शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

बाड़मेर। सवा लाख नवकार महामंत्र साधना हुई सम्पन्न

बाड़मेर। सवा लाख नवकार महामंत्र साधना हुई सम्पन्न 
बाड़मेर। स्थानीय जैनाचार्य श्री गुणसागरसूरि साधना भवन में कल सुबह 8ः30 बजे सवा लाख नवकार महामंत्र की साधना सम्पन्न हुई सैकड़ों की संख्या में जैन धर्मावलम्बी शामिल हुए। 

परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री कलाप्रभसागर सूरिष्वर के परम षिष्य मारवाड़ रत्न मुनिराज श्री कमलप्रभसागर ने साधना भवन में धर्मप्रेमी बंधुओं को प्रतिबोधित करते हुए कहा कि ध्यान साधना का यह अध्यात्मिक कार्यक्रम पूज्य गुरूदेव की निश्रा में सम्पन्न हुआ नवकार मंत्र पाटीका पर श्री पूनमचंद जी चिंतामणदास जी बोहरा परिवार एवं श्री आसुलाल कल्याणदास श्रीश्रीमाल परिवार ने संयुक्त रूप से नवकार ताम्रयंत्र पर वासक्षेप से पूजा की। सैंकड़ों की संख्या में ध्यान साधना में पधारे साधकों ने प्रति नवकार मंत्र पर एक-एक अक्षत अर्पण कर अपनी श्रद्धा भक्ति प्रदर्षित की ।

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प्रवीण मालू ने कहा कि सवां लाख नवकार मंत्र की साधना के लक्ष्य को पारकरके ढाई लाख मंत्र जाप बाड़मेर नगरवासियों की उत्साहभरी उपस्थिति के कारण ही संभव हो पाया। मंत्र साधना मंे पधारे प्रत्येक साधक का तिलक एवं प्रभावना देकर स्वागत किया गया। संगीत का साथ दिया गौरव मालू और साथी कलाकारों ने ।

भक्ति प्रेमी पूज्य मुनि श्री कमलप्रभसागरजी म.सा.एवं विनयरत्न सागर जी म.सा. के सानिध्य में मंत्र रक्षा के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ यह कार्यक्रम लगभग तीन घंटे चला। इसका समापन वयोवृद्ध तपस्वी मुनि श्री नंदीवर्धनसागर जी म.सा. मुनि श्री ह्मींमकार सागरजी म.सा. एवं मुनि श्री सदानंदसागर जी म.सा. के मुखारविन्द से नवकार महामंत्र का श्रवण करके किया गया। इस कार्यक्रम के मध्य में बालिका मंडल द्वारा भक्तिमय नृत्य किया गया।

नरेन्द्र जैन ने बताया कि इस मनोरम कार्यक्रम को सफल एवं सुसंचालित करने में युवा साथीयों के साथ-साथ महिला मंडल एंव बालिका मंडल की सराहनीय सेवा प्राप्त हुई।

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इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष हनुमानदास बोहरा, चातुर्मास संयोजक वेदमल बोहरा रतनलाल श्रीश्रीमाल, दुर्गादास पड़ाईया रतनलाल बोहरा, प्रवीण जैन एवं नरेन्द्र श्रीश्रीमाल आदि कई श्रावक मौजूद रहे।

बाड़मेर। सभी जीवों को जीने का अधिकार है- आचार्य श्री

बाड़मेर। सभी जीवों को जीने का अधिकार है- आचार्य श्री

रिपोर्ट :- चन्द्रप्रकाश छाजेड़ / बाड़मेर 

बाड़मेर। जहां नेमी के चरण पड़े गिरनार की धरती है... भजन के साथ आचार्य देेवेश श्री जिनपीयुषसागरसूरिजी म.सा ने चातुर्मास का मंगलकारी मंगलाचरण के साथ ही स्थानीय जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थित जन समुदाय को भावविभोर कर दिया।

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प्रखर प्रवचनकार मुनि सम्यकरत्नसागरजी महाराज ने सर्वमंगलमय वर्षावास 2017 के अन्तर्गत गर्भपात या गर्भकल्याणक जैसे विषय पर जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थिति जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि इस 21वीं सदी में मानव जन्म प्राप्त करना अत्यन्त दुष्कर है। मैत्री करूणा, प्रेम, जीवदया, प्राणीमात्र के प्रति करूणा आदि के भाव भगवान नेमीनाथ जीवन चरित्र को सुनने व समझने पर प्राप्त होते है। इन्हीें आत्मगुणों की वजह से तीर्थंकर परमात्मा के च्यवन, जन्म, दीक्षा, केवलज्ञान व निर्वाण कल्याणक मनाते है लेकिन उनके आदर्शों को गौण करके मात्र आयोजनों व प्रयोजनों से मानव जीवन सार्थ व सफल नहीं हो सकता है। 24 तीर्थंकरों के 121 कल्याणक इस आर्य भूमि में पर घटित हुए आर्यभूमि में आचार-विचार व आचरण की शुद्धता होने की वजह से उनका जन्म आर्य भूमि पर हुआ। अनार्य भूमि में ये सब व्यवस्था नहीं है। आज कोई व्यक्ति अनार्य देशों में जाकर वहां की व्यवस्थाएं देखकर आर्यदेश में आकर आर्यदेश की व्यवस्थाओं में खामियां निकालता है तो समझना लेना कि भवान्तर में उसका जन्म अनार्य देश में होगा जहां धर्म नहीं है। आर्य संस्कृति में ये व्यवस्था थी की वो अनार्य देशों के साथ कोई संबंध नहीं रखते थे। 24 तीर्थंकरों में से किसी भी परमात्मा का जन्म अनार्यभूमि में नहीं हुआ। तीर्थंकर परमात्मा के जन्म-दीक्षा-केवलज्ञान-मोक्ष कल्याणक होता है लेकिन उनका कभी भी शादी कल्याणक नहीं होता है क्योंकि शादी को कभी भी कल्याणक नहीं कहा गया है शादी करना, करवाना ओर उसकी अनुमोदना करना कल्याण का नहीं अकल्याण का मार्ग है। जिस आर्यदेश में तीर्थंकर परमात्मा का गर्भकल्याणक होने पर देवलोक के इन्द्र भी ंवंदन ओर उत्सव मनाते है वहीं उसी आर्यदेश की भूमि पर खुले आम गर्भापात जैसा अधम पाप सम्पन्न हो रहा है। जो गर्भापात करते है, करवाते है तथा अनुमोदना करवाते है वो कभी अंहिसाप्रेमी नहीं होते है। ये वो देश है जहां पशुओं का वध करने पर सजा है लेकिन एक पंचेन्द्रिय जीव की गर्भ में हत्या करने पर कोई सजा नहीं है। जहां पशुओं के वध के लिए बुचड़खाने व कत्लखाने बंद करवाने के लिए आन्दोलन व नारेबाजी करते है लेकिन उसी देश में घर-घर में बुचड़खाने व कत्लखाने पनप रहे है जो गर्भापात जैसे अधम पाप करके संज्ञी पंचेन्द्रिय जीव की हत्या कर देते है। ओर ये बुचड़खाने कुकुड़मुते की तरह पनप रहे है।

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मुनि श्री ने कहा कि अनार्य देशों में जो भी साधन-सामग्री का आविष्कार हुआ है वो सब हिंसात्मक तरीके से हुआ है। कवियों व संतों से मां शब्द की व्याख्या करने का सामथ्र्य नहीं था वहीं आज की माताएं गर्भापात करके संज्ञी पचेन्द्रिय जीव की हत्यारी बनती है। तीर्थंकर के सिद्धान्तों को मानने वाला कभी भी चमत्कारों को नहीं मानता है। जैन आगमों यहां तक उल्लेख मिलता है कि एक बालक एक भव में 100 पिता हो सकते है तथा एक पिता के एक भव में एक लाख बालक हो सकते है। 3 माह का गर्भ में रहा हुआ जीव कु्रर लेश्या के परिणाम से मरकर सांतवी नरक तक जा सकता है। जहां 33 सागरोपम की महाभयंकर पीड़ा व वेदना सहन करता है गर्भाधान के समय में अश्लील चित्रों को देखना, मसालेदार व्यजंन खाने का कार्य जो माताएं करती है वो कभी बलशाली व संस्कारवान पुत्र को जन्म नहीं दे सकती है। जो मां अपने जीवन में संस्कारों का निर्माण नहीं कर सकती है वो कभी भी देश के लिए देशभक्त पुत्र को जन्म नहीं दे सकती है। दुनिया की बातें सुनने जैसी है तथा जिनवाणी सुनकर आचारण उतारने जैसी है। चिड़ा-फाड़ा करना, आॅपरेशन करना, छेदन-भेदन करने का कार्य आर्य संस्कृति की चिकित्सा पद्धति में नहीं था। आर्यदेश का खान-पान व चिकित्सा पद्धति अहिंसात्मक थी। एक जीव मां के गर्भ मंे अधिक से अधिक 24 वर्ष तक तथा कम से कम अंतरमुहुर्त तक रहता है। मुहुर्त व चैघड़िया देखकर कर दो माताएं पुत्र को जन्म देती है वो कभी भी बलशाली, तीर्थंकर, चक्रवर्ती, वासुदेव, बलदेव की आत्मा को जन्म नहीं दे सकती है। होनहार बलवान है तथा कर्मसता के आगे किसी की भी नहीं चलती है।

मुनि श्री ने कहा कि पुत्र के लक्षण पालने में और बहु के लक्षण बारने अर्थात् चैखट पर ही पता चल जाते है। गर्भपात एक और पाप चार है। अतिथि की हत्या का पाप, शरणागत की हत्या का पाप, अनाथ की हत्या का पाप तथा अपने खून की हत्या का पाप इस गर्भापात जैसे अधम कार्य में है। सभी जीव कर्माधीन है तथा इस धरती पर आने वाला प्रत्येक जीव अपनी व्यवस्था करके आता है। जीव मां की गर्भ से जन्म बाद में लेता है लेकिन मां के आंचल में दूध पहले आता है। गर्भापात करनेवाला डाॅक्टर, करवाने वाले माता-पिता उनका सहयोग करने वाले सभी पापी, अधमी, अपराधी और गुनहगार है। जब अशुभ कर्मों का उदय आयेगा तब उनको भवान्तर में संतान का सुख प्राप्त नहीं होगा। बांझ नाम कर्म का उदय होगा तथा किसी डाॅक्टर की ताकत नहीं की उसके बांझपन को दूर कर संतान का सुख दिलवा सके। मां वो होती है जो अपने प्राणों की भी बाजी लगाकर पुत्र के प्राणों की रक्षा करती है। जैन शास्त्रों में गर्भापात करवाने वाली माता को नागिन से भी बद्तर बताया गया है।

स्थंभन पाश्र्वनाथ सामुहिक अट्ठम तप आराधना 29 से- मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ़ ने बताया कि आचार्य भगवंत के चातुर्मासिक आराधना अन्तर्गत खरतरगच्छ की राजधानी बाड़मेर नगर में धर्म प्रभावना एवं सावन की फुहार से बह रही बयार से जन-जन आनन्दित है। जहां एक तरफ आचार्य भगवंत की जिनवाणी की बारिस हो रही है और दूसरी तरफ मेघराज बरस रहे है। 29, 30, 31 जुलाई को स्थम्भन पाश्र्वनाथ भगवान की अट्ठम तप की आराधना तथा 31 जुलाई को प्रातः 8.45 बजे श्रीमती प्रिंयका मालू के निर्देशन में स्थम्भन पाश्र्वनाथ भगवान की भव्य नाटक की प्रस्तुति आराधना भवन में दी जायेगी

बाडमेंर। सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण - नकाते

बाडमेंर। सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण - नकाते 


बाडमेंर। राज्य सरकार द्वारा सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत बाड़मेर में खत्री समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में नवदंपन्त्य से जुडऩे वाले जोड़ो को जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने एक समारोह में १५-१५ हजार की एफडीआर सौंपी।आयोजन को आयोजित करने वाली श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान को हर जोड़े के मुताबित ३-३ हजार की अनुदान राशि भी सौंपी गई। 

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मंच से मन के रिश्ते जोडऩे वाले जोड़ो को शुक्रवार की रोज मंच पर एफडीआर से नवाजा गया मौका था श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में अग्नि को साक्षी मानकर नवजीवन शुरू करने वालो को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम का। बाड़मेर के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, यूआईटी चेयर पर्सन डॉक्टर प्रियंका चौधरी, महिला एवं बाल विकास निदेशक जितेंद्र सिंह नरूका और महिला एवं बाल विकास उप निदेशक प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित बतौर अतिथि मौजूद रहे।

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 राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को रोकना है। समूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने तथा विवाहो पर होने वाले अनावश्यक व्यय को कम करने के उद्देश्य से सामूहिक विवाह अनुदान नियम, १९९६ बनाये गये थे। बाल विवाह रोकना तथा कमजोर आय वर्ग के दम्पतियों को आर्थिक मदद और सम्बल प्रदान करने की दृष्टि से समय–समय पर नियमों में संशोधन किया गया है जिससे कि अधिक से अधिक संस्थायें तथा युवक और युवतियां प्रोत्साहित हों. सामूहिक विवाह आयोजन में सम्मिलित जोडो की संख्या के अनुसार प्रति जोड़ा १५००० रूपये धनराशि देय है। हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के ३१ जोड़ो को प्रति जोड़ा अनुदान राशि १५ हजार की राशि जोड़े को दी गई।आयोजन में हर उस जोड़े को एफडीआर सौंपी गई जिन्होंने मंच से मन के रिश्ते जोड़े। जिला कलेक्टर ने हर जोड़ें को मंच पर १५ -१५ हजार की एफ डी आर सौंपी।


जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकात के मुताबित सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण पेश करता है इससे खर्चीली शादियों पर रोक लगती है वही दूसरी तरफ कर्ज लेकर दिखावा करने वाले प्रचलन पर भी लगाम लगेगी। आयोजन में अब तक दो मर्तबा सामूहिक विवाह का आयोजन करवा चुकी श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान की अतिथियों ने जमकर तारीफ की।अतिथियों ने सामूहिक विवाह समाज के द्वारा समाज हित में एक सार्थक सोच व अंगद कदम बताया। 

यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर प्रियंका चौधरी के मुताबित सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।मोटे-मोटे तौर पर सामाजिक प्रभावो में हम इस पहल से शादियो की दिन ब दिन बढती फिजूल खर्ची को आइना दिखा रहे हैं वहीँ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की सहायता भी कर रहे हैं। आयोजन को विभिन्न वक्ताओं के साथ श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के पदाधिकारियों ने भी संबिधित किया। 

कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।आयोजन में हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान अध्यक्ष नन्दकिशोर छूँछा, बाड़मेर खत्री समाज अध्यक्ष लेखराज भूत, सुखराम भूत, व गणेशमल छुच्छा ने भी संबोधित किया। आयोजन का सफल संचालन दृष्टि डेजर्ट नेटवर्क प्रबन्धक कन्हैयालाल डलोरा ने किया।




बाड़मेर। अंतर रेंज राज्य स्तरीय पुलिस जूडो प्रतियोगिता में ठाकराराम ने जीता स्वर्ण पदक

बाड़मेर। अंतर रेंज राज्य स्तरीय पुलिस जूडो प्रतियोगिता में ठाकराराम ने जीता स्वर्ण पदक 


बाड़मेर। अंतर रेंज राज्य स्तरीय पुलिस जूडो प्रतियोगिता 2017 का आयोजन 25 जुलाई से 28 जुलाई तक पुलिस लाईन झंझुनु में हुआ। जिसमें जूडो 66 किलोभारवर्ग में उदयपुर रेंज में कार्यरत बाड़मेर के ठाकराराम चौधरी ने स्वर्ण पदक जीता। अब ठाकराराम ऑल इण्डिया पुलिस रेंज प्रतियोगिता में भाग लेगें। ठाकराराम बाड़मेर के रहने वाले है तथा पिछले दो वर्षो से राजस्थान पुलिस उदयपुर रेंज में अपनी सेवाएं दे रहे है। ठाकराराम स्कूल गेम्स, ओपन गेम्स में भी राष्ट्र स्तर पर खेल चुके है और वर्तमान में पुलिस में कार्यरत रहते हुए राष्ट्र स्तर के लिए चयनित हुए है।

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खबर जालोर से। केंद्र एवं राज्य सरकार अतिवृष्टि प्रभावित लोगों के प्रति गंभीर एवं चिंतित , बाढ़ पीड़ितों से मिले बढ़ायी हिम्मत ,दिया मदद का भरोसा -सांसद देवजी पटेल

खबर जालोर से। केंद्र एवं राज्य सरकार अतिवृष्टि प्रभावित लोगों के प्रति गंभीर एवं चिंतित , बाढ़ पीड़ितों से मिले बढ़ायी हिम्मत ,दिया मदद का भरोसा  -सांसद देवजी पटेल 


जालोर सिरोही लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने शुक्रवार को वर्षा जनित बाढ से गंभीर रूप से प्रभावित इलाको का दौरा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत एवं बचाव कार्य को प्राथमिकता से करने हेतु रेवदर के तहसील कार्यालय में प्रशासनिक एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियो की बैठक लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार अतिवृष्टि प्रभावित लोगों के प्रति गंभीर एवं चिंतित है. समय रहते हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचनी चाहिए कोई भी जरूरत होने पर प्रशासन बताएं. सरकार हर प्रकार की सहायता करने के लिए तैयार है, लेकिन राहत एवं बचाव में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं रहनी चाहिए. हमारी पहली प्राथमिकता जान-माल के नुकसान से बचाना हैं साथ ही सांसद देवजी पटेल ने अधिकारियो को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रभावित लोगों के ठहरने एवं खाने-पीने के लिए की गई व्यवस्थाओं में ज्यादा समय तक खराब नहीं होने वाली सूखी खाद्य सामग्री के पैकेट पहुंचाएं. गैर सरकारी संगठन, दानदाता, भामाशाह का सहयोग लें. जनप्रतिनिधि भी राहत कार्य में प्रशासन की पूरी मदद करें. कपड़े एवं अन्य किसी सामान की जरूरत हो तो उसकी भी व्यवस्था करें.
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सांसद देवजी पटेल बताया की लगातार जालोर एवं सिरोही में रही हो तेज बारिश के बाद क्षेत्र में बाढ़ के हालात होने पर क्षेत्र की जनता के इस संकट की घड़ी में साथ खड़े है अब हालत भी सामान्य हो गए लेकिन कई गांवों की स्थिति अभी तक नहीं सुधर पाई उसे सुधारने हेतु पूर्णतः प्रयासरत है प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द पहुँचने और बचाव व राहत के कार्य युद्ध स्तर पर किए रहे हैं| जिला प्रसाशन सेना के जवान एवं एनडीआरएफ टीम सहित भामाशाओं एवं सामाजिक संगठनों द्वारा प्रभावितों को हरसम्भव मदद पहुंचाई जा रही है। पटेल ने दौरे के दौरान वर्षा जल भराव क्षेत्रों, सडक सहित अवरुद्ध हुए रास्तो का अवलोकन कर अतिशीघ्र सुधारने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया
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बाढ़ पीड़ितों को दिया मदद का भरोसा
सांसद देवजी पटेल ने जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर अतिवृष्टि से उत्पन्न हुए हालातों का जायजा लेते हुए बाढ़ पीडितो से मुलाक़ात कर पीड़ितों को आवश्यक राहत देने हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये साथ ही सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया पटेल ने कहा की जालोर सिरोही जिलो में बाढ़ की स्थिति में कोई भी मदद के अभाव में भूखा-प्यासा नहीं रहे इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार से हर जरूरी मदद करने के लिए तत्पर है. पटेल ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों एवं समाजसेवी संस्थानों संगठनों से आग्रह किया की जिलो में भारी बारिश से पैदा हुए हालातों से निपटने के लिए सभी साथ आये
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पैदल चलकर बाढ़ प्रभावितों से मिले सांसद पटेल, बढ़ायी हिम्मत

अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावितों की खैर-खबर लेने रेवदर के ग्रामीण इलाकों में पहुंचे सांसद देवजी पटेल भारी बारिश रास्ते अवरुद्ध होने के कारण सांसद पटेल ने इसकी परवाह किए बगैर अपने वाहन को वहीं छोड़ा और पैदल ही ग्रामीणों से मिलने निकल पड़े। कीचड़ और दलदलयुक्त रास्तों से गुजरकर वे बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे और ग्रामीणों से मिलकर उनका दर्द बांटा। दरअसल इन दिनों संसदीय क्षेत्र में भारी बारिश का कहर जारी है। कई इलाकों में लोग अतिवृष्टि और बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। उन प्रभावित लोगों की सुध लेने के लिए जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल रेवदर विधानसभा क्षेत्र के जेतावड़ा, मंडार, सोरडा, जेतपुर सहित आधा दर्जन गांवों में पहुंचे। जैसे ही सांसद पटेल रानीवाड़ा होते हुए रेवदर विधानसभा के गावों की ओर रवाना हुए, वैसे ही रास्ते बाढ़ के पानी के बहाव से टूटे हुए थे तो वाहन से नहीं जा पाए तो वे उससे उतरकर पैदल आगे की ओर बढ़ चले। फिर कभी टेक्सी से तो कभी ट्रेक्टर या दुपहिया वाहन से तथा जिस जगह किसी प्रकार का वाहन चलना संभव नहीं था इस दौरान कीचड़ और पानी से भरे रास्तों से पैदल गुजरकर सांसद पटेल दर्जनों गावों के ग्रामीणों के बीच पहुंचे, जहां उन्होंने प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई फसलों एवं बाढ़ से प्रभावित हुए परिवारों से मिलकर उनकी हिम्मत बढ़ाई एवं केंद्र एवं राज्य सरकार से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया साथ ही कटे रास्तो का जायजा लिया और प्रसाशन को सुचारु व्यवस्था करवाने हेतु निर्देश दिए ।

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