सोनार दुर्ग को बचाने के प्रयास तेज 3 व 4 फरवरी को देश विदेश के विशेषज्ञ जुटेंगे जैसलमेर में जैसलमे सोनार दुर्ग के संरक्षण व उसे बचाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों दुर्ग की पहाड़ी के डाटा की लंदन में हुई जांच में सामने आया था कि तीन स्थानों पर भूकंप फॉल्ट जोन है और एक तरफ से पहाड़ी में मूवमेंट हो रहा है। उसके बाद जयपुर में हुए मंथन में सोनार दुर्ग के लिए प्राधिकरण बनाने का भी निर्णय लिया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार 3 व 4 फरवरी को सोनार दुर्ग की पहाड़ी में हो रही हलचल के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक जैसलमेर में होगी। इस बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक गौतम सैन गुप्ता, वल्र्ड वॉच मोन्यूमेंट न्यूयार्क से मार्क बेबर, कनाडा से सीनियर जीयोटेकनिकल कंसलटेंट डॉ. जॉन ह्यूज, सीनियर आर्चिटेक्चर समीर, शिखा जैन, बोम्बे कोलबेटरी अर्बन डिजायन एवं कंजरवेशन के डायरेक्टर जियोटेक्निकल वक्र्स एस.सी. देशपांडे, वल्र्ड वॉच मोन्यूमेंट की भारत में प्रतिनिधि अमिता बेग, एएसआई की डायरेक्टर कंजरवेशन जाहनवी शर्मा, नेशनल कल्चर फंड की यामिनी मोबाय, आईआईटी मद्रास व आईआईटी हैदराबाद के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ आरयूएसआईडीपी के कई उच्चाधिकारी हिस्सा लेंगे। एक फरवरी से चौथे चरण की जांच सोनार दुर्ग की पहाड़ी में हो रही हलचल की अंतिम चौथे चरण की जांच 1 फरवरी से शुरू होगी। पहाड़ में कई स्थानों पर बोरवेल कर इनहोलेटर से प्राप्त डाटा स्टडी के लिए लंदन भिजवाए जाएंगे। किले के स्टेबलाइजेशन का कार्य देखने वाली बोम्बे कोलबेटरी अर्बन डिजायन एंड कंजरवेशन के अधिकारी बताते हैं कि 1 फरवरी से शुरू हो रहे कार्य के दौरान 7-8 स्थानों पर बोरवेल कर इनहोलेटर नामक एक आधुनिक मशीन लगाकर हलचल की रीडिंग ली जाएगी। |
सोमवार, 30 जनवरी 2012
सोनार दुर्ग को बचाने के प्रयास तेज
बेशर्म शिक्षक, सेक्स के लिए कर डाली थी पत्नी की अदला-बदली
भावनगर। शहर में लगभग एक हफ्ते पहले हुई एक शिक्षक के कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी है। आरोपियों के अनुसार उन्होंने शिक्षक की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह शारीरिक संबंध के लिए आरोपी और अपनी पत्नी के आदान-प्रदान करने की जिद कर रहा था।
आरोपी द्वारा पुलिस को बताए अनुसार, सुभाष नगर में रहने वाले भद्रेशभाई खोडाभाई मकवाणा की पत्नी पर मृतक पिनाकिनभाई बुरी नजर रखता था। पिनाकिन पेशे से एक निजी स्कूल का शिक्षक था। जबकि आरोपी भद्रेशभाई प्लंबर का काम करता है। दोनों के बीच पिछले काफी समय से दोस्ती थी। इसके अलावा शिक्षक पिनाकिन अक्सर भद्रेश की आर्थिक मदद भी किया करता था।
भद्रेश के अनुसार पिनाकिन रंगीन मिजाज का व्यक्ति था। कुछ दिन पहले ही पिनाकिन ने भद्रेश से मांग की थी कि वे दोनों सेक्स के लिए अपनी-अपनी पत्नियों का आदान-प्रदान कर लेते हैं। इसी बात को लेकर पिनाकिन कई दिनों से भद्रेश के पीछे पड़ा हुआ था, जिससे तंग आकर भद्रेश ने उसकी हत्या का षड़यंत्र रचा।
योजना के तहत लगभग 8 दिन पहले भद्रेश ने फोन कर पिनाकिनभाई को अपने एक नए मकान में यह कहकर बुलाया कि वह अपनी पत्नी को लेकर यहां आ गया है। जबकि पिनाकिन की हत्या के लिए भद्रेश ने राजेश उर्फ राजू जयंतीभाई नामक एक दोस्त को यहां पर बुला लिया था। जब पिनाकिन यहां पहुंचा तो दोनों ने जहरीला इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में पिनाकिनभाई की गला दबाकर हत्या कर दी और नगA कर शव मंे आग लगा दी।
पुलिस ने मृतक की पहचान चेन, अंगूठी व अन्य कुछ वस्तुओं द्वारा की थी। मामले की जांच कर रही पुलिस आखिरकार आरोपियों तक पहुंच गई और घटना का पर्दाफाश हुआ।
आरोपी द्वारा पुलिस को बताए अनुसार, सुभाष नगर में रहने वाले भद्रेशभाई खोडाभाई मकवाणा की पत्नी पर मृतक पिनाकिनभाई बुरी नजर रखता था। पिनाकिन पेशे से एक निजी स्कूल का शिक्षक था। जबकि आरोपी भद्रेशभाई प्लंबर का काम करता है। दोनों के बीच पिछले काफी समय से दोस्ती थी। इसके अलावा शिक्षक पिनाकिन अक्सर भद्रेश की आर्थिक मदद भी किया करता था।
भद्रेश के अनुसार पिनाकिन रंगीन मिजाज का व्यक्ति था। कुछ दिन पहले ही पिनाकिन ने भद्रेश से मांग की थी कि वे दोनों सेक्स के लिए अपनी-अपनी पत्नियों का आदान-प्रदान कर लेते हैं। इसी बात को लेकर पिनाकिन कई दिनों से भद्रेश के पीछे पड़ा हुआ था, जिससे तंग आकर भद्रेश ने उसकी हत्या का षड़यंत्र रचा।
योजना के तहत लगभग 8 दिन पहले भद्रेश ने फोन कर पिनाकिनभाई को अपने एक नए मकान में यह कहकर बुलाया कि वह अपनी पत्नी को लेकर यहां आ गया है। जबकि पिनाकिन की हत्या के लिए भद्रेश ने राजेश उर्फ राजू जयंतीभाई नामक एक दोस्त को यहां पर बुला लिया था। जब पिनाकिन यहां पहुंचा तो दोनों ने जहरीला इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में पिनाकिनभाई की गला दबाकर हत्या कर दी और नगA कर शव मंे आग लगा दी।
पुलिस ने मृतक की पहचान चेन, अंगूठी व अन्य कुछ वस्तुओं द्वारा की थी। मामले की जांच कर रही पुलिस आखिरकार आरोपियों तक पहुंच गई और घटना का पर्दाफाश हुआ।
भंवरी का अपहरण होते अपनी आंखों से देखा था अमरचंद ने!
जोधपुर. अमरचंद ने सोहनलाल से 10 लाख रु. में अपनी पत्नी भंवरी के अपहरण का सौदा किया था, मगर उसे 1 लाख रुपए ही मिले। बताया जाता है कि बाकी पैसा पहुंचाने का जिम्मा पुखराज का था।
डील के मुताबिक अपहरण के दिन जब सोहनलाल व शहाबुद्दीन भंवरी को लेकर सोजतीगेट बस स्टैंड पर चाय-नाश्ता कर रहे थे तब पुखराज भी एक व्यक्ति के साथ दूसरी बोलेरो में दूर बैठा था। संभवत: वह दूसरा व्यक्ति अमरचंद था, जिसने अपनी आंखों से भंवरी के अपहरण होते हुए देखा था।
अमरचंद को असल में कितना पैसा दिया गया, यह छानबीन रविवार को जेल में की गई। सीबीआई ने जेल में पुखराज- व दिनेश को सोहनलाल तथा अमरचंद से रू-ब-रू करवाकर करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
सोहनलाल व अमरचंद से हुई पूछताछ में यह बात तो सामने आ गई कि अमरचंद भी इस साजिश का हिस्सा था। अमरचंद अपहरण के लिए तो राजी था, मगर हाथापाई में भंवरी की मौत हो गई, यह उसे नहीं बताया गया।
सौदे की असल रकम की जानकारी को लेकर तीनों से अलग--अलग बातें सामने आई है। इस काम में पुखराज का साथ उसके चचेरे भाई दिनेश ने दिया था इसलिए सीबीआई ने दिनेश के पिता बाबूलाल को भी लगातार दूसरे दिन सर्किट हाउस बुला कर पूरे दिन पूछताछ की।
डील के मुताबिक अपहरण के दिन जब सोहनलाल व शहाबुद्दीन भंवरी को लेकर सोजतीगेट बस स्टैंड पर चाय-नाश्ता कर रहे थे तब पुखराज भी एक व्यक्ति के साथ दूसरी बोलेरो में दूर बैठा था। संभवत: वह दूसरा व्यक्ति अमरचंद था, जिसने अपनी आंखों से भंवरी के अपहरण होते हुए देखा था।
अमरचंद को असल में कितना पैसा दिया गया, यह छानबीन रविवार को जेल में की गई। सीबीआई ने जेल में पुखराज- व दिनेश को सोहनलाल तथा अमरचंद से रू-ब-रू करवाकर करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
सोहनलाल व अमरचंद से हुई पूछताछ में यह बात तो सामने आ गई कि अमरचंद भी इस साजिश का हिस्सा था। अमरचंद अपहरण के लिए तो राजी था, मगर हाथापाई में भंवरी की मौत हो गई, यह उसे नहीं बताया गया।
सौदे की असल रकम की जानकारी को लेकर तीनों से अलग--अलग बातें सामने आई है। इस काम में पुखराज का साथ उसके चचेरे भाई दिनेश ने दिया था इसलिए सीबीआई ने दिनेश के पिता बाबूलाल को भी लगातार दूसरे दिन सर्किट हाउस बुला कर पूरे दिन पूछताछ की।
लड़की भगाई तो बेटी-भतीजी सौंपने की मिली सजा
पपीते के असरदार नुस्खे : ये मोटापा और स्किन प्रॉब्लम्स के लिए है रामबाण
पपीता को पेट के लिए वरदान माना गया है। कहते हैं पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। पपीते का रस सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।
पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीता में विटामिन ए, बी, डी, प्रोटिन, कैल्सियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है।
इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता हैं। जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। चूंकि सारे रोगों का कारण पेट के सही ना होने के कारण होता है इसलिए पपीते का सेवन रोज करना चाहिए। पपीता खाने से वजन कम हो जाता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में करते हैं। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।
कच्चे पपीते की सब्जी खाने से याददाश्त बढ़ती है। जबकि पपीते का जूस पीने से मनुष्य में यौन शक्ति की वृद्धि हो जाती है। पपीता ऐसा फल है जो ना तो काफी महंगा होता है और ना ही मुश्किल से मिलता है इसलिए पपीते का सेवन हर व्यक्ति को रोज करना चाहिए। सिर्फ एक महीने नियमित रूप से आप पपीता खाइये फर्क आप खुद ही महसूस करेगें और सबसे कहेगें कि पपीता खाओ और काम पर जाओ। समय से पूर्व चेहरे पर झुर्रियां आना बुढ़ापे की निशानी है। अच्छे पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगायें। आधा घंटा लगा रहने दें। जब वह सूख जाये तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें तथा मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। ऐसा कम से कम एक माह तक नियमित करें। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदायक होता है।
पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीता में विटामिन ए, बी, डी, प्रोटिन, कैल्सियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है।
इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता हैं। जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। चूंकि सारे रोगों का कारण पेट के सही ना होने के कारण होता है इसलिए पपीते का सेवन रोज करना चाहिए। पपीता खाने से वजन कम हो जाता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में करते हैं। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।
कच्चे पपीते की सब्जी खाने से याददाश्त बढ़ती है। जबकि पपीते का जूस पीने से मनुष्य में यौन शक्ति की वृद्धि हो जाती है। पपीता ऐसा फल है जो ना तो काफी महंगा होता है और ना ही मुश्किल से मिलता है इसलिए पपीते का सेवन हर व्यक्ति को रोज करना चाहिए। सिर्फ एक महीने नियमित रूप से आप पपीता खाइये फर्क आप खुद ही महसूस करेगें और सबसे कहेगें कि पपीता खाओ और काम पर जाओ। समय से पूर्व चेहरे पर झुर्रियां आना बुढ़ापे की निशानी है। अच्छे पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगायें। आधा घंटा लगा रहने दें। जब वह सूख जाये तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें तथा मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। ऐसा कम से कम एक माह तक नियमित करें। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदायक होता है।
सोमवार को किस वक्त, किस तरफ मुंह रख करें शिव पूजा?
शिव भक्ति के संयम व मर्यादा मन को पवित्र कर वैचारिक और व्यावहारिक रूप से बुरे कर्मों से दूर रख दु:ख-दरिद्रता से बचाते है। असल में शिव शब्द का मूल भाव भी होता है - कल्याण, सुख व आनंद। यही कारण है कि धार्मिक मान्यता व आस्था है कि शिव की भक्ति के बिना इंसान शव के समान हो जाता है।
सुख की कामना से भगवान शिव की साधना के लिए तरह-तरह के मंत्र, स्त्रोत और स्तुतियां शास्त्रों में बताई गई है। किंतु इन सभी उपासना के तरीकों का फल तभी बताया गया है, जब उनको शिव भक्ति के लिए बताई मर्यादाओं के साथ किया जाए।
इसी कड़ी में शास्त्रों यह भी बताया गया है कि सोमवार या किसी भी शिव भक्ति के विशेष दिन कामनासिद्धि के लिए शिव की आराधना किस वक्त किस दिशा में बैठकर करना बहुत ही शुभ और प्रभावशाली होती है। जानते हैं -
- सुबह के समय शिव उपासना पूर्व दिशा की ओर मुंह रख करना चाहिए।
- वहीं शाम के समय शिव साधना पश्चिम दिशा की ओर मुंह रख करें।
- इसी तरह भगवान शिव की पूजा या आराधना रात में उत्तर दिशा की ओर मुंह रख करना कामना सिद्धि के लिए शुभ मानी जाती है।
सुख की कामना से भगवान शिव की साधना के लिए तरह-तरह के मंत्र, स्त्रोत और स्तुतियां शास्त्रों में बताई गई है। किंतु इन सभी उपासना के तरीकों का फल तभी बताया गया है, जब उनको शिव भक्ति के लिए बताई मर्यादाओं के साथ किया जाए।
इसी कड़ी में शास्त्रों यह भी बताया गया है कि सोमवार या किसी भी शिव भक्ति के विशेष दिन कामनासिद्धि के लिए शिव की आराधना किस वक्त किस दिशा में बैठकर करना बहुत ही शुभ और प्रभावशाली होती है। जानते हैं -
- सुबह के समय शिव उपासना पूर्व दिशा की ओर मुंह रख करना चाहिए।
- वहीं शाम के समय शिव साधना पश्चिम दिशा की ओर मुंह रख करें।
- इसी तरह भगवान शिव की पूजा या आराधना रात में उत्तर दिशा की ओर मुंह रख करना कामना सिद्धि के लिए शुभ मानी जाती है।
रविवार, 29 जनवरी 2012
गर्लफ्रेंड की अश्लील फोटो अपलोड की, अरेस्ट
नागपुर।। गर्लफ्रेंड की अश्लील तस्वीरें खींचने और बाद में उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट पर डालने के आरोप में एक फार्मा कंपनी के एक्जीक्यूटिव को अरेस्ट किया गया।
पुलिस ने बताया कि अजय शालिक्रम गजभिये ने गर्लफ्रेंड की ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और मोबाइल से उसकी अश्लील तस्वीरें खींची।
बाद में गर्लफ्रेंड के सोशल नेटवर्किंग साइट के अकाउंट से ही उसने इन तस्वीरों को अपलोड कर दिया। पुलिस ने गजभिये पर महिला की मर्यादा का हनन करने और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
मध्य प्रदेश: रेप के बाद छात्रा को जिंदा जलाया
बड़वाह (मध्य प्रदेश)।। पश्चिमी निमाड़ जिले के कसरावद थाना क्षेत्र के ग्राम सालाखेड़ी में दसवीं क्लास की 16 वर्षीय नाबालिग छात्रा से रेप करने के बाद एक युवक ने उसे जिंदा जला दिया। लड़की ने रविवार की सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सालाखेड़ी गांव निवासी राजेन्द्र ने दसवीं क्लास में पढ़ने वाली अंजू कहार के साथ 27 जनवरी को पहले रेप किया और जब लड़की ने जब इस बात की जानकारी गांव वालों को देने की धमकी दी तो उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। अंजू को गंभीर अवस्था में इंदौर के एम.वाई अस्पताल में भेजा गया जहां रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस. चौहान ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दल सालाखेड़ी गांव गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सालाखेड़ी गांव निवासी राजेन्द्र ने दसवीं क्लास में पढ़ने वाली अंजू कहार के साथ 27 जनवरी को पहले रेप किया और जब लड़की ने जब इस बात की जानकारी गांव वालों को देने की धमकी दी तो उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। अंजू को गंभीर अवस्था में इंदौर के एम.वाई अस्पताल में भेजा गया जहां रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस. चौहान ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दल सालाखेड़ी गांव गया है।
इंटरनेट पर छाया देसी जलवा
इंटरनेट पर भी अब भारतीय भाषाओं की धूम मचने लगी है। तमाम वेबसाइट्स अब हिंदी, मराठी, तमिल, बांग्ला जैसी भारतीय भाषाएं सीख रही हैं क्योंकि वेब पर राज करना है तो कामयाबी की कहानी इन्हीं में लिखी जाएगी। कंटेंट भले ही देसी हो, अभी तक वेब अड्रेस अंग्रेजी में ही मिल रहे हैं। अप्रैल से यह भी बदल जाएगा। नैशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सी) डॉट भारत नाम से डोमेन नेम देगा। भारतीय भाषाओं में यह पता शुरुआत में हिंदी, उर्दू, तमिल, तेलुगू, बांग्ला, गुजराती और पंजाबी में मिलेगा।
रेलवे टिकट रिजर्वेशन की साइट www.irctc.co . in का हिंदी में बीटा वर्जन पेश किया जा चुका है, जिसे उसके एक तिहाई यूजर इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल की वैल्यू एडेड सर्विस कंपनी आईएमआई मोबाइल भारतीय भाषाओं में अपने एप्लिकेशन डिवेलप करने जा रही है। अप्रैल से इंटरनेट पर डोमेन नेम 7 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। यानी कंटेंट पब्लिशिंग से लेकर ई-कॉमर्स और मोबाइल एप्स तक में देसी होने की होड़ मची हुई है।
इंटरनेट ऐंड मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट शुभो रे कहते हैं कि अगर आपको विस्तार करना है तो आप जाएंगे कहां? भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर बेस 2011 में 12 करोड़ को पार कर गया। अंग्रेजी बोलने वाली आबादी इसमें आ चुकी है और अब जो भी विस्तार होगा, वह स्थानीय भाषाओं में होने जा रहा है। आपको अगर अपना यूजर बेस बढ़ाना है तो ज्यादा से ज्यादा भारतीय भाषाएं सीखनी होंगी।
एक इंटरनेट कंपनी के मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट पर 85-90 फीसदी लोग कंटेंट पढ़ने के लिए आते हैं, फिर चाहे वह न्यूज हो, प्रॉडक्ट रिव्यू हो या सोशल नेटवर्किंग साइट्स। खासकर न्यूज में लोग अपनी ही भाषा में कंटेंट चाहते हैं।
टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के सीईओ ऋषि खियानी कहते हैं कि स्थानीय भाषाएं तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेटवर्क पर ज्यादा लोग नवभारत टाइम्स और महाराष्ट्र टाइम्स की वेबसाइट्स पर लॉग कर रहे हैं।
गूगल इंडिया का आकलन है कि अंग्रेजी के अलावा 7 से 8 भारतीय भाषाओं के लिए इंटरनेट पर 35 करोड़ लोगों का यूजर बेस है। इनमें मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और बांग्ला शामिल हैं।
गूगल ने बेंगलुरु में 150 इंजीनियरों की टीम रखी है, जो दुनिया भर के उभरते देशों में लोगों की इंटरनेट जरूरतों का आकलन करती है, भारत इसमें टॉप पर है। 14 भारतीय भाषाओं में वह ट्रांसलिटरेशन पेश कर रही है, 4 में गूगल न्यूज है, 6 के लिए मशीन ट्रांसलेशन उपलब्ध है और लगभग हर भारतीय भाषा के लिए वर्चुअल की-पैड वह पेश कर चुकी है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की साइट भाषाइंडिया.कॉम पर भी फॉन्ट कनवर्टर और वर्चुअल की-पैड जैसे टूल हैं। नोकिया के मोबाइल फोन 11 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करते हैं। दिल्ली की कंपनी हेजल मीडिया स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए 5 भारतीय भाषाओं में एप्स पेश कर चुकी है। एमपुस्तक के तहत हिंदी, मराठी, बांग्ला, तमिल और तेलुगू में वह अपने एप्स ला रही है।
रेलवे टिकट रिजर्वेशन की साइट www.irctc.co . in का हिंदी में बीटा वर्जन पेश किया जा चुका है, जिसे उसके एक तिहाई यूजर इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल की वैल्यू एडेड सर्विस कंपनी आईएमआई मोबाइल भारतीय भाषाओं में अपने एप्लिकेशन डिवेलप करने जा रही है। अप्रैल से इंटरनेट पर डोमेन नेम 7 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। यानी कंटेंट पब्लिशिंग से लेकर ई-कॉमर्स और मोबाइल एप्स तक में देसी होने की होड़ मची हुई है।
इंटरनेट ऐंड मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट शुभो रे कहते हैं कि अगर आपको विस्तार करना है तो आप जाएंगे कहां? भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर बेस 2011 में 12 करोड़ को पार कर गया। अंग्रेजी बोलने वाली आबादी इसमें आ चुकी है और अब जो भी विस्तार होगा, वह स्थानीय भाषाओं में होने जा रहा है। आपको अगर अपना यूजर बेस बढ़ाना है तो ज्यादा से ज्यादा भारतीय भाषाएं सीखनी होंगी।
एक इंटरनेट कंपनी के मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट पर 85-90 फीसदी लोग कंटेंट पढ़ने के लिए आते हैं, फिर चाहे वह न्यूज हो, प्रॉडक्ट रिव्यू हो या सोशल नेटवर्किंग साइट्स। खासकर न्यूज में लोग अपनी ही भाषा में कंटेंट चाहते हैं।
टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के सीईओ ऋषि खियानी कहते हैं कि स्थानीय भाषाएं तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेटवर्क पर ज्यादा लोग नवभारत टाइम्स और महाराष्ट्र टाइम्स की वेबसाइट्स पर लॉग कर रहे हैं।
गूगल इंडिया का आकलन है कि अंग्रेजी के अलावा 7 से 8 भारतीय भाषाओं के लिए इंटरनेट पर 35 करोड़ लोगों का यूजर बेस है। इनमें मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और बांग्ला शामिल हैं।
गूगल ने बेंगलुरु में 150 इंजीनियरों की टीम रखी है, जो दुनिया भर के उभरते देशों में लोगों की इंटरनेट जरूरतों का आकलन करती है, भारत इसमें टॉप पर है। 14 भारतीय भाषाओं में वह ट्रांसलिटरेशन पेश कर रही है, 4 में गूगल न्यूज है, 6 के लिए मशीन ट्रांसलेशन उपलब्ध है और लगभग हर भारतीय भाषा के लिए वर्चुअल की-पैड वह पेश कर चुकी है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की साइट भाषाइंडिया.कॉम पर भी फॉन्ट कनवर्टर और वर्चुअल की-पैड जैसे टूल हैं। नोकिया के मोबाइल फोन 11 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करते हैं। दिल्ली की कंपनी हेजल मीडिया स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए 5 भारतीय भाषाओं में एप्स पेश कर चुकी है। एमपुस्तक के तहत हिंदी, मराठी, बांग्ला, तमिल और तेलुगू में वह अपने एप्स ला रही है।
गोल्ड सुख कंपनी का एमडी नरेंद्र गिरफ्तार
गोल्ड सुख कंपनी का एमडी नरेंद्र गिरफ्तार
नई दिल्ली। धोखाधड़ी के आरोपी गोल्ड सुख के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को जयपुर पुलिस ने गोल्ड सुख के एमडी नरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सरोज कंवर को गिरफ्तार किया।
दोनों को विधायक पुरी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। जयपुर पुलिस काफी दिनों से गोल्ड सुख के एमडी को तलाश रही थी। इसके लिए पुलिस ने इंटरपोल की भी मदद ले रखी थी। कहा जा रहा है कि बैंकॉक से दिल्ली आने पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। वहीं इस मामले के तीन अन्य आरोपी थाइलैंड में ही रूके हुए है। उनकी भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।
नई दिल्ली। धोखाधड़ी के आरोपी गोल्ड सुख के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को जयपुर पुलिस ने गोल्ड सुख के एमडी नरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सरोज कंवर को गिरफ्तार किया।
दोनों को विधायक पुरी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। जयपुर पुलिस काफी दिनों से गोल्ड सुख के एमडी को तलाश रही थी। इसके लिए पुलिस ने इंटरपोल की भी मदद ले रखी थी। कहा जा रहा है कि बैंकॉक से दिल्ली आने पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। वहीं इस मामले के तीन अन्य आरोपी थाइलैंड में ही रूके हुए है। उनकी भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।
भंवरी प्रकरण: जेल में खुली "डील" की पोल!
जोधपुर।भंवरी के अपहरण की डील कितने लाख रुपए में हुई और यह रुपया किसने, कब दिया, फिर रुपयों को कहां ठिकाने लगाया। इन सवालों का जवाब लेने के लिए सीबीआई रविवार सुबह पुखराज व दिनेश को जेल ले गई। जेल में बंद मुख्य आरोपी सोहनलाल को उसके बेटे पुखराज व भतीजे दिनेश से रूबरू करवा कर पैसों की पोल खुलाने का प्रयास किया। सोहनलाल ने पहले पैसों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी, लेकिन पुखराज पैसे लेकर मद्रास भागा था।
भंवरी के अपहरण व हत्या के मामले में रिमांड पर चल रहा पुखराज विश्नोई मुख्य आरोपी सोहनलाल का बेटा है। वहीं पुखराज के साथ समर्पण करने वाला दिनेश उसका चचेरा भाई है। ये दोनों तीन माह से गायब थे। सीबीआई को जानकारी मिली थी ये दोनों भंवरी के अपहरण की डील में आए लाखों रुपए लेकर भागे हैं।
सीबीआई ने तीन दिन से उनका इंटेरोगेशन किया तो उन्होंने डील के राज खोले। फिर इन्हीं राज को सोहनलाल से कबूल कराने के लिए रविवार सुबह 11 बजे दोनों को जेल ले जाया गया तथा सोहनलाल व उसके बेटे पुखराज को आमने- सामने कराया गया। वहीं भतीजे दिनेश का भी दोपहर 1 बजे तक जेल में ही क्रास इंटेरोगेशन किया गया।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई केसेज) कोर्ट में एक अर्जी लगा कर इन दोनों आरोपियों को जेल में सोहनलाल से रूबरू कराने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने शनिवार और रविवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक उन्हें जेल में क्रास इंटेरोगेशन करने की अनुमति दे दी। शनिवार को इन दोनों को सहीराम से रूबरू कराया गया था।
भंवरी के अपहरण व हत्या के मामले में रिमांड पर चल रहा पुखराज विश्नोई मुख्य आरोपी सोहनलाल का बेटा है। वहीं पुखराज के साथ समर्पण करने वाला दिनेश उसका चचेरा भाई है। ये दोनों तीन माह से गायब थे। सीबीआई को जानकारी मिली थी ये दोनों भंवरी के अपहरण की डील में आए लाखों रुपए लेकर भागे हैं।
सीबीआई ने तीन दिन से उनका इंटेरोगेशन किया तो उन्होंने डील के राज खोले। फिर इन्हीं राज को सोहनलाल से कबूल कराने के लिए रविवार सुबह 11 बजे दोनों को जेल ले जाया गया तथा सोहनलाल व उसके बेटे पुखराज को आमने- सामने कराया गया। वहीं भतीजे दिनेश का भी दोपहर 1 बजे तक जेल में ही क्रास इंटेरोगेशन किया गया।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई केसेज) कोर्ट में एक अर्जी लगा कर इन दोनों आरोपियों को जेल में सोहनलाल से रूबरू कराने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने शनिवार और रविवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक उन्हें जेल में क्रास इंटेरोगेशन करने की अनुमति दे दी। शनिवार को इन दोनों को सहीराम से रूबरू कराया गया था।
एक साथ पैदा हुए 14 बच्चे, बना अनोखा रिकार्ड
बुलंदशहर। एक फर्टिलिटी सेन्टर ने टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म का रिकॉर्ड बनाया है। यहां 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन एक साथ 7 जुड़वां टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुए हैं। यह सभी स्वस्थ है। घटना यूपी के बुलंदशहर की है।
दुनिया में सात जोड़े स्वस्थ टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले अमेरिका के वॉशिंगटन में सात जुड़वां पैदा तो हुए लेकिन उनकी सांसें लंबी नहीं चल सकी। ऐसा करने वाले डॉक्टर आकाश की यह उपलब्धि अहम है।
बताते चलें कि टेस्ट ट्यूब बेबी यानी बांझपन में संतान-सुख पाने का बेहतर तरीका। दुनिया में टेस्ट ट्यूब बेबी के नतीजे महज बीस फीसदी रहते हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी का बढता चलन
तकनीक के विकास के साथ ही दुनिया भर में माताओं की सूनी गोद को हरा-भरा करने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिलाने का चलन बढ़ा है। अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म एक उद्योग का रूप ले चुका है और अब यह तेजी से बढ़ रहा है।
अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी के 'उद्योग' का सालाना टर्नओवर तीन बिलियन डॉलर है। दुनिया में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी अस्तित्व में लाने वाले महान वैज्ञानिक प्रो. बॉब एडवर्ड को इसके लिए नोबल पुरस्कार दिया जा चुका है।6
दुनिया में सात जोड़े स्वस्थ टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले अमेरिका के वॉशिंगटन में सात जुड़वां पैदा तो हुए लेकिन उनकी सांसें लंबी नहीं चल सकी। ऐसा करने वाले डॉक्टर आकाश की यह उपलब्धि अहम है।
बताते चलें कि टेस्ट ट्यूब बेबी यानी बांझपन में संतान-सुख पाने का बेहतर तरीका। दुनिया में टेस्ट ट्यूब बेबी के नतीजे महज बीस फीसदी रहते हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी का बढता चलन
तकनीक के विकास के साथ ही दुनिया भर में माताओं की सूनी गोद को हरा-भरा करने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिलाने का चलन बढ़ा है। अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म एक उद्योग का रूप ले चुका है और अब यह तेजी से बढ़ रहा है।
अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी के 'उद्योग' का सालाना टर्नओवर तीन बिलियन डॉलर है। दुनिया में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी अस्तित्व में लाने वाले महान वैज्ञानिक प्रो. बॉब एडवर्ड को इसके लिए नोबल पुरस्कार दिया जा चुका है।6
खुद की लगाई आग में फंसकर रह गए मरीज,32 मरे
लीमा.लातिन अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा के एक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र में लगी आग में जलकर कल 32 रोगियों की मौत हो गई।
स्थानीय रेडियो आरपीपी ने बताया कि यह आग इमारत के भीतर एक प्रेशर कुकर में विस्फोट होने के बाद लगी लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नशे की लत से जूझ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले इस केंद्र में रहने वाले मरीजों ने अपने गद्दों को आग लगा दी जो धीरे-धीरे पूरे भवन में फैल गई।
रेडियो ने बताया कि इस पुनर्वास केंद्र में नशे की लत से उबरने की कोशिश कर रहे 80 मरीज रहते थे।
उन्होंने बताया कि रोगियों के क्लीनिक से भाग जाने के डर से इन्हें बंद करके रखा गया था लेकिन आग लगने के बाद यही चीज उनके लिए घातक साबित हुई। अधिकतर मरीजों की दम घुटने की वजह से मौत हो गई। कुछ मरीज दूसरी मंजिल की खिड़की से कूदकर बच निकलने में कामयाब रहे।
अग्निकांड में बचे एक मरीज ने बताया कि क्लीनिक में बंद कुछ रोगी वहां से निकल भागना चाहते थे और इसी वजह से उन्होंने कपड़ों के ढेर में आग लगा दी। लेकिन यह आग उनके नियंत्नण के बाहर हो गई और पूरे क्लीनिक में फैल गई।
लीमा की महापौर सुसान विल्लेरान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। शुरूआती जांच के मुताबिक इस क्लीनिक को स्थानीय प्रशासन से पुनर्वास केंद्र चलाने की इजाजत नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कुछ गंभीर कदम उठाने होंगे ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो सके।
आग में झुलसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकलकर्मी और पुलिस के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
स्थानीय रेडियो आरपीपी ने बताया कि यह आग इमारत के भीतर एक प्रेशर कुकर में विस्फोट होने के बाद लगी लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नशे की लत से जूझ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले इस केंद्र में रहने वाले मरीजों ने अपने गद्दों को आग लगा दी जो धीरे-धीरे पूरे भवन में फैल गई।
रेडियो ने बताया कि इस पुनर्वास केंद्र में नशे की लत से उबरने की कोशिश कर रहे 80 मरीज रहते थे।
उन्होंने बताया कि रोगियों के क्लीनिक से भाग जाने के डर से इन्हें बंद करके रखा गया था लेकिन आग लगने के बाद यही चीज उनके लिए घातक साबित हुई। अधिकतर मरीजों की दम घुटने की वजह से मौत हो गई। कुछ मरीज दूसरी मंजिल की खिड़की से कूदकर बच निकलने में कामयाब रहे।
अग्निकांड में बचे एक मरीज ने बताया कि क्लीनिक में बंद कुछ रोगी वहां से निकल भागना चाहते थे और इसी वजह से उन्होंने कपड़ों के ढेर में आग लगा दी। लेकिन यह आग उनके नियंत्नण के बाहर हो गई और पूरे क्लीनिक में फैल गई।
लीमा की महापौर सुसान विल्लेरान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। शुरूआती जांच के मुताबिक इस क्लीनिक को स्थानीय प्रशासन से पुनर्वास केंद्र चलाने की इजाजत नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कुछ गंभीर कदम उठाने होंगे ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो सके।
आग में झुलसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकलकर्मी और पुलिस के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
बेकाबू तिपहिया वाहन पलटा आठ घायल
बेकाबू तिपहिया वाहन पलटा आठ घायल
बालोतरा। मेगा स्टेट हाइवे पर नेवाई सरहद में शनिवार शाम एक तिपहिया वाहन पलटने से आठ जने घायल हो गए। तीन महिलाओं की हालत नाजुक बताई जा रही है। सिमरखिया से रवाना हुआ एक तिपहिया वाहन शनिवार शाम मेगा स्टेट हाइवे से होते हुए पचपदरा की तरफ लौट रहा था। सरहद नेवाई में सड़क पर एक बच्चे को बचाने के प्रयास में चालक ने वाहन से संतुलन खो दिया। बेकाबू हुआ तिपहिया वाहन सड़क से उतरकर खaे में पलट गया।
हादसे में श्रीमती पेपो देवी पत्नी धनाराम निवासी पचपदरा, श्रीमती अणची देवी पत्नी पप्पूराम निवासी दूदवा, श्रीमती सजनी पत्नी चेतनराम निवासी दूदवा गंभीर घायल हुए, जबकि श्रीमती गीता देवी पत्नी मिश्रीमल निवासी उमरलाई, पदमाराम पुत्र मिसरीमल निवासी उमरलाई, ओमप्रकाश पुत्र धनाराम निवासी पचपदरा, कमला पत्नी मनोज निवासी दूदवा, मनोज पुत्र गेनाराम निवासी दूदवा मामूली घायल हुए।
घटना की सूचना मिलने पर पचपदरा थाने के एएसआई रेवंतसिंह राजपुरोहित व लजपतसिंह राजपुरोहित मय जाप्ता तथा बालोतरा से 108 एंबुलेंस के पायलट ओमप्रकाश माली व ईएमटी दिनेश पटेल ने मौके पर पहुंचकर घायलों को उपचार के लिए बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर हैं।
हादसे में श्रीमती पेपो देवी पत्नी धनाराम निवासी पचपदरा, श्रीमती अणची देवी पत्नी पप्पूराम निवासी दूदवा, श्रीमती सजनी पत्नी चेतनराम निवासी दूदवा गंभीर घायल हुए, जबकि श्रीमती गीता देवी पत्नी मिश्रीमल निवासी उमरलाई, पदमाराम पुत्र मिसरीमल निवासी उमरलाई, ओमप्रकाश पुत्र धनाराम निवासी पचपदरा, कमला पत्नी मनोज निवासी दूदवा, मनोज पुत्र गेनाराम निवासी दूदवा मामूली घायल हुए।
घटना की सूचना मिलने पर पचपदरा थाने के एएसआई रेवंतसिंह राजपुरोहित व लजपतसिंह राजपुरोहित मय जाप्ता तथा बालोतरा से 108 एंबुलेंस के पायलट ओमप्रकाश माली व ईएमटी दिनेश पटेल ने मौके पर पहुंचकर घायलों को उपचार के लिए बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर हैं।
जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा
जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा
जैविक व्यापार मेला
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस मेले की शुरुआत की गई है। यह हर साल फरवरी में होता है। इस साल यह जर्मनी में होगा, जिसमें ८० देशों के किसान और व्यापारी भाग लेंगे। ये किसान इस मेले में अपनी फसलों की प्रदर्शनी लगाते हैं। भारत का भारतीय निर्यात संवर्धन संगठन इस मेले में अपनी साझा भागीदारी भी निभाता है। इस संगठन के माध्यम से किसान वहां जाकर जैविक खेती से हुई अपनी फसलों का प्रदर्शन करते हैं।
जालोर
जालोर के जीरे की महक इस साल लगने वाले विश्व जैविक व्यापार मेले में भी होगी। इस मेले का आयोजन १५ फरवरी से जर्मनी के न्यूनबर्ग में होगा, जिसमें दुनिया के अनेक देश हिस्सा लेंगे। इस साल इसमें सांचौर के किसानों और व्यापारियों को जाने का मौका मिला है, जो वहां विशेष रूप से जीरे की प्रदर्शनी लगाएंगे। सांचौर से किसान और व्यापारी योगेश जोशी और उनकी टीम इस मेले में भाग लेगी। इस मेले में यहां के जीरे को एक पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही यह किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद होगा।
जालोर से हुआ चयन
जर्मनी में होने वाले इस मेले में भाग लेने के लिए जालोर जिले से रेपिड आर्गेनिक कंपनी का चयन हुआ है। कंपनी के निदेशक योगेश जोशी अपनी टीम के साथ इस मेले में भाग लेंगे। जोशी सांचौर क्षेत्र में जैविक खेती के माध्यम से जीरे का उत्पादन करते हैं। साथ ही करीब दो हजार किसानों से भी इस प्रकार की खेती करवा रहे हैं। जोशी ने बताया कि यह हमारे लिए काफी अच्छा मौका है, जब जीरे की प्रदर्शनी को इस मेले में जगह मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि जीरे के साथ ही हम सौंफ, तिल, राजगिरा, गेहूं और बाजरा की भी प्रदर्शनी लगाएंगे। यह सभी जैविक खेती से पैदा किए गए हैं।
सांचौर क्षेत्र में होती है जीरे की जैविक खेती, इस साल जर्मनी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय जैविक व्यापार मेले में लगेगी जालोर के जीरे की प्रदर्शनी, सांचौर के किसान होंगे शामिल
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