गुरुवार, 6 दिसंबर 2018

बाड़मेर- बाड़मेर विधायक के PA के साथ मारपीट की सूचन

बाड़मेर- बाड़मेर विधायक के PA के साथ मारपीट की सूचन





सदर थाना क्षेत्र के सनावड़ा गाँव में मारपीट की सूचना, घटना
की जानकारी के बाद सदर थाना पुलिस पहुँची मौक़े पर, पुलिस अधीक्षक ने मामले की गम्भीरता की देखते हुए CO को भेजा मौक़े पर, पुलिस जुटी पूरे मामले की जाँच में,

बाड़मेर। 16 लाख 62 हजार मतदाता कल करेगे मतदान

बाड़मेर। 16 लाख 62 हजार मतदाता कल करेगे मतदान

बाड़मेर। शुक्रवार सुबह 8.00बजे से शाम 5 बजे तक होगा मतदान। जिले में 2194 मतदान केन्द्र, 16 लाख 62 हजार 627 मतदाता करेगे मतदान , जिले में 14 हजार 925 दिव्यांग मतदाता, मिलेगी पूरी सुविधाएं। भयमुक्त एवं निष्पक्ष मतदान प्रशासन की प्राथमिकता, चप्पे -चप्पे पर रहेगी नजर। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही।

बुधवार, 5 दिसंबर 2018

*आज शाम को थम जाएगा चुनावी शोर* *प्रशासन के लिए चुनोती पूर्ण होगा निष्पक्ष चुनाव कराना*

*आज शाम को थम जाएगा चुनावी शोर*

*प्रशासन के लिए चुनोती पूर्ण होगा निष्पक्ष चुनाव कराना*

*राजस्थान
की दो सौ विधानसभा में से 199 पर आज चुनावी शोर शाम को थम जाएगा।।पिछले एक माह से चुनावी माहौल पर लगाम कस जाएगी। अब प्रत्यासी डोर टू डोर जुटेंगे। जिलो के प्रशासन के लिए यह चुनाव निष्पक्ष करना चुनोती पुरत होगा। राजस्थान की हॉट शीटों में से खींवसर,झालावाड़,टोंक, अंता,लाडपुरा ,सरदार पूरा,उदयपुर पर सबकी निगाहें है। टोंक और झालावाड़ में जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनोती है निष्पक्ष चुनाव की। झालावाड़ में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनाव लड़ रही है सामने कर्नल मानवेन्द्र सिंह। वसुंधरा राजे के चुनाव लड़ने के तरीके जुदा है।।इन जुदा तरीको से प्रशासन कितना निपटाता है यह देखने वाली बात है।टोंक में पैसा पानी की तरह बाह रहा है। कई स्थानों पर मुकाबले दिलचस्प हो गए। बाडमेर जेसलमेर में कड़े मुकाबले है मगर जेसलमेर में अप्रत्याशित परिणाम आने की संभावना है तो बाडमेर में कांग्रेस पांच स्थानों पर मस्त है । बायतु ,सिवाणा में मुकाबला रोचक है। कई दिग्गजों की राजनीति का अंतिम अवसर है।


*झालावाड़ अगर आप मीडिया या खुफ़िया विभाग से हैं तो झालरापाटन से वसुंधरा राजे ही जीतेंगी, नहीं तो...*

*झालावाड़ अगर आप मीडिया या खुफ़िया विभाग से हैं तो झालरापाटन से वसुंधरा राजे ही जीतेंगी, नहीं तो...*

राजस्थान के झालरापाटन में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के सामने पूर्व भाजपाई और अब कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह के आ जाने से मुकाबला रोचक हो गया है

*पुलकित भारद्वाज से साभार*

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे होने के चलते सियासी शोर चरम पर है. लेकिन राजनैतिक लिहाज से प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे झालावाड़ में अजीब सी खामोशी है. झालरापाटन नाम से पहचानी जाने वाली इस सीट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीते तीन चुनावों से लगातार अपना परचम लहरा पाने में सफल रही हैं. इससे पहले वे 1989 से 2004 तक इस क्षेत्र से सांसद चुनी जाती रही थीं. 2004 के बाद से इस सीट पर उनके बेटे दुष्यंत सिंह का कब्जा है. झालावाड़ में राजे की पकड़ को देखकर सूबे के राजनैतिक गलियारों में कहा जाता है कि वहां से चुनाव जीतना वसुंधरा राजे के बाएं हाथ का खेल है. लेकिन इस बार मामला कुछ अलग नज़र आता है. पूर्व विदेश मंत्री जसंवत सिंह के पुत्र और भाजपा से बाग़ी हो चुके दिग्गज नेता मानवेंद्र सिंह को झालरापाटन से उतारकर कांग्रेस ने इस मुकाबले को रोचक बना दिया है.

छोटे कस्बे की शक्ल वाले झालावाड़ शहर के लोग पहली मुलाकात में चुनावी रुझान को लेकर गोलमोल जवाब देते हैं. वे कहते हैं कि यहां से वसुंधरा राजे को डिगा पाना नामुमकिन की हद तक मुश्किल है. लेकिन उनकी यह राय तब तक ही कायम रहती है जब तक वे आपको मीडिया या सुरक्षा और खुफ़िया विभागों से जुड़ा हुआ समझते हैं. आपके आम पर्यटक होने का यकीन होते ही इन लोगों की बातचीत का अंदाज पूरी तरह बदल जाता है. शहर के आम मतदाता की बातों से वसुंधरा राजे और खासतौर पर दुष्यंत सिंह के लिए गहरी नाराज़गी झलकती है. क्षेत्र की 65 फीसदी आबादी जिन गांवों में बसती है वहां यह आक्रोश और ज्यादा महसूस किया जा सकता है. लेकिन यहां खुलेआम बोलने से हर कोई बचना चाहता है. एक व्यापारी रामजी (बदला हुआ नाम) के शब्दों में, ‘कुछ कहते हुए डर लगता है.’ रामजी ने अपनी दुकान के दोनों तरफ भाजपा का झंडा लगा रखा है. इससे जुड़े सवाल पर वे मजाकिया लहज़े में कहते हैं, ‘जिसके घर-दुकान पर जितने ज्यादा झंडे लगाए गए हैं, वह उतना ही नाराज है.’

हालांकि झालावाड़ के जिन पुराने लोगों ने इस शहर की बदहाली देखी है वे वसुंधरा राजे के के कार्यकाल से काफी हद तक संतुष्ट नज़र आते हैं. लेकिन जिले से बाहर की दुनिया से राब्ता रखने वाले लोग अपने बुज़ुर्गों की बातों से ज्यादा इत्तेफाक़ नहीं जताते. उन्हें शिकायत है कि दो बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद वसुंधरा राजे, झालावाड़ में किसी बड़े रोजगार का ज़रिया उपलब्ध नहीं करवा पाई हैं. संतरे के बंपर उत्पादन के लिए झालावाड़ को राजस्थान का नागपुर कहा जाता है. यहां धनिए की भी जबरदस्त पैदावार होती है. लेकिन स्थानीय जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में ऐसी कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई जो किसानों को कुछ खास फायदा दिला सके.

देशभर में कुछ ही जिला मुख्यालय ऐसे होंगे जिन के रेलवे स्टेशन झालावाड़ जितने सूने हों. यहां आपको दूर-दराज तक एक चाय की दुकान तक नज़र नहीं आती. यहां के निवासियों को वर्षों से रेलमार्ग के ज़रिए भोपाल से जुड़ने उम्मीद है. लेकिन अभी यहां से संचालित होने वाली इक्का-दुक्का रेलगाड़ियों की मदद से सिर्फ कोटा तक पहुंचा जा सकता है. इसी वीराने में जिले का डाक बंगला भी स्थित है. झालावाड़ प्रवास के दौरान वसुंधरा राजे अक्सर यहीं रुकती हैं. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि यहां एक भी स्थायी कर्मचारी नज़र नहीं आता. बताया जाता है कि वसुंधरा राजे की यात्रा के दौरान सुरक्षा से लेकर रसोइए तक पूरा स्टाफ जयपुर से जाता है.


झालावाड़ रेलवे स्टेशन पर पसरा सन्नाटा
झालावाड़ समेत पूरा कोटा संभाग करीब तीन दशक से भाजपा का गढ़ माना जाता है. लेकिन कोटा शहर से झालावाड़ तक के बीच का अधिकतर रास्ता इतना खस्ताहाल है कि 90 किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन से पांच घंटे लग जाते हैं. इसके अलावा यहां अफ़ीम और लहसुन की फसलों का पूरा मुआवज़ा न मिलने, खाद वितरण में पुलिस बल का प्रयोग, किसानों की आत्महत्या, अपराधों में बढ़ोतरी, डीज़ल-पेट्रोल-गैस के बढ़ते दाम, बिजली और जलापूर्ति जैसे मुद्दों की वजह से भी लोगों में भाजपा समेत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति रोष है. शायद यही कारण है कि बीते दिनों क्षेत्र की तीन नगरपालिकाओं के चुनावों में से दो में कांग्रेस जीत हासिल करने में सफल रही और एक पर वह सिर्फ एक वोट से हारी थी. वहीं, इसी साल हुए छात्रसंघ चुनावों में भी क्षेत्र की प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने बाजी मारी थी.

मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

आनंदपाल की मां और बेटी ने झालावाड़ पहुंचकर दिया मानवेन्द्र को समर्थन

आनंदपाल की मां और बेटी ने झालावाड़ पहुंचकर दिया मानवेन्द्र को समर्थन

झालावाड़. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हॉट सीट बनी हुई झालरापाटन में सियासी माहौल अपने चरम पर है. कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से लगातार स्टार प्रचारकों के माध्यम से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है.


आपको बता दें कांग्रेस झालावाड़ में राजपूत कार्ड खेलने की कोशिश में है और मानवेंद्र सिंह को यहां से उतार कर अपने इरादे पहले ही जता चुकी है. वहीं मंगलवार को आनंदपाल की मां और बेटी ने अपना समर्थन मानवेंद्र सिंह को देने की अपील लोगों से की. आनंदपाल की मां निर्मल कंवर और बेटी योगिता ने झालावाड़ पहुंचकर मानवेंद्र सिंह को अपना समर्थन दिया है.

आनंदपाल की बेटी योगिता का कहना है कि इस वसुंधरा सरकार ने हम सब पर अन्याय व अत्याचार किया है. वसुंधरा राजे के खिलाफ हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. यह हर एक उस युवा की आवाज है. जो सांवराद आंदोलन में साथ था और वर्तमान में भी लड़ाई कर रहा है.

उन्होंने कहा कि हम जातिगत आधार पर मानवेंद्र सिंह का समर्थन नहीं कर रहे हैं. हम उनके स्वाभिमान के सम्मान में उनका समर्थन कर रहे हैं. जो वसुंधरा राजे के अत्याचारी नीतियां हैं उनकी खिलाफत करते हुए विरोध कर रहे हैं. हमारा एक ही नारा है हमारी भूल, कमल का फूल.