शनिवार, 9 जून 2012

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
 

पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

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पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन

फ्रेंच ओपन : शारापोवा बनीं चैम्पियन
पेरिस। रूसी टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा ने वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है। शनिवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त शारापोवा ने 21वीं वरीयता प्राप्त इटली की सारा इरानी को 6-3, 6-2 से पराजित किया।

25 वर्षीय शारापोवा महिला एकल में करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने वाली दुनिया की 10वीं और रूस की पहली खिलाड़ी हैं। सर्वाधिक सात अमेरिकी, एक आस्ट्रेलियाई और एक जर्मन खिलाड़ी ने अब तक महिला एकल में यह उपलब्धि हासिल की है। इनमें जर्मनी की स्टेफी ग्राफ एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक भी जीता है। क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई थी और इस सतह पर अपनी तुलना "बर्फ पर गाय" से की थी लेकिन इस बार उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढालकर पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी जीता।

इस वर्ष क्लेकोर्ट पर उनका जीतहार का रिकार्ड 18-1 रहा है। वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऎसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए न सिर्फ अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया बल्कि करिअर ग्रैंड स्लेम पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि भी हासिल कर ली। शारापोवा और इरानी की यह पहली भिड़ंत थी जिसमें पलड़ा शारापोवा के पक्ष में भारी रहा। इससे पहले तीन ग्रैंड स्लेम अपने नाम रखने वाली शारापोवा दुनिया में सबसे ज्यादा आय रखने वाली महिला खिलाड़ी हैं।

शारापोवा 10वीं बार फ्रेंच ओपन में उतरी थी और अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन गत वर्ष सेमीफाइनल में पहुंचना था। शारापोवा से उम्र में मात्र 10 दिन और कद में 24 सेमी छोटी इरानी ने दो पूर्व चैंपियनों को टूर्नामेंट से बेदखल कर बेहद सनसनीखेज अंदाज में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला। 21वीं सीड इरानी के खिलाफ दूसरी वरीय शारापोवा ने बेहद आक्रामक शुरूआत की और इरानी को वापसी के बहुत कम मौके दिए। उनके छह शानदार एस और 37 विनर्स का इरानी के पास कोई जवाब नहीं था और दोनों ही सेटों में थोडे बहुत संघर्ष के बाद इतालवी खिलाडी की चुनौती दम तोड़ गई।

शारापोवा ने मात्र 36 मिनट चले पहले सेट में लगातार तीन गेम जीतकर 3-0 की बढ़त ली और फिर तीसरा ब्रेकप्वाइंट भुनाकर इस बढ़त को 4-0 कर लिया। इस स्वप्निल शुरूआत को रूसी खिलाड़ी ने बेजां जाने नहीं दिया और स्कोर अचानक 5-3 होने के बावजूद पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया। 53 मिनट चले दूसरे सेट में शारापोवा ने 2-0 की शानदार बढ़त के शुरूआत की और स्कोर 2-1 होने के बाद वापसी कर अपने स्कोर को 4-1 तक ले गई। इरानी ने जब काफी संघर्ष के बाद अपना दूसरा गेम जीता तो एक बार लगा कि बाजी पलट सकती है लेकिन अनुभवी शारापोवा ने 6-2 से सेट जीतकर इतिहास रच दिया।

बहू पर गलत नजर थी, बाप को मार डाला

बहू पर गलत नजर थी, बाप को मार डाला

अम्बाला। हरियाणा की नारायणगढ़ पुलिस ने दो साल पहले हुए अपहरण और हत्या के मामले को सुलझाने में सफलता हासिल करते हुए इस सिलसिले में मृतक के पुत्र और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। हत्या का कारण बेटे की पत्नी पर गलत निगाह रखना बताया जा रहा है।

एफआर की थी तैयारी

अम्बाला के पुलिस आयुक्त के.के. शर्मा ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने इस मामले में कोई सुराग हाथ न लगने के कारण 29 दिसम्बर 2011 को इस मामले को बंद करने की रिपोर्ट तैयार कर ली थी। उन्होंने कहा कि नारायणगढ़ के सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस मामले की फिर से जांच करने का बीड़ा उठाया और अंतत: यह खुलासा हुआ कि मोहिंदर की हत्या उसके पुत्र दलेर सिंह ने अपने मित्र सतवंत सिंह के साथ मिलकर की थी।

गला घेंट कर की हत्या
पूछताछ में दलेर ने बताया कि 18 मार्च 2010 की रात उसने पिता के खाने में नींद की गोलियां मिली दीं तथा सतबंत और अन्य ने बिजली की तार से मोहिंदर का गला घोंट कर हत्या कर दी और शव को गड्ढा खोद कर दबा दिया। पूछताछ में यह भी सामने आया कि दलेर ने पुलिस को परिवार के सदस्यों को धोखा देने के लिए नौ मार्च 2010 को अपने पिता के गुमशुदा होने की नारायणगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

मृतक के अवशेष बरामद
अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस ने गड्ढे से मृतक के अवशेष और एक ब्रीफकेस बरामद किया। पुलिस ने बिजली की तार भी बरामद कर ली है जिससे गला घोंटा गया था। आरोपी दलेर ने पूछताछ में बताया कि उसका पिता उसकी पत्नी पर गलत निगाह रखता था और उसने उसके साथ दुष्कर्म करने का भी प्रयास किया। इसी कारण से अनबन के चलते उसने पिता की हत्या की साजिश रची।

पुलिस थाना पोकरण में दहेज हत्या का मामला दर्ज, अनुसंधान जारी


पुलिस थाना पोकरण में दहेज हत्या का मामला दर्ज, अनुसंधान जारी 

जैसलमेर जिले के पोकरण ठाणे में शनिवार को दहेज़ ह्त्या का मामला दर्ज कर अनुसन्धान आरम्भ किया गया पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की सुरजाराम पुत्र ईनाराम मेघवाल निवासी सिहडा पुलिस थाना भाप रिपोर्ट पेश कि की मेरी बहन द्वारा उसके ससूराल द्वारा दहेज के लिए पिटाई करना व बाद में मेरी बहन को जला कर मार डाला। जिस पर पुलिस थाना पोकरण में मुकदमा दर्ज कर वृताधिकारी वृत पोकरण विपिन शर्मा को अनुसंधान सोपा गया । आगे का अनुसधांन जारी है। सुरजाराम की बहन के ससुराल वालो एवं उसके आसपास के पडोसियों से जॉच जारी है।
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बेटियों को मारने का सिलसिला थमा नहीं राजस्थान में


.........बेटियों को मारने का सिलसिला थमा नहीं राजस्थान में


.जैसलमेर .............. आमिर खान ने पहले एपिसोड में कन्या भूर्ण हत्या को लेकर कार्यक्रम बताया था उसका बाद सबको यह लगा था कि अब राजस्थान में बेटियों को पैदा होते ही मारने सिलसला थम जाएगा लेकिन राजस्थान में बेटियों को मारने सिलसला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक बार एक बेटी को पैदा होने के दो दिन बाद ही मारने का मामला सामने आया है हलाकि परिवार वालो का कहना है यह एक स्वभाविक मोत है लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि परिवार वालो ने बेटी पैदा हुई इस लिए उसे मार कर दफना दिया है जैसलमेर प्रशाशन ने पुरे मामले की जाच शरू कर दी है
राजस्थान का जैसलमेर जिले के कुछ गाव पिछले कई दशको से बेटी को पैदा होते ही मार देना की परम्परा आज भी चल रही है यह बात सब जानते है क्योकि यह पर हर तीन चार महीने में बेटी को मारने के मामले सामने आते रहते है शनिवार को जैसलमेर में एक नवजात बालिका की मोत पर बवाल मच गया है जैसलमेर जिले के एक अस्पताल में पवन कवर पत्नी देवीसिंह ने तीन जून को एक बच्ची को जन्म दिया सामान्य प्रसव होने पर अस्पताल से चार जून को माँ -बेटी को स्वस्थ अवस्था में छुटी दी गई परिजनों का कहना है कि घर लाने के बाद बच्ची की मोत हो गई ओस उसे दफना दिया गया इस पर एक शक्श ने जैसलमेर प्रशाशन को शिकायत की और बताया कि इस परिवार ने बेटी पैदा होने उसे मार दिया है इस पर जैसलमेर अतरिक्त जिला कलेक्टर परशुराम धानका का कहना है कि तेजमालता गाव में बेटी पेड़ होते है मारने का मामला सामने आया था हमने एक टीम गठित की है टीम ने मोके पर पहुच शव को जमीन से बाहर निकलवाया और विसरा लेने के बाद शव पुन दफना दिया गया है यह विसरा जाच के लिए भेज दिया गया है

परिवार का कहना है कि यह एक स्वाभाविक मोत है वही .प्रशाशन ने विसरा का सेम्पल टेस्ट के लिए भेज दिया है और रिपोट आने पर कारवाही की बात कर रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर राजस्थान के इन इलाके में बेटियों को पैदा होते है मारने का सिलसला थमेगा या नहीं

निर्मल बाबा के बाद प्रकट हुईं राधे मां, तस्वीरों में देखिए इनका जलवा

अभी बाबा का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि राधे मां की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। इन्हें उनके अनुयायी दुर्गा का अवतार बता रहे हैं। ये न तो कुछ बोलती हैं और न कोई प्रवचन देती हैं, लेकिन इनकी नजरों का कायल हर कोई है। पंजाबी के होशियापुर की रहने वाली इस महिला के आयोजनों में लाखों लोग शरीक होते हैं। शहर भर में बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाकर इनका प्रचार किया जाता है।
निर्मल बाबा के बाद प्रकट हुईं राधे मां, तस्वीरों में देखिए इनका जलवा 

कौन हैं राधे मां

राधे मां का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। इनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले व्यापारी सरदार मोहन सिंह से हुई है। शादी के बाद एक दिन इनकी मुलाकात शिव मंदिर के पास महंत श्री रामदीन दास से हुई। उन्होंने इनकी धार्मिक प्रतिभा तो पहचाना।
राधे मां का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था।     
महंत रामदीन के प्रभाव में आने के बाद राधे मां की ख्याति बढ़ी। कथिक रूप से वह लोगों के व्यक्तिगत, व्यापारीक और पारिवारिक समस्याओं को दूर करने लगी। आज राधे मां का जलवा देश-विदेश में फैला हुआ है। मुंबई उनके लिए बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं।
निर्मल बाबा के बाद प्रकट हुईं राधे मां, तस्वीरों में देखिए इनका जलवा 
राधे मां कुछ बोलती नहीं हैं। पर एक निजी न्यूज चैनल ने दावा किया है कि उनके पास राधे मां की बोलती हुई वीडियो फुटेज है। राधे मां पर भी निर्मल बाबा की तरह उंगली उठाई जा रही है। धीरे-धीरे विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं।

टीवी सीरियल की 'बहू' पर रियल ससुरालियों का जुल्म, मामला दर्ज

मुंबई. टीवी अभिनेत्री रुचा गुजराती ने अपने ससुराल वालों पर उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। रुचा ने अपने पति और सास-ससुर पर मुंबई के जूहू पुलिस स्टेशन में मारपीट का मामला दर्ज कराया है।
 

सीरियल 'भाभी' की चर्चित बहू रुचा के मुताबिक उसके ससुराल वाले उसे तंग करते हैं। रुचा ने कहा, '24 अक्टूबर 2010 में मेरी शादी हुई थी और सितंबर 2011 में मुझे घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था। मेरे पति ने हनीमून के बाद मुझसे कहा कि हनीमून पर खर्च हुए पैसे का आधा तुम्हें देना पड़ेगा क्योंकि खर्चा दोनों पर हुआ है।'

रुचा ने कहा मेरे ससुराल वाले न मुझे समझते हैं और न मुझे अपनी आजादी देते हैं। रुचा ने कहा कि जब मैं कोई शिकायत करती ती तो मेरे ससुर कहते थे, 'ड्रामा क्वीन के आंसू बंद कर, यहां कोई सीरियल नहीं चल रहा है।'
रुचा ने अपने पति मितुल सांघवी और अपने ससुर के खिलाफ शिकायत दी है। रुचा का आरोप है कि उसके ससुराल वाले उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करते हैं। रुचा के ससुर का पेट्रो कैमिकल्स के बड़े व्यासायी हैं।

बॉयफ्रेंड करने लगा ब्लैकमेल, तो दे दी 5 लाख की सुपारी

बेंगलुरु।। बीबीएम की एक स्टूडेंट ने एक्स बॉयफ्रेंड और उसके एक दोस्त को मरवाने के लिए पांच लाख रुपए की सुपारी दे दी। पेशेवर हत्यारों के चंगुल से प्रेमी तो किसी तरह भाग निकला, लेकिन हत्यारों ने उसके दोस्त को पीट-पीटकर मार डाला। लड़की पुलिस की हिरासत में है। पुलिस ने बाकी सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।crime-women.jpg 
माल्लेसवरम एमईएस कॉलेज की 22 साल की स्टूडेंट सुषमा ने अपने पूर्व प्रेमी मंजूनाथ निंगेल्लप्पा और उसके दोस्त अली हुसैन को किडनैप किया और सुपारी किलर्स के हवाले कर दिया। मंजूनाथ पहले सुषमा का ड्राइवर था।

वेल्लोर में जे श्रीनिवासन की बेटी सुषमा जलाहाली में अपनी मां, छोटे भाई और बहन के साथ रहती थी। सुषमा ने जब पीयूसी-2 एग्जाम को सेकंड क्लास में पास किया तो उसके पिता ने उसे एक बोलेरो कार तोहफे में दी। उसने 25 साल के मंजूनाथ को अपनी कार चलाने के लिए बतौर ड्राइवर रख लिया। धीरे-धीरे ड्राइवर मंजूनाथ के साथ सुषमा की नजदीकियां बढऩे लगीं। पिछले साल तीन बार दोनों घर से भाग भी गए थे। दोनों दिल्ली, गोवा और मंगलुरु पहुंचे और होटल में न्यूली मैरिड कपल की तरह ठहरे थे।

बाद में सुषमा ने मंजूनाथ से दूरियां बनानी शुरू कर दीं। निराश मंजूनाथ अब उसे ब्लैकमेल करने लगा। वह उसे अपने साथ खींची गई आपत्तिजनक तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी भी देने लगा। उसने अपने दोस्त अली हुसैन से सुषमा पर पैनी नजर रखने और रोजाना उसकी हर हरकत की जानकारी देने के लिए कहा।

डीसीपी नॉर्थ एचएस नेवान्ना ने बताया कि परेशान सुषमा ने बसेसवरनगर के नजदीक इंदिरा नगर निवासी अपने क्लासमेट अजय से इस बारे में बातचीत की। अजय ने बसेसवरनगर के ही रहने वाले और क्रिमिनल रेकॉर्ड वाले 19 साल के दीपक, 20 साल के लक्ष्मण उर्फ ब्यात और 19 साल के अभिषेक से संपर्क किया।

दीपक ने अजय को बताया कि वह मंजूनाथ और अली हुसैन दोनों का काम तमाम कर देगा। उसने इसके लिए पांच लाख रुपए मांगे। सुषमा इसके लिए तैयार हो गई। सुषमा के साथ चार और लोगों ने मिल कर मंजूनाथ और अली हुसैन को किडनैप कर लिया।

11 मई को सुषमा ने मंजूनाथ को जलाहाली स्थित एचएमटी सभागार पर रात नौ बजे बुलाया। सुषमा के साथ पहले से ही आए चारों लड़कों ने मंजूनाथ को पकड़ लिया और उससे अली हुसैन को भी वहीं बुलाने को कहा। मंजूनाथ को कुछ शक हो गया और वह चलती जीप में से कूद कर भाग गया लेकिन अली हुसैन हत्यारों के हत्थे चढ़ गया। उन चारों ने अली को जीप में पीट-पीटकर कर मार डाला।

इन सभी पेशेवर हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सुषमा को भी उसके पैतृक गांव वैलोर से हिरासत में ले लिया गया है। सुषमा के क्लासमेट 20 साल के अजय कुमार उर्फ जैकी को भी हिरासत में लिया गया है। उसने ही सुपारी किलर्स और सुषमा की डील करवाई थी।

बाड़मेर अश्लील सी डी नहीं हें मीडिया हवा में कर रहा हें बाते

बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक का जबरदस्त खुलासा

बाड़मेर अश्लील सी डी नहीं हें मीडिया हवा में कर रहा हें बाते


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में अश्लील सी डी की गूंज पुरे राजस्थान में गत एक सप्ताह से सुनाई दे रही हें ,बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने इस अश्लील सी डी की सच्चाई को ले कर काफी मस्सकत करने के बाद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया की ऐसी कोई सी डी हें ही नहीं .जिस सी डी को लेकर इतना बवाल मचा वो महज एक फर्जी खबर पर आधारित था ,यंहा तक की इंडिया टुडे जिसने सबसे पहले खबर प्रकाशित की वह भी महज हवा में तीर के सामान था क्योंकि ऐसी कोई सी डी बाड़मेर के राजनेताओं की नहीं हें एक भी सी डी होने का दावा कोई चेनल या समाचार पत्र नहीं कर रहा सब हवा में तीर चला रहे हें .बाड़मेर सहित राजस्थान के नेताओं के लिए यह सुखद समाचार हेबं की बाड़मेर की कोई सी डी हें ही नहीं ,उल्लेखनीय हें गत एक सप्ताह से राजस्थान की कोंग्रेस की राजनीति में इस तथाकथित असलील सी डी को लेकर भूचाल आया हुया हें हर कोई इसे प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा हें इस काण्ड की सी डी प्राप्त करने के लिए एलेक्ट्रोनित तथा प्रिंट मीडिया ने खूब हाथ मार लिए मगर किसी को सफलता नहीं मिली .तब कईयों ने इस कथित सी डी का सौदा जोधपुर में होने की अफवाह फेलाई ,पुरे घटनाक्रम की बारीकी से पड़ताल करने पर सामने आया की महज एक फर्जी खबर पर इस कथित सी डी की अफवाह मीडिया में फेल गयी ,चूँकि भंवरी तथा अभिषेक मनु सिंघवी के अश्लील सी डी कांड के बाद ऐसी अश्लील काण्ड सी डी की मीडिया में खबरों की मांग जोरदार बनी हुई थी ,फर्जी खबर को देश की मीडिया ने हाथो हाथ लिया जबकि वास्तविकता वह हें की ऐसी कोई सी डी हें ही नहीं यह खबर बाड़मेर के नेताओं के लिए राहत भरी हो सकती हें साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री भी राहत की सांस ले सकेंगे