गुरुवार, 29 नवंबर 2018

बुजुर्ग किसानों को पेंशन और बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए भत्ता - कांग्रेस का घोषणापत्र

बुजुर्ग किसानों को पेंशन और बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए भत्ता - कांग्रेस का घोषणापत्र

जयपुर. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'जन घोषणापत्र' नाम दिया है. प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी ने घोषणा पत्र जारी किया.

घोषणा पत्र जारी करते हुए पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने बीजेपी के उस बयान का पलटवार किया जिसमें बीजेपी ने कहा था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो केंद्र और राज्य सरकार में खिंचाव होगा. पायलट ने कहा कि बीजेपी को आभास हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. इसलिए बीजेपी ऐसी बयानबाजी कर रही है.

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों को शामिल किया. सचिन पालयट ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हम किसानों का कर्जा माफ करेंगे, बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान लाएंगे, महिलाओं को निशुल्क शिक्षा देगें, कृषि यंत्रों को जीएसटी मुक्त करेंगे, साढ़े तीन हजार बेरोजगारी भत्ता देंगे, युवाओं को आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे.

स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है हम : चित्रा सिंह

स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है हम-  चित्रा सिंह



झालावाड़. झालरापाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर पूर्व बीजेपी विधायक मानवेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुकाबले में उतरे हुए हैं. इस चुनाव में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी बराबर प्रचार में जुटी हुई हैं.

टिकट बंटवारे से पहले चित्रा सिंह के शिव या जैसलमेर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं थी. पर कांग्रसे ने मानवेन्द्र सिंह को झालावाड़ से चुनाव मैदान में उतार दिया. प्रचार की इस मुहिम के बीच चित्रा सिंह ने ईनाडू इंडिया के साथ खास बातचीत की और कई पहलुओं को सामने रखा.

मानवेन्द्र सिंह की हार को लेकर लगाये जा रहे कयासों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जैसे नेता के सामने चुनाव लड़ने से प्रदेश की राजनीति में मानवेन्द्र सिंह का कद बढ़ेगा. इसको लेकर खुद मानवेन्द्र सिंह को भी गर्व है.


राजे के कारण छोड़ी भाजपा


चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने परेशान किया. उनके मुताबिक भ्रष्टाचार और तानाशाही ने परेशान किया. पर आलाकमान ने कोई सुनवाई नहीं की. दोनों के इस रुख को लेकर अब बाड़मेर की जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी जा रही है.

खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर चित्रा सिंह ने इसे कार्यकर्ताओं की मंशा से जुड़ा मुद्दा बताया और कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी बराबर का मौका मिलना चाहिए.


2004 से ही टार्गेट पर था जसवंत सिंह परिवार


चित्रा सिंह ने कहा कि उनके परिवार को वसुंधरा राजे ने 2004 से ही टार्गेट पर रखा था. वो उन्हें पसंद नहीं करती थी. इसलिए यह लड़ाई तब से शुरू हुई. हमारी लड़ाई हमेशा वसुंधरा राजे से रही कभी भाजपा के खिलाफ हमारी कोई लड़ाई नहीं रही. यह तो हमारे कार्यकर्ताओं का फैसला था इसलिए भाजपा छोड़ी और कांग्रेस का दामन थामा.










झालावाड़। तीस साल में रायपुर को उप तहसील नही बनवा सकी मुख्यमंत्री वसुंधरा,शिक्षा की कोई सुविधा नही* *लहसुन खरीद के नाम पर दलालों ने करोड़ो कूटे,किसानों का आरोप बाजार से खरीद सरकार को बेचा*

*झालावाड़। तीस साल में रायपुर को उप तहसील नही बनवा सकी मुख्यमंत्री वसुंधरा,शिक्षा की कोई सुविधा नही*

*लहसुन खरीद के नाम पर दलालों ने करोड़ो कूटे,किसानों का आरोप बाजार से खरीद सरकार को बेचा*

*झालावाड़  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजपाठ में झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र के लोग मौत के आंसू पी रहे।विकास के नाम पर तीस सालों में लोगो को सिर्फ और बरगलाया।बिधानसभा का रायपुर क्षेत्र विकास को तरस रहे है तो किसान खून के आंसू रुओ रहे।।रायपुर के किसानों से बात की तो बताया कि हमे लहसुन खरीद के कूपन सरकार द्वारा जारी हुए।।कूपन जारी होने के बाद सत्ता के नजदीकी लोगो ने बाज़ार से लहसुन खरीद कर सरकार को तय दामों में बेच दिया।।नब्बे फीसदी किसानों के पास आज भी कूपन ज्यूँ के त्यों पड़े है।लहसुन खराब हो गई घर पड़े पड़े।।दलालों के सक्रिय होने से पांच से सात रुपये किलो लहडून बाजार से खरीद सरकार को पैंतीस रुपये के दामो में बेच करोड़ो का खेल कर दिया धरती पुत्र आज भी वहीं का वही है।फसल चौपट होने के साथ जिन्दगि भर का कर्ज बढ़ गया।यही हालत सोयाबीन की फसल के रहे।।मुख्यमंत्री और सांसद दोनो को किसानों ने अपनी पीड़ा बताई कोई मदद नही मिली।।किसानों के साथ साथ तीस सालों से रायपुर को उप तहसील बनाने के वादे वसुंधरा राजे किये जा रही है ।प्रदरेश कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपने ही विधानसभा क्षेत्र की रायपुर में उप तहसील नही खुलवा सकी।।क्षेत्र में आई टी आई,पोलोटेक्निक,गर्ल्स स्कूल,सहित शिक्षा की कोई व्यवस्था नही है।।हाई स्कूल विज्ञान संकाय में भौतिक और रसायन के व्याख्याता नही है।स्कूल प्रबंधक छात्राओं को टी सी भी नही दे रहे।ये  बारह लड़कियां विज्ञान संकाय में है ये चली गई तो फेकलिटी बन्द हो जाएगी।।रायपुर समस्याओं का घर बन चुका है कोई सुनवाई है नही।।लोगो मे आज भी सरकार के प्रति आक्रोश है। यह आक्रोश बम कब फुट जाए कह नही सकते।।

फलौदी का सट्टा बाजार : भाजपा की सीटें बढ़कर हुईं 62, कांग्रेस 122 पर पहुंची

फलौदी का सट्टा बाजार : भाजपा की सीटें बढ़कर हुईं 62, कांग्रेस 122 पर पहुंची

   
जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान यूं तो रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है. जोधपुर जिले का फलौदी कस्बा भी इसी में आता है. यूं तो फलौदी एक नमक उत्पादक कस्बे के रूप में भी पहचान रखता है, लेकिन इस छोटे कस्बे की बड़ी पहचान सट्टे के बाजार में खास अहमियत रखती है.

क्रिकेट की हर बॉल या रन, चुनाव के दौरान टिकट वितरण हो या जीत-हार, यहां तक बारिश पर भी यहां सट्टे के भाव खुलते हैं. पूरे देश में राजस्थान की चुनावी गणित जानने के लिए लोग फलौदी के सट्टेबाजों को सबसे भरोसेमंद माना जाता है. इसका कारण भी है यहां चुनाव के दौरान समय-समय पर भाव बदलते रहते हैं।

कैसे बदला भाव
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के टिकट आने से पहले राजस्थान में सट्टा बाजार कांग्रेस को 150 सीटें दे रहा था. लेकिन फलौदी में 135-137 सीटों का बाजार खुला था. भाजपा को 48-49 सीटें बताई गई.
वहीं टिकट वितरण के बाद और 23 अक्टूबर तक नामांकन वापस लेने और प्रत्याशियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह आंकड़ा और बदल गया. 28 अक्टूबर को जो नए भाव खुले उसमें कांग्रेस को प्रदेश में मिलने वाली सीटों का अनुमान 122 से 124 तक लगाया गया. इस बार भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी भी हुई. 50-52 सीटों का यह आंकड़ा बढकर 60 से 62 सीटों तक पहुंच गया.लेकिन सट्टेबाज सरकार कांग्रेस की मान रहे हैं. अभी सरकार को लेकर सौदे नहीं हो रहे हैं.

इससे जुड़े लोगों का कहना है कि तीन या चार दिसंबर तक प्रदेश में बड़े नेताओं की रैली के बाद नए भाव आएंगे. सूत्रों की माने तो अंतिम भाव मतदान होने के बाद यानी की 7 दिसंबर की रात को भी आने की संभावना है. इसके बाद ही सरकार बनाने के सौदे शुरू होंगे

झालावाड़ तीस साल में समाज को एक ब्लॉक अध्यक्ष नही दिया,आज खाना खिला रहे हो* *झालावाड़ के राजपूतो की मुख्यमंत्री को दो टूक*

*झालावाड़ तीस साल में समाज को एक ब्लॉक अध्यक्ष नही दिया,आज खाना खिला रहे हो*

*झालावाड़ के राजपूतो की मुख्यमंत्री को दो टूक*

*पार्टी नही छोड़ेंगे पर वोट समाज के उम्मीदवार को देंगे*

झालावाड़ की राजनीति में उबाल आ रहा है।।सबसे हॉट शीट पर पहली बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कांग्रेस के मानवेन्द्र सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही है।।जसोल परिवार को मिल रहे समर्थन से हिली मुख्यमंत्री ने बुधवार रात्रि छोटी कोठी में 30 साल में पहली बार झालावाड़ के राजपूतो को खाने पर बुलाया।।अमूम्मंन खास चलती वाले राजपूत इस खाने पे नही पहुंचे।।सूत्रों की माने तो सरपंच,पार्टी से जुड़े पदाधिकारी राजपूत इस खाने पे पहुंचे।।राजपूतो ने मेडम को खरी खरी सुना दी। राजपूतो ने स्पस्ट कहा कि तीस साल में पहली बार आपको राजपूतो की याद आई और खाने पे बुलाया।।आपने तीस साल में झालावाड़ के राजपूतो को क्या दिया।।पार्टी में एक ब्लॉक अध्यक्ष तक नही बनाया जिला अध्यक्ष तो दूर की बात।।राजपूतो के उलाहने यही समाप्त नही हुए।।उन्होंने झालावाड़ के राजपूतो की दुर्दशा के लिए भी मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए स्पस्ट कहा कि हम पार्टी नही छोड़ेंगे मगर इस बार वोट तो समाज के प्रत्यासी को ही देंगे।।कई राजपूत नेता बिना खाना खाएं भी लौटे।।वसुंधरा ने राजपूतो को आस्वस्त करते कहा कि मेरी गलती है लेकिन आगे ऐसा नही होगा। तब राजपूतो ने फिर कहा कि मानवेन्द्र नही आते तो न खाना खिलाती न ही पोस्ट मिलती ।।इसी तरह वसुंधरा राजे ने भाजपा से जुड़े ब्राह्मण समाज के मौजिज लोगो से भी गुरुवार सुबह बात की।।इधर मानवेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी चित्रा सिंह का ग्रामीण क्षेत्रो में जनसंपर्क जारी रहा।।