गुरुवार, 21 जून 2018

बाड़मेर आज़ाद प्रकरण को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक को सुपुर्द किया



बाड़मेर आज़ाद प्रकरण को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक को सुपुर्द किया


बाड़मेर ग्रुप फ़ॉर पीपल के अध्यक्ष और आर सी ए कोषाध्यक्ष युवा उद्यमी आज़ाद सिंह राठौड़ के खिलाफ जिला प्रशासन की दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में आज ग्रुप फ़ॉर पीपल द्वारा राष्ट्रपति के नाम वैधानिक ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक डॉ गगनदीप सिंगला को सुपुर्द किया।।ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी,शंकर लाल गोली,माधो सिंह दांता, एडवोकेट खुमान सिंह सोढा,महेंद्र सिंह भाटी तेजमालता,दुर्जन सिंह गड़ीसर,नरेंद्र खत्री,जय परमार,प्रेम सिंह निर्मोही,राजेन्द्र लहुआ ,जसपाल सिंह डाभी,सहित कई लोग शामिल थे।।ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि ग्रुप अध्यक्ष के साथ जिला प्रशासन की।दमनात्मक कार्यवाही के विरोध में जिला कलेक्टर के खिलाफ 14 वैधानिक बिंदुओं का ज्ञापन पुलिस अधीक्षक को पेश किया जिस पर जिलापुलिस अधीक्षक के साथ कई बिंदुओं पे चर्चा हुई।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते संविधान और कानून विरुद्ध कार्यवाही द्वेषपूर्ण भावना से की गई।।उन्होंने बताया की    बाड़मेर  कलेक्टर  द्वारा राजनैतिक विद्वेष के चलते राजनेताओ के दबाव के कारण बुजुर्ग एवं सम्मानित नागरिकों के अधिकारो का हनन किया जा रहा है। 
पदेन जिला कलेक्टर एवं पदेन पुलिस अधीक्षक जिले की बाड़मेर खेलकूद एवं सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष होते है तथा ये अध्यक्ष की जिम्मेदारी है बाड़मेर खेलकूद एवं सांस्कृतिक संस्थान की सालाना बैठक अनिवार्य रूप से आहूत करें तथा संस्थान वार्षिक लेखे एवं सूचनाए रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत करें ।
वर्तमान एवं पूर्व में रहे पदेन जिला कलेक्टर द्वारा इस सालाना प्रक्रिया को नजरंदाज किया गया तथा इस जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया गया । 2012 के पश्चात इस संस्थान का कोई चुनाव जिला कलेक्टर द्वारा नहीं करवाया गया तथा 2012 की कार्यकारिणी ही इससंस्थान को चलाती रही। खेल संघ के सचिव द्वारा संस्थान की आय हेतु संस्थान के जर्जर भवन को किराए पर दिया गया जिसके लिए संस्थान के सचिव ने विधान के अनुरूप इसे एक उद्यमी को कानूनन किराएनामे के जरिए किराए पर दिया तथा किराया चेक द्वारा खेलसंस्थान को मिलने लगा।
उक्त उद्यमी वर्तमान राजस्थान सरकार के विपक्षी दल से सम्बंध रखता है इसलिए राजनैतिक दबाव के चलते 15 06 2018 की रात 3रू18 बजे कलेक्टर के कहने पर पूर्व में इसी मामले में हुई पुलिस रिपोर्ट संख्या 19ध्2017 में निर्दोष साबित होने के बावजूद फिर से नया मुक़द्दमा रात्रि 3रू18 बजे दर्ज किया गया तथा सुबह 6रू00 बुजुर्ग सचिव राजू  सिंह जी चैधरी को हिरासत में लेलिया गया। उद्यमी आजाद सिंह राठौड़ के क़ानूनन किराए के भवन को रात में ही जबरन ख़ाली करवाया गया तथा सामान भी जब्त कर अज्ञात जगह भेज दिया गया । 

निम्न लिखित 14 बिन्दुओ की सिलसिलेवार उच्च स्तरीय जाँच कराई जाये ,

1.कथित धोखाधड़ी के मामले में छह माह पूर्व दर्ज हुए प्रकरण की जांच के बाद एफ आर लगाई गई तो फिर अचानक आजाद सिंह दोषी कैसे
2.बाड़मेर क्लब को संघ को किसने हेंड ओवर किया,कार्यसमिति का अध्यक्ष खुद कलेक्टर है तो नियमानुसार साल में एक बैठक क्यों आहूत नही की।।ये लापरवही और कर्तव्य पालना में कमी किसकी।।
3.संघ सचिव का कार्यकाल 2012 में समाप्त हो गया तो चुनाव कराने की जिम्मेदारी किसकी।।अध्यक्ष की।अध्यक्ष कौन।।खुद जिला कलेक्टर।।मतलब कर्तव्य का निर्वहन नही किया गया
3.जिस संस्था के चुनाव नही होते संवैधानिक तौर पर पदाशिन लोग ही कार्यवाहक के रूप में चुनाव होने तक कार्य करते है।तो सचिव अवैध कैसे
4.आजाद सिंह की कम्पनी को भवन किराये पे दिया,सचिव को अधिकार दिए गए है कानूनी दस्तावेजों पे हस्ताक्षर करने के ,सचिव ने तत्कालीन जिला कलेक्टर को नॉलेज में डालके लीजनडीड पे हस्ताक्षर किए,पंजीयन कार्यालय में पंजीबद्ध किया,इसमे क्या गलत हुआ,आज भी कई सरकारी भवन नाममात्र किराये पे दे रखे है उनके खिलाफ भी ऐसी कार्यवाही होगी
5.आजाद सिंह की आफिस का किराया चेक से संघ के खाते में अध्यक्ष के नाम से जमा हो रहा था,अध्यक्ष कौन।।फिर यह धोखाधड़ी और गबन कैसे

6.प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सीज करने का पावर जिला कलेक्टर के पास है क्या।।यह पावर त्ठप् को भी नही।फिर भी सीज से पहले नोटिस देने की प्रक्रिया की पालना क्यों नही की गई।।
7.जिस संघ में गबन का मामला दर्ज करवाया उसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर है। मामला दर्ज कराने का दायित्व अध्यक्ष का था फिर केंद्र सरकार के कार्मिक के कंधे पे बन्दूक क्यों रखी गई
8.नेहरू युवा केन्द्र समन्वयक को मानद सचिव मौखिक तोर पे बना उनसे एफ आई आर दर्ज करवा ली,दो दिन बाद एस डी एम को सचिव बनाया।।जिससे एफ आई आर करवाई वो न्यायालय में बिना दस्तावेजो के मुकदमा फेस करेगा।उसे मानद सचिव का आदेश क्यों नही दिया
9.युवा समन्वयक आपके सामने गिड़गिड़ाता रहा कि उसे क्यों मामले में घसीट रहे ,उसका कोई लेना देना नही।आपने उस पर घर जाने की अघोषित रोक नही लगा रखी थी। वह अपनी बहन की बीमारी का बार बार हवाला दे रहा था,आपका दिल नही पसीजा
10’तीन दिन का नोटिस आजाद सिंह को देने के लिए तैयार करवाया उसे तमिल क्यों नही करवाया,अचानक सीज की कार्यवाही क्यों कि गई

11. सीजर टीम को हिदायत दी गई थी कि कोई फोटोग्राफी वीडियोग्राफी नही हो,फिर कार्यवाही सार्वजनिक कैसे हो गई।आपके द्वारा की कहा गत की कार्यवाही बीच मे रोक दी तो बेइज्जती हो जाएगी।उप खण्ड अधिकारी ने आपको सलाह भी दी नही मानी

बाड़मेर क्लब के दस्तावेजो में कांटछांट की बात कर रहे है इसकी फोरेंसिक जांच करवा लें कितनी पुरानी कांटछांट है। जो नए पेरेग्राफ जोड़े गए उसकी हेंड राइटिंग सारे मामले का पर्दाफास कर देगी।’

हितकारी स्वराज के कम किराये को गबन माना, मनोरंजन केंद्र मात्र एक रुपये के मासिक किराये पे दे रखा था,करिए वसूली और तत्कालीन जिला कलेक्टर संजय दीक्षित के खिलाफ कराए मुकदमा दर्ज।।कई सरकारी बिल्डिंगे कम दर पर दी हुई है फिर सबकी जांच हो

बाड़मेर क्लब और संघ के मेटर में विधान ,पंजीयन जिन तत्कालीन कलेक्टरों की देखरेख में बना उनके खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाये
 उक्त प्रकरण में भारत के इज्जतदार नागरिकों के मान का हनन आप द्वारा नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा किया गया है अतः आपसे निवेदन एवं आशा है की आप इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँचकरवाएँगे तथा भारत के नागरिकों के मान सम्मान का हनन करने वाले अधिकारियों को उचित दंड की व्यवस्था करेंगे ।


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