गुरुवार, 5 मार्च 2015

वायुसेना का जगुआर विमान खेत में गिरा, धमाका



अंबाला. भारतीय वायु सेना का एक लडाकू विमान गुरूवार को डेढ़ बजे के आसपास शाहाबाद के गाव लंडी के ऊपर से गुजर रहा था तो अचानक लड़ाकू विमान के पिछले हिस्से में आग लग गई। ऐसा देख ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। उन्हें लगा कि विमान उनके गांव में ही गिर रहा है, लेकिन पायलट ने सूझ-बूझ से विमान गांव से दूर ले गया और जान-माल का नुकसान होने से बचा लिया। पुलिस ने बताया कि जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना में विमान का पायलट घायल हो गया। अंबाला से वायुसेना के जवान हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल पर पहुंचे, जहां से वे घायल पायलट को अस्पताल ले गए।







चंडीगढ़ से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर स्थित शाहबाद शहर में एक खेत में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। विमान एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था और अंबाला वायुसेना अड्डे के लिए लौट रहा था। विमान ने अंबाला वायुसेना अड्डे से ही उड़ान भरी थी। लड़ाकू विमान के खेत में दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। भारतीय वायुसेना सूत्रों ने कहा कि विमान के पायलट ने विमान से बाहर बच निकलने से पहले मुसीबत का संदेश भेजा था। भारतीय वायुसेना सूत्रों ने बताया कि पायलट को विमान में तकनीकी परेशानी हो रही थी जिस कारण वह विमान से बाहर निकलने पर मजबूर हुआ। विमान ने चंडीगढ़ से 45 किलोमीटर दूर अंबाला वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।



जैसलमेर खबरदार, महिला सैलानियों को परेशान किया तो



खबरदार, महिला सैलानियों को परेशान किया तो




जैसलमेर होली पर्व के नाम पर देसी-विदेशी महिलाओं को परेशान करने वाले लोगों की अब खैर नहीं है। विगत होली के दिनों में होली पर्व के दौरान महिला सैलानियों को परेशान करने की घटनाएं सामने आने पर इस बार पुलिस महकमे ने सख्त रुप अपना लिया है।


ऐसे में होली की मस्ती में सैलानियों, विशेषकर महिला पर्यटकों को परेशान करने वाले लोगों को अब सावधान होने की जरुरत है।


पुलिस मोबाइल टीमों व पुलिस जाब्ते के साथ-साथ ऐसे पुलिसकर्मियों को भी नियुक्त किया गया है, जो सादे वस्त्रों में दिखेंगे और पहचान में भी नहीं आएंगे, लेकिन उनका काम होगा ऐसे असामाजिक तत्वों पर नकेल कसना। ये पुलिसकर्मी जैसलमेर के सोनार किले सहित गोपा चौक, हनुमान चौराहा, सदर बाजार, गड़ीसर मार्ग, स्वर्णनगरी चौराहा, रिंग रोड, शिव रोड, गांधी चौक, गांधी कॉलोनी सहित मुख्य मार्गों पर नजर रखेंगे। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति या समूह होली मनाने के नाम पर यदि महिला सैलानियों को जबरन रंग या गुलाल लगाते या परेशान करते पाए गए तो सादे वस्त्रों में ये पुलिसकर्मी तुरंत ऐसे लोगों की धरपकड़ करेंगे।


न तर्क काम आएगा और न ही सिफारिश
गत वर्षों में होली की हुड़दंग के नाम पर विदेशी महिलाओं से हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए इस बार पुलिस महकमे ने सख्त रुप बना लिया है। न कोई तर्क और न ही कोई सिफारिश नहीं सुनने का मानस भी पुलिस के मुखिया बना चुके हैं। हर बार होली पर्व के दौरान स्वर्णनगरी में शांति व सुकून के पल बिताने आने वाले सैलानियों को कुछ लोग परेशान करते है और न केवल उन्हें जबरन रंग या गुलाल लगाते हैं, बल्कि छेड़छाड़ करने से भी बाज नहीं आते। इस कारण स्वर्णनगरी की साख भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब होती है।


रोकेंगे जबरन होली खेलने वालों को
जैसलमेर में होली के दिन मुख्य चौराहों व रास्तों पर पुलिस जाब्ता तैनात रहेगा और मोबाइल गाडिय़ां भी संचालित होगी। पर्यटन स्थलों पर पुलिस की निगरानी रहेगी, ताकि सैलानियों को परेशान करने की घटनाओं को रोका जा सके।
- डॉ। राजीव पचार, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर


सीसुब के जवान उत्साहित
जैसलमेर । होली पर्व पर अपने परिवार से सैकड़ों किमी दूर रहने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान, अपने साथियों के साथ खुशियां मनाएंगे। वे मन में तो परिवार व परिचितों के साथ होली खेलने की आरजू रखते हैं, लेकिन अगले ही पल उन्हें सरहद की निगरानी के दायित्व का बोध होता है और वे जुट जाते हैं कर्तव्य पथ पर निर्वहन करने को। पर्व की खुशियों से उत्साहित गुलाल से होली खेलने के दौरान फिल्मी गीतों पर नाचते भी है और गाते भी हैं।


अपने परिजनों से सैकड़ों किमी दूर ऐसे सुरक्षा प्रहरियों को होली पर घर जैसा माहौल देने का प्रयास सीमा सुरक्षा बल की ओर से किया जा रहा है। अलग प्रदेश, स्थान, माहौल व भाषा होने के बावजूद सभी जवान एक दूसरे से होली खेलकर पर्व की खुशियां मनाने को लेकर उत्साहित है, वहीं वे विविधता में एकता का संदेश भी देना चाहते हैं।


गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के जवान अपने परिवार से दूर रहकर पर्व का लुत्फ नहीं उठा पाते, ऐसे में सीसुब जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए जवानों व अधिकारियों का सामूहिक रुप से होली पर्व मनाने का प्रयास करता है, ताकि जवानों को यहां परिवार जैसा महसूस हो और घर व परिजनों की कमी महसूस नहीं हो।

रोचक खबर: धूलण्डी पर गांव में रहती हैं सिर्फ महिलाएं



रोचक खबर: धूलण्डी पर गांव में रहती हैं सिर्फ महिलाएं 
मालपुरा (टोंक)क्षेत्र के नगर गांव में होली का त्योहार मनाने की अनूठी परम्परा है। धूलण्डी के दिन गांव के सभी पुरूष गांव से बाहर जाकर मेले का आयोजन करते हैं और पूरे दिन गांव में कोई पुरूष प्रवेश नहीं करता। 

पीछे से महिलाएं और युवतियां रंग-गुलाल से जमकर होली खेलती हैं। इस दौरान भूलवश कोई पुरूष का प्रवेश हो भी जाए तो महिलाएं उसे निशाने पर ले लेती हैं। उसे ना केवल बुरी तरह रंगा जाता है, बल्कि पिटाई भी की जाती है। इसके बाद उसे गांव से बाहर निकाल दिया जाता है।

ग्रामीणों के अनुसार गांव के सभी पुरूष व युवा सुबह दस बजे गांव से जुलूस के रूप में रवाना होकर तीन किलोमीटर दूर चावण्डा माताजी के मंदिर पहुंचते हैं। वहां मेले का आयोजन किया जाता है।

इसमें विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। तीसरे पहर समाजवार अलग-अलग बैठकों का आयोजन कर समाज सुधार के निर्णय लिए जाते हैं।

गांव में महिलाएं और युवतियां मंदिरों में पहुंचती हैं और भगवान के रंग लगाने के बाद होली खेलती हैं। लोगों ने बताया कि यही इस त्योहार पर यहां की अनूठी विशेषता है।

दूसरे दिन साथ खेलते हैं होली

धूलण्डी के अगले दिन गांव में महिला एवं पुरूष सामूहिक रूप से होली खेलते हैं। इसमें गांव में जगह-जगह रंग से भरे कड़ाहे रखे जाते हंै और इसके चारों और महिलाएं कोड़े लिए खड़ी रहती हैं।

जब पुरूष रंग लेकर महिलाओं को रंगने का प्रयास करते हैं तो महिलाएं पुरूषों को रोकने के लिए कोडे से पीठ पर वार करती है। यह सिलसिला सुबह से दोपहर बाद तक चलता है।

बाड़मेरपाक मुस्लिम धर्म गुरु हुसैन की गिरफ़्तारी हो : अमीन खां

  बाड़मेर पाक मुस्लिम धर्म गुरु हुसैन  की गिरफ़्तारी हो : अमीन खां
बाड़मेर. कुछदिन पूर्व जयपुर की एक शाही शादी में पाक से आर मुस्लिम धर्म गुरु पीर सैय्यद ताज हुसैन को धार्मिक सभाओं के लिए वीजा देने का मामला पूर्व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमीन खां ने उठाया है। खां ने सरकार पर आरोप लगाया कि हमीरसिंह सोढ़ा के बेटे की शादी के बाद सरकार ने जयपुर तक वीजा होने के बावजूद भी धार्मिक वीजा देकर हुसैन को मुस्लिमों की सभाएं करने के लिए बाड़मेर भेजा है। पिछले कुछ दिनों से बाड़मेर जिले में अलग-अलग सभाएं लेकर हुसैन जिलानी वसुंधरा सरकार का गुणगान कर रहे है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि हम भी पाकिस्तान जाते है, लेकिन हमने तो कभी सभाएं नहीं की। बाड़मेर में राजपूत वोट बैंक के कांग्रेस की तरफ डायवर्ट होने के बाद भाजपा सरकार की मुखिया अल्पसंख्यकों को अपनी तरफ खिंचने के लिए पाक के पीर जिलानी को सभाएं करने के लिए भेजा है, जो न्यायसंगत नहीं है। ऐसे धर्म गुरुओं की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

बाड़मेर शराब पकड़ने गए आबकारी दस्ते ने कार्रवाई में बुजुर्ग का पैर तोड़ा


बाड़मेर शराब पकड़ने गए आबकारी दस्ते ने कार्रवाई में बुजुर्ग का पैर तोड़ा



बाड़मेर |शहर केसिणधरी रोड पर बुधवार देर रात अवैध शराब पकड़ने गई आबकारी दस्ते की कार्रवाई में आरोपी तो भाग गए, लेकिन दस्ते ने दबंगई दिखाते हुए एक निर्दोष बुजुर्ग के साथ मारपीट कर पैर फैक्चर कर दिया। हालांकि आबकारी का कहना है कि वह स्वत: ही गिर कर चोटिल हुआ है। बुजुर्ग तेजमालसिंह पुत्र कालू सिंह का आरोप है कि आबाकारी की गाड़ी रुकी तो कुछ लोग भाग गए, पुलिस ने उसके पीछे से आकर पैर पर लाठी मारी, इसके बाद कुछ नजर नहीं आया। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया कि बुजुर्ग आबाकारी की कार्रवाई में घायल हुआ है।
जिला आबकारी अधिकारी मोहनलाल पूनिया के मुताबिक सिणधरी चौराहे पर आबकारी थानाधिकारी राजीव परिहार समेत जाब्ता मौके पर गया था। वहां धनसिंह पुरोहित निवासी इब्रे का तला समेत 3-4 जने भाग गए। जाते वक्त किसी का धक्का लगने से बुजुर्ग गिर गया था। इससे उसका पैर फैक्चर हो गया।
जामलगाया :घटना के बाद मौके पर लोगों ने जाम लगा दिया। सूचना मिलने पर सदर थानाधिकारी आनंद सिंह मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाया। वहीं घायल को निजी वाहन के जरिए अस्पताल पहुंचा इलाज शुरू करवाया।

बाड़मेर 48 घंटे में 27 महिला कैमल सफारी दल ने की बॉर्डर पर 80 किमी की दूरी तय


बाड़मेर 48 घंटे में 27 महिला कैमल सफारी दल  ने की बॉर्डर पर 80 किमी की दूरी तय

 बाड़मेरबीएसएफके पचासवें वर्षगांठ के मौके महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से निकाली महिला कैमल सफारी ने बुधवार रात गडरारोड में प्रवेश किया। इस मौके ग्रामीणों और बीएसएफ के जवानों ने महिला सदस्यों का जोरदार स्वागत किया। ग्रामीणों ने देशभक्ति के नारों से अंतरराष्ट्रीय सीमा को गुंजायमान कर दिया। महिला कैमल सफारी में शामिल 27 महिलाओं ने सोमवार शाम गुजरात से बाड़मेर जिले की ब्राह्मणों की ढाणी से राजस्थान में प्रवेश किया था। 48 घंटे में कैमल सफारी ने 80 किलोमीटर की दूर तय की। गडरारोड पहुंचने पर सफारी की लीडर पदम श्री से सम्मानित बछेंद्री पाल और प्रेमलता अग्रवाल का बाड़मेर सेक्टर डीआईजी प्रतुल गौतम समेत कई अधिकारियों ने अगवानी की।

बीएसएफ की गडरा फारवर्ड बीओपी से कैमल सफारी गडरारोड कस्बे में पहुंची। यहां मौजूद महिलाओं ने मालाएं पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद कस्बे के हाई स्कूल में स्वागत कार्यक्रम हुआ। स्वागत कार्यक्रम का आगाज अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां एण्ड पार्टी ने साजन आया सखी लोकगीत से स्वागत किया। इसके बाद यहां मौजूद स्थानीय महिलाओं और स्कूली छात्राओं में स्वागत की होड़ मच गई। महिला कैमल सफारी सदस्यों को मालाएं पहनाने के लिए महिलाओं की कतार लग गई।

बाड़मेर. बुधवार रात गडरारोड पहुंची कैमल सफारी

बछेंद्री के साथ फोटो की होड़

कस्बेकी छात्राओं में स्वागत करने के बाद एवरेस्ट पर जाने वाली पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल के साथ फोटो खींचने के लिए होड़ मच गई। बछेंद्री भी सभी के साथ आत्मीयता से मिली और कई छात्राओं से बात की। बछेंद्री ने छात्राओं से उनके नाम और कक्षा की जानकारी ली।

नारोंसे गूंजा गडरारोड

महिलाकैमल सफारी के गडरारोड आगमन से लेकर देर रात तक चले स्वागत कार्यक्रम के दौरान देश भक्ति गीतों और नारों ने वातावरण को गुंजायमान कर दिया। बीएसएफ के बैंड पर जवानों ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी। इस दौरान डीआईजी प्रतुल गौतम, कमाडेंट एस एस सेहरावत,डा सरोज शिंदे, के तिवारी, रविन्द्र ठाकुर समेत कई अधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि मौजूद थे।

सफारीआज पहुंचेगी सून्दरा

गडरारोडसे कैमल सफारी गुरुवार को रवाना होगी। यहां से बॉर्डर पर स्थित तामलोर, एकेपी, एलकेटी, गोविंद और खड़ीन बीओपी से सूंदरा पहुंचेगी। यहां से कैमल सफारी जैसलमेर जाएगी।

डूडी ने लगाया वसुंधरा राजे पर गंभीर आरोप,पाकिस्तानी धर्मगुरु को शह

डूडी ने लगाया वसुंधरा राजे पर गंभीर आरोप,पाकिस्तानी धर्मगुरु को शह 

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने एक पाकिस्तानी धर्मगुरु का बिना वीजा बाड़मेर के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश और सीमावर्ती गांवों में धर्मसभाओं का मामला दबाने के लिए मंगलवार को विधानसभा में विधायकों के निलम्बन का हथकंडा अपनाया है।

वे इस मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री को पत्र लिखेंगे।

डूडी ने कहा कि पाकिस्तानी धर्मगुरु पीर सैय्यद ताज हुसैन जिलानी पिछले दिनों पाकिस्तान से आई एक बारात में शामिल थे और उन्हें जयपुर तक का वीजा मुख्यमंत्री की सिफारिश पर दिया गया था। लेकिन जिलानी बाड़मेर गए और इस सीमावर्ती क्षेत्र में धर्मसभाएं की।

किसी विदेशी का प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश और वहां धर्मसभाएं करना राष्ट्रीय सुरक्षा का गम्भीर मुद्दा है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को विधानसभा में अभिभाषण पर धन्यवाद बहस के दौरान यह मामला रखते हुए सरकार से जांच करवाए जाने की अपेक्षा की थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने इस मामले को दबाने के लिए हंगामे का सहारा लिया।

डूडी का आरोप है कि भाजपा के एक स्थानीय नेता के साथ बाड़मेर पहुंचे पाकिस्तानी धर्मगुरु ने न केवल वीजा नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि सीमावर्ती जिले के कई गांवों में धर्मसभाएं कर अपने अनुयायियों को भाजपा का शुक्रिया अदा करने व अगले चुनाव में उसका समर्थन करने की अपील तक की।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए कि जिलानी को सीमावर्ती क्षेत्र में जाने की इजाजत किसने और क्यों दी।

शांति के लिए भारत कटिबद्ध-राष्ट्रपति



राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जिम्मेदार देश होने के नाते भारत सदैव शांति और स्थायित्व चाहता है और इसके लिए हम कटिबद्ध भी हैं।




देश के विकास के लिए शांति और स्थायित्व बहुत जरूरी है। इसमें हमारी मजबूत सेना का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे जवान निस्वार्थ भाव से सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। हमारे वायुसैनिक हमारे गौरव हैं।




वे बुधवार सुबह जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शांति और स्थायित्व से ही देश का आर्थिक और सामाजिक विकास होता है।




मुखर्जी ने 21 स्क्वाड्रन अंकुश और 116 हेलिकॉप्टर यूनिट टैंक बस्टर्स स्क्वाड्रन का परिचय देते हुए इसके गौरवाशाली इतिहास की जानकारी भी दी।




राष्ट्रपति ने 116 हेलिकॉप्टर यूनिट और मिग बायसन की 21 स्क्वाड्रन को प्रेसिडेंशियल स्टैंडर्ड प्रदान किए। इससे पूर्व उन्होंने वायुसेना ड्रिल का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली।




इस अवसर पर वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई और सारंग टीम ने हवाई कलाबाजियां दिखा रोमांचक प्रदर्शन किया।




समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह और वायुसेना अध्यक्ष अरुप राहा सहित वायुसेना के कई अधिकारी मौजूद थे।

बाड़मेर कृषि मण्डी चोरी का पर्दाफाश



बाड़मेर कृषि मण्डी चोरी का पर्दाफाश
बाड़मेर

राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कृषि मण्डी में चार दिन पहले हुई चोरी का पर्दाफाश करते हुए कोतवाली पुलिस ने आरोपी को गिरफतार कर उसके कब्जे से 2 कम्प्यूटर 7 चांदी के सिक्के पेन ड्राइव इंटरनेट डोंगल और 3450 नकद बरामद किये।

मिली जानकारी के मुताबिक चार दिन पहले हुई कृषि मण्डी मंडी चोरी का पर्दाफाश करते हुए आरोपी विजय सिंह पुत्र भीम सिंह राणा राजपूत गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से 2 कम्प्यूटर 7 चांदी के सिक्के पेन ड्राइव इंटरनेट डोंगल और 3450 नकद बरामद किये। गौरतलब है की 1 मार्च को चोरी की वारदात को अंजाम दिया था और चोरी करने के दुसरे आरोपी चम्पाराम भील की गिरफ्तारी और दो विधि उल्लंघन कर्ता किशोर का पुलिस संरक्षण शेष है।

बाड़मेर कांग्रेस ने दिया धरना, जताया रोष



बाड़मेर कांग्रेस ने दिया धरना, जताया रोष
बाड़मेर

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी, बाड़मेर द्वारा राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई गई विद्युत दरों एवं जनविरोधी नीतियों के विरोध में एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया एवं जिला कलक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस धरने में पूर्व मंत्री अमीन खां, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र चैधरी, प्रदेश कांग्रेस सचिव जगदीश चैधरी, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिलाध्यक्ष फतेह खां, उप जिला प्रमुख सोहनलाल चैधरी, पूर्व विधायक मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल, जिला उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी, मूलाराम मेघवाल, नारायण विश्नोई, बलवंतसिंह चैधरी, महामंत्री चैनसिंह भाटी, गनी मोहम्मद, सोनाराम टांक, जगजीवनराम सिंधी, जिला प्रवक्ता मुकेश जैन, प्रधान ताजाराम चैधरी, श्रीमती रशीदा बानो, पुष्पा चैधरी, ओमप्रकाश भील, तेजाराम मेघवाल, नगर परिषद् सभापति लूणकरण बोथरा, रतनलाल खत्री सहित समस्त ब्लाॅक अध्यक्ष, अग्रिम संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रभारी राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इतिहास में पहली बार बिजली की दरों में 17 प्रतिशत वृद्धि कर आम जनता के हितों पर कुठाराघात किया है जिसे बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस द्वारा इसके विरोध में धरने प्रदर्शन कर जन आंदोलन किया जाएगा।

पूर्व मंत्री अमीन खां ने कांग्रेस की रीति-नीति एवं सिद्धांतों की चर्चा करते हुए कहा कि अकाल के समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अकाल राहत शिविर खोलकर राहत प्रदान की, जबकि वर्तमान में भाजपा सरकार ने प्रदेश में भारी अकाल होने के बावजूद भी अकाल राहत के कार्यों को तीन माह के बाद बंद कर दिया जिससे पशुओं की अकाल मौत हो रही है।

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के विरोध में विधानसभा का घेराव करने पर लाठीचार्ज किया गया एवं कांग्रेसी विधायकों को सदन से निलंबित किया गया जिसके लिए राजस्थान की जनता भाजपा सरकार को माफ नहीं करेगी।

प्रदेश सचिव जगदीश चैधरी ने कहा कि आज राज्य की मुख्यमंत्री प्रचण्ड बहुमत के कारण सत्ता मद में डूबी हुई है और जनता पर महंगाई की मार व दमनकारी नीतियों से अत्याचार कर रही है। केवल निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही 17 प्रतिशत विद्युत दरें बढ़ाई हैं जिसका कांग्रेस पूर्ण रूप से विरोध करती है।

सभा को पूर्व विधायक मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिला परिषद् सदस्य मृदुरेखा चैधरी, उप जिला प्रमुख सोहनलाल चैधरी, उदाराम मेघवाल, नजीर मोहम्मद, गोरधनसिंह राठौड़, भंवरलाल भाटी, यज्ञदत्त जोशी, तेजाराम मेघवाल, नरेश भादू, गंगासिंह राठौड़ आदि ने भी सम्बोधित किया। सभा का संचालन जिला प्रवक्ता मुकेश जैन ने किया।

सभा के पश्चात् कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध नारे लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। इस सभा में प्रदेश कांग्रेस सदस्य रोशन अली, ब्लाॅक अध्यक्ष पताराम कलबी, दिनेश कुलदीप, मोटाराम मेघवाल, बच्चू खां, वीरेन्द्र जैन, नरेश देव सारण, दमाराम माली, दीपक परमार, करनाराम चैधरी, डालूराम चैधरी, हरीशचन्द्र सोलंकी, चन्द्रसिंह राजपुरोहित, जगजीवनराम सिंधी, ईशा खां राजड़, सिमरथाराम बेनीवाल, रूपाराम सारण, प्रहलाद धतरवाल, चम्पालाल प्रजापत, किशन कागा, देरावरसिंह कोटड़ा, भंवरलाल गोदारा, रिड़मलसिंह दांता, महेन्द्र पोटलिया, लक्ष्मणसिंह गोदारा, प्रेमकरण, कार्यालय सचिव ओमप्रकाश चैधरी, खुमाणसिंह, शंकरलाल जैन, किशोर शर्मा, दलपतसिंह, पपू कुमारी सरपंच, मगाराम सांई आडेल, पदमाराम बेनीवाल, नगाराम गुर्जर, सुभान खां, सूजाराम, मांगीलाल सांखला, सुरतानसिंह, रावताराम मेघवाल, गुलाम अली, रामलाल विश्नोई, महादानसिंह बारहठ, प्रेमप्रकाश चैधरी सहित बड़ी संख्या में जिला परिषद्, पंचायत समिति सदस्य, पार्षद एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बाड़मेर निजी स्कूल की दीवार गिरने से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल

बाड़मेर निजी स्कूल की दीवार गिरने से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल




बाड़मेर
राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित एक निजी विद्यालय सनराइज में होली से एक दिन पहले चल रहे वार्षिक उत्सव में भाग ले रहे बच्चो के ऊपर दीवार गिरने से एक दर्जन से भी ज्यादा बच्चे घायल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की रोज सनराइज स्कूल में वार्षिक उत्सव के कार्यक्रम में बाधे टेंट के हवा से गिरने से उसके साथ स्कूल की ईटो से बनी दीवार गिर गई और टेट में बैठे बच्चो के ऊपर गिर गई जिससे करीब एक दर्जन से भी ज्यादा बच्चे घायल हो गए जिसमे दो बच्चे गभीर रूप से घायल हो गए। घायल को हॉस्पिटल लाया गया और गभीर दो बच्चो को प्राथमिक उपचार कर जोधपुर रेफर किया गया। बाकी बचे घायल बच्चो का बाड़मेर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। घायल होने वाले चेनाराम पुत्र बाबूराम जाति जाट उम्र 5 वर्ष निवासी बलाउ, मुकेश पुत्र रूघाराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी महाबार पीथल, कर्णसिंह पुत्र हुकमसिह जाति राजपूत, उम्र 5 वर्ष निवासी हाथमा, हरदेव पुत्र गेनाराम जाति जाट उग्र 15 वर्ष निवासी जायडू
देवेन्द्र पुत्र बालाराम जाति जाट उम्र 10 वर्ष निवासी मीठीसर, फरसाराम पुत्र रायचन्दराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी बलाउ, कवराराम पुत्र धन्नाराम जाति जाट उम्र 15 वर्ष निवासी तारातरा, प्रकाष पुत्र भारूराम जाति जाट उम्र 15 वर्ष निवासी बलाउ, कमलेष पुत्र बालाराम जाति जाट उम्र 13 वर्ष निवासी बोला, भंवर चौधरी पुत्र जेठाराज जाति जाट उम्र 6 वर्ष निवासी खड़ीन, कृष्ण कुमार पुत्र मोटाराम जाति जाट उम्र 14 वर्ष निवासी दानपुरा, किस्तराराम पुत्र डालूराम जाति जाट उम्र 12 वर्ष निवासी बलाउ।
इन में से फरसाराम पुत्र रायचन्दराम व भंवर चौधरी पुत्र जेठाराम के गम्भीर चोटिल होने के कारण ईलाज के लिए जोधपुर रेफर कर दिया है।
घायल के परिजनों से बात करने पर बताया गया की दुर्घटना होने के बाद श्कूल व्यवथापक और मेनेचमेंट हॉस्पिटल तक नहीं आया और एक दो टीचर हमारे साथ आये और न बच्चो को हॉस्पिटल पहुचाया गया और बच्चो के परिजन हॉस्पिटल लेकर अाये है।
हॉस्पिटल में अव्यवस्था रही हावी
जिला का एक मात्र बड़ा हॉस्पिटल होने के बावजूद इस घटना को देखने के बाद लगता है हॉस्पिटल प्रशासन कितना लापरवाह है जहा न तो सिटी स्कैन में लाइट की प्रॉपर नहीं थी और न है उनके पास कोई उपचार के लिए साधन नजर आये।
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक हॉस्पिटल पहुंचे
घटना की सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा और जिला अधीक्षक अनिल देशमुख पारिश हॉस्पिटल पहुंचे और उन्होंने घायल बच्चो से मिले और परिजनों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और पीएमओ हेमत सिंहल से घटना की पूरी जानकारी ली और जल्द से जल्द इलाज करने का कहा और किसी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।
विधायक जैन सहित कई कांग्रेसी पहुंचे हॉस्पिटल
घटना की सूचना मिलने पर बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, पार्षद सुलतान सिंह सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्त्ता भी हॉस्टपीत्तल पहुंचे और घायल बच्चो और परिजनों से मिले और डॉकटरो से बातचीत कर जल्द इलाज करने को कहा और गभीरो को रेफर करने की बात भी कही।

बुधवार, 4 मार्च 2015

तारानगर एक साथ उठी मां,बेटे और बहू की अर्थियां



तारानगर

कस्बे के वार्ड 25 में होली के त्योंहार से पहले मंगलवार शाम एक ही घर से तीन अर्थियां उठती देख आस-पास के लोगों की आंखे गम से नम हो गई।



सोमवार सुबह चौमंू (जयपुर)के निकट ट्रौले एवं कार की भिड़ंत में कस्बे के सरावगी मौहल्ले के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत का समाचार सुन न केवल मौहल्ले में बल्कि समूचे तारानगर में शोक की लहर छा गई। कस्बे का मुख्य बाजार बंद रहा।




10 वर्षो से जयपुर में था

मूल रूप से तारानगर के सरावगी मौहल्ले का निवासी राकेश मित्तल (32) गत 10 वर्षो से मां मुन्नी देवी(57) पत्नी प्रिंसी (27) पुत्र ध्रुव(4) एवं छोटे भाई दीपक कुमार के साथ दादी का फाटक,जयपुर में स्वयं के मकान में रहते हुए शेयर मार्केट का काम करता था।




परिवार में था सबसे बड़ा

तीन वर्ष पहले राकेश का पिता का देहांत हो चुका है। पांच भाई बहनों में राकेश सबसे बड़ा था। उसके तीन छोटी शादीशुदा बहने एवं अविवाहित छोटा भाई दीपक (25) है। राकेश के दो चाचाओं में एक राजकुमार तारानगर में तथा दूसरा बृजलाल परिवार के साथ नेपाल रहता है।




घर में मचा कोहराम

मां, बेटे एवं बहू तीनों के शव लेकर शाम 4.30 बजे एम्बुलेंस तारानगर के वार्ड 25 में पहुंची तो शवों को देख परिजन एवं रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।महिलाएं दहाड़े मारकर रोने लगी। आस-पास के लोगों ने ढाढ़स बंधाया कर परिवारजनों को शांत किया।




खाटूृश्यामजी से लौट रहे थे जयपुर

राकेश सोमवार को मंा, पत्नी, बेटे व भाई के साथ साथ खाटूश्यामजी मंदिर में धोक लगाकर कार से जयपुर लौट रहा था। मंगलवार सुबह चौमू के निकट ट्रोले एवं कार की टक्कर में राकेश, उसकी मां व पत् नी की मौत हो। भाई दीपक गंभीर घायल हो गया जबकि चार वर्षीय पुत्र को मामूली चोट आई।




मंगलवार शाम निकली मित्तल परिवार के तीन सदस्यों की शव यात्रा में भाजपा नेता रामसिंह कस्वां, नगरपालिका अध्यक्ष जसवंत स्वामी, उपाध्यक्ष राकेश जांगिड़, भाजपा नगर अध्यक्ष सुशील सरावगी सहित कस्बे के अनेक लोग शामिल हुए।







मासूम ध्रुव ने पिता से मांगी थी नई पिचकारी

चार साल का मासूम धु्रव। अभी पिछले वर्ष से ही तो स्कूल जाने लगा है। होली पर नई पिचकारी व रंग लाने की जिद कर रहा था।




मां से नए कपड़े की मांग की थी तो पिता से नई पिचकारी की। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।अब ना मां रही ना पिता।




दादी भी साथ चल बसी। अकेला रह गया ध्रुव।कोई उसे दिलासा दे रहा था, मां व पिता आने वाले हैं तो कोई गोद में लेकर दुलार रहा था।




भले ही उसे कोई हकीकत नहीं बता रहा हो,लेकिन मासूम निगाहें आज बड़ी हो गई थी। शाम को सबकुछ समझकर वह भी गुमसुम हो गया।




ना रोटी खाई ना टॉफी। दूध को भी मुंह नहीं लगाया। धु्रव जब मम्मी कहकर आंसू बहाने लगा तो बड़ों के नयन भी छलक उठे।

होली के देवता होलिका के गुमनाम प्रेमी "ईलोजी"

होली के  देवता होलिका के गुमनाम प्रेमी "ईलोजी"


हमारे ग्रंथों मे सैंकडों ऐसे पात्र हैं, जिनका उनके समय के घटनाक्रम मे एक अहम योगदान रहा था। परन्तु किसी ना किसी कारणवश उनका नाम और काम हाशिए पर धकेल दिया गया। कुछ लोगों का उस समय के शासकों ने अपने हित मे उपयोग कर उन्हें दूध की मक्खी की तरह अलग कर दिया तो कुछ के काम का मुल्यांकन सही ना हो पाने की वजह से वे नेपथ्य मे चले गये। ऐसा ही एक नाम है इलोजी। असुर राज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका और पडोसी राज्य के राजकुमार इलोजी एक दूसरे को दिलोजान से चाहते थे। इलोजी के रूप-रंग के सामने देवता भी शर्माते थे। सुंदर, स्वस्थ,सर्वगुण संपन्न साक्षात कामदेव का प्रतिरूप थे वे। इधर होलिका भी अत्यंत सुंदर रूपवती युवती थी। लोग इनकी जोडी की बलाएं लिया करते थे। । उभय पक्ष की सहमति से दोनों का विवाह होना भी तय हो चुका था। परन्तु विधाता को कुछ और ही मंजूर था। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र के प्रभू प्रेम से व्यथित रहा करता था। उसके लाख समझाने-मनाने पर भी प्रह्लाद की भक्ती मे कोई कमी नहीं आ पा रही थी। धीरे-धीरे हिरण्यकश्यप की नाराजगी क्रोध मे बदलती चली गयी और फिर एक समय ऐसा भी आ गया कि उसने अपने पुत्र को सदा के लिये अपने रास्ते से हटाने का दृढसंकल्प कर लिया। परन्तु लाख कोशिशों के बावजूद भी वह प्रह्लाद का बाल भी बांका नही कर पा रहा था। राजकुमार का प्रभाव जनमानस पर बहुत गहरा था। राज्य की जनता हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से तंग आ चुकी थी। प्रह्लाद के साधू स्वभाव के कारण सारे लोगों की आशाएं उससे जुडी हुई थीं। हिरणयकश्यप ये बात जानता था। इसीलिये वह प्रह्लाद के वध को एक दुर्घटना का रूप देना चाहता था और यही हो नहीं पा रहा था। इसी बीच उसे अपनी बहन होलिका को मिले वरदान की याद हो आई, जिसके अनुसार होलिका पर अग्नि का कोई प्रभाव नहीं पडता था। उसने होलिका को अपनी योजना बताई कि उसे प्रह्लाद को अपनी गोद मे लेकर अग्नि प्रवेश करना होगा। होलिका पर तो मानो वज्रपात हो गया। वह अपने भतीजे को अपने प्राणों से भी ज्यादा चाहती थी। बचपन से ही प्रह्लाद अपनी बुआ के करीब रहा था, बुआ ने ही उसे पाल-पोस कर बडा किया था। जिसकी जरा सी चोट से होलिका परेशान हो जाती थी, उसीकी हत्या की तो वह कल्पना भी नही कर सकती थी। उसने भाई के षडयन्त्र मे भागीदार होने से साफ़ मना कर दिया। पर हिरण्यकश्यप भी होलिका की कमजोरी जानता था, उसने भी होलिका को धमकी दी कि यदि उसने उसका कहा नही माना तो वह भी उसका विवाह इलोजी से नहीं होने देगा। होलिका गंभीर धर्मसंकट मे पड गयी थी, वह अपना खाना-पीना-सोना सब भूल गयी। एक तरफ़ दिल का टुकडा, मासूम भतीजा था तो दूसरी तरफ प्यार, जिसके बिना जिंदा रहने की वह कल्पना भी नहीं कर सकती थी। आखिरकार उसने एक अत्यन्त कठिन फ़ैसला कर लिया और भाई की बात मान ली, क्योंकि उसे डर था कि कहीं हिरण्यकश्यप इलोजी को कोई नुक्सान ना पहुंचा दे। निश्चित दिन, उसने अपने वरदान का सहारा प्रह्लाद को दे, उसे अपनी गोद मे ले अग्नि प्रवेश कर अपना बलिदान कर दिया, पर उसके इस त्याग का किसी को भी पता नहीं चल पाया। यही दिन होलिका और इलोजी के विवाह के लिए भी तय किया गया था। इलोजी इन सब बातों से अंजान अपनी बारात ले नियत समय पर राजमहल आ पहुंचे। वहां आने पर जब उन्हें सारी बातें पता चलीं तो उन पर तो मानो पहाड टूट पडा, दिमाग कुछ सोचने समझने के काबिल न रहा। पागलपन का एक तूफ़ान उठ खडा हुआ और इसी झंझावात मे उन्होंने अपने कपडे फाड डाले और होलिका-होलिका की मर्म भेदी पुकार से धरती-आकाश को गुंजायमान करते हुए होलिका की चिता पर लोटने लगे। गर्म चिता पर निढाल पडे अपने आंसुओं से ही जैसे चिता को ठंडा कर अपनी प्रेयसी को ढूंढ रहे हों। उसके बाद उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया। वन-प्रातों मे भटकते-भटकते सारी जिंदगी गुजार दी। आज भी राजस्थान में उन्हें सम्मान की दृष्टी से याद किया जाता है। उन्हें विशेष मान्यता प्राप्त है वहां के जनमानस में। वे जिंदा हैं वहां के लोक गीतों तथा कहानियों मे।

अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम



नई दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दुनिया के सबसे विस्तृत मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2005 में दर्ज हुआ। यह खूबसूरत मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ ही, बहुत ही सुंदर और आकर्षक आर्किटेक्चर के शानदार उदाहरणों में से एक है।

यह मंदिर 10,000 वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बहुत विस्मयकारी, सुंदर, बुद्धिमत्तापूर्ण और सुखद रूप से प्रस्तुत करता है। मंदिर भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिक संदेशों के तत्वों को शानदार ढंग से दिखाता है। स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के आशीर्वाद से और 11,000 कारीगरों और हज़ारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के धार्मिक प्रयासों से केवल पांच साल में पूरा हुआ था।
अक्षरधाम: दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक में दर्ज है नाम


मंदिर की विशेषताएं -




नीलकंठ वर्णी अभिषेक- एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक परंपरा, जिसमें विश्व शांति और व्यक्ति, परिवार और मित्रों के लिए अनवरत शांति की प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस अभिषेक के लिए भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी का उपयोग किया जाता है।

ये प्रदर्शनियां हैं आकर्षण-




हॉल 1 - हॉल ऑफ वैल्यूज़ (50 मिनट)

अहिंसा, ईमानदारी और आध्यात्मिकता का उल्लेख करने वाली फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से चिरस्थायी मानव मूल्यों का अनुभव।




हॉल 2 - विशाल पर्दे पर फिल्म (40 मिनट)

नीलकंठ नामक एक ग्यारह वर्षीय योगी की अविश्वसनीय कथा के माध्यम से भारत की जानकारी लें। जिसमें भारतीय रीति-रिवाज़ों को संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन-दर्शन में उतारा गया है। इसकी कला और शिल्पकला का सौंदर्य तथा अविस्मरणीय दृश्यावलियों, ध्वनियों और इसके प्रेरक पर्वों को अनुभव किया जा सकता है।




हॉल 3 - कल्चरल बोट राइड (15 मिनट)

भारत की शानदार विरासत के 10,000 वर्षों का सफर कराती है। इसमें आप भारत के ऋषियों-वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों की जानकारी लें। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला देखें। अजंता-एलौरा की गुफाओं से होकर जाएं और प्राचीन काल से ही मानवता के प्रति भारत के योगदान की जानकारी लें।

संगीतमय फव्वारा - जीवन चक्र (सुबह के बाद शाम को - 15 मिनट)

एक दर्शनीय संगीतमय फव्वारा शो। इसमें भारतीय दर्शन के अनुरूप जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।




गार्डन ऑफ इंडिया- साठ एकड़ के हरे-भरे लॉन, बाग और कांस्य की उत्कृष्ट प्रतिमा, भारत के उन बाल-वीरों, वीर योद्धाओं, राष्ट्रीय देशभक्तों और महान महिला विभूतियों का सम्मान किया गया है, जो मूल्यों और चरित्र के प्रेरणास्रोत रहे हैं।




लोटस गार्डन- कमल के आकार का एक बगीचा उस आध्यात्मिकता का आभास देता है, जो दर्शनशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और लीडरों द्वारा बताई जाती है।

कहां स्थित है-राष्ट्रीय राजमार्ग 24, अक्षरधाम सेतु, नई दिल्ली, भारत - 110092




नजदीकी मेट्रो स्टेशन-

अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन (पैदल - 200 मीटर / 7 मिनट)।




परिसर में प्रवेश - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।




समय

प्रथम प्रवेश: प्रातः 9:30 बजे

अंतिम प्रवेश: सायं 6:30 बजे

प्रदर्शनी समय: प्रातः10:00 बजे से 5:30 बजे।




प्रवेश

परिसर में प्रवेश- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

मंदिर एवं बागीचे - निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

प्रदर्शनी एवं संगीतमय फव्वारा - शुल्क 7 टिकट।

अभिषेक दर्शन- निःशुल्क कोई टिकट नहीं।

अभिषेक पूजा- टिकट शुल्क।




केवल प्रदर्शनी हेतु

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 170

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 125

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 100

बच्चा (4 वर्ष से कम) निःशुल्क

केवल संगीतमय फव्वारा हेतु:

वयस्क (12 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष एवं अधिक) रु. 30

बच्चा (4 से 11 वर्ष) रु. 2

बच्चा (4 वर्ष से कम)




सुविधाएं-

पार्किंग- वाहन के प्रकार के अनुसार दरें।

अमानती समानघर- मालिक के जोखिम पर डिपॉजिट (निःशुल्क)

फोटोग्राफ (शुल्क पर)

व्हीलचेयर- रिफंडेबल डिपॉजिट - रु. 100

फूड कोर्ट- भोजन, स्नेक्स एवं पेय-पदार्थ (केवल 100 रु. शाकाहारी)।

मंगलवार, 3 मार्च 2015

भ्रष्ट मेजर को दो साल की सजा

भ्रष्ट मेजर को दो साल की सजा


सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में सेना के मेजर अनिन्दय रॉय को दो साल की सजा के आदेश दिए है।

यह आदेश सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश गिरिशकुमार शर्मा ने परिवादी नरेन्द्रकुमार की ओर से दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए दिए।

मेजर रॉय को सीबीआई की भ्रष्टाचार विंग ने यूनिट में टेंडर स्वीकृत करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

प्रकरण के अनुसार वर्ष 2011 में सेना की युनिट में मेजर रॉय कार्यरत थे। इस दौरान एक टेंडर स्वीकृत करने के लिए नरेन्द्रकुमार से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत नरेन्द्रकुमार ने सीबीआई की भ्रष्टाचार विंग में की। जिस पर कार्रवाही करते हुए भ्रष्टाचार विंग ने 29 दिसम्बर 2011 को जीएमईएस के कार्यालय में आरोपी मेजर रॉय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

सीबीआई की ओर से लोक अभियोजक एसएस यादव व राकेशकुमार ने पैरवी की। मेजर रॉय वर्तमान में उत्तर-पूर्व में पदस्थ है तथा सजा सुनने के लिए सोमवार को अदालत में मौजूद थे।