जोधपुर. अमरचंद ने सोहनलाल से 10 लाख रु. में अपनी पत्नी भंवरी के अपहरण का सौदा किया था, मगर उसे 1 लाख रुपए ही मिले। बताया जाता है कि बाकी पैसा पहुंचाने का जिम्मा पुखराज का था।
डील के मुताबिक अपहरण के दिन जब सोहनलाल व शहाबुद्दीन भंवरी को लेकर सोजतीगेट बस स्टैंड पर चाय-नाश्ता कर रहे थे तब पुखराज भी एक व्यक्ति के साथ दूसरी बोलेरो में दूर बैठा था। संभवत: वह दूसरा व्यक्ति अमरचंद था, जिसने अपनी आंखों से भंवरी के अपहरण होते हुए देखा था।
अमरचंद को असल में कितना पैसा दिया गया, यह छानबीन रविवार को जेल में की गई। सीबीआई ने जेल में पुखराज- व दिनेश को सोहनलाल तथा अमरचंद से रू-ब-रू करवाकर करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
सोहनलाल व अमरचंद से हुई पूछताछ में यह बात तो सामने आ गई कि अमरचंद भी इस साजिश का हिस्सा था। अमरचंद अपहरण के लिए तो राजी था, मगर हाथापाई में भंवरी की मौत हो गई, यह उसे नहीं बताया गया।
सौदे की असल रकम की जानकारी को लेकर तीनों से अलग--अलग बातें सामने आई है। इस काम में पुखराज का साथ उसके चचेरे भाई दिनेश ने दिया था इसलिए सीबीआई ने दिनेश के पिता बाबूलाल को भी लगातार दूसरे दिन सर्किट हाउस बुला कर पूरे दिन पूछताछ की।
डील के मुताबिक अपहरण के दिन जब सोहनलाल व शहाबुद्दीन भंवरी को लेकर सोजतीगेट बस स्टैंड पर चाय-नाश्ता कर रहे थे तब पुखराज भी एक व्यक्ति के साथ दूसरी बोलेरो में दूर बैठा था। संभवत: वह दूसरा व्यक्ति अमरचंद था, जिसने अपनी आंखों से भंवरी के अपहरण होते हुए देखा था।
अमरचंद को असल में कितना पैसा दिया गया, यह छानबीन रविवार को जेल में की गई। सीबीआई ने जेल में पुखराज- व दिनेश को सोहनलाल तथा अमरचंद से रू-ब-रू करवाकर करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
सोहनलाल व अमरचंद से हुई पूछताछ में यह बात तो सामने आ गई कि अमरचंद भी इस साजिश का हिस्सा था। अमरचंद अपहरण के लिए तो राजी था, मगर हाथापाई में भंवरी की मौत हो गई, यह उसे नहीं बताया गया।
सौदे की असल रकम की जानकारी को लेकर तीनों से अलग--अलग बातें सामने आई है। इस काम में पुखराज का साथ उसके चचेरे भाई दिनेश ने दिया था इसलिए सीबीआई ने दिनेश के पिता बाबूलाल को भी लगातार दूसरे दिन सर्किट हाउस बुला कर पूरे दिन पूछताछ की।
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