शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सांसद चौधरी ने की संसद में पैरवी

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सांसद चौधरी ने की संसद में पैरवी


लोकसभा में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सांसद ने रखी मांगें


 बाड़मेर  लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय की बजट अनुदान मांगों पर गुरुवार को चर्चा करते हुए बाड़मेर-जैसलमेर सांसद हरीश चौधरी ने कहा देश में स्वास्थ्य सुविधाओं पर 20 प्रतिशत बजट बढ़ाया।

मगर स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने में अन्य देशों से हम अभी भी बहुत पीछे है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संस्थागत संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण पर बल देने की जरूरत जताई।

सांसद ने स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकता का जिक्र करते हुए कहा बाड़मेर जिले की जनसंख्या 26 लाख से ज्यादा है, लेकिन निर्धारित मापदंड के अनुसार उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। उन्होंने बताया कि 3000 की आबादी पर उप स्वास्थ्य केंद्र के अनुसार 860 उपकेंद्र होने चाहिए, लेकिन जिले में मात्र 546 उपकेंद्र ही हैं। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 130 के स्थान पर मात्र 61 ही हैं। उन्होंने कहा बाड़मेर-जैसलमेर की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य केंद्र आबादी के बजाए क्षेत्रफल के आधार पर उपकेंद्र स्थापित करने पर जोर दिया।

सांसद ने राजस्थान के सीमावर्ती रेगिस्तानी क्षेत्रों में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की मांग की। उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मुख्य चिकित्सालयों में डॉक्टरों के रिक्त पदों को लेकर बताया कि अस्पताल में लंबे समय से आधे पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा ऐसा चिकित्सा कार्ड जारी किया जाए जिसके आधार पर कोई भी व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में कम लागत पर विभिन्न संस्थान/ट्रस्टों एवं अन्य एजेंसियों की ओर से संचालित अस्पताल या मेडिकल कॉलेज जाकर रियायती दर से चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सके।

उन्होंने कहा नई योजनाएं बनाते समय क्षेत्रीय परिस्थितियों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने प्रसव के लिए लेबर रूम की सुविधा सभी ग्राम पंचायत स्तर पर उप स्वास्थ्य केंद्रों पर होने की दरकार बताई । ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए जरूरी है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक के पद स्वीकृत किए जाए। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य योजनाओं एवं सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है।

ग्रामीण क्षेत्रों में हार्ट, कैंसर व किडनी जैसी बीमारियों का इलाज ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोगो को मिले इसके लिए सांसद कोष से दी जाने वाली सहायता राशि का दायरा बढ़ाया जाए ताकि आर्थिक कारणों से किसी की जान न जाए।

एसपी ने देखी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

एसपी ने देखी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

शाम के समय कोतवाली पुलिस करेगी विशेष गश्त, सड़क पर खड़े ठेले व अस्थाई दुकानों को हटाने के दिए निर्देश


बाड़मेर   शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुरुवार को नवनियुक्त एसपी लवली कटियार ने शहर के प्रमुख चौराहों व मुख्य मार्गों का भ्रमण कर ट्रेफिक व्यवस्था देखने के बाद पुलिस थाना कोतवाली का निरीक्षण किया। शहर में शाम पांच से सात बजे तक ट्रेफिक के बढ़ते दबाव के मद्देनजर कोतवाली पुलिस की ओर से विशेष गश्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने डीएसपी नाजिम अली से फीड बेक लिया।

एसपी लवली कटियार पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली बार शहर भ्रमण पर निकली। शहर के अहिंसा सर्किल, सिणधरी चौराहा, चौहटन चौराहा, महावीर सर्किल पर ट्रेफिक व्यवस्था का जायजा लेकर ट्रेफिक व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने ट्रेफिक पुलिस के जवानों को सड़क पर हाथ ठेले व वाहन खड़े रहने से यातायात व्यवस्था में होने वाली बाधा को दूर करने के लिए ठेले व अस्थाई दुकानों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद एसपी पुलिस थाना कोतवाली पहुंची, जहां व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के साथ थानाधिकारी को क्षेत्र में शाम के समय ट्रेफिक के बढ़ते दबाव के समय गश्त करने के साथ विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसपी ने पुलिस अधिकारियों के साथ पैदल मार्च कर शहर में पुलिस व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

पुरोहित समाज से आशीर्वाद लेने आई हूं: वसुंधरा






पुरोहित समाज से आशीर्वाद लेने आई हूं: वसुंधरा

ब्रह्मात्मक महायज्ञ व संस्कारशाला के दर्शन किएस्वागत के लिए भाजपाइयों में लगी रही होड़

बालोतरा

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजपुरोहित समाज के चूंदड़ी ओढ़ाने पर कहा कि मैं आपकी चूंदड़ी की लाज रखूंगी, यह वादा करती हूं। उन्होंने ब्रह्मधाम गादीपति तुलछाराम महाराज के बारे में कहा कि ऐसा निर्मल स्वभाव, अपनत्व मैंने कहीं नहीं देखा। उन्होंने कहा कि संत महात्मा ही छत्तीस कौम को एक सूत्र में पिरोने का काम करते हैं। गौ रक्षा के लिए उनकी सरकार ने बहुत काम किया। उन्होंने कहा कि आज गौवंश की स्थिति खराब है।

ट्रस्ट मंडल ने दिया स्मृति चिह्न :कार्यक्रम के बाद ब्रह्मधाम ट्रस्ट मंडल की ओर से वसुंधरा राजे को स्मृति चिह्न भेंट किया गया। ट्रस्ट महामंत्री भंवरसिंह कनाना सहित पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों का माल्यार्पण कर परंपरानुसार स्वागत किया गया।
स्वागत को उमड़े भाजपा कार्यकर्ता

बालोतरा

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर के ब्रह्मधाम आसोतरा आगमन से पूर्व हेलीपैड पर भाजपा पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव को लेकर तैयार रहने को कहा।

बालोतरा भाजपा नगर महामंत्री बाबूलाल ओस्तवाल, भाजपा युवा मोर्चा के देवेन्द्र लेघा व दिनेश विश्नोई ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ हेलीपैड पर माल्यार्पण कर स्वागत किया। वसुंधरा ने कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों को लेकर तैयार रहने का आह्वान किया। राजे ने 2012 के बजट पर किसानों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए जनता के साथ अहित होने पर रोष जताया। इस अवसर पर पूर्व गृह राज्यमंत्री अमरा राम चौधरी, मदन चौपड़ा, उद्योग महामंत्री महावीर चौपड़ा, प्रियंका चौधरी, नगर पालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, नगर मंडल अध्यक्ष रमेश गुप्ता, पूर्व जिला महामंत्री चंद्रशेखर छाजेड़, जिला महामंत्री कैलाश चौधरी, नगर मंडल उपाध्यक्ष पुष्पराज चौपड़ा, अमराराम सुंदेशा, युवा नेता प्रकाश माली, अरुण सालेचा पार्षद, गोपाल पारीक, शहर अध्यक्ष लक्ष्मण गहलोत, ग्रामीण अध्यक्ष मुल्तानसिंह राजपुरोहित, अर्जुनराम चौधरी, कैलाश महेश्वरी, चन्द्र प्रकाश राठी, ललित चौहान, महेन्द्र सिंह गोलिया, रूपाराम प्रजापत, राजेन्द्रसिंह, भवानीसिंह राजपुरोहित, रमेश प्रजापत, गोविंद मेघवाल, रोहित सोलंकी पार्षद, जेठू सिंह, आशा अग्रवाल, दुर्गा सोनी, नेमीचंद माली, नरपत माली, अमरा राम सुंदेशा, रामनारायण चौधरी, मोती सालेचा, मोती चौपड़ा, महावीर चौपड़ा, युवा मोर्चा बालोतरा अध्यक्ष योगेश गहलोत, उपाध्यक्ष विक्रमसिंह चारण, अशोक आचार्य, जगदीश भाटी, महामंत्री बसंत शर्मा, युवा मोर्चा के भरत पंवार सहित कई भाजपा व युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बाड़मेर बाडमेरताज़ा खबरें | आज की ताज़ा खबरें, ताज़ा खबर पुलिस

भगाई गई युवती के साथ आरोपी गिरफ्तार

बाड़मेर रामसर थानातंर्गत एक युवती को भगाकर ले जाने के आरोपी को आबूरोड में युवती के साथ गिरफ्तार कर लिया। जिसे गुरुवार को न्यायालय में पेश करने पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। पुलिस ने बताया कि 15 अप्रैल को मगाराम पुत्र पदमाराम के खिलाफ भीलों का पार निवासी एक युवती को भगाकर ले जाने का मामला दर्ज हुआ था। जिसपर पुलिस दल ने आरोपी मगाराम को आबूरोड में युवती के साथ गिरफ्तार कर लिया। गुरूवार को उसे न्यायालय में पेश करने पर जेल भेजा दिया । उल्लेखनीय है कि युवती की शादी रेडाणा निवासी उदाराम के साथ हो रखी थी। इन दिनों वह अपने पीहर आई हुई थी,जहां आरोपी युवक उसे भगाकर ले गया।


38 तोला सोना व डेढ़ किलो चांदी के गहने चोरी 


विष्णु कॉलोनी मेंं चोरों ने किया हाथ साफ, परिवार शादी समारोह में गया था


बाड़मेरशहर में चोरी की वारदातें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सदर थानांतर्गत विष्णु कॉलोनी में एक मकान में बुधवार रात सेंध लगाकर सोने, चांदी के गहने व नकदी चोर उठा ले गए। उल्लेखनीय है कि उस वक्त परिवार के सदस्य शादी समारोह में शरीक होने गए हुए थे। इसी तरह मंगलवार रात कोतवाली थानांतर्गत मालगोदाम रोड पर भी मकान में चोरों ने हाथ साफ किए थे। इस तरह की वारदातों के पीछे गिरोह सक्रिय होने का अंदेशा जताया जा रहा है। सदर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खीमसिंह रावणा राजपूत का परिवार रिश्तेदार के विवाह-समारोह में गया हुआ था। पीछे चोरों ने मकान में सेंध लगाकर कमरे में पेटी का ताला तोड़कर उसमें रखे करीब 38 तोला सोने व डेढ़ किलो चांदी के आभूषण व 35 हजार रुपए की नकदी उठा ले गए। जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मौका मुआयना किया। इस आशय का मामला दर्ज कर चोरी के आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

आईपीएस पत्नी का 3 साल में 7 बार तबादला पति का 8 बार!

राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (आरपीटीसी) जोधपुर के एडीजी पद पर महज 7 घंटे तक रहने वाले रामफल सिंह अकेले आईपीएस अफसर नहीं हैं जो ‘तबादला सरकार’ के फैसलों से प्रभावित हुए हैं। राज्यपाल के एडीसी राघवेंद्र सुहासा भी जोधपुर में केवल 5 दिन के एसपी रह चुके हैं। आईपीएस पत्नी ममता विश्नोई का तीन साल के भीतर सात बार तबादला हुआ है तो उनके पति आईपीएस राहुल मनहर्दन बारहठ इसी अवधि में आठ बार इधर-उधर हुए हैं। उधर विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार हो रहे तबादलों में राजनीति बड़ा कारण है।  
सरकार ने तीन साल के कार्यकाल में अफसरों को कई बार इधर-उधर किया है। ममता विश्नोई तीन माह एएसपी जयपुर, एक माह एएसपी जयपुर ग्रामीण, छह माह जयपुर दक्षिण, दो दिन तक एपीओ, फिर एक माह दुबारा एएसपी जयपुर ग्रामीण, बाद में छह माह एएसपी जयपुर दक्षिण, चार दिन के लिए एएसपी एसओजी, फिर पांच माह तक एसओजी में एसपी रहीं। उन्हें पिछले साल मई में जैसलमेर एसपी का पदभार सौंपा गया।

इसी तरह उनके पति बारां एसपी राहुल मनहर्दन बारहठ का इन सालों में आठ बार ट्रांसफर हो चुका है। पहले तीन माह सांगानेर एएसपी, फिर दो दिन एपीओ रख कर सात माह के लिए दुबारा सांगानेर एएसपी लगाया। फिर पंद्रह दिन के लिए एटीएस में एएसपी और बाद में यहीं पर पांच माह के लिए एसपी लगाया। बाद में एक साल जालोर एसपी भी लगाया। इस सरकार में अमनदीप कपूर भी पांच बार इधर-उधर हुए, इस दौरान उन्हें डीसीपी जयपुर के बाद बांसवाड़ा और करौली का एसपी लगाया गया। डॉ. रवि भी अब तक चार जगह स्थानांतरित हो चुके हैं।

फैक्ट फाइल

162 आईपीएस

21 राज्य से बाहर

5 प्रशिक्षु आईपीएस

4 आईपीएस निलंबित

3 जने जेल में


‘सरकार’ के ‘सारथी’

बीएल सोनी: पांच साल सीबीआई में रहने के बाद 2009 में उन्हें जयपुर रेंज आई बनाया। जनवरी 2011 से अब तक पुलिस कमिश्नर जयपुर हैं।

भूपेंद्र कुमार दक: सरकार बदली तब कोटा रेंज आईजी थे। जनवरी 2011 तक जोधपुर रेंज आईजी रहे। अब तक जोधपुर पुलिस कमिश्नर हैं।

बिपिन कुमार पांडे्य: करीब चार साल तक चार जिलों चूरू, जयपुर ग्रामीण, अजमेर और चित्तौड़गढ़ के एसपी रहे। अब डीआईजी बने।

संतोष चालके: एक बार भी फील्ड पोस्टिंग से बाहर नहीं रहे। पहले उन्हें सीकर व बाड़मेर एसपी लगाया। अब अलवर एसपी हैं।

नवज्योति गोगोई: तीन साल पहले वे हनुमानगढ़ एसपी थे। इस सरकार ने बाड़मेर व भरतपुर एसपी लगाया। मई 11 से जोधपुर ग्रामीण एसपी हैं।

डीएस चूड़ावत: सरकार बदलने के बाद उन्हें पीएचक्यू से निकाल कर डूंगरपुर और बूंदी एसपी लगाया। अब वे बांसवाड़ा के एसपी हैं।

केबी वंदना: करीब डेढ़ साल टोंक एसपी रहीं। पांच माह के लिए फील्ड से दूर रहीं। मई 11 में दुबारा बारां एसपी लगाया। अब पाली एसपी है।

विकास कुमार: इस सरकार ने उन्हें एक बार भी जिले से दूर नहीं किया।चार सालों में वे सवाईमाधोपुर, सीकर, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर के एसपी लगे।

गौरव श्रीवास्तव: करीब दो साल झालावाड़ एसपी रहे। ५ महीनों के लिए एसपी सीआईडी सीबी रहे। मई 11 से अब तक सीकर के एसपी हैं।

उमेश दत्ता: सवा साल श्रीगंगानगर एसपी रहे। सरकार बदलने के बाद भी एसपी पद पर बरकरार रखा। अप्रैल 10 से अब तक वे भीलवाड़ा एसपी हैं।

नितिनदीप: सीकर एसपी से रामसमंद एसपी लगाया। वहां करीब ढाई साल रहे। अब उन्हें डीसीपी जोधपुर के पद पर लगाया गया है।

ओमप्रकाश: लगभग ढाई साल तक बारां एसपी रह चुके हैं। फिर एक साल करौली एसपी लगाया गया। अभी वे चूरू एसपी हैं।

तबादलों का राजनीतिकरण हो गया

अंग्रेजों के जमाने में और हमारे समय तक तबादला नीति ठीक चलती थी। यानि 2 साल से कम अवधि में किसी को हटाया नहीं जाता था और 3 साल से ज्यादा किसी को रखा नहीं जाता था। मगर अब तबादलों का राजनीतिकरण हो गया है। कुछ अच्छे अफसर हैं जिन्हें राजनेता छोड़ना नहीं चाहते और कई ऐसे अफसर हैं जो खुद राजनीति में फंसे हुए हैं। वे अच्छे पदों के लिए राजनेताओं से सिफारिश करवाते रहते हैं। कुल मिला कर बार-बार इधर-उधर करने से मनोबल टूटता है और प्रशासन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।

21 आईपीएस प्रदेश के बाहर

प्रशाखा माथुर, मालिनी अग्रवाल, संजय अग्रवाल, राजेश आर्य, एवी शुक्ला, राजीव कुमार, रवि मेहरड़ा, एनआरके रेड्डी, नंदकिशोर, ओमप्रकाश गलहोत्रा, पंकज कुमार, पी रामजी, एके मिश्रा, बिनिता ठाकुर, हेमंत प्रियदर्शी, एस. सेंगाथिर, सत्य प्रियासिंह, सुधीर प्रतापसिंह, सुष्मित बिस्वास, विजय कुमार सिंह, विपुल चतुर्वेदी।

गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

visfot.com - शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना

visfot.com - शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना
शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना


पाकिस्तान स्थित कटासराज मंदिर के ऐतिहासिक सरोवर के बारे में कहा जाता है कि यह सरोवर भगवान शिव की आंख से गिरा आंसू की एक बूंद है. कहावत है कि जब सती का शव लेकर शिव ने तांडव किया था उस वक्त उनकी आंख से आंसू के दो बूंद गिरे थे. उनमें एक बूंद पुष्कर में तो दूसरी बूंद जहां गिरी वह वर्तमान कटासराज मंदिर का सरोवर है. लेकिन अब पाकिस्तान के इसी सरोवर से एक सीमेन्ट फैक्टरी पम्पसेट लगाकर पानी निकाल रही है जिसके कारण इस ऐतिहासिक सरोवर के सूखने का संकट पैदा हो गया है.

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने एक रिपोर्ट में बताया है कि मंदिर स्थित सरोवर के पानी से पास में एक सीमेन्ट फैक्टरी चलाई जा रही है. पाकिस्तान के चकवाल शहर के पास स्थित इस सीमेन्ट फैक्टरी ने पहले कहा था कि वह झेलम नदी से पानी लेकर फैक्टरी चलाएगा लेकिन बाद में उसने कटास मंदिर के सरोवर के आस पास कई ट्यूबवेल गाड़ दिये और उसके दोहन के कारण सरोवर के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरोवर का पानी चोआ सैदान शाह और वाउला गांव को भी दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार यहां के निवासियों के लिए कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं मुहैया करा पाई है.

कटासराज मंदिर अति प्राचीन है जिसके बारे में कहा जाता है कि अपने निर्वासन के दौरान चार साल पांडव यहां रहे थे. इसी सरोवर का पानी लेने के लिए युदिष्ठिर जा रहे थे जब यक्ष ने उनसे सवाल पूछे थे और कहा था कि उनके सभी सवालों के सही जवाब देने पर ही वह सरोवर से पानी लेने देगा. लेकिन अब इसी सरोवर के पानी से सीमेन्ट की फैक्टरी चलाई जा रही है.

अखबार का कहना है कि पानी के इस दोहन से भले ही सरोवर के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया हो लेकिन सरकार सबकुछ जानकर भी अनजान बनी हुई है. पाकिस्तानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे के एक अधिकारी के हवाले से अखबार का कहना है कि वे कुछ नहीं कर सकते. अखबार का कहना है कि पानी के इस दोहन से न केवल सरोवर को खतरा पैदा हो गया है बल्कि मंदिर को भी नुकसान होने का खतरा पैदा हो गया है.

तस्वीरों में देखें..लंघा व माँगणियार समुदाय..राजस्थान की लोक कला लोक संस्कृति इनसे ज़िंदा हे

लंघा  व माँगणियार समुदाय 










राजस्थान की   लोक कला लोक संस्कृति इनसे ज़िंदा हे 

लंघा  व माँगणियार समुदाय के लोक कलाकार मूलतः मुस्लिम होते हुए भी अपने अधिकतम गीतों में हिंदु देवी-देवताओं की तथा हिंदु त्योहारों की बढ़ाई करते हैं और 'खमाचा' अथवा 'कमयाचा' नामक एक खास वाद्य के प्रयोग करते हैं जो सारंगी का ही एक प्रतिरूप है। इसे घोड़े के बालों से बने गज को इसके तारों पर फ़ेरकर बजाया जाता है। माँगणियार समुदाय में कई विख्यात कलाकार हुए हैं जिनमें से ३ विशिष्ट गायकों को 'संगीत नाटक अकादमी' पुरस्कार से सम्मनित किया गया है, वे हैं - सिद्दीक़ माँगणियार, सकर खाँ माँगणियार और लाखा खाँ माँगणियार। एक महत्त्वपूर्ण बात का मैं अवश्य उल्लेख करना चाहुँगा। वह ये कि माँगणियार समुदाय की रुकमा देवी माँगणियार अपने समुदाय की एकमात्र महिला कलाकार थे और इन्हें वर्ष २००४ में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 'देवी अहिल्या सम्मान' से पुरस्कृत किया जा चुका है। माँगणियार व लाँघा लोक कलाकार मुख्यतः जिन शैलियों को प्रस्तुत करते हैं उनमें 'माँड' सबसे ज़्याद प्रसिद्ध है। इस लोक-संगीत का प्रचलन शतकों पहले राजस्थान के ऐतिहासिक राज-दरबारों से हुआ माना जाता है। उस समय के लोक कलाकार राजा तेजाजी, गोगाजी तथा राजा रामदेवजी की गौरव गाथा का बख़ान करते हुए 'माँड' गाया करते थे। इस शैली का एक लोकगीत जो अत्यधिक लोकप्रिय हुआ वह है - 'केसरिया बालम आवो सा, पधारो म्हारे  देस'

बाड़मेर ये कैसा महिला राज ,महिला कलेक्टर का अनुभव आम जनता को रास नहीं आया दो पहलू जरूर पढ़े

बाड़मेर ये कैसा महिला राज ,महिला कलेक्टर का अनुभव आम जनता को रास नहीं आया दो  पहलू  जरूर पढ़े 
एक पहलू बाड़मेर। कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहे बाड़मेर जिले में महिला शक्ति को कभी पनपने नहीं दिया, थर रेगिस्तान में महिलाओ को हमेशा दोयम दर्जा ही दिया गया। मगर आज शिक्षा और जागरूकता ने परम्परागत बाड़मेर के हालत बदल दिए। जहां महिला प्रशासनिक अधिकारियो तथा जन प्रतिनिधियों की शक्ति विकेंद्रीकृत हुई। आज़ादी के बाद से पहली बार जिला पुलिस अधीक्षक लावली कटियार डॉ. वीणा प्रधान जिला कलेक्टर, वीनिता सिंह उप खंड अधिकारी गुडा,उप खंड अधिकारी सिवाना चंचल वर्मा अभिलाषा विकास अधिकारी सिवाना श्रीमती मदन कौर जिला प्रमुख ,धाई देवी प्रधान ,उषा जैन नगर पालिका अध्यक्ष ...पहली बार बाड़मेर घूंघट की औत से बहार निकला ..महिला अधिकारियो और जनप्रतिनिधियों के बीच महिलाये अपने आप को सहज महसूस करती हैं।
पर्दा प्रथा से बंधी बाड़मेर जिले की महिलाओं के लिए अब यहां विभिन्न पदों पर काबिज महिला अफसरों ने सशक्तिकरण की लौ जगाई है। एक समय बेटियों को जन्म लेते ही मार देने के लिए कुख्यात रहे सीमावर्ती इलाके में तैनात इन अफसरों में जज्बा है कि वे महिला सशक्तीकरण को लेकर जिले में बेहतरीन कार्य करेंगी।
महिलाएं भी खुलकर अपनी बात प्रशासन व सरकार तक पहुंचाने के लिए आशान्वित हैं। राज्य सरकार ने पूर्व मे डॉ. वीणा प्रधान को यहां कलक्टर लगाया था अब पुलिस अधीक्षक के महत्वपूर्ण पद पर भी महिला अधिकारी को काबिज किया हे .


दूसरा पहलू यह भी इससे पूर्व नियुक्त महिला जिला कलेक्टर ने पद भार ग्रहण करने के साथ जनता के सामने विकास की जो आशाए जगाई वो अब धूमिल हो चुकी हे महिला कलेक्टर को नाच गानों ,धार्मिक परवर्तियो से फुर्सत नहीं मिलाती ,मीडिया मे फोटो के चक्कर मे सरकार विरोधी गतिविधियों मे भी आसानी से शामिल हो जाती हे चाहे वो शरामिको की सरकार के खिलाफ चौहटन मे रेली हो या जिला मुख्यालय पर सरकार विरोधी पोस्टरों का विमोचन हो बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया अनेक समारोह मे खुले आम नाचना उनकी फितरत हो गयी नाचना बुरी बात नहीं मगर जिस पद पर आप बेठी हे वंहा यह सब शोभा नहीं देता ,बाड़मेर मे विकास कार्य ठप्प पड़े हे कलेक्ट्रेट मे अनुशासन और कर्तव्य निष्ठा नमक कोई चीज नहीं ,कारिंदे अपनी मनमर्जी करते हें भरष्टाचार ज़बरदस्त बढ़ गया ,कराम्चारियो पर तनिक पकड़ नहीं हमने एक दर्जन से अधिक जिलाधीशो को देखा हे ,महिला कलेक्टर की नियुक्ति पर सबसे अधिक ख़ुशी मुझे हुई थी मे सबसे पहले उनसे मिला था बाड़मेर की लाइफ लाइन और समस्याओ को बताया था शुरू मे उनकी दबंगता के आगे हम भी नतमस्तक थे ,समय गुजरने के साथ राजनेताओ के चक्कर मे बाड़मेर का विकास अवरूध हो गया ,बाड़मेर के हल किसी से छुपे नहीं ,अधीनस्थ अधिकारी पैसा जोड़ने मे लगे हें कोई अंकुश नहीं ,यह देख दिल रोता हे कुछ लिखो तो मामले दर्ज कराने की धमकिया मिलाने लग जाती हे हम सच्चे लोग हे सच्चाई लिखने मे कतराते नहीं चाहे कुछ हो जाए सचाई आपको बता दी फेसला आपको करना हें । वहीं कस्टम कमिश्नर, उपखंड अधिकारी व विकास अधिकारी पद पर भी महिलाएं हैं।--

आज भी कायम हैं धर्मेला करने की अनूठी परम्परा


साम्प्रदायिक  सदभावना का प्रतीक 



आज भी कायम हैं धर्मेला करने की अनूठी परम्परा 


बाडमेर थार नगरी की संस्कृति सभ्यता एवं परम्पराएं समृद्ध हैं। यहां की लोक संस्कृति, सभ्यता तथा परम्परा का जो रूप देखने को मिलता हैं वह सदियों से निर्वाह होता आ रहा हैं। ग्रामीण अंचलो से लेकर आधुनिक शहर में आज भी परम्पराओं का निर्वाह होता हैं। 
क्षौत्र में धर्मेला करने की अनूठी परम्परा यहां की लोक संस्कृति व सभ्यता को ऊंचाई प्रदान करती हैं। परम्परा अनुसार ’’नवविवाहिता’’ जब शादी कर ’’ससुराल’’ पहली बार आती हैं तो अनजानी जगहों पर ’’अपनों’’ की कमी महसूस होती हैं। गोवों में तो आज भी युवक काम की तलाश में आज भी परदेश जाते हैं। पति के परदेश कमाने जाने के बाद नव विवाहिता घर में अकेली अपने मायके की याद में आंसू न बहाए मायके की याद कुछ कम हो इसके लिए गांव में ही नव विवाहिता को अच्छे परिवार के ’’खोले’’ डाला जाता हैं, जिसे स्थानीय भाषा में धर्मेला करना कहते हैं। धर्मेला की परम्परा में धर्मभाई या धर्म पिता बनाने की परम्परा हैं। धर्मेला में विवाहिता को अपने पीहर जितनी इज्जत, मान, सम्मान अपने दूसरे धर्मेले पीहर मे मिलता हैं। ब्याह, विवाह, सगाई, तीज, त्यौहार पर धर्मेला परिवार अपनी पुत्री के समान विवाहिता को सम्मान देते हैं। अपणायत व आत्मीयता के दर्शन मालाणी क्षेत्र में ही सम्भव हैं। इसी मस्स्थलीय जिले में ’’बाईबहनों’’ को ’’पानी पिलाने’’ की लोक परम्परा का निर्वाह आज भी कायम हैं। पुत्री के प्रथम प्रसव के सातवें अथवा नवें माह के प्रारम्भ में उसे सफल प्रसव हेतु ससुरालपीहर लाया जाता हैं। इसमें पिता अथवा भाई अपनी पुत्री अथवा बहन के प्रसव से पूर्व अच्छा मुहूर्त देखकर पीहर के लिए विदा करते हैं। प्रसव पश्चात पहीर पक्ष से अपनी पुत्री को ’’रीत’’ देकर ससुराल पहुंचाई जाती हैं। मायके में पुत्री को पूरा मान सम्मान थार की परम्परा हैं। मायरा लोक परम्परा में ऊंचा स्थान रखता हैं। भाईबहन के मधुर व आत्मीय सम्बन्धों को साकार व सुदृ़ करने की परम्परा बहुत पुरानी हैं। इस परम्परानुसार बहन के बड़े पुत्र या पुत्री की शादी से पूर्व ननिहाल की ओर से भेंट जाती हैं। यह भेंट जिसमें कपड़े, आभूषण, नकदी, फल, मिठाई आदि होती हैं को अपने लोगो को साथ लेकर थालों में सामान सजाकर बहन के घर ससम्मान पहुंचाया जाता हैं। ’’मायरा’’ लेकर आए भाई व परिजनों को कुंकुमटीका लगाकर आरती उतार कर ससम्मान घर में प्रवेश दिया जाता हैं। भाईबहन को चूनडी ओ़ाकर सिर पर हाथ फेरता हैं तथा बहन के साथ अपने आत्मीय व मधुर सम्बन्धों का साक्षी बनाता हैं। ’’मायरा’’ सभी लोगो को दिखाया जाता हैं। 

सचिन बन सकते हैं राज्यसभा सांसद

sachin may rajya sabha


नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सांसद बनने की तैयारी में हैं। उनको राज्यसभा के लिए मनोनित किए जा सकता हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सचिन के सामने यह प्रस्ताव रखा है। सचिन ने प्रस्ताव को स्वीकार किया है या नहीं इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। सचिन ने गुरूवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सोनिया गांधी के सरकारी आवास दस जनपथ पर हुई। सचिन ने हाल ही में अपना सौंवा शतक लगाया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस उपलब्धि के चलते उनके सामने राज्यसभा के लिए मनोनित करने का प्रस्ताव रखा है। हाल ही में खबर आई थी कि टीम इण्डिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को राज्यसभा सांसद बनाया जा सकता है। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी ने धोनी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने की बात कही थी।

गहलोत ने भंवरी की जान जाने तक का इतजार किया -- देथा

गहलोत ने भंवरी की जान जाने तक का इतजार किया  -- देथा 

बाड़मेर !अशोक गहलोत ने भंवरी के अपहरण से लगा कर उसकी जान जाने तक का इंतज़ार किया ताकि राजनीतिक शत्रुता निकाल सके और अपना वर्चस्व कायम रख पाए , ये कहना हैं जनता दल सेक्युलर के प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन देथा का ! देथा बाड़मेर के डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ! देथा के अनुसार इस सरकार का कोई अजेंडा नहीं हैं जिसका खामियाजा सीधे तौर पर आम जन को उठाना पड़ रहा हैं उन्होंने इलज़ाम लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही विचारधारा और नीति को लेकर चलने वाले दल हैं ! पुलिस इंस्पेक्टर फूल चंद को जिन्दा जलाने वाले मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि नैतिकता कि बातें करने वाले अशोक गहलोत को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था जब तत्कालीन गृह मंत्री शांति धारीवाल और पुलिस महानिदेशक हरीश मीणा को मरने वाले पुलिस अधिकारी ने पूर्व में पत्र लिख कर जान को खतरे की बात कह दी थी ! उन्होंने कहा कि गोपाल गढ़ मामले में पहले सी एम ने प्रशासन को निर्दोष बताया था और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने इस मामले में प्रशासन पर सवाल खड़े किये फिर बाद में गहलोत ने अपना बयान बदला और एसपी कलेक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की ! गोपाल गद मामले में उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मस्जिद में अल्पसंख्यको का खून बहाने वालो में पुलिस और दंगाई दोनों साथ में फायर करने में लगे थे ऐसे में सरकार का नजर अन्दाजगी का रवैया क्यों रहा ?
उन्होने आगामी विधानसभा चुनावों में तीसरे मौर्चे के गठन के भी संकेत दे दिए और कहा कि देश में कांग्रेस को जनता ने नकार दिया और भाजपा स्वीकार नहीं हैं ऐसे में आम जन अब नीतिगत शासन चाहते हैं जो उनका गठबंधन देगा उन्होंने कहा कि शरद यादव के साथ उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार हैं ! उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टिया कोर्पोरेट घरानों के जरिये संचालित हो रही हैं तथा देश विदेश के पूंजीवादी लोग इन पार्टियों को चला रहे हैं ! कांग्रेस पर निशाना साधते हुए देथा ने कहा कि उतरप्रदेश में पार्टी के सांसद बाईस हैं लेकिन विधायक मात्र अट्ठाईस आये हैं ऐसे में वो समझ जाए कि अब जनता उनके साथ नहीं रही ! उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को किसानो का विरोधी बताया साथ ही साथ उन्होंने कहा कि तीसरा मौर्चा सम विचार , हम विचार , निकट विचार पर काम करेंगे !

राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़ी टैक्स चोरी

जयपुर. शहर के एक होटल व्यवसायी पर हुई आयकर कार्रवाई में 70 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई। प्रमुख व्यवसायी ने 70 करोड़ रुपए की अघोषित आय सरेंडर कर दी है।
विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि राजस्थान के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर है। कितनी नकदी सीज की गई है। इसका खुलासा गुरुवार शाम तक किया जाएगा।यह था मामला
आयकर विभाग ने बुधवार को होटल व्यवसाय से जुड़े एक व्यवसायी के 20 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। इनमें चार होटल भी शामिल थे। इस व्यवसायी के रिश्तेदारों और सहयोगियों पर भी कार्रवाई हुई। जयपुर, दौसा और दिल्ली में कुल 20 ठिकानों पर छापे मारे गए है।


जयपुर में चार होटल, सीतापुरा में जवाहरात की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, ऑफिस, तीन मूर्ति सर्किल के निकट आवास पर कार्रवाई मुख्य रूप से फोकस की गई। कार्रवाई में दस्तावेजों की जांच में वित्तीय धांधली उजागर हुई है। इस जांच में अघोषित लेनदेन, ब्याज पर रुपए देना (अघोषित निवेश), अघोषित रुप से प्रॉपर्टी में निवेश सामने आया था।
गौरतलब है कि उक्त व्यवसायी ने आयकर विभाग को खर्चे अधिक और आय कम होना भी रिकार्ड में दर्शाया है। इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए बुधवार सुबह से ही 150 आयकर विभाग के कर्मचारी, अधिकारी, और पुलिसकर्मी की टीम जुटी हुई थी।


होटलों पर कार्रवाई में किचन तक की जांच हुई


आयकर विभाग की टीम ने शहर के चार होटलों पर कार्रवाई की है। इनमें सी स्कीम, राजापार्क, स्टेच्यू सर्किल, जवाहर सर्किल, आश्रम मार्ग पर होटल पर कार्रवाई हुई। इस कार्रवाई में होटल के किचन में लगे कम्प्यूटर पर जो बिल बने और उपभोक्ता के लिए जो केओटी कटी इसका मिलान करके भी देखा गया।


जवाहर सर्किल आश्रम मार्ग पर बने पांच सितारा होटल में पार्टनर


इस प्रमुख व्यवसायी का मुख्य काम जवाहरात का था। इसके बाद यह व्यवसायी होटल व्यवसाय में आया। स्टेच्यू सर्किल की होटल से इस व्यवसायी की शोहरत बढ़ी। करीब तीन वर्ष पूर्व ही जवाहर सर्किल, आश्रम मार्ग पर एक पांच सितारा होटल में पार्टनर बना। आश्रम मार्ग स्थित होटल करीब एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ।इस होटल से व्यवसायी ने अच्छा नाम कमाया है।

"सरकार बताए,किसने अमिताभ को फंसाया"

"सरकार बताए,किसने अमिताभ को फंसाया"

नई दिल्ली। बोफोर्स तोप सौदे में कथित दलाली का जिन्न फिर बाहर आने के बाद भाजपा को केन्द्र सरकार और गांधी परिवार को घेरने का मौका मिल गया है। भाजपा ने इस बार अमिताभ बच्चन के बहाने सरकार और गांधी परिवार को घेरने की कोशिश की। भाजपा ने गुरूवार को संसद में कहा कि सरकार देश को यह बताए कि अमिताभ बच्चन को किसके कहने पर फंसाया गया था।

भाजपा ने अमिताभ बच्चन का नाम घसीटे जाने की न्यायिक जांच की मांग की है। भाजपा नेता जसवंत सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि अमिताभ बच्चन को इस मामले में क्लीन चिट मिली लेकिन इस बात की जांच होनी चाहिए कि उनको किसने फंसाया था। सिंह ने कहा कि बोफोर्स घोटाले के चलते कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि सरकार के कमजोर रवैए के कारण क्वात्रोचि भारत से निकलने में कामयाब रहा। क्वात्रोचि को सरकार ने सुरक्षित तरीके से देश के बाहर जाने दिया। वहीं भाकपा ने कहा कि बोफोर्स मामले की फाइल दोबारा खोलने चाहिए। इस पर कांग्रेस ने कहा कि बोफोर्स मामलो को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बाद बंद किया गया था,इसलिए मामले पर दोबारा चर्चा की जरूरत नहीं है।

शिक्षक भर्ती: जुलाई में टेट, फिर होंगी 20 हजार भर्तियां!

जयपुर.राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में 20 हजार भर्तियां करने से पहले टेट का आयोजन करेगी। इसका आयोजन जुलाई में होगा और नोडल एजेंसी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ही रहेगा। बोर्ड के सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के साथ ही टेट के लिए तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। प्रदेश में फिलहाल प्रक्रियाधीन 41 हजार शिक्षकों की भर्ती में महज तीन लाख टेट उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के शामिल होने से सरकार पर अगली टेट को लेकर भारी दबाव है।

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अशोक संपतराम ने बताया कि शिक्षक भर्ती का दूसरा चरण शुरू होने से पहले ही टेट का आयोजन कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में छात्रों को शिक्षक भर्ती में शामिल होने का मौका मिल सकेगा। इस संबंध में विभागीय स्तर पर फैसला कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि टेट जुलाई के अंतिम सप्ताह में संभावित है और इसकी तिथि कुछ दिनों में तय कर ली जाएगी।
फिलहाल बोर्ड की पहली प्राथमिकता समय पर परिणाम तैयार करना है, ऐसे में जल्दबाजी में टेट नहीं कराई जा सकती। अगली टेट में उन अभ्यार्थियों को भी अंक सुधार का मौका मिलेगा जो कम अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। शिक्षक भर्ती में टेट का 20 प्रतिशत अंक भार होने से यह चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शिक्षक भर्ती परीक्षा तिथि अब तय होगी
41 हजार शिक्षकों की आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब परीक्षा तिथि का निर्धारण एक-दो दिनों में कर लिया जाएगा। परीक्षा मई के अंतिम सप्ताह में संभावित है। अधिकारी फिलहाल मई के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित सभी परीक्षाओं के कलंडर खंगालने लगे हैं जिससे परीक्षा तिथि का अन्य परीक्षाओं से किसी प्रकार का टकराव नहीं हो। पंचायतीराज विभाग की आयुक्त अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि फिलहाल मंत्री बाहर हैं और उनसे चर्चा के बाद एक-दो दिन में तिथि घोषित कर दी जाएगी।
विषयवार पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं होने से अभ्यर्थी परेशान:
शिक्षक भर्ती के लिए विषयवार पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं होने से परीक्षा की तैयारी में लगे अभ्यार्थियों को खासी परेशानी आ रही है। वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर प्रश्न किस टॉपिक से पूछ लिए जाएंगे। इस संबंध में अभ्यार्थियों ने विभाग को शिकायत भी दर्ज कराई है। हालांकि यह पहले ही तय हो चुका है कि विषयवार पाठ्यक्रम घोषित नहीं किया जाएगा। हर विषय में सैकंडरी स्तर तक के प्रश्न पूछे जाएंगे।

पाक में हिंदुओं के लिए पहचान पत्र

पाक में हिंदुओं के लिए पहचान पत्र

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदुओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए यहां हिंदू समुदाय के लिए अलग से परिचय पत्र जारी किया जाएगा। पाक प्रशासन ने कहा है कि अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए जल्द ही अलग से कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) जारी किए जाएंगे। इसकी खास बात यह है कि इसमें वे विवाहित महिलाएं भी शामिल होंगी, जो कार्ड पाने के लिए परेशानियों का सामना कर रही हैं।

विवाहित महिलाएं नहीं दे पातीं सबूत: वहीं दूसरी ओर, मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने परिचय पत्र प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं के मामले का निपटारा किया। गौरतलब है कि कोर्ट ने खुद ही मामले को संज्ञान में लिया था। पाकिस्तान में रजिस्टर्ड हिंदू विवाह कि लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए वहां की महिलाएं अपने विवाह का सबूत नहीं दे पाती हैं और उन्हें पहचान पत्र से भी वंचित कर दिया जाता है।

बदलाव पर विचार

परिचय पत्र जारी करने वाले नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) के लीगल डायरेक्टर ने कोर्ट को बताया कि इस मसले पर एनएडीआरए की जल्द बैठक होगी, जिसमें हिंदुओं को कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने के सरकारी नियम में बदलाव के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

अदालत मानती है कि इसके लिए या तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए या फिर एनएडीआरए के चेयरमैन द्वारा कुछ ऎसे नियम बनाए जाने चाहिए, जो हिंदू नागरिकों को आई कार्ड जारी करना सुनिश्चित कर सकें।