गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

visfot.com - शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना

visfot.com - शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना
शिव के आंसू से चल रहा है सीमेन्ट कारखाना


पाकिस्तान स्थित कटासराज मंदिर के ऐतिहासिक सरोवर के बारे में कहा जाता है कि यह सरोवर भगवान शिव की आंख से गिरा आंसू की एक बूंद है. कहावत है कि जब सती का शव लेकर शिव ने तांडव किया था उस वक्त उनकी आंख से आंसू के दो बूंद गिरे थे. उनमें एक बूंद पुष्कर में तो दूसरी बूंद जहां गिरी वह वर्तमान कटासराज मंदिर का सरोवर है. लेकिन अब पाकिस्तान के इसी सरोवर से एक सीमेन्ट फैक्टरी पम्पसेट लगाकर पानी निकाल रही है जिसके कारण इस ऐतिहासिक सरोवर के सूखने का संकट पैदा हो गया है.

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने एक रिपोर्ट में बताया है कि मंदिर स्थित सरोवर के पानी से पास में एक सीमेन्ट फैक्टरी चलाई जा रही है. पाकिस्तान के चकवाल शहर के पास स्थित इस सीमेन्ट फैक्टरी ने पहले कहा था कि वह झेलम नदी से पानी लेकर फैक्टरी चलाएगा लेकिन बाद में उसने कटास मंदिर के सरोवर के आस पास कई ट्यूबवेल गाड़ दिये और उसके दोहन के कारण सरोवर के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरोवर का पानी चोआ सैदान शाह और वाउला गांव को भी दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार यहां के निवासियों के लिए कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं मुहैया करा पाई है.

कटासराज मंदिर अति प्राचीन है जिसके बारे में कहा जाता है कि अपने निर्वासन के दौरान चार साल पांडव यहां रहे थे. इसी सरोवर का पानी लेने के लिए युदिष्ठिर जा रहे थे जब यक्ष ने उनसे सवाल पूछे थे और कहा था कि उनके सभी सवालों के सही जवाब देने पर ही वह सरोवर से पानी लेने देगा. लेकिन अब इसी सरोवर के पानी से सीमेन्ट की फैक्टरी चलाई जा रही है.

अखबार का कहना है कि पानी के इस दोहन से भले ही सरोवर के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया हो लेकिन सरकार सबकुछ जानकर भी अनजान बनी हुई है. पाकिस्तानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे के एक अधिकारी के हवाले से अखबार का कहना है कि वे कुछ नहीं कर सकते. अखबार का कहना है कि पानी के इस दोहन से न केवल सरोवर को खतरा पैदा हो गया है बल्कि मंदिर को भी नुकसान होने का खतरा पैदा हो गया है.

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