पाक में हिंदुओं के लिए पहचान पत्र
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदुओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए यहां हिंदू समुदाय के लिए अलग से परिचय पत्र जारी किया जाएगा। पाक प्रशासन ने कहा है कि अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए जल्द ही अलग से कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) जारी किए जाएंगे। इसकी खास बात यह है कि इसमें वे विवाहित महिलाएं भी शामिल होंगी, जो कार्ड पाने के लिए परेशानियों का सामना कर रही हैं।
विवाहित महिलाएं नहीं दे पातीं सबूत: वहीं दूसरी ओर, मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने परिचय पत्र प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं के मामले का निपटारा किया। गौरतलब है कि कोर्ट ने खुद ही मामले को संज्ञान में लिया था। पाकिस्तान में रजिस्टर्ड हिंदू विवाह कि लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए वहां की महिलाएं अपने विवाह का सबूत नहीं दे पाती हैं और उन्हें पहचान पत्र से भी वंचित कर दिया जाता है।
बदलाव पर विचार
परिचय पत्र जारी करने वाले नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) के लीगल डायरेक्टर ने कोर्ट को बताया कि इस मसले पर एनएडीआरए की जल्द बैठक होगी, जिसमें हिंदुओं को कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने के सरकारी नियम में बदलाव के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
अदालत मानती है कि इसके लिए या तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए या फिर एनएडीआरए के चेयरमैन द्वारा कुछ ऎसे नियम बनाए जाने चाहिए, जो हिंदू नागरिकों को आई कार्ड जारी करना सुनिश्चित कर सकें।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदुओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए यहां हिंदू समुदाय के लिए अलग से परिचय पत्र जारी किया जाएगा। पाक प्रशासन ने कहा है कि अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए जल्द ही अलग से कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) जारी किए जाएंगे। इसकी खास बात यह है कि इसमें वे विवाहित महिलाएं भी शामिल होंगी, जो कार्ड पाने के लिए परेशानियों का सामना कर रही हैं।
विवाहित महिलाएं नहीं दे पातीं सबूत: वहीं दूसरी ओर, मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने परिचय पत्र प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं के मामले का निपटारा किया। गौरतलब है कि कोर्ट ने खुद ही मामले को संज्ञान में लिया था। पाकिस्तान में रजिस्टर्ड हिंदू विवाह कि लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए वहां की महिलाएं अपने विवाह का सबूत नहीं दे पाती हैं और उन्हें पहचान पत्र से भी वंचित कर दिया जाता है।
बदलाव पर विचार
परिचय पत्र जारी करने वाले नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (एनएडीआरए) के लीगल डायरेक्टर ने कोर्ट को बताया कि इस मसले पर एनएडीआरए की जल्द बैठक होगी, जिसमें हिंदुओं को कंप्यूटराइज राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने के सरकारी नियम में बदलाव के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
अदालत मानती है कि इसके लिए या तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए या फिर एनएडीआरए के चेयरमैन द्वारा कुछ ऎसे नियम बनाए जाने चाहिए, जो हिंदू नागरिकों को आई कार्ड जारी करना सुनिश्चित कर सकें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें