शुक्रवार, 22 जून 2018

बाड़मेर सात साल की मासूम से दुष्कर्म,फिर गला घोंट हत्या


बाड़मेर सात साल की मासूम से दुष्कर्म,फिर गला घोंट हत्या

बाड़मेर. सीमावर्ती जिले के गिराब थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया। नाना के घर पर सो रही सात वर्षीय मासूम बच्ची के साथ एक युवक ने दुष्कर्म कर उसकी गला दबाकर हत्या करने कर दी। उसके बाद शव को टांके में डाल दिया। पुलिस ने आरोपी को दस्तयाब कर लिया है।
 
गिराब थानाधिकारी पुष्पेन्द्र वर्मा ने बताया कि सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का मामला परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ है। पुलिस ने शव को बरामद कर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस ने परिजनो की रिपोर्ट नामजद होने पर आरोपी को दस्तयाब कर लिया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी डॉ. गगनदीप सिंगला, डिप्टी सुरेन्द्र प्रजापत सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए है।

पहले दुष्कर्म फिर गला दबा हत्या
परिजनो का आरोप है कि आरोपी युवक ने मासूम बच्ची के साथ देररात दुष्कर्म किया। फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद शव को घर के बाहर बने टांके में डाल दिया। सुबह घर के सदस्य जब उठे तो घटना के बारे में पता चला कि बच्ची की हत्या कर दी।
 
वारदात के बाद सनसनी 
सात वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने की जानकारी गांव में आग की तरह फैल गई। सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। परिजनों की मौजूदगी में शव को टांके से बाहर निकाला गया। सात वर्षीय मासूम की हत्या के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का दौर चलता रहा।

- मामला दर्ज कर जांच शुरू की
सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में जुटी हुई है। - डॉ.गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक

*आखिर क्या हो रहा है बाड़मेर में।।।क्या ये वही बाड़मेर है?*

*आखिर क्या हो रहा है बाड़मेर में।।।क्या ये वही बाड़मेर है?*




*बाड़मेर भारत पाक सीमा पर  बसा साम्प्रदायिक सद्भाव और अमनप्रिय बाड़मेर जिले में अशांति और आपराधिक प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही।भाई चारा, और मानवता खत्म सी हो गई।।पिछले दो महीनों के घटनाक्रम देखे तो लगता ही नही हम उसी अमनप्रिय बाड़मेर में है।।मानवता को शर्मशार करने वाली घटनाए तेजी से बढ़ रही।।कल और आज की घटनाओं ने तो विचलित कर दिया।।एक सात साल की मासूम के साथ फुशकर्म करने वाले का कलेजा नही कंपा।।उसको कही कानून का ख़ौफ़ तनिक भी नही रहा होगा।।कानून और कानून के रखवालो को कोसने की बजाय अपनी अंतरात्मा में झांको।।एक मासूम पर कैसे किसी की नीयत बुरी हो सकती है।क्या उसको उसमे अपनी बहन बेटी का चेहरा नही दिखा।।ऐसे लोगो से तो घर की बेटियां भी कैसे सुरक्षित रही होगी।।अपराधी की कोई जाति धर्म नही होता।।अगर ऐसा है तो अपराधी के जाति के लोगो को कड़ा निर्णय लेना होगा।।उसके खिलाफ।।ऐसे लोगो को न समाज मे रहने का अधिकार है न जीने का।।कानून और कानून के रखवालो की बात करना  बेमानी होगी।।कानून अपराधियो  और अपराध की प्रवृति को नही  भांप सकते।।अपराध होने के बाद इनका काम शुरू होता हैं। मगर हमने अपनी संस्कृति और परंपराओं का त्याग कर बहुत बड़े अपराध को पनपने की छूट दे दी।।आज हमने अपना भाईचारा ही नही खोया अपणायत भी खो दी।।आज जो अपराध हो रहे उसका कारण भी हम खुद हैं। हमने अपने बच्चों को संस्कार ही नही दिए। पास पड़ौसियों का महत्व ही नही बताया।।हमने अपने बच्चों को समाज की मुख्यधारा से नही जोड़ा।।रिश्तों में दूरियां बढ़ा दी।।जिसके चलते आपराधिक प्रवृतियां बढ़ रही है। कल की घटना ही लो।।एक बेटी का दो किलोमीटर तक कुसंस्कारी मनचले पीछा कर रहे थे ।वो भी ऐसे इलाके से जंहा दिन भर चहल पहल रहती है।।बीच मे पुलिस चौकी भी आती है।।शायद ये इन युवकों को उनके परिवार से मिले कुसंस्कार ही थे।आखिर इतनी भीड़ भाड़ वाले इलाके में ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत कैसे हो जाती है।।मतलब साफ है उन्हें कोई कानून का ख़ौफ़ नही था।उन्हें अपने अभिभावकों की पहुंच का घमंड था।।सबसे बड़ी बात लानत उस व्यक्ति को जिसने इन युवकों को बचाने और समझौता करने के लिए पैरवी की। ऐसे लोग कानून के रखवालो के आसपास मंडराते है। यही घटनाक्रम पैरवी करने वाले कि बहन बेटी के साथ होता तो क्या इसी तरह पैरवी करता।।डूब के मर जाना चाहिए। सारे राह जब आरोपियों को दबोच लिया।।फिर सिफारिस करने की हिम्मत।।राजकीय कार्य मे बाधा का मुकदमा ठोक देते।।यही नही आत्महत्याओं का नया प्रचलन जो सामने आया वो और भी खतरनाक हैं।इन घटनाओं में हमारे सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया। प्यार मोहब्बत ।।साथ मे आत्महत्या। क्या मायने इसके। ये परवरिस में कमी के नतीजे है।।घर मे बच्चो को संस्कार और अपनापन नही देंगे हालात इससे बदतर होंगे।।क्या परिवार के सदस्यों का कोई दायित्व नही की वो अपने बच्चों की गतिविधियों पे निगरानी रखे।।हम यहां कानून और कानून वालो को भी दो चार बाते सुना सकते थे मगर अपराध कारित करने में उनका क्या दोष। उन्हें कोसने की बजाय हम अपने अंदर झांक कर देखे। हम अपने बच्चों को क्या दे रहे। बच्चे घर मे जो देखते है वो ही सीखते है उसी को अंजाम देते है। आज की घटना ने तो हिला के रख दिया।। क्या बाड़मेर ऐसे ही नए नए अपराधों के साये में रहेगा। कानून और उनके रखवालो का ख़ौफ़ भी जरूरी है।उन्हें भी आत्मचिंतन करना होगा।।बाड़मेर कोई मेट्रो सिटी नही है।।बाहर के लीग भी नही जो अपराध को बढ़ावा दे रहे हो। ये सामाजिक अपराध है जो संस्कारो की कमी के कारण हो रहे।।*

*।।बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*।।

गुरुवार, 21 जून 2018

बाड़मेर आज़ाद प्रकरण को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक को सुपुर्द किया



बाड़मेर आज़ाद प्रकरण को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक को सुपुर्द किया


बाड़मेर ग्रुप फ़ॉर पीपल के अध्यक्ष और आर सी ए कोषाध्यक्ष युवा उद्यमी आज़ाद सिंह राठौड़ के खिलाफ जिला प्रशासन की दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में आज ग्रुप फ़ॉर पीपल द्वारा राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक डॉ गगनदीप सिंगला को सुपुर्द किया।।ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी,शंकर लाल गोली,माधो सिंह दांता, एडवोकेट खुमान सिंह सोढा,महेंद्र सिंह भाटी तेजमालता,दुर्जन सिंह गड़ीसर,नरेंद्र खत्री,जय परमार,प्रेम सिंह निर्मोही,राजेन्द्र लहुआ ,जसपाल सिंह डाभी,सहित कई लोग शामिल थे।।ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि ग्रुप अध्यक्ष के साथ जिला प्रशासन की।दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में जिला कलेक्टर के खिलाफ 14 वैधानिक बिंदुओं का ज्ञापन पुलिस अधीक्षक को पेश किया जिस पर जिलापुलिस अधीक्षक के साथ कई बिंदुओं पे चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते संविधान और कानून विरुद्ध कार्यवाही द्वेषपूर्ण भावना से की गई।।उन्होंने बताया की    बाड़मेर  कलेक्टर  द्वारा राजनैतिक विद्वेष के चलते राजनेताओ के दबाव के कारण बुजुर्ग एवं सम्मानित नागरिकों के अधिकारो का हनन किया जा रहा है। 
पदेन जिला कलेक्टर एवं पदेन पुलिस अधीक्षक जिले की बाड़मेर खेलकूद एवं सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष होते है तथा ये अध्यक्ष की जिम्मेदारी है बाड़मेर खेलकूद एवं सांस्कृतिक संस्थान की सालाना बैठक अनिवार्य रूप से आहूत करें तथा संस्थान वार्षिक लेखे एवं सूचनाए रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत करें ।
वर्तमान एवं पूर्व में रहे पदेन जिला कलेक्टर द्वारा इस सालाना प्रक्रिया को नजरंदाज किया गया तथा इस जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया गया । 2012 के पश्चात इस संस्थान का कोई चुनाव जिला कलेक्टर द्वारा नहीं करवाया गया तथा 2012 की कार्यकारिणी ही इससंस्थान को चलाती रही। खेल संघ के सचिव द्वारा संस्थान की आय हेतु संस्थान के जर्जर भवन को किराए पर दिया गया जिसके लिए संस्थान के सचिव ने विधान के अनुरूप इसे एक उद्यमी को कानूनन किराएनामे के जरिए किराए पर दिया तथा किराया चेक द्वारा खेलसंस्थान को मिलने लगा।
उक्त उद्यमी वर्तमान राजस्थान सरकार के विपक्षी दल से सम्बंध रखता है इसलिए राजनैतिक दबाव के चलते 15 06 2018 की रात 3रू18 बजे कलेक्टर के कहने पर पूर्व में इसी मामले में हुई पुलिस रिपोर्ट संख्या 19ध्2017 में निर्दोष साबित होने के बावजूद फिर से नया मुक़द्दमा रात्रि 3रू18 बजे दर्ज किया गया तथा सुबह 6रू00 बुजुर्ग सचिव राजू  सिंह जी चैधरी को हिरासत में लेलिया गया। उद्यमी आजाद सिंह राठौड़ के क़ानूनन किराए के भवन को रात में ही जबरन ख़ाली करवाया गया तथा सामान भी जब्त कर अज्ञात जगह भेज दिया गया । 

निम्न लिखित 14 बिन्दुओ की सिलसिलेवार उच्च स्तरीय जाँच कराई जाये ,

1.कथित धोखाधड़ी के मामले में छह माह पूर्व दर्ज हुए प्रकरण की जांच के बाद एफ आर लगाई गई तो फिर अचानक आजाद सिंह दोषी कैसे
2.बाड़मेर क्लब को संघ को किसने हेंड ओवर किया,कार्यसमिति का अध्यक्ष खुद कलेक्टर है तो नियमानुसार साल में एक बैठक क्यों आहूत नही की।।ये लापरवही और कर्तव्य पालना में कमी किसकी।।
3.संघ सचिव का कार्यकाल 2012 में समाप्त हो गया तो चुनाव कराने की जिम्मेदारी किसकी।।अध्यक्ष की।अध्यक्ष कौन।।खुद जिला कलेक्टर।।मतलब कर्तव्य का निर्वहन नही किया गया
3.जिस संस्था के चुनाव नही होते संवैधानिक तौर पर पदाशिन लोग ही कार्यवाहक के रूप में चुनाव होने तक कार्य करते है।तो सचिव अवैध कैसे
4.आजाद सिंह की कम्पनी को भवन किराये पे दिया,सचिव को अधिकार दिए गए है कानूनी दस्तावेजों पे हस्ताक्षर करने के ,सचिव ने तत्कालीन जिला कलेक्टर को नॉलेज में डालके लीजनडीड पे हस्ताक्षर किए,पंजीयन कार्यालय में पंजीबद्ध किया,इसमे क्या गलत हुआ,आज भी कई सरकारी भवन नाममात्र किराये पे दे रखे है उनके खिलाफ भी ऐसी कार्यवाही होगी
5.आजाद सिंह की आफिस का किराया चेक से संघ के खाते में अध्यक्ष के नाम से जमा हो रहा था,अध्यक्ष कौन।।फिर यह धोखाधड़ी और गबन कैसे

6.प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सीज करने का पावर जिला कलेक्टर के पास है क्या।।यह पावर त्ठप् को भी नही।फिर भी सीज से पहले नोटिस देने की प्रक्रिया की पालना क्यों नही की गई।।
7.जिस संघ में गबन का मामला दर्ज करवाया उसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर है। मामला दर्ज कराने का दायित्व अध्यक्ष का था फिर केंद्र सरकार के कार्मिक के कंधे पे बन्दूक क्यों रखी गई
8.नेहरू युवा केन्द्र समन्वयक को मानद सचिव मौखिक तोर पे बना उनसे एफ आई आर दर्ज करवा ली,दो दिन बाद एस डी एम को सचिव बनाया।।जिससे एफ आई आर करवाई वो न्यायालय में बिना दस्तावेजो के मुकदमा फेस करेगा।उसे मानद सचिव का आदेश क्यों नही दिया
9.युवा समन्वयक आपके सामने गिड़गिड़ाता रहा कि उसे क्यों मामले में घसीट रहे ,उसका कोई लेना देना नही।आपने उस पर घर जाने की अघोषित रोक नही लगा रखी थी। वह अपनी बहन की बीमारी का बार बार हवाला दे रहा था,आपका दिल नही पसीजा
10’तीन दिन का नोटिस आजाद सिंह को देने के लिए तैयार करवाया उसे तमिल क्यों नही करवाया,अचानक सीज की कार्यवाही क्यों कि गई

11. सीजर टीम को हिदायत दी गई थी कि कोई फोटोग्राफी वीडियोग्राफी नही हो,फिर कार्यवाही सार्वजनिक कैसे हो गई।आपके द्वारा की कहा गत की कार्यवाही बीच मे रोक दी तो बेइज्जती हो जाएगी।उप खण्ड अधिकारी ने आपको सलाह भी दी नही मानी

बाड़मेर क्लब के दस्तावेजो में कांटछांट की बात कर रहे है इसकी फोरेंसिक जांच करवा लें कितनी पुरानी कांटछांट है। जो नए पेरेग्राफ जोड़े गए उसकी हेंड राइटिंग सारे मामले का पर्दाफास कर देगी।’

हितकारी स्वराज के कम किराये को गबन माना, मनोरंजन केंद्र मात्र एक रुपये के मासिक किराये पे दे रखा था,करिए वसूली और तत्कालीन जिला कलेक्टर संजय दीक्षित के खिलाफ कराए मुकदमा दर्ज।।कई सरकारी बिल्डिंगे कम दर पर दी हुई है फिर सबकी जांच हो

बाड़मेर क्लब और संघ के मेटर में विधान ,पंजीयन जिन तत्कालीन कलेक्टरों की देखरेख में बना उनके खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाये
 उक्त प्रकरण में भारत के इज्जतदार नागरिकों के मान का हनन आप द्वारा नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा किया गया है अतः आपसे निवेदन एवं आशा है की आप इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँचकरवाएँगे तथा भारत के नागरिकों के मान सम्मान का हनन करने वाले अधिकारियों को उचित दंड की व्यवस्था करेंगे ।


बाड़मेर आज़ाद सिंह को माननीय राजस्थान हाई कोर्ट से मिली 15 दिन की अंतरिम जमानत ,

बाड़मेर आज़ाद सिंह को माननीय राजस्थान हाई कोर्ट से मिली 15 दिन की अंतरिम जमानत , 

बाड़मेर आज़ाद सिंह को माननीय राजस्थान हाई कोर्ट से मिली 15 दिन की अंतरिम जमानत ,
हाई कोर्ट ने लिबर्टी के साथ किया आदेश ज़ारी ।
बाड़मेर में श्रीमान ADJ कोर्ट में जो सुनवाई आज हुई उसका निर्णय कल तक सुरक्षित

मंगलवार, 19 जून 2018

बाड़मेर चवा प्रकरण : पुलिस प्रशासन के खिलाफ दर्जी समाज आज उतरेगा सड़कों पर




बाड़मेर चवा प्रकरण : पुलिस प्रशासन के खिलाफ दर्जी समाज आज उतरेगा सड़कों पर

-चवा पुलिस चौकी प्रभारी पर धमकाने का आरोप

बाड़मेर- जिले के बायतू क्षेत्र के चवा गांव में नाबालिग का शव टांके में

मिला। जिसके बाद नाबालिग के परिजनों ने नाबालिग का दुष्कर्म कर टांके में

डालकर हत्या काने का आरोप लगाते हुए आरोपियों को नामजद कर बायतू पुलिस

थाना में मामला दर्ज करवाया। नाबालिग मृतका के पोस्टमार्टम करवाने के

उपरांत शव उठाने से पूर्व पुलिस प्रशासन, मृतका के परिजनों व समाज के

मौजिज लोगों के मध्य जो वार्ता हुई उसमें बाड़मेर पुलिस ने अन्य तीन

आरोपियों को 3 दिन में गिरफ्तार करने की बात कही थी। लेकिन, पुलिस ने

नाममात्र का आश्वासन देकर समाज को केवल भ्रम में ही रखा और शेष आरोपियों

को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया जिससे दर्जी समाज मे पुलिस के प्रति

रोष व्याप्त है। वहीं दर्जी समाज के लोगों ने चवा चौकी प्रभारी खेताराम

पर आरोप लगते हुए कहा कि चवा चौकी प्रभारी द्वारा नाबालिग मृतका के

परिजनों को डराया-धमकाया जा रहा है और राजीनामे का दबाव बनाकर मामले को

कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे जिला प्रशासन व पुलिस

प्रशासन के प्रति समाज मे रोष व्यापत है।