झालावाड़ पेंशन एवं आहरण संबंधी दो दिवसीय समस्या समाधान शिविर आरम्भ
झालावाड़ 22 जून। जिले में कार्यरत ई-मित्र केन्द्रों के संचालकों के लिये आज सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से पेंशन एवं आहरण संबंधी दो दिवसीय समस्या समाधान शिविर आयोजित किया गया। आज शिविर का पहला दिन था।
शिविर में आर.के. शर्मा संयुक्त निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-मित्र संचालकों को ई-मित्र केन्द्रों एवं पे पाईन्ट्स पर आमजन को भामाशाह एवं अन्य सरकारी योजनाओं में किये जाने वाले नकद भुगतान संबंधी प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले में समस्त 252 ग्राम पंचायतों पर कार्यरत ई-मित्र केन्द्रों को बैंकिग संवाददाता भी नियुक्त किया गया है जिन्हें बैंक के खाते खोलने एवं नकद राशि के जमा एवं आहरण के भी अधिकार होते हैं। राज्य सरकार द्वारा ई-मित्र संचालकों को यह सुविधा उपलब्ध कराये जाने से एक ओर तो उनकी आय बढ़ेगी तथा दूसरी ओर प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं राजस्व ग्राम में ग्रामीणों को बैंकिग सुविधाएं घर बैठे ही उपलब्ध हो जाएंगी। इसके लिये बैंकों द्वारा ई-मित्रों संचालकों एवं पे पाईन्ट्स को माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराये गये हैं। आज इस प्रशिक्षण शिविर के तीन चरण आज पूरे हुए जिनमें 750 संचालकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का चौथा चरण कल गुरुवार को आयोजित किया जायेगा जिसमें 250 ई-मित्र संचालकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि भामाशाह के अर्न्तगत पैसा सीधे ही लाभार्थियांे के खातों में ट्रान्सफर किया जा रहा है। लाभार्थियों को इस राशि के आहरण करने में कठिनाई न हो इसके लिये आहरण संबंधी प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण शिविर में प्रोगामर अंकुर शर्मा, सहायक प्रोगामर सुनील दत्त माथुर तथा सूचना सहायक विमल खण्डेलवाल ने भी आहरण संबंधी प्रक्रियाओं की जानकारी दी।
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सफलता की कहानी
मूलीलाल फिर से हुए मुरलीलाल
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देशों पर चलाये जा रहे न्याय आपके द्वार अभियान के तहत आज खानपुर पंचायत समिति की लीमी ग्राम पंचायत में राजस्व लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें मालनवासा गांव के मुरलीलाल पुत्र श्री लाल जाति ब्राहम्ण ने उपस्थित होकर वाद प्रस्तुत किया कि वर्ष 1985 में ग्राम उमरिया में उसके नाना की जमीन पर नामान्तरण संख्या 207 खोला गया तथा जमीन का नामान्तरकरण मेरे अर्थात् मुरलीलाल के हक में किया गया किन्तु पंचायत में किसी ने उसका नाम मुरलीलाल की जगह मूलीलाल बता दिया। अतः नामान्तरकरण में मूलीलाल नाम दर्ज हो गया जबकि उसका सही नाम मूलीलाल है। उसने अपने पक्ष में दो स्वतंत्र गवाहों की साक्ष्य प्रस्तुत की तथा अपने नाम के संबंध में अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये। मजमेआम में तहसीलदार खानपुर शिवदयाल वर्मा ने उसके दावे की जांच की तथा उसका विवरण सही पाया। उसके साथ उसकी माँ कजोड़ बाई का नाम ग्राम उमरिया की आराजी खसरा नम्बर 527 रकबा 9 बीघा 11 बिस्वा में सही था। तहसीलदार ने उसे ग्राम उमरिया के नामान्तरकरण संख्या 207 दिनांक 14 जून 1985 की अपील करने की सलाह दी। उपखण्ड अधिकारी हनुमान सिंह गुर्जर ने अपील को स्वीकार कर अपीलांट का नाम मुरली दर्ज करने के निर्देश दिये। पटवारी राजेन्द्र कुमार मीणा और अभिलेख निरिक्षक नंदकिशोर मीणा ने नामान्तरकरण दर्ज कर खाते में संशोधन किया। ग्राम पंचायत की ओर से अपीलांट और उसके गवाहों को माला पहनाकर स्वागत किया गया और उपखण्ड अधिकारी हनुमान सिंह गुर्जर ने अपीलांट को निर्णय की प्रति प्रदान की।
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