रविवार, 29 जनवरी 2012

जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा


जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा

 जैविक व्यापार मेला
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस मेले की शुरुआत की गई है। यह हर साल फरवरी में होता है। इस साल यह जर्मनी में होगा, जिसमें ८० देशों के किसान और व्यापारी भाग लेंगे। ये किसान इस मेले में अपनी फसलों की प्रदर्शनी लगाते हैं। भारत का भारतीय निर्यात संवर्धन संगठन इस मेले में अपनी साझा भागीदारी भी निभाता है। इस संगठन के माध्यम से किसान वहां जाकर जैविक खेती से हुई अपनी फसलों का प्रदर्शन करते हैं।
जालोर



जालोर के जीरे की महक इस साल लगने वाले विश्व जैविक व्यापार मेले में भी होगी। इस मेले का आयोजन १५ फरवरी से जर्मनी के न्यूनबर्ग में होगा, जिसमें दुनिया के अनेक देश हिस्सा लेंगे। इस साल इसमें सांचौर के किसानों और व्यापारियों को जाने का मौका मिला है, जो वहां विशेष रूप से जीरे की प्रदर्शनी लगाएंगे। सांचौर से किसान और व्यापारी योगेश जोशी और उनकी टीम इस मेले में भाग लेगी। इस मेले में यहां के जीरे को एक पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही यह किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद होगा।

जालोर से हुआ चयन

जर्मनी में होने वाले इस मेले में भाग लेने के लिए जालोर जिले से रेपिड आर्गेनिक कंपनी का चयन हुआ है। कंपनी के निदेशक योगेश जोशी अपनी टीम के साथ इस मेले में भाग लेंगे। जोशी सांचौर क्षेत्र में जैविक खेती के माध्यम से जीरे का उत्पादन करते हैं। साथ ही करीब दो हजार किसानों से भी इस प्रकार की खेती करवा रहे हैं। जोशी ने बताया कि यह हमारे लिए काफी अच्छा मौका है, जब जीरे की प्रदर्शनी को इस मेले में जगह मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि जीरे के साथ ही हम सौंफ, तिल, राजगिरा, गेहूं और बाजरा की भी प्रदर्शनी लगाएंगे। यह सभी जैविक खेती से पैदा किए गए हैं।

सांचौर क्षेत्र में होती है जीरे की जैविक खेती, इस साल जर्मनी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय जैविक व्यापार मेले में लगेगी जालोर के जीरे की प्रदर्शनी, सांचौर के किसान होंगे शामिल

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