सोमवार, 27 जून 2016

नई दिल्ली।केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी, विदेशी बैंक खातों में मिला 13,000 करोड़ का काला धन



नई दिल्ली।केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी, विदेशी बैंक खातों में मिला 13,000 करोड़ का काला धन

केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी, विदेशी बैंक खातों में मिला 13,000 करोड़ का काला धन
विदेशी बैंक खातों में अघोषित आय छिपाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में केंद्र सरकार को सफलता हाथ लगने लगी है। इसी सिलसिले में इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने अब तक 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के काले धन का पता लगा लिया, वह भी महज दो चरणों (साल 2011 और 2013) में मिली सूचनाओं के आधर पर।

जिनिवा के एचएसबीसी बैंक में कम से कम 400 भारतीयों के डिपॉजिट्स के मामलों में इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने 8186 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया, जो विदेशी खातों के बारे में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा है।

एक इनकम टैक्स असेसमेंट रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2016 तक ऐसे खाताधारकों से 5377 करोड़ रुपए टैक्स की मांग की जा चुकी है। गौरतलब है कि एचएसबीसी जिनिवा बैंक में भारतीयों के खातों की जानकारी साल 2011 में फ्रांस की सरकार ने दी थी।




वहीं, साल 2013 में इंटरनेशनल कंसॉर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की वेबसाइट से मिली जानकारी के आधार पर इनकम टैक्स अधिकारियों ने 700 भारतीयों के विदेशी खातों में 5000 करोड़ रुपए की आघोषित आय का पता लगा लिया।




आईसीआईजे की वेबसाइट से पकड़ में आए काला धन को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रिमिनल कोट्र्स में अब तक 55 प्रॉसिक्युशन कंप्लेंट्स दायर कर चुका है। इन सब मामलों में जान-बूझकर टैक्स नहीं भरने का आरोप लगाया गया है। वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान ऐसे लोगों की ओर से झूठा बयान दिए जाने को मुकदमे का आधार बनाया गया है।

उदयपुर.उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा



उदयपुर.उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा
उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा

जैसलमेर के धोरों में पल-बढ़ कर पुलिस सेवा में आई चेतना भाटी ने अपने गांव की बेटियों को आगे बढ़ाने व पढ़ाने के लिए खूब जी-तोड़ मेहनत की, कविताओं व लेखनी के जरिए 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÓ का नारा भी बुलंद किया। इस नारे को पहले राज्य सरकार व बाद में केन्द्र सरकार ने काम में लेते हुए इस पर योजना बना डाली।



आज यह नारा पूरे देश में अपना अहम स्थान रखता है लेकिन इसे बुलंद करने वाली भाटी का नाम गुमनामी के अंधेरे में खो गया। भाटी ने इस नारे को लिखने का दावा करते हुए केन्द्र सरकार को दस्तावेज भिजवाए हैं।

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उदयपुर में महिला थानाधिकारी पद पर सेवा दे रही चेतना भाटी का कहना है कि मुझे पद, पैसा व प्रमोशन नहीं चाहिए। आप तो सिर्फ इसे राजस्थान की बेटी को समर्पित कर राज्य का गौरव बढ़ा दीजिए। यह सम्मान किसी को भी मिले, मेरे राज्य का नाम होना चाहिए।

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भाटी का कहना है कि जैसलमेर में कन्या भ्रूण हत्या रोक बेटियां बचाने के लिए उन्होंने कविताएं लिखकर पोस्टर बनाए थे। अगस्त 2012 में नागौर पुलिस लाइन में निरीक्षक थी, तब इस पोस्टर को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था और पोस्टर विमोचन का निवेदन किया था। पोस्टर कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए जागृति के लिए था। इस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ लिखा गया था। तत्कालीन सरकार से कोई जवाब नहीं मिला।

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जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार की ओर से इसे राष्ट्रीय योजना में शामिल किया गया। भाटी ने इस नारे के रचियता के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को पत्र लिखकर सूचना चाही। सभी ने योजना के बारे में जानकारी दे दी लेकिन रचियता के बारे में किसी ने नहीं बताया। भाटी ने इस नारे को रचने का दावा किया है।