अजमेर राज्य स्तरीय पत्राकार दल ने देखे जल स्वावलम्बन कार्य
अजमेर 12 जून। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यो का राज्य स्तर पत्राकार दल ने अवलोकन किया।
पत्राकार दल ने अजमेर जिले में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत किए गए कार्यो का अवलोकन किया एवं उनकी सराहना की। पत्राकार दल ने मसूदा स्थित लगभग साढ़े चार सौ वर्ष पुरानी शिव बावड़ी को देखा । स्थानीय सरपंच श्रीमती खुशनूर बानो ने पत्राकार दल को बताया कि इस बावड़ी में बरसों से देखभाल के अभाव में कचरा भर गया था जिसे मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रशासनिक अधिकारियों एवं ग्रामीणों ने श्रमदान करके साफ किया। इस बावड़ी के पास से गुजरने से बदबू आती थी । उसके पानी को मोटर लगाकर पशु पक्षियों के पीने तथा दाहसंस्कार के पश्चात स्नान के काम आता है। इस बावड़ी के पेयजल की पवित्राता का सबूत प्रातः काल शिवलिंग पर जलाभिषेक करते ग्रामीणों की श्रद्धा से मिल जाता है। पत्राकार दल ने इस बावड़ी के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की तो ग्रामीणों ने इसकी मरम्मत की आवश्यकता बतायी। ग्रामीणों ने कहा कि बावड़ी पुरानी होने से जीर्ण-क्षीण दीवारों को दुरस्त करवाए जाने की आवश्यकता है। मसूदा में प्रवेश के अवसर पर ग्रामीणों ने ढोल ढमाके के साथ पत्राकार दल का स्वागत किया।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी श्री सुरेश चावला, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक श्री अरूण जोशी, जलग्रहण के अधीक्षण अभियंता श्री शरद गेमावत, सहायक अभियंता जलग्रहण श्री पी.के. गुप्ता, कृषि विभाग के उपनिदेशक एवं समन्वयक श्री आर.पी.कुमावत, मसूदा तहसीलदार श्री हरी सिंह शेखावत उपस्थित थे।
लालावास में पत्राकारों ने सराहा खडीन कार्य
पत्राकार दल ने देवमाली पंचायत में लालावास ग्राम में कम्मा के खेत पर खडीन के कार्य को सराहा। उन्होंने वहां 6 किसानों के खेतों पर निर्मित खडीन कार्य के तकनीकी पक्षों के बारे मंे विस्तृत चर्चा की। बारिश आने पर खडीन भरने से किसानों को होने वाले लाभ के बारे में चर्चा करते हुए श्री गेमावत ने बताया कि खडीन के द्वारा खेतों को प्रदान की गई नमी से एक बारिश जितना फसलों को फायदा मिलता है। रबी की फसल लेने के लिए इस खडीन के पानी का उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है।
पाटिया का बाड़िया में कुएं को देखकर हुए अभिभूत
नया गांव ग्राम पंचायत के पाटिया का बाड़िया ग्राम में श्री सीमेंट द्वारा एक कुएं का जीर्णोद्धार करवाया गया। यह कुआं पहले 43 फीट गहरा था लेकिन एक बंूद भी पानी उपलब्ध नहीं था। श्री सीमेंट ने सामुदायिक जिम्मेदारी के कार्य के माध्यम से इसको खुदवाकर 75 फीट गहरा कर दिया। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत हुए इस कार्य से कुआं पानी से भर गया। वर्तमान में 35 फीट पर जल स्तर देखकर पत्राकार अभिभूत हो गए। इस गांव में पेयजल का स्त्रोत शुरू होने की खुशी में ग्रामीणों ने गीत गाकर अपनी खुशी पत्राकार दल के साथ साझा की।
17 लाख 50 हजार लीटर भू-जल बढ़ेगा नया गांव में
नया गांव के सम्पूर्ण पर्वतीय क्षेत्रा को जल स्वावलम्बन के कार्यों से अटा हुआ देखकर पत्राकार दल ने सराहा। नया गांव के पहाड़ी क्षेत्रा में श्री सीमेंट द्वारा हाथीयों की नाड़ी की खुदाई तथा उसकी रिटनिंग वाॅल बनाने का कार्य किया गया था। इसके साथ ही इसी क्षेत्रा में लगभग 50 हेक्टर में लगभग 5 हजार स्ट्रेगर ट्रेंच का अवलोकन भी पत्राकारों ने किया। श्री गेमावत ने बताया कि प्रत्येक बारिश में प्रति ट्रेंच लगभग 350 लीटर जल भू-जल में समाहित होगा। इस प्रकार इस क्षेत्रा से एक बारिश में लगभग 17 लाख 50 हजार लीटर पानी भूमि के जल को रिचार्ज करेगा। एक से अधिक बारिश आने पर यह मात्रा उसी अनुपात में बढ़ जाएगी। एक अनुमान के अनुसार एक वर्षा ऋतु में अगर दस बारिश आये तो लगभग पोने दो करोड़ लीटर पानी स्थानीय कुओं के लिए उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर नया गांव सरपंच श्रीमती कमला चैहान ने भी जल स्वावलम्बन के कार्यों से क्षेत्रा का विकास होने पर खुशी जाहिर की।
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