बुधवार, 22 जून 2016

बालोतरा.उपद्रव मामले में नहीं मिली पूर्व विधायक को जमानत...तो रहना पड़ेगा जेल में



बालोतरा.उपद्रव मामले में नहीं मिली पूर्व विधायक को जमानत...तो रहना पड़ेगा जेल में


पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में न्यायिक हिरासत में चल रहे पचपदरा के पूर्व विधायक मदन प्रजापत को मंगलवार को भी जमानत नहीं मिल पाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व विधायक, नगर परिषद उप सभापति राधेश्याम माली सहित पांच आरोपितों के जमानत प्रार्थना-पत्र अस्वीकार कर दिए। संभवत: अब बुधवार को जिला एवं सेशन न्यायालय में जमानत प्रार्थना-पत्र पेश किया जाएगा। यहां भी जमानत नहीं मिली तो पूर्व विधायक को उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ सकती है।

यूं चला दलीलों का तौर

न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व विधायक मदन प्रजापत की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता विजयसिंह राठौड़ ने दलील देते हुए कहा कि घटना के दौरान पूर्व विधायक पुलिस कस्टडी में था, ऐसे में पुलिस पर जानलेवा हमला करना या सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना संभव ही नहीं है। आक्रोशित भीड़ ने हमला किया है, इसमें अभियुक्त का कोई सरोकार नहीं है। इसलिए अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाए। लोक अभियोजक सुधा त्यागी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मामले में अनुसंधान जारी है। गंभीर मामला होने से अभियुक्त को जमानत पर रिहा करना सही नहीं है। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायिक मजिस्टे्रट बालोतरा अंबिका सोलंकी ने जमानत प्रार्थना-पत्र खारिज करने के आदेश दिए।

इनकी भी याचिका खारिज

पुलिस पर जानलेवा हमले व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में ही न्यायिक हिरासत में चल रहे उप सभापति राधेश्याम माली सहित नेमाराम प्रजापत निवासी मूंगड़ा, रामचंद्र प्रजापत निवासी जसोल व राजू ब्राह्मण निवासी जबरदस्त हनुमान मंदिर बालोतरा की जमानत याचिका भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की गई, जिसे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।

...तो रहना पड़ेगा जेल में

सूत्रों के अनुसार बुधवार को जिला एवं सेशन न्यायालय बालोतरा में पूर्व विधायक की जमानत याचिका पेश की जाएगी। यहां से पूर्व विधायक को राहत नहीं मिलती है तो उन्हें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय में याचिका की सुनवाई का नंबर आने में करीब एक सप्ताह लग जाता है। ऐसे में जिला एवं सेशन न्यायालय में याचिका खारिज हो जाती है तो पूर्व विधायक को करीब एक सप्ताह तक और जेल में रहना पड़ सकता है।

बाड़मेर जेल में हैं प्रजापत

रीको में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में उतरे पूर्व विधायक मदन प्रजापत ने 14 जून को क्षेत्रीय प्रबंधक प्रवीण कुमार गुप्ता को प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधक की रिपोर्ट पर पूर्व विधायक के खिलाफ राजकार्य में बाधा व धक्का-मुक्की करने का मामला दर्ज हुआ। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मामले को झूठा बताते हुए 16 जून को हनुमंत भवन के आगे धरना दिया। इस दौरान पुलिस की ओर से पूर्व विधायक को गिरफ्तार करने पर उनके समर्थक गुस्सा गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया था।

इसके बाद 17 जून को पूर्व विधायक को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से इन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। इस मामले में 18 जून को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय बाड़मेर ने उन्हें जमानत दी, लेकिन पुलिस ने जमानत की तस्दीक से पहले ही उपद्रव फैलाने व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के दर्ज मामले में पूर्व विधायक को बाड़मेर जेल से ही प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लिया।

इसके बाद 19 जून को बालोतरा न्यायाधीश के अवकाश पर होने से प्रजापत को चौहटन में न्यायाधीश के घर पेश किया, जहां से वे 1 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं। इस मामले में पूर्व विधायक की ओर से सोमवार को ही बालोतरा कोर्ट में जमानत याचिका पेश कर दी गई, लेकिन अनुसंधान पत्रावली (केस डायरी) अन्य कोर्ट में होने की वजह से सुनवाई नहीं हो पाई थी।

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