मंगलवार, 6 सितंबर 2016

बाड़मेर मनरेगा मंे नियोजित कनिष्ठ तकनीकी सहायकांे का कार्य क्षेत्र बदलेगा



बाड़मेर  मनरेगा मंे नियोजित कनिष्ठ तकनीकी सहायकांे का कार्य क्षेत्र बदलेगा
बाड़मेर, 06 सितंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पिछले तीन वर्ष से अधिक अवधि मंे एक ही स्थान पर कार्यरत कनिष्ठ तकनीकी सहायकांे का कार्य क्षेत्र बदलेगा। इस संबंध मंे ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव राजीवसिंह ठाकुर ने जिला कलक्टरांे को इसकी पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए है।

ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव ने पत्र मंे बताया कि पूर्व मंे निर्देश दिए गए थे कि संविदा पर कनिष्ठ तकनीकी सहायक के साथ जिला स्तर से जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक से अनुमोदन के उपरांत अनुबंध पत्र पर अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं संविदा कार्मिक के हस्ताक्षर होंगे। जिससे इन कनिष्ठ तकनीकी संविदा कार्मिकांे की सेवाएं संविदा अवधि मंे ही कार्य उपलब्धता के अनुसार जिले की किसी भी पंचायत समिति मंे आवश्यकतानुसार ली जा सके। राज्य स्तर पर समीक्षा के दौरान यह जानकारी मंे आया है कि संविदा पर नियोजित कनिष्ठ तकनीकी सहायकांे का कार्य क्षेत्र लंबी अवधि से परिवर्तित नहीं किया गया है। इस संबंध मंे निर्देशित किया गया है कि संविदा पर नियोजित कनिष्ठ तकनीकी सहायकांे का समय-समय पर आवश्यकतानुसार कार्य क्षेत्र परिवर्तित किया जाए। जो कनिष्ठ तकनीकी सहायक तीन वर्ष से अधिक अवधि से समान कार्य क्षेत्र मंे कार्यरत है उनका कार्य क्षेत्र तत्काल प्रभाव से परिवर्तित किया जाए।

समतुल्यता शिक्षा अध्यापन के लिए

सेवानिवृत शिक्षकांे से आवेदन आमंत्रित

बाड़मेर, 06 सितंबर। साक्षर भारत के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 मंे पायलट प्रोजेक्ट के रूप मंे बाड़मेर जिले मंे समतुल्यता कार्यक्रम प्रारंभ होगा। इसके तहत चयनित ग्राम पंचायतांे मंे अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।

जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी पुखराज गौड़ ने बताया कि 15 से अधिक आयु वर्ग के नव साक्षर, विद्यालय ड्राप आउट एवं शिक्षा से वंचित वर्ग को औपचारिक विद्यालय की कक्षा-3, कक्षा-5 एवं कक्षा-6 के समकक्ष लाने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान नोएडा के सौजन्य से चयनित ग्राम पंचायतांे मंे ग्राम पंचायत स्तर पर उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयांे मंे अध्ययन केन्द्र स्थापित कर संचालित किया जाएगा। उन्हांेने बताया कि जिला स्तर पर गठित चयन कमेटी के माध्यम से अंशकालीन सेवानिवृत शिक्षकांे के जरिए शिक्षार्थियांे को अध्यापन का कार्य संपर्क कक्षाआंे से करवाया जाएगा। संपर्क कक्षाआंे का प्रारंभ 15 सितंबर से होगा। उन्हांेने बताया कि कक्षा-3, कक्षा-5 को 200 घंटे एवं कक्षा-8 को 250 घंटे पढाने का कार्य सेवानिवृत शिक्षकांे के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए सेवानिवृत शिक्षकांे को 36000 मानदेय दिया जाएगा। इच्छुक सेवानिवृत शिक्षक संबंधित ब्लाक कार्यलय से संपर्क कर सकते है। उन्हांेने बताया कि बाड़मेर जिले मंे समतुल्यता परीक्षा का आयोजन बायतू मंे माडपुरा बरवाला, बाड़मेर मंे राणीगांव, शिव मंे फोगेरा, धोरीमन्ना मंे सिंधासवा हरनियान, बालोतरा मंे जसोल एवं माजीवाला, सिवाना मंे सिवाना, समदड़ी एवं पादरू तथा सिणधरी की 25 ग्राम पंचायतांे मंे किया जा रहा है।

मनरेगा कार्याें की जियो टेगिंग के विविध पहलूआंे से अवगत कराया
बाड़मेर, 06 सितंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत निर्मित परिसम्पतियों के संधारण एवं परिणाम के संबंध में जीआईएस के क्रियान्वयन के लिए पंचायत समिति बाड़मेर और रामसर के कनिष्ठ अभियन्ता, कनिष्ठ तकनीकी सहायकों, ग्राम सेवको एवं ग्राम रोजगार सहायकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण पंचायत समिति सभागार मंे आयोजित हुआ। इस दौरान मनरेगा कार्याें की जियो टेगिग के विविध पहलूआंे से प्रतिभागियांे को अवगत कराया गया।

प्रशिक्षण के दौरान कार्यक्रम अधिकारी नवलाराम चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशाानुसार महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पूर्ण कार्यो के मोबाईल एप्प के माध्यम से जियो टेगिंग की जाएगी। इसके लिए पंचायत समिति स्तर पर एमएसई और जीएएस के प्रशिक्षण के उपरांत पंचायत समिति बाडमेर और रामसर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संयूक्त कार्यशाला आयोजित की गई हैं। उन्हांेने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार इसके लिए इंटरैक्टिव सिस्टम तेैयार किया जा रहा है। इस संबंध में एसओपी दतंहंण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं। उन्हांेने कहा कि जीआईएस आंकडो का संधारण तीन चरणों में किया जाएगा। ग्रामीण रोजगार योजना की इस महत्वाकांक्षी योजना में अनियमितताआंे की शिकायतांे पर काबू पाने के लिए इस अत्याधुनिक प्रौधोगिकी का उपयोग किया जा रहा है। इस दौरान सहायक अभियन्ता रामलाल जैन ने जीआईएस बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत होने वाले कामकाज की तस्वीरे लेने के लिए इसरो ने एक महत्वाकांक्षी योजना बनार्ह हैं। जियो मनरेगा के तहत कामकाज की बेहतर निगरानी के लिये इंडियन रिमोट सैंसिंग सेटेलाईट से हजारों हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरे लेनी शुरू कर दी हैं जिन्हे जियो टैग किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला में एमआईएस मैनेजर विनोद कुमार एवं लेखा सहायक ललित जैन ने एसजीएनओ, डीजीएनओ, जीएएस, एमएसई एवं जीपीडीसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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