बाड़मेर जिले के चोहटन उपखंड क्षेत्र के बिसारणिया गांव पति व पत्नि दोनों ने दो बच्चों के कुए में कूदकर आत्महत्या की बिसारणिया गांव के हिराणियो का तला में शुक्रवार दिन को अनिल पुत्र नगाराम 28 साल तथा उनकी पत्नी चुन्नी देवी अपनी पुत्री व पुत्र के साथ घर के पास कुए में कुद आत्महत्या कर ली घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुचकर चारों शवों को कुए से बाहर निकल वाया और शवो को मोर्चरी में रखवाया । चारो शवो का पोस्मार्टम शविवार को चोहटन के राजकीय अस्पताल में लिया जायेगा। समाचार लिखे जाने तक आत्महत्या के कारणों का पता नही चला ।
शनिवार, 2 मई 2015
बाड़मेर । पति पत्नी सहित दो बच्चों ने कुए में कूद की आत्महत्या ,
जीप और डम्पर में भिड़ंत ,एक ही परिवार के 8 सदस्यों की मौत,3 गंभीर घायल
जीप और डम्पर में भिड़ंत ,एक ही परिवार के 8 सदस्यों की मौत,3 गंभीर घायल
-जोधपुर से चालीस किलोमीटर दूर डोली के निकट हुआ हादसा -समदड़ी थाना क्षेत्र के समुजा गांव से जा रहे थे रामदेवरा
-जोधपुर से चालीस किलोमीटर दूर डोली के निकट हुआ हादसा -समदड़ी थाना क्षेत्र के समुजा गांव से जा रहे थे रामदेवरा
जोधपुर। बाड़मेर-जोधपुर सड़क मार्ग पर शनिवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के आठ सदस्यों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि तीन जने गंभीर रूप से घायल हो गए। समदड़ी थाना क्षेत्र के समुजा गांव के एक ही परिवार के सदस्य जीप में सवार होकर रामदेवरा दर्शन के लिए सुबह पांच बजे घर से निकले। जोधपुर से करीब चालीस किलोमीटर दूर डोली व अराबा गांव के बीच में उनकी जीप सड़क पर खड़े एक डम्पर में जा घुसी। मृतकों में दो पुरुष, एक महिला व पांच बच्चे शामिल है।
मन में रह गई बाबा रामदेव के दर्शन करने की हसरत
बाड़मेर जिले के समदड़ी थाना क्षेत्र के समुजा गांव के घीघाराम का परिवार के ग्यारह सदस्य एक जीप में सवार होकर आज सुबह जैसलमेर जिल में स्थित लोक देवता बाबा रामदेव के दर्शन करने को रवाना हुआ। लेकिन बाबा रामदेव के दर्शन करने की हसरत उनके मन में ही रह गई। कल्याणपुर होकर इनकी जीप राजमार्ग पर आई। सुबह करीब साढ़े पांच बजे अराबा से निकलते ही इनकी जीप सड़क के किनारे खड़े एक डम्पर में पीछे से जा घुसी।
डम्पर में फंस गई जीप
रफ्तार तेज होने के कारण जीप पूरी तरह से डम्पर में फंस गई। मौके पर ही सड़क के दोनों तरफ निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में आसपास काम करने वाले लोग तेज आवाज सुन मौके पर पहुंचे। उन्होंने अन्य राहगीरों की मदद से जीप में फंसे लोगों को बाहर निकाला। तब तक आठ जनों की मौत हो चुकी थी। बाद में कल्याणपुर पुलिस थाने से पुलिस भी मौके पर पहुंची। जीप में सवार सीता पत्नी आसूराम(40), उषा पुत्री आसूराम(4) व प्रवीण पुत्र उदाराम(8) की सांसे चल रही थी। गंभीर रूप से घायल इन तीनों को पुलिस ने एम्बुलैंस में इलाज के लिए जोधपुर रवाना किया। जोधपुर के मथुरादास माथुर राजकीय अस्पताल में इन तीनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हादसे का कारण स्पष्ट नहीं
दुर्घटनास्थल पर सड़क के दोनों किनारों पर निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में वहां पर निर्माण सामग्री रखी हुई है। इस कारण यातायात धीमी गति से ही चलता है। लेकिन सुबह के समय यातायात नगण्य रहता है। पुलिस का अनुमान है कि हो सकता है कि चालक वहां खड़े डम्पर को देख नहीं पाया। या हो सकता है कि सुबह के समय उसे नींद आ गई। फिलहाल दुर्घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हादसे में इनकी हुई मौत
घीघाराम पुत्र जयरूपाराम(75), आसूराम पुत्र घीघाराम(42), पानी पत्नी उदाराम(35), पुखराज पुत्र उदाराम(13), रेखा पुत्री उदाराम(16), मोहनी पुत्री आसूराम(16), ममता पुत्री आसूराम(12), धापू पुत्री आसूराम(8वर्ष)।
मन में रह गई बाबा रामदेव के दर्शन करने की हसरत
बाड़मेर जिले के समदड़ी थाना क्षेत्र के समुजा गांव के घीघाराम का परिवार के ग्यारह सदस्य एक जीप में सवार होकर आज सुबह जैसलमेर जिल में स्थित लोक देवता बाबा रामदेव के दर्शन करने को रवाना हुआ। लेकिन बाबा रामदेव के दर्शन करने की हसरत उनके मन में ही रह गई। कल्याणपुर होकर इनकी जीप राजमार्ग पर आई। सुबह करीब साढ़े पांच बजे अराबा से निकलते ही इनकी जीप सड़क के किनारे खड़े एक डम्पर में पीछे से जा घुसी।
डम्पर में फंस गई जीप
रफ्तार तेज होने के कारण जीप पूरी तरह से डम्पर में फंस गई। मौके पर ही सड़क के दोनों तरफ निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में आसपास काम करने वाले लोग तेज आवाज सुन मौके पर पहुंचे। उन्होंने अन्य राहगीरों की मदद से जीप में फंसे लोगों को बाहर निकाला। तब तक आठ जनों की मौत हो चुकी थी। बाद में कल्याणपुर पुलिस थाने से पुलिस भी मौके पर पहुंची। जीप में सवार सीता पत्नी आसूराम(40), उषा पुत्री आसूराम(4) व प्रवीण पुत्र उदाराम(8) की सांसे चल रही थी। गंभीर रूप से घायल इन तीनों को पुलिस ने एम्बुलैंस में इलाज के लिए जोधपुर रवाना किया। जोधपुर के मथुरादास माथुर राजकीय अस्पताल में इन तीनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हादसे का कारण स्पष्ट नहीं
दुर्घटनास्थल पर सड़क के दोनों किनारों पर निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में वहां पर निर्माण सामग्री रखी हुई है। इस कारण यातायात धीमी गति से ही चलता है। लेकिन सुबह के समय यातायात नगण्य रहता है। पुलिस का अनुमान है कि हो सकता है कि चालक वहां खड़े डम्पर को देख नहीं पाया। या हो सकता है कि सुबह के समय उसे नींद आ गई। फिलहाल दुर्घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हादसे में इनकी हुई मौत
घीघाराम पुत्र जयरूपाराम(75), आसूराम पुत्र घीघाराम(42), पानी पत्नी उदाराम(35), पुखराज पुत्र उदाराम(13), रेखा पुत्री उदाराम(16), मोहनी पुत्री आसूराम(16), ममता पुत्री आसूराम(12), धापू पुत्री आसूराम(8वर्ष)।
शुक्रवार, 1 मई 2015
अजमेर भक्तों की कतार में वानर भी
अजमेर भक्तों की कतार में वानर भी
हनुमान भक्तों की आस्था के प्रतीक बजरंगगढ़ मंदिर में पिछले सात साल से रामू नाम का एक बंदर भी प्रभू की भक्ति कर रहा है। रात में वह मंदिर की पहरेदारी भी करता है। उसमें कई एेसी खास विशेषताएं हैं जो आम वानरों में देखने को नहीं मिलती।
रामू मंदिर में ही रहता, खाता-पीता और सोता है। रामू अपने माथे पर एक सच्चे भक्त की तरह बालाजी का तिलक लगवाता है। अपने पैर धुलवाता है, साथ ही हनुमान भक्तों को आशीर्वाद भी देता है। रामू मंदिर में रखे घंटे-झालर भी बजाता है। साथ ही बालाजी के दर पर आए भक्तजनों के साथ आरती व हनुमान चालीसा पाठ के दौरान मंदिर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। वहीं कई बार भजन या आरती पर नृत्य भी करता है।
चौकीदार खास रिश्ता
रामू बजरंगगढ़ मंदिर के चौकीदार ओंकार सिंह के बेहद करीब है। मनुष्य व जानवर के बीच का खूबसूरत रिश्ता इन दोनों के बीच देखने को मिलता है। ओंकार सिंह बताते हैं कि रामू सात वर्ष पूर्व श्राद्ध के दौरान किसी मदारी से छूट कर यहां आया था। रामू जब आया था तब बीमार था, लोगों ने उसे नजरअंदाज किया। मगर ओंकार ने उसकी बहुत सेवा की। जैसे-जैसे समय बीतता गया ओंकार और रामू का रिश्ता गहरा होता गया। ओंकार ने धीरे-धीरे रामू को उछलना-कूदना, रोटी खाना, पेड़ों पर चढऩा खुद पानी पीने आदि कई चीजें सिखाई।
सबके लिए शुभ
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि रामू के कदम मंदिर के लिए शुभ हैं। वह साक्षात बालाजी के रूप में मंदिर की रक्षा करता है। जब से रामू आया तब से मंदिर से जुड़े कई लोगों को विभिन्नतरह के लाभ हुए हैं। ओंकार ने बताया कि कुछ समय पूर्व मंदिर में आई एक महिला भक्त की सोने की बाली कहीं खो गई थी। उसको लेकर वह बेहद परेशान थी। लेकिन रामू ने बाली ढूंढकर ओंकार को बताई। ओंकार ने रामू के बताए संकेतों के आधार पर बाली ढूंढ कर उस महिला भक्त को सुरक्षित लौटा दी।
'व्यवहार का होता असर Ó
जीवों पर आसपास के माहौल और मानवीय व्यवहार का असर पड़ता है। वे परस्पर व्यवहार के प्रति बहुत संवेदनशील और सतर्क रहते हैं। यदि मानवीय व्यवहार आक्रामक अथवा मित्रता वाला होगा तो वे पर तत्काल वैसी ही प्रतिक्रिया करेंगे। बजरंगगढ़ में रहने वाले वानर पर भी आसपास के माहौल का असर दिखता है। - डॉ. एम. एम. रंगा, पूर्व प्राचार्य एवं जूलॉजी विभागाध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय, अजमेर
हनुमान भक्तों की आस्था के प्रतीक बजरंगगढ़ मंदिर में पिछले सात साल से रामू नाम का एक बंदर भी प्रभू की भक्ति कर रहा है। रात में वह मंदिर की पहरेदारी भी करता है। उसमें कई एेसी खास विशेषताएं हैं जो आम वानरों में देखने को नहीं मिलती।
रामू मंदिर में ही रहता, खाता-पीता और सोता है। रामू अपने माथे पर एक सच्चे भक्त की तरह बालाजी का तिलक लगवाता है। अपने पैर धुलवाता है, साथ ही हनुमान भक्तों को आशीर्वाद भी देता है। रामू मंदिर में रखे घंटे-झालर भी बजाता है। साथ ही बालाजी के दर पर आए भक्तजनों के साथ आरती व हनुमान चालीसा पाठ के दौरान मंदिर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। वहीं कई बार भजन या आरती पर नृत्य भी करता है।
चौकीदार खास रिश्ता
रामू बजरंगगढ़ मंदिर के चौकीदार ओंकार सिंह के बेहद करीब है। मनुष्य व जानवर के बीच का खूबसूरत रिश्ता इन दोनों के बीच देखने को मिलता है। ओंकार सिंह बताते हैं कि रामू सात वर्ष पूर्व श्राद्ध के दौरान किसी मदारी से छूट कर यहां आया था। रामू जब आया था तब बीमार था, लोगों ने उसे नजरअंदाज किया। मगर ओंकार ने उसकी बहुत सेवा की। जैसे-जैसे समय बीतता गया ओंकार और रामू का रिश्ता गहरा होता गया। ओंकार ने धीरे-धीरे रामू को उछलना-कूदना, रोटी खाना, पेड़ों पर चढऩा खुद पानी पीने आदि कई चीजें सिखाई।
सबके लिए शुभ
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि रामू के कदम मंदिर के लिए शुभ हैं। वह साक्षात बालाजी के रूप में मंदिर की रक्षा करता है। जब से रामू आया तब से मंदिर से जुड़े कई लोगों को विभिन्नतरह के लाभ हुए हैं। ओंकार ने बताया कि कुछ समय पूर्व मंदिर में आई एक महिला भक्त की सोने की बाली कहीं खो गई थी। उसको लेकर वह बेहद परेशान थी। लेकिन रामू ने बाली ढूंढकर ओंकार को बताई। ओंकार ने रामू के बताए संकेतों के आधार पर बाली ढूंढ कर उस महिला भक्त को सुरक्षित लौटा दी।
'व्यवहार का होता असर Ó
जीवों पर आसपास के माहौल और मानवीय व्यवहार का असर पड़ता है। वे परस्पर व्यवहार के प्रति बहुत संवेदनशील और सतर्क रहते हैं। यदि मानवीय व्यवहार आक्रामक अथवा मित्रता वाला होगा तो वे पर तत्काल वैसी ही प्रतिक्रिया करेंगे। बजरंगगढ़ में रहने वाले वानर पर भी आसपास के माहौल का असर दिखता है। - डॉ. एम. एम. रंगा, पूर्व प्राचार्य एवं जूलॉजी विभागाध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय, अजमेर
बीकानेर पुरावस्तुओं से सजेगा गंगा म्यूजियम
बीकानेर पुरावस्तुओं से सजेगा गंगा म्यूजियम
बीकानेर यूं तो बीकानेर का राजकीय संग्रहालय हजारों साल पुरानी पुरा सम्पदा को संजोए हुए है लेकिन अगले कुछ महीनों में इसकी महत्ता और बढ़ जाएगी।
पर्यटकों को लुभाने और पुरामहत्व की जानकारी आमजन तक सहज उपलब्ध कराने के लिए संग्रहालय को निखारने की कवायद शुरू हुई है।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी मिली तो संग्रहालय को स्वरूप ही बदल जाएगा। राज्य के अन्य राजकीय संग्रहालयों की तर्ज पर बीकानेर के म्यूजियम का आंतरिक स्वरूप निखारा जाएगा।
इसके तहत यहां खुले में रखे रियासतकालीन हथियार जहां कोच के शो केस में नजर आएंगे वहीं खुदाई में मिले सिक्के भी वॉल शो केस में सजेंगे।
विभाग के वृत अधीक्षक कार्यालय की ओर से कुल 90 लाख रूपए की अनुमानित राशि के प्रस्ताव तैयार किए गए है।
वृत अधीक्षक जफर उल्ला खान ने बताया कि म्यूजियक का आतंरिक स्वरूप निखारने और पुरावस्तुओं को सही तरीके से प्रदर्शित करने के प्रस्ताव मुख्यालय भेजने के साथ-साथ इसकी जानकारी जिला कलक्टर को दी गई है।
गंगा संग्रहालय भले ही प्राचीन स्मृतियों से भरा हो, लेकिन इसमें पुरा महत्व की वस्तुएं मौजूदा हाल में अव्यस्थित रखी हुई है।
इससे पर्यटकों का रूझान नहीं बढ़ता। संग्रहालय में आने वालों को संबंधित वस्तु के इतिहास की जानकारी भी सहज नहीं मिलती।
एेसे में एेतिहासिक महत्व के बावजूद यह संग्रहालय पर्यटकों पर अपनी छाप नहीं छोड़ रहा। औसतन सौ पर्यटक रोजाना यहां पहुंच रहे है।
बीकानेर यूं तो बीकानेर का राजकीय संग्रहालय हजारों साल पुरानी पुरा सम्पदा को संजोए हुए है लेकिन अगले कुछ महीनों में इसकी महत्ता और बढ़ जाएगी।
पर्यटकों को लुभाने और पुरामहत्व की जानकारी आमजन तक सहज उपलब्ध कराने के लिए संग्रहालय को निखारने की कवायद शुरू हुई है।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी मिली तो संग्रहालय को स्वरूप ही बदल जाएगा। राज्य के अन्य राजकीय संग्रहालयों की तर्ज पर बीकानेर के म्यूजियम का आंतरिक स्वरूप निखारा जाएगा।
इसके तहत यहां खुले में रखे रियासतकालीन हथियार जहां कोच के शो केस में नजर आएंगे वहीं खुदाई में मिले सिक्के भी वॉल शो केस में सजेंगे।
विभाग के वृत अधीक्षक कार्यालय की ओर से कुल 90 लाख रूपए की अनुमानित राशि के प्रस्ताव तैयार किए गए है।
वृत अधीक्षक जफर उल्ला खान ने बताया कि म्यूजियक का आतंरिक स्वरूप निखारने और पुरावस्तुओं को सही तरीके से प्रदर्शित करने के प्रस्ताव मुख्यालय भेजने के साथ-साथ इसकी जानकारी जिला कलक्टर को दी गई है।
गंगा संग्रहालय भले ही प्राचीन स्मृतियों से भरा हो, लेकिन इसमें पुरा महत्व की वस्तुएं मौजूदा हाल में अव्यस्थित रखी हुई है।
इससे पर्यटकों का रूझान नहीं बढ़ता। संग्रहालय में आने वालों को संबंधित वस्तु के इतिहास की जानकारी भी सहज नहीं मिलती।
एेसे में एेतिहासिक महत्व के बावजूद यह संग्रहालय पर्यटकों पर अपनी छाप नहीं छोड़ रहा। औसतन सौ पर्यटक रोजाना यहां पहुंच रहे है।
जोधपुर/पाली विधायक बन एमएलए को किया फोन, ज्वैलर से हुई 6.5 लाख की ठगी
जोधपुर/पाली विधायक बन एमएलए को किया फोन, ज्वैलर से हुई 6.5 लाख की ठगी
पाली के एक शातिर ठग ने सुमेरपुर से भाजपा विधायक मदन राठौड़ बनकर जोधपुर शहर विधायक कैलाश भंसाली को फोन किया और शादी के चलते परिचित सुनार से उचित दर पर आभूषण दिलाने का आग्रह किया। विधायक भंसाली ने परिचित सुनार को फोन कर ठग को मोबाइल नम्बर दे दिए। विश्वास में आए ज्वैलर से ठग दो दिन में 209 ग्राम सोने के आभूषण बटोर कर चंपत हो गया। अब ज्वैलर ने सदर बाजार थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।
थानाधिकारी सुमेरसिंह ने बताया कि गत बीस अप्रेल को शहर से भाजपा विधायक कैलाश भंसाली को एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को सुमेरपुर से भाजपा विधायक मदन राठौड़ बताया। उसने भंसाली से कहा कि उसके रिश्तेदारी में शादी है, जिसके लिए आभूषण खरीदने हैं। इसलिए जोधपुर में कोई परिचित सुनार बताओ, जो उचित दर से आभूषण दे सके। बातों में आए भंसाली ने अपने परिचित महेश पुत्र कल्याणचन्द्र सोनी के मोबाइल नम्बर दे दिए। जिनकी सोजतिया घांचियों का बास में बाड़मेरा ज्वैलर्स नामक शोरूम है। इतना ही नहीं विधायक भंसाली ने महेश को फोन कर कहा कि सुमेरपुर से विधायक का आदमी जेवर लेने आएगा। उसे उचित दर से दे देना। इस समय महेश रिश्तेदार का इलाज कराने अहमदाबाद में थे। उन्होंने अपने भाई रमेश के नम्बर दिए व भाई को फोन कर जानकारी दी।तब भंसाली के दिए मोबाइल नम्बर पर उस व्यक्ति ने फोन किया और ज्वैलर ने उसे शोरूम पहुंचने का कह दिया। वह ठग उसी दिन शोरूम जा पहुंचा और विभिन्न प्रकार के आभूषण पसंद कर पैक करवा लिए। जिसका भुगतान 27 अप्रेल को शोरूम भेजने का कहकर वह आभूषण ले गया। दूसरे दिन उस ठग ने फिर से शोरूम फोन किया। कुछ और आभूषण ज्वैलर को बता दिए। जिन्हें ज्वैलर ने पैक करके ठग के बताए अनुसार रोडवेज की सुमेरपुर जाने वाली बस में चालक को सुपुर्द किए, जिन्हें ठग ने रास्ते में ही चालक से प्राप्त कर लिए। दो दिन में उससे ठग ने 209 ग्राम सोने के आभूषण एेंठ लिए। जिनकी कीमत साढ़े छह लाख रुपए आंकी जा रही है। ज्वैलरी में सोने के दो नेकलेस, सोने की 3 अंगूठियां, चेन, मोतियों की माला व ब्रेसलेट शामिल है।
भुगतान न आने पर विधायक से किया सम्पर्क
27 अप्रेल को ज्वैलर के पास आभूषण का भुगतान नहीं पहुंचा। ज्वैलर ने उसे फोन लगाया, तो वह बंद मिला। उसने विधायक भंसाली से बात की। तब विधायक ने सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ को फोन लगाया। राठौड़ ने अनभिज्ञता जाहिर की। तब उन्हें ठगी का पता लगा।
सीसीटीवी फुटेज में सामने आया ठग
ज्वैलरी शोरूम पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर ठग का चेहरा सामने आ गया। पुलिस ने उस तक पहुंचने के लिए पाली पुलिस को फुटेज भेजे। तब सामने आया कि वह शातिर ठग सुरेश घांची
है, जिसके खिलाफ पाली ही नहीं अन्य थानों में 30 से 35 मामले दर्ज हैं। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
जोधपुर टैंकर व ट्रेलर की टक्कर से भीषण आग, एक जिंदा खाक
जोधपुर टैंकर व ट्रेलर की टक्कर से भीषण आग, एक जिंदा खाक
मण्डलनाथ मंदिर व रेलवे फाटक के पास गुरुवार देर शाम ट्रेलर व कैमिकल से भरे टैंकर की आमने-सामने भिड़ंत के बाद दोनों वाहनों में भीषण आग लग गई। ट्रेलर चालक व खलासी सहित तीन जने सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन टैंकर में मौजूद एक मात्र चालक जिंदा जलकर कंकाल में बदल गया। पास ही भारत-तिब्बत सेना पुलिस (आईटीबीपी) कैम्प से आए जवानों ने नगर निगम की दस दमकलों के साथ मिलकर सवा दो घंटे बाद आग को नियंत्रित किया।
दुर्घटना थाना (पूर्व) प्रभारी भंवरसिंह जाखड़ के अनुसार मिट्टी से भरा एक ट्रेलर नागौर से गुजरात में मोरवी जा रहा था। भवाद निवासी जगदीश पुत्र बुद्धाराम विश्नोई ट्रेलर चला रहा था। शाम साढ़े छह बजे ट्रेलर मण्डलनाथ रेलवे फाटक से डेढ़ किमी आगे पहुंचा ही था कि सामने से आए टैंकर की उससे भिड़ंत हो गई। टैंकर में कोई कैमिकल भरा हुआ था। भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि टैंकर घूमकर आधा सड़क के बीचो-बीच आ गया। उसमें से कैमिकल लीक होना शुरू हो गया।
आशंका है कि इस बीच डीजल टैंक भी फट गया और घर्षण के कारण उसमें आग लग गई। डीजल टैंक व कैमिकल से आग एकदम विकराल हो गई। उसने ट्रेलर को भी चपेट में ले लिया। उसका चालक जगदीश विश्नोई, भवाद निवासी खलासी श्रवण विश्नोई व मण्डलनाथ से ट्रेलर में चढऩे वाला सहीराम विश्नोई ने आनन-फानन में नीचे कूद जान बचाई।
वहीं, टैंकर चालक को बचने का मौका ही नहीं मिल पाया। आग ने उसे चारों तरफ से घेर लिया, जिससे वह जिंदा जल गया। करीब सवा दो घंटे बाद आग को नियंत्रित करने पर वह कंकाल में तब्दील हो चुका था। पुलिस ने टैंकर पर लिखे नम्बर पर मालिक से सम्पर्क किया। हालांकि चालक की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन उसका नाम शंकर बताया जाता है। देर रात कंकाल में तब्दील शव को मोर्चरी भिजवाया गया। जबकि ट्रेलर से सुरक्षित बचने वाले तीनों व्यक्ति भी मामूली जख्मी हुए। जिनका किशोरबाग स्थित निजी अस्पताल में उपचार करवाया गया।
बहन करती थी किसी से फोन पर बात, भाई ने मार दी गोली
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के भोपा क्षेत्र में युवक ने फोन पर बात करने को लेकर हुए विवाद में पर बहिन की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार सीकरी गांव निवासी यासीन कुछ समय से अपनी बहिन की गतिविधियों को लेकर परेशान चल रहा था। उसकी बहन रेशमा (32) की शादी जानमोहम्मद के साथ हुई थी।
रेशमा टेलीफोन पर किसी अन्य व्यक्ति से काफी देर तक बात करती रहती थी। इस बात को लेकर उसका पति जानमोहम्मद भी परेशान था।
जानमोहम्मद ने इस बारे में अपने साले मोहसीन को बताया। उसने रेशमा से टेलीफोन पर बात न करने की हिदायत दी और उससे उसका फोन भी छीन लिया।
मोहसीन ने तीन दिन पहले रेशमा को फिर से फोन करते हुए देख लिया था। मोहसीन ने अपने परिजनों से कहा कि यदि रेशमा नहीं मानी तो उसे कुछ न कुछ करना पड़ेगा।
गुरुवार सुबह इसी बात को लेकर फिर से दोनो में कहासुनी हो गई और मोहसीन ने तमंचे से रेशमा को गोली मार दी जिससे उसकी मौक पर ही मृत्यु हो गयी जबकि बीच बचाव में उसकी मां और भाभी भी घायल हो गई। बहिन की हत्या के बाद मोहसीन फरार हो गया।
दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने दोनों की गम्भीर हालत देखते हुए उपचार के लिए मेरठ भेज दिया। हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें बनाई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
बहरोड़ तीन बच्चों की हत्या, मां को आजीवन कारावास
बहरोड़ तीन बच्चों की हत्या, मां को आजीवन कारावास
बहरोड़ के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुशील कुमार शर्मा ने गुरुवार को अपने ही तीन बच्चों की हत्या करने के आरोप में एक महिला को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार 16 नवम्बर 2013 को हरियाणा के ग्राम मूंडियाखेड़ा निवासी यादराम यादव ने शनिवार तड़के तीन बजे थाने पर सूचना दी कि उसकी बहन गंभीर घायल है और उसके तीन बच्चेे अचेत हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस को तीनों बच्चे अचेत मिले और महिला गम्भीर घायल अवस्था में मिली। पुलिस सभी को लेकर बहरोड़ के एक निजी अस्पताल पहुंची, जहां पर चिकित्सकों ने जांच के बाद बालिका रवीना (12), मनीषा (9) व बालक करमेश (7) को मृत घोषित कर दिया।
महिला मीरा (40)गम्भीर घायल थी, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चों की मौत विषाक्त पदार्थ के सेवन के कारण होने का खुलासा हुआ। बालक करमेश के गले पर दबाने के निशान भी मिले थे।
उपचार के दौरान महिला मीरा ने पुलिस को लिख कर बताया कि उसके पति हवासिंह ने अन्य दो लोगों के साथ मिलकर उनको मारा है। पुलिस जांच में महिला के बयान झूठे निकले। महिला से कड़ाई की गई पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि तीनों बच्चों की हत्या उसी ने की है।
महिला ने यह भी बताया कि उसका पति उसे खर्चा नहीं देता था, इसीलिए आर्थिक तंगी के चलते वह घर का खर्चा वहन नहीं कर पा रही थी, जिसके चलते उसे बच्चों की पढ़ाई की फीस देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
इस सब से छुटकारा पाने के लिए वह बच्चों सहित स्वयं भी मरना चाहती थी। शनिवार को उसने बच्चां को पांच-पांच नींद की गोलियां दे दी और तौलिए से उनका गला दबा कर मार दिया। इस सब के बाद महिला खुद डर गई और दीवार से सर को मार-मार कर स्वयं को घायल करने की कोशिश कर पति को फंसाने की साजिश रची।
उसने बचने के लिए झूठी कहानी भी गढ़ ली। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायाधीश शर्मा ने मातृत्व को शर्मसार करने वाली मां को अपने ही तीन बच्चों की हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए महिला मीरा को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
बहरोड़ के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुशील कुमार शर्मा ने गुरुवार को अपने ही तीन बच्चों की हत्या करने के आरोप में एक महिला को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार 16 नवम्बर 2013 को हरियाणा के ग्राम मूंडियाखेड़ा निवासी यादराम यादव ने शनिवार तड़के तीन बजे थाने पर सूचना दी कि उसकी बहन गंभीर घायल है और उसके तीन बच्चेे अचेत हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस को तीनों बच्चे अचेत मिले और महिला गम्भीर घायल अवस्था में मिली। पुलिस सभी को लेकर बहरोड़ के एक निजी अस्पताल पहुंची, जहां पर चिकित्सकों ने जांच के बाद बालिका रवीना (12), मनीषा (9) व बालक करमेश (7) को मृत घोषित कर दिया।
महिला मीरा (40)गम्भीर घायल थी, जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चों की मौत विषाक्त पदार्थ के सेवन के कारण होने का खुलासा हुआ। बालक करमेश के गले पर दबाने के निशान भी मिले थे।
उपचार के दौरान महिला मीरा ने पुलिस को लिख कर बताया कि उसके पति हवासिंह ने अन्य दो लोगों के साथ मिलकर उनको मारा है। पुलिस जांच में महिला के बयान झूठे निकले। महिला से कड़ाई की गई पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि तीनों बच्चों की हत्या उसी ने की है।
महिला ने यह भी बताया कि उसका पति उसे खर्चा नहीं देता था, इसीलिए आर्थिक तंगी के चलते वह घर का खर्चा वहन नहीं कर पा रही थी, जिसके चलते उसे बच्चों की पढ़ाई की फीस देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
इस सब से छुटकारा पाने के लिए वह बच्चों सहित स्वयं भी मरना चाहती थी। शनिवार को उसने बच्चां को पांच-पांच नींद की गोलियां दे दी और तौलिए से उनका गला दबा कर मार दिया। इस सब के बाद महिला खुद डर गई और दीवार से सर को मार-मार कर स्वयं को घायल करने की कोशिश कर पति को फंसाने की साजिश रची।
उसने बचने के लिए झूठी कहानी भी गढ़ ली। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायाधीश शर्मा ने मातृत्व को शर्मसार करने वाली मां को अपने ही तीन बच्चों की हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए महिला मीरा को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
आज से हेलमेट होगा अनिवार्य
आज से हेलमेट होगा अनिवार्य
राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार से हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है। अब शहर में बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने पर चालक को नहीं बक्शा जाएगा।
कई बार पकड़ में आने पर चालान होगा और दुबार पकड़ में आने पर दुगुना जुर्माना वसूल किए जाने की कार्रवाई अपनाई जाएगी। यातायात पुलिस ने इसके लिए तैयारियां कर ली है।
सख्त होगी कार्रवाई
हालांकि, इससे पहले भी कई बार स्थानीय स्तर से हेलमेट लगाने के आदेश जारी किए गए, लेकिन इसकी लम्बे समय तक पालना नहीं हुई। अब राज्य सरकार ने 1 अप्रेल से अधिसूचना जारी कर निकाय व शहरी क्षेत्रों में दुपहिया वाहनों के चालकों के हेलमेट अनिवार्य कर दिए।
अधिसूचना जारी होने के बाद एक महीने की अवधि में इसकी पालना सूनिश्चित करने के लिहाज से आज से सबसे पहले जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी और बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन सीज व लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकेगी।
हादसों में जाती है जान
दरअसल, कई मामले सामने आए हैं कि दुपहिया वाहन चालकों के हेलमेट नहीं पहने होने के कारण मौत हुई है। धीमी गति होने के बाद भी दुर्घटना होने पर दुपहिया वाहन चालक के सिर में चोटे लगने से मौत की आशंका बनी रहती है।
ऐसी स्थिति में हेलमेट सुरक्षा का काम करता है। सरकार ने नगरपरिषद व पालिका क्षेत्रों में तो चालकों के लिए अनिवार्य किया। जबकि, निगम या संभागीय मुख्यालयों पर तो वाहन के पीछे बैठी सवारी के लिए भी हेलमेट अनिवार्य किया है।
नहीं चलेगी टोपी
दरअसल, कई बार दुपहिया वाहन चालक टोपी लगाकर बचने का बहाना कर लेते हैं, लेकिन इस बार इस प्रकार टोपी या कमजोर प्रकार के काम चलाऊ हेलमेट नहीं चलेंगे। ऐसी स्थिति में पुलिस चालकों का चालान करेगी।
कार्रवाई करेंगे...
सरकार की अधिसूचना की पालना में 1 मई से हेलमेट की अनिवार्यता शुरू हो गई है। शुक्रवार से बिना हेलमेट पाए जाने पर दुपहिया चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बार-बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जा सकेगी।
कई बार पकड़ में आने पर चालान होगा और दुबार पकड़ में आने पर दुगुना जुर्माना वसूल किए जाने की कार्रवाई अपनाई जाएगी। यातायात पुलिस ने इसके लिए तैयारियां कर ली है।
सख्त होगी कार्रवाई
हालांकि, इससे पहले भी कई बार स्थानीय स्तर से हेलमेट लगाने के आदेश जारी किए गए, लेकिन इसकी लम्बे समय तक पालना नहीं हुई। अब राज्य सरकार ने 1 अप्रेल से अधिसूचना जारी कर निकाय व शहरी क्षेत्रों में दुपहिया वाहनों के चालकों के हेलमेट अनिवार्य कर दिए।
अधिसूचना जारी होने के बाद एक महीने की अवधि में इसकी पालना सूनिश्चित करने के लिहाज से आज से सबसे पहले जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी और बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन सीज व लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकेगी।
हादसों में जाती है जान
दरअसल, कई मामले सामने आए हैं कि दुपहिया वाहन चालकों के हेलमेट नहीं पहने होने के कारण मौत हुई है। धीमी गति होने के बाद भी दुर्घटना होने पर दुपहिया वाहन चालक के सिर में चोटे लगने से मौत की आशंका बनी रहती है।
ऐसी स्थिति में हेलमेट सुरक्षा का काम करता है। सरकार ने नगरपरिषद व पालिका क्षेत्रों में तो चालकों के लिए अनिवार्य किया। जबकि, निगम या संभागीय मुख्यालयों पर तो वाहन के पीछे बैठी सवारी के लिए भी हेलमेट अनिवार्य किया है।
नहीं चलेगी टोपी
दरअसल, कई बार दुपहिया वाहन चालक टोपी लगाकर बचने का बहाना कर लेते हैं, लेकिन इस बार इस प्रकार टोपी या कमजोर प्रकार के काम चलाऊ हेलमेट नहीं चलेंगे। ऐसी स्थिति में पुलिस चालकों का चालान करेगी।
कार्रवाई करेंगे...
सरकार की अधिसूचना की पालना में 1 मई से हेलमेट की अनिवार्यता शुरू हो गई है। शुक्रवार से बिना हेलमेट पाए जाने पर दुपहिया चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बार-बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जा सकेगी।
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