवार को घटना की पुष्टि की। असम के करीमगंज में भीड़ ने एक होटल में रूमी और उसके पति जकी जाकिर को निशाना बनाया।
करीमगंज के पुलिस अधीक्षक प्रदीप पुजारी ने शनिवार को कहा, 'रूमी नाथ और जकी जाकिर को 200 से अधिक लोगों की भीड़ ने उस होटल में निशाना बनाया जहां वो देर रात तक ठहरे थे।'



पुलिस सूत्रों के मुताबिक भीड़ रूमी और जाकिर की शादी के कारण गुस्से में थी। सूत्रों के मुताबिक गर्भवति रूमी और जाकिर को भीड़ ने पीट-पीटकर लहू लुहान कर दिया था। बाद में पुलिस ने उन्हें भीड़ के चंगुल से बचाया।



पुलिस के मुताबिक मेडिकल टेस्ट के बाद दोनों के गुवहाटी ले जाया जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले महीने रूमी नाथ ने अपने पहले पति से तलाक लिए बिना फेसबुक मित्र जकी जाकिर से शादी की घोषणा की थी। रूमी नाथ बाराक वैली इलाके की बाराखोला सीट से विधायक है। रूमी के पहले पति प्रकाश सिंह ने उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रूमी और प्रकाश की एक दो साल की बेटी है।

रूमी पहले भाजपा में थी और साल 2006 में पहली बार विधायक बनी थी। बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गईं और दूसरी बार चुनाव जीता।

आईपीएल में फिक्सिंगः बीसीसीआई ने खिलाड़ियों पर गिराई गाज



नई दिल्ली. आईपीएल में फिक्सिंग को लेकर एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद बीसीसीआई ने अब बेहद कड़ा फैसला लिया है। स्टिंग ऑपरेशन में दिखे खिलाड़ियों पर बीसीसीसीआई ने आजीवन से लेकर एक साल तक का प्रतिबंध लगाया है।
 
समाचार चैनल इंडिया टीवी ने स्टिंग ऑपरेशन कर पांच खिलाड़ियों को आईपीएल सीजन 5 में स्पॉट फिक्सिंग की बात करते हुए दिखाया था। बीसीसीआई ने फिक्सिंग की जांच की घोषणा की थी।


शनिवार को बीसीसीआई ने आोरपी खिलाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए टीपी सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। वहीं शलभ श्रीवास्तव पर पांच साल औरमोहनीश मिश्रा, अभिनव बाली और अमित यादव पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगाया गया है।


पूर्व क्रिकेटर और युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का कहना है कि पांचों खिलाड़ियों पर बीसीसीआई को आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए था। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि इस सजा से बाकी खिलाड़ी सबक लेंगे। अजहरउद्दीन पर प्रतिबंध लगा था लेकिन क्या फिक्सिंग रुक गई। यह सजा नाकाफी है। बोर्ड को और भी कड़ी सजा देनी चाहिए थी और कानूनी तौर पर भी इन खिलाड़ियों को सजा मिलनी चाहिए।

पति की फेसबुक प्रोफाइल पर अपने अश्लील फोटो देख चौंक गई पत्नी !

जयपुर। एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की ही अश्लील फोटो फेसबुक पर डाल दी। महिला ने जब खुद की फोटो फेसबुक पर देखी तो पति के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज कराया। पति पत्नी के बीच तलाक को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। 

पुलिस ने बताया कि आदर्श नगर में रहने वाली महिला ने मामला दर्ज कराया है कि उसकी शादी दिनेश अरोड़ा से हुई थी। शादी के बाद वैचारिक मतभेद होने के कारण उसने गत माह तलाक के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर कर रखा था। गत दिनों उसने पति दिनेश अरोड़ा की फेसबुक पर प्रोफाइल देखी तो उसकी अश्लील फोटो डली हुई थी। उसे संदेह है कि पति ने उसे बदनाम करने के लिए उसकी अश्लील फोटो फेसबुक पर अपलोड की है। महिला ने पति के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज कराया। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि महिला की फोटो कब और किस इंटरनेट कनेक्शन से डाली गई।

सड़क दुर्घटना में सी सु बल के जवान की मौत


सड़क दुर्घटना में सी सु बल के जवान की मौत 
बाड़मेर निहालसिंह पुत्र हरिप्रसादसिंह कोली हाल 107 बटालियन बी एस एफ केम्प मगरा बाड़मेर ने मुलजिम ट्रक नम्बर आर जे 04 जी 3193 के चालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्त. की कम्पनी के हैडकानि. सतीशकुमार के टक्कर मारना जिससे उसकी मृत्यू होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


दो गिरफतार स्थाई वारण्टी:
बाड़मेर जिले में पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के निर्देशानुसार स्थाई वारंटियो की धरपकड़ के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत दो वारंटियो को गिरफ्तार किया गया .पुलिस अधीक्षक ने बताया की स्थाई वारण्टी पीराराम पुत्र रायमलराम कोली नि. साता को पुलिस थाना बाखासर द्वारा गिरफतार किया गया। वहीं मफरूर किशोर उर्फ काछबाराम पुत्र सुजाराम भील नि. पनेला को पुलिस थाना कोतवाली द्वारा गिरफतार किया गया।

अवैध शराब बरामद 1 मुलजिम गिरफतार



अवैध शराब बरामद 1 मुलजिम गिरफतार 

बाड़मेर जिले में राहुल बारहट, पुलिस अधीक्षक जिला बाड़मेर के निर्देशानुसार शराब माफियो के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत सिनधरी थाना क्षेत्र में भरी मात्र में अवेध शराब बरामद कर एक जने को गिरफ्तार किया गया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की जिले में लोकल एवं स्पेशल एक्ट के तहत चलाये जा रहे अभियान के तहत कैलाशदान उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना सिणधरी मय पुलिस पार्टी द्वारा मुखबीर की ईतला पर सरहद कूकलों की ाणी मे मुलजिम रावताराम पुत्र खेताराम जाट नि. कूकलों की ाणी के कब्जा से अवैध व बिना परमीट के 11 कार्टून हरियाणा निर्मित केराज ड्राईजिन की 132 बोतल शराब बरामद कर पुलिस थाना सिणधरी पर मुकदमा दर्ज करने मे सफलता हासिल की।

देखिये लाइव विडियो बालोतरा जेल में होती हें कैदियों की शराब पार्टियाँ









देखिये लाइव विडियो बालोतरा जेल में होती हें कैदियों की शराब पार्टियाँ 

बाड़मेर जिले के बालोतरा उप खंड मुख्यालय पर स्थित एक मात्र जेल में केदियो की राते रंगीन हो रही हें .उन्हें इस जेल में वो सब मिलाता हें जो बाहर शायद इन्हें नसीब नहीं होता .बालोतरा जेल में बंद केदियो की एक विडियो क्लिप एक केडी द्वारा बहार भेजी गयी हें जिसको देख कर कैदियों की जेल में आराम तलब जिंदगी का पहलू साफ़ दिखाई देता हें वहीं जेल प्रशासन की मिलीभगत और लापरवाही झलकती हें .बालोतरा उप खंड मुख्यालय पर स्थित जेल में खतरनाक मुजरिम क्कैद में हें .इन कैदियों को जेल में मोबाईल .सिगरेट ,शराब ,एम टीवी चेनल सहित विदेशी फिल्मे देखने की पूरी छूट हें .मजे की बात हें की यह कैदी जेल में रोज जश्न मानते हें शराब की पार्टियों के दौर धड़ल्ले से चलते हें .आश्चर्यजनक पहलू हें की यह सब जेल प्रशन की देखरेख में खुले आम चलता हें इस विडियो को देखने के बाद आप अंदाजा नहीं लगा सकते हें की यह जेल का द्रश्य हें जन्हा सजा याप्ता मुजरिम हें ,इन कैदियों की मस्ती देख कर लगता हें यह लोग किसी रेस्टोरेंट या होटल में पार्टी मन रहे हें .आखिर इन कैदियों के पास मोबाईल ,सिगरेट ,बीयर ,शराब ,गुटखा .केसे पहुंचता हें .मजे की बात हें की इस जेल में नियमो के विरुद्ध केबल कनेक्सन हें जिसके जरिये इन कैदियों को देशी विदेशी फिल्मे देर्खाने की पूरी छोट हें .जेल प्रशासन इस बारे में अनभिज्ञता ज़ाहिर कर रहा हें .मगर यह कडवी सच्चाई बालोतरा जेल की हें .जो जनता के सामने आई हें .आखिर जेल प्रशासन क्या कर रहा हें यह भी तय हें की जेल प्रशासन की मिली भगत के बिना यह संभव नहीं .