सोमवार, 28 नवंबर 2016

तंग गलियों में ऐसी लाइफ जीते हैं ट्रांसजेंडर्स, मजबूरी में बन जाते हैं सेक्स वर्कर

तंग गलियों में ऐसी लाइफ जीते हैं ट्रांसजेंडर्स, मजबूरी में बन जाते हैं सेक्स वर्कर
तंग गलियों में ऐसी लाइफ जीते हैं ट्रांसजेंडर्स, मजबूरी में बन जाते हैं सेक्स वर्कर

मुंबई:इंडियन रेलवे ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग का दर्जा दे दिया है। रेलवे के बुकिंग फार्म में इसके लिए कॉलम बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। हमारे देश में आज भी ट्रांसजेंडर्स की लाइफ मुश्किलों से भरी हुई है। स्पेन के फोटोग्राफर अलेसांड्रो विंसेंसजी ने मुंबई में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स की लाइफ को अपने कैमरे के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया था। बताई ये सच्चाई..

- फोटोग्राफर अलेसांड्रो विंसेंसजी अक्सर अपने प्रोजेक्ट्स के लिए इंडिया आते रहते हैं।

- ऐसे ही एक प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने मुंबई में रहने वाले ट्रांसजेंडर की लाइफ कैमरे में कैद किया था।

- अलेसांड्रो ने मुंबई की तंग गलियों में पसरे सन्नाटे और अंधेरों में मुश्किल से रहते हुए कुछ ट्रांसजेंडर की लाइफ को दिखाया था।

- उनसे बातचीत करने के दौरान अलेसांड्रो को इस बात का अहसास हो गया कि पेट पालने के लिए कुछ गलियों में नाचकर, तो कुछ प्रोस्टीट्यूट बनकर पैसे कमाते हैं।

- अलेसांड्रो ने इनकी लाइफ की मुश्किलें को अपने फोटोज में दिखाने का प्रयास किया है।

एक याचिका पर रेलवे ने लिया यह फैसला

- रेलवे टिकट कैंसिल कराने वाले फॉर्म में महिला और पुरुषों के साथ-साथ अब ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के तौर पर शामिल कर लिया गया है।

- एक वकील के आवेदन पर यह फैसला लिया गया है। टिकट बुकिंग और रद्द कराने के अलावा यह सुविधा ऑनलाइन टिकटिंग प्रणाली पर भी मिलेगी।

- दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील के माध्यम से आई इस जनहित याचिका पर कार्रवाई के लिए रेल मंत्रालय को कार्रवाई करने के लिए कहा था।

- न्यायालय के अप्रैल-2014 के निर्देशों को मानते हुए रेल मंत्रालय ने हिजड़ा, किन्नर और बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए अब उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दे दी है।

- जनहित याचिका में ट्रांसजेंडर को सामाजिक और आर्थिक तौर पर रियायत देने की मांग की गई थी।

- इसके अलावा उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की देखभाल एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सभी ट्रेनों में स्पेशल कोटा देने की मांग भी की गई थी लेकिन रेलवे ने अभी ट्रांसजेंडर को किसी भी प्रकार की सुविधा देने से इंकार किया है।

आकोला।टावर पर चढ़े युवक ने दिलाई वीरू बसंती की याद, पत्नी के पीहर से आने पर ही उतरूंगा



आकोला।टावर पर चढ़े युवक ने दिलाई वीरू बसंती की याद, पत्नी के पीहर से आने पर ही उतरूंगा


पत्नी के पीहर चले जाने एवं परिवारजनों की ओर से उसे वापस लाने में सहयोग नहीं करने से परेशान थाना क्षेत्र के रायपुरिया कलां गांव का एक युवक सोमवार सवेरे हाइटेंशन लाइट के निमार्णाधीन टॉवर पर चढ़ गया। प्रशासन ने बाद में युवक से मोबाइल पर संपर्क कर समझाइश के बाद उसे नीचे उतारा। पुलिस ने उसे शान्ति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।




टावर पर चढ़े युवक ने दिलाई वीरू बसंती की याद, पत्नी के पीहर से आने पर ही उतरूंगा


थानाधिकारी शंकरलाल ओड़ ने बताया कि सोमवार को रायपुरिया गांव के चाकूड़ी रोड स्थित मांगीलाल बड़वा के खेत में हाइटेंशन लाइट के निमार्णाधीन टॉवर पर मुकेश (24) पुत्र रामा भील निवासी रायपुरिया कलां नामक युवक चढ़ गया। वह करीब 150 फीट की ऊंचाई पर बैठा हुआ है तथा नीचे गिरने की धमकी दे रहा है। सूचना पर मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए तथा मुकेश को नीचे उतरने की समझाइश करने लगे, लेकिन बात नहीं बनी।







इस पर पुलिस जाब्ता भी मौके पर आ गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चित्तौडग़ढ़, भूपालसागर तहसीलदार तथा कपासन पुलिस उपाधीक्षक भी मौके पर पहुंचे तथा उसके मोबाइल पर फोन कर टॉवर पर चढऩे का कारण पूछा। फोन करने पर युवक ने बताया कि उसकी पत्नी रतनी निवासी लालास, गंगरार रूठ कर उसके पीहर चली गई जो लौट कर वापस नहीं आई। उसके परिवार वालों ने भी उसकी पत्नी को वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया।




इसे लेकर वह टावर पर चढ़ गया। उसने कहा कि जब तक उसकी पत्नी नहीं आ जाती है तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा तथा उतर भी गया तो वह अपनी जान दे देगा। एसएचओ ने बताया कि पुलिस एवं गांव वालों के काफी समझाने व अनुनय विनय करने के बाद मुकेश टॉवर से नीचे उतरा। पुलिस ने मुकेश को शान्ति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

दर्दनाक हादसा : डूंगरपुर में ट्रोले के केबिन में लगी आग, चालक और खलासी जिंदा जले

दर्दनाक हादसा : डूंगरपुर में ट्रोले के केबिन में लगी आग, चालक और खलासी जिंदा जले
दर्दनाक हादसा : डूंगरपुर में ट्रोले के केबिन में लगी आग, चालक और खलासी जिंदा जले

डूंगरपुर/बिछीवाड़ा. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर बिछीवाड़ा थानांतर्गत लेहणा घाटी के समीप एक होटल के बाहर रविवार देर रात ट्रोले के केबिन में आग लगने से उसमें सोये चालक व खलासी की जिंदा जलने से मौत हो गई। थानाधिकारी दलपतसिंह ने बताया कि सरगांव थाना भिनाय जिला अजमेर निवासी वीरमा पुत्र हेमा भाई और राजू पुत्र हरलाल जामनगर से कोयले से भरा ट्रोला लेकर निंबाहेड़ा जा रहे थे।




रविवार रात लेहणा घाटी पर एक होटल के पास ट्रोला रोककर दोनों ने खाना खाया। इसके बाद दोनों केबिन को अंदर से लॉक कर सो गए। देर रात केबिन में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते आग ने पूरे केबिन को चपेट में ले लिया। लपटें उठती देख होटलकार्मिकों में हड़बड़ी मच गई। उन्होंने ट्यूबवेल से पाइप जोड़ कर आग बुझाने का प्रयास किया।




इस बीच वहां से गुजर रहे उसी ट्रांसपोर्ट कंपनी के दूसरे ट्रोले के चालक धनराज ने बिछीवाड़ा थाने में सूचना दी। इस पर पुलिस दल भी मौके पर पहुंचा। आग पर काबू पाने के बाद केबिन के दरवाजे तोड़ कर खोले, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव बिछीवाड़ा अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाकर परिजनों को सूचित किया। परिजनों के पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम करा शव सुपुर्द किए।

बाड़मेर.बदहाल रहे दो साल, नहीं किया कोई कमाल



बाड़मेर.बदहाल रहे दो साल, नहीं किया कोई कमाल
बदहाल रहे दो साल, नहीं किया कोई कमाल

नगरपरिषद में नए बोर्ड बने हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन शहर में सुधार के नाम पर कोई खास कार्य नहीं हो पाए हैं। शहर के हर वार्ड में बदहाली का आलम पसरा हुआ है। जिस कारण शहरवासियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। कई बार लोगों ने समस्याओं के बारे में परिषद को अवगत कराया, लेकिन न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। आक्रोशित लोगों ने सोमवार को परिषद के विरुद्ध आक्रोश जताया।




नहीं हुए विकास कार्य

बीते दो वर्षो से शहर में बदहाली का आलम पसरा रहा हैं, यहां पर नगर परिषद फर्जी पट्टा प्रकरण में लिप्त रहने से शहर के विकास कार्य नहीं हो पाए। इससे आमजन काफी परेशान होना पड़ा। नगर परिषद बोर्ड का दो वर्ष का कार्यकाल शहरवासियों के लिए मुसिबत भरा रहा है। इससे वार्डवासियों को भी कई समस्याओं में गंभीर सामना करना पड़ रहा हैं।

नोटबंदी ने लड़की को बचाया बिकने से, भाई ने ही कर डाला 2 लाख में सौदा

नोटबंदी ने लड़की को बचाया बिकने से, भाई ने ही कर डाला 2 लाख में सौदा



नोटबंदी से जहां सब लोग परेशान हैं। लोगों को नकदी की समस्या आ रही है। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं। यहां तक की नोटबंदी की वहज से कई लोगों की मौत की खबरें है। लेकिन वहीं नोटबंदी बंदी एक लड़की के लिए वरदान साबित हुई है। राजस्थान में रहने वाली एक लड़की की जिंदगी नोटबंदी ने बचा ली।




राजस्थान के अलवर में नोटबंदी के इस फैसले ने एक लड़की को बिकने से बचा लिया। दरअसल, 21 साल की लड़की को उसके भाई ने ही बेच दिया। एजेंट के साथ उसके भाई का सौदा 20 लाख रुपए में तय हुआ। डील फाइनल हो गई थी। लेकिन सरकार के नोटबंदी के फैसले ने इस पर पानी फेर दिया। एजेंट पैसे लेकर आता उससे पहले ही नोटबंदी का ऐलान हो गया।नोटबंदी के कारण एजेंट रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाया। उसने रुपए चेक से देने चाहे, लेकिन लड़की का भाई नहीं माना और इस बात पर दोनों में बहस होने लगी। इसी दौरान मौका पाकर लड़की वहां से फरार हो गई और पुलिस थाने पहुंच गई। लड़की ने अलवर के एडिशनल एसपी को घटना की जानकारी दी।