शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सांसद चौधरी ने की संसद में पैरवी

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सांसद चौधरी ने की संसद में पैरवी


लोकसभा में बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सांसद ने रखी मांगें


 बाड़मेर  लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय की बजट अनुदान मांगों पर गुरुवार को चर्चा करते हुए बाड़मेर-जैसलमेर सांसद हरीश चौधरी ने कहा देश में स्वास्थ्य सुविधाओं पर 20 प्रतिशत बजट बढ़ाया।

मगर स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने में अन्य देशों से हम अभी भी बहुत पीछे है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संस्थागत संरचनात्मक सुदृढ़ीकरण पर बल देने की जरूरत जताई।

सांसद ने स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकता का जिक्र करते हुए कहा बाड़मेर जिले की जनसंख्या 26 लाख से ज्यादा है, लेकिन निर्धारित मापदंड के अनुसार उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। उन्होंने बताया कि 3000 की आबादी पर उप स्वास्थ्य केंद्र के अनुसार 860 उपकेंद्र होने चाहिए, लेकिन जिले में मात्र 546 उपकेंद्र ही हैं। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 130 के स्थान पर मात्र 61 ही हैं। उन्होंने कहा बाड़मेर-जैसलमेर की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य केंद्र आबादी के बजाए क्षेत्रफल के आधार पर उपकेंद्र स्थापित करने पर जोर दिया।

सांसद ने राजस्थान के सीमावर्ती रेगिस्तानी क्षेत्रों में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की मांग की। उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मुख्य चिकित्सालयों में डॉक्टरों के रिक्त पदों को लेकर बताया कि अस्पताल में लंबे समय से आधे पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा ऐसा चिकित्सा कार्ड जारी किया जाए जिसके आधार पर कोई भी व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में कम लागत पर विभिन्न संस्थान/ट्रस्टों एवं अन्य एजेंसियों की ओर से संचालित अस्पताल या मेडिकल कॉलेज जाकर रियायती दर से चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सके।

उन्होंने कहा नई योजनाएं बनाते समय क्षेत्रीय परिस्थितियों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने प्रसव के लिए लेबर रूम की सुविधा सभी ग्राम पंचायत स्तर पर उप स्वास्थ्य केंद्रों पर होने की दरकार बताई । ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए जरूरी है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक के पद स्वीकृत किए जाए। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य योजनाओं एवं सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है।

ग्रामीण क्षेत्रों में हार्ट, कैंसर व किडनी जैसी बीमारियों का इलाज ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोगो को मिले इसके लिए सांसद कोष से दी जाने वाली सहायता राशि का दायरा बढ़ाया जाए ताकि आर्थिक कारणों से किसी की जान न जाए।

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