बाडमेंर। सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण - नकाते
बाडमेंर। राज्य सरकार द्वारा सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत बाड़मेर में खत्री समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में नवदंपन्त्य से जुडऩे वाले जोड़ो को जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने एक समारोह में १५-१५ हजार की एफडीआर सौंपी।आयोजन को आयोजित करने वाली श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान को हर जोड़े के मुताबित ३-३ हजार की अनुदान राशि भी सौंपी गई।
मंच से मन के रिश्ते जोडऩे वाले जोड़ो को शुक्रवार की रोज मंच पर एफडीआर से नवाजा गया मौका था श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में अग्नि को साक्षी मानकर नवजीवन शुरू करने वालो को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम का। बाड़मेर के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, यूआईटी चेयर पर्सन डॉक्टर प्रियंका चौधरी, महिला एवं बाल विकास निदेशक जितेंद्र सिंह नरूका और महिला एवं बाल विकास उप निदेशक प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित बतौर अतिथि मौजूद रहे।
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को रोकना है। समूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने तथा विवाहो पर होने वाले अनावश्यक व्यय को कम करने के उद्देश्य से सामूहिक विवाह अनुदान नियम, १९९६ बनाये गये थे। बाल विवाह रोकना तथा कमजोर आय वर्ग के दम्पतियों को आर्थिक मदद और सम्बल प्रदान करने की दृष्टि से समय–समय पर नियमों में संशोधन किया गया है जिससे कि अधिक से अधिक संस्थायें तथा युवक और युवतियां प्रोत्साहित हों. सामूहिक विवाह आयोजन में सम्मिलित जोडो की संख्या के अनुसार प्रति जोड़ा १५००० रूपये धनराशि देय है। हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के ३१ जोड़ो को प्रति जोड़ा अनुदान राशि १५ हजार की राशि जोड़े को दी गई।आयोजन में हर उस जोड़े को एफडीआर सौंपी गई जिन्होंने मंच से मन के रिश्ते जोड़े। जिला कलेक्टर ने हर जोड़ें को मंच पर १५ -१५ हजार की एफ डी आर सौंपी।
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकात के मुताबित सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण पेश करता है इससे खर्चीली शादियों पर रोक लगती है वही दूसरी तरफ कर्ज लेकर दिखावा करने वाले प्रचलन पर भी लगाम लगेगी। आयोजन में अब तक दो मर्तबा सामूहिक विवाह का आयोजन करवा चुकी श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान की अतिथियों ने जमकर तारीफ की।अतिथियों ने सामूहिक विवाह समाज के द्वारा समाज हित में एक सार्थक सोच व अंगद कदम बताया।
यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर प्रियंका चौधरी के मुताबित सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।मोटे-मोटे तौर पर सामाजिक प्रभावो में हम इस पहल से शादियो की दिन ब दिन बढती फिजूल खर्ची को आइना दिखा रहे हैं वहीँ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की सहायता भी कर रहे हैं। आयोजन को विभिन्न वक्ताओं के साथ श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के पदाधिकारियों ने भी संबिधित किया।
कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।आयोजन में हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान अध्यक्ष नन्दकिशोर छूँछा, बाड़मेर खत्री समाज अध्यक्ष लेखराज भूत, सुखराम भूत, व गणेशमल छुच्छा ने भी संबोधित किया। आयोजन का सफल संचालन दृष्टि डेजर्ट नेटवर्क प्रबन्धक कन्हैयालाल डलोरा ने किया।
बाडमेंर। राज्य सरकार द्वारा सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत बाड़मेर में खत्री समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में नवदंपन्त्य से जुडऩे वाले जोड़ो को जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने एक समारोह में १५-१५ हजार की एफडीआर सौंपी।आयोजन को आयोजित करने वाली श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान को हर जोड़े के मुताबित ३-३ हजार की अनुदान राशि भी सौंपी गई।
मंच से मन के रिश्ते जोडऩे वाले जोड़ो को शुक्रवार की रोज मंच पर एफडीआर से नवाजा गया मौका था श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में अग्नि को साक्षी मानकर नवजीवन शुरू करने वालो को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम का। बाड़मेर के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, यूआईटी चेयर पर्सन डॉक्टर प्रियंका चौधरी, महिला एवं बाल विकास निदेशक जितेंद्र सिंह नरूका और महिला एवं बाल विकास उप निदेशक प्रह्लाद सिंह राजपुरोहित बतौर अतिथि मौजूद रहे।
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को रोकना है। समूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने तथा विवाहो पर होने वाले अनावश्यक व्यय को कम करने के उद्देश्य से सामूहिक विवाह अनुदान नियम, १९९६ बनाये गये थे। बाल विवाह रोकना तथा कमजोर आय वर्ग के दम्पतियों को आर्थिक मदद और सम्बल प्रदान करने की दृष्टि से समय–समय पर नियमों में संशोधन किया गया है जिससे कि अधिक से अधिक संस्थायें तथा युवक और युवतियां प्रोत्साहित हों. सामूहिक विवाह आयोजन में सम्मिलित जोडो की संख्या के अनुसार प्रति जोड़ा १५००० रूपये धनराशि देय है। हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के ३१ जोड़ो को प्रति जोड़ा अनुदान राशि १५ हजार की राशि जोड़े को दी गई।आयोजन में हर उस जोड़े को एफडीआर सौंपी गई जिन्होंने मंच से मन के रिश्ते जोड़े। जिला कलेक्टर ने हर जोड़ें को मंच पर १५ -१५ हजार की एफ डी आर सौंपी।
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकात के मुताबित सामूहिक विवाह समाज मे अनुकरणीय उदाहरण पेश करता है इससे खर्चीली शादियों पर रोक लगती है वही दूसरी तरफ कर्ज लेकर दिखावा करने वाले प्रचलन पर भी लगाम लगेगी। आयोजन में अब तक दो मर्तबा सामूहिक विवाह का आयोजन करवा चुकी श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान की अतिथियों ने जमकर तारीफ की।अतिथियों ने सामूहिक विवाह समाज के द्वारा समाज हित में एक सार्थक सोच व अंगद कदम बताया।
यूआईटी चेयरमैन डॉक्टर प्रियंका चौधरी के मुताबित सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।मोटे-मोटे तौर पर सामाजिक प्रभावो में हम इस पहल से शादियो की दिन ब दिन बढती फिजूल खर्ची को आइना दिखा रहे हैं वहीँ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की सहायता भी कर रहे हैं। आयोजन को विभिन्न वक्ताओं के साथ श्री हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान के पदाधिकारियों ने भी संबिधित किया।
कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।आयोजन में हिंगलाज सामूहिक विवाह संस्थान अध्यक्ष नन्दकिशोर छूँछा, बाड़मेर खत्री समाज अध्यक्ष लेखराज भूत, सुखराम भूत, व गणेशमल छुच्छा ने भी संबोधित किया। आयोजन का सफल संचालन दृष्टि डेजर्ट नेटवर्क प्रबन्धक कन्हैयालाल डलोरा ने किया।
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