रविवार, 22 फ़रवरी 2015

उदयपुर मार्बल खान के मलबे में दबकर दो श्रमिकों की मौत



उदयपुर  मार्बल खान के मलबे में दबकर दो श्रमिकों की मौत
दयपुर जिले के त्रषिभदेव थाना क्षेत्र में रविवार तड़के मार्बल की एक खान ढहने से उसके मलबे के नीचे दबकर दो श्रमिकों की मौत हो गई तथा एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। 

खेरवाड़ा थानाधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि मसारों की ओबरी के पास स्थित नारायण मार्बल में खनन करते समय तड़के करीब पांच बजे हुए इस हादसे में मार्बल की शिला के नीचे दबकर दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।

गंभीर रूप से घायल मजदूर को उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही सैंकडों मजदूर मौके पर एकत्र हो गए।

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि की मांग को लेकर मजदूरों ने खान मालिक के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

अजमेर बलात्कार की शिकार नौकरानी का मेडिकल मुआयना



अजमेर बलात्कार की शिकार नौकरानी का मेडिकल मुआयना

अजमेर चोरी का आरोप लगाकर अमानवीय प्रताड़नाएं देने और दुराचार करने के मामले में दरगाह थाना पुलिस ने शनिवार पीडिता का मेडिकल मुआयना कराया। पीडिता केबयान फिलहाल दर्ज नहीं किए गए हैं।




पन्नीगरान निवासी सैयद अतीक चिश्ती उर्फ गुड्डू ने दर्ज शिकायत में नागफणी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला पर चोरी का आरोप लगाया। महिला अतीक के घर बतौर नौकरानी काम करती थी। अतीक ने बताया कि गत 13 फरवरी की सुबह 11 बजे वह किसी काम से बाहर गया हुआ था। उसकी पत्नी, मां और महिला घर पर थे। अतीक की पत्नी मकान की पहली मंजिल पर रहने वाली उसकी मां के पास चली गई। इस दौरान नौकरानी महिला ने अलमारी में रखे 1 लाख रूपए कीमत के सोने के जेवर चुरा लिए।




बंधक बना प्रताड़ना, यातनाएं

दूसरी ओर महिला ने दर्ज शिकायत में बताया कि अतीक ने उस पर चोरी का झूठा इल्जाम लगाया। एक कांस्टेबल की मदद से अतीक ने उसके घर की तलाशी ली और सरेआम उसे पीटा। इसके बाद अतीक ने उसे घर बुलाया। वह अपने नाबालिग पुत्र के साथ अतीक के घर गई जहां अतीक ने बंधक बनाकर सात दिन तक उसे बुरी तरह पीटा। इस दौरान दुराचार भी किया। आरोपित ने प्लास्टिक की थैली को गर्म कर पीडिता के बदन पर टपकाया।




पीडिता ने पुलिस को बताया कि आरोपित ने उसके गुप्तांग में मिर्च और और शरीर पर कई जगह चीरे लगा दिए। इस पर भी जब आरोपित का दिल नहीं भरा तो उसने पीडिता को पेशाब पिलाने का घिनौना प्रयास भी किया। पुलिस ने शनिवार को अतीक के घर पर जाकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा 
सीमा क्षेत्र विकास योजना (बीएडीपी) में विकास कार्यों की राज्य सरकार के स्तर पर हुई सीमाक्षा में बीकानेर जिला राज्य में सबसे निचले स्तर पर है।




राज्य सरकार ने इसी माह बीएडीपी कार्यों की रैंकिंग जारी की है। बीकानेर जिले में इस योजना में अब तक कुल उपलब्ध राशि में से मात्र 26.12 प्रतिशत राशि ही व्यय की जा सकी है।




राज्य के चार जिलों में बीकानेर चौथी रैंक में है। सर्वाधिक राशि व्यय करके जैसलमेर जिला प्रथम स्थान पर है। जैसलमेर में 46.56 प्रतिशत राशि व्यय की गई है।




श्रीगंगनगर व हनुमानगढ़ में 43.41 प्रतिशत व्यय कर दूसरे स्थान पर तथा बाड़मेर में 37.18 प्रतिशत व्यय कर तीसरे स्थान पर है।




सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केन्द्र सरकार प्रति वर्ष 138 करोड़ रुपए देती है। बीएडीपी में बीकानेर जिले 2009-10 से 2014-15 तक के काम बकाया चल रहे हैं।




जिले में बिजली के 91 काम बकाया चल रहे हैं। वहीं पेयजल योजनाओं के 50 काम वर्षों से लम्बित हैं। खाजूवाला पंचायत समिति में 2010-11 में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 40-40 हैण्डपंप नहीं बने है।




सीमावर्ती चारों जिलों की सीमा से लगती ग्राम पंचायतों को हर वर्ष 138 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि मिलती है। इस राशि से स्वीकृत काम विभागों की ओर से पूरे नहीं किए जा रहे हैं।

बाड़मेर के छात्र संघ उपाध्यक्ष पर हुआ मामला दर्ज

बाड़मेर के छात्र संघ उपाध्यक्ष पर हुआ मामला दर्ज
बाड़मेर राजकीय महाविधालय पीजी कालेज बाड़मेर के छात्रसंघ उपाध्यक्ष तोगाराम मेघवाल और छात्र नेता गणेशराम मेघवाल पर अश्लील मेसेज और बाते करने का मामला दर्ज हुआ। जिसमे परिवादी ने इस्तगासा पेश कर बताया की तोगाराम ने अश्लील मेसेज कर लडकियों से दोस्ती कराने की बात कही। जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 458 व 67 क के तहत मामला दर्ज किया गया। परिवादी ने सिम कार्ड कोर्ट में पेश की जिसमे मेसेज लोकेशन काल डिटेल पर आरोप प्रमाणित हुवे।

साध्वी बनने नहीं जा रही : मनीषा कोईराला



मुंबई। फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोईराला का कहना है कि वह भले ही कई अवसरों पर भगवा रंग के परिधान पहने देखी जाती हैं, लेकिन उनका विचार साध्वी बनने का नहीं है। मनीषा ने कहा कि सन्यासी बनने और आध्यात्म का जीवन जीने से पहले अभी उन्हें काफी कुछ करना बाकी है। मनीषा हाल ही में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से उबरी हैं। 44 वर्षीया अभिनेत्री ने सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक पर अपने विचार साझा किए।
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उन्होंने लिख्खा, शुभ प्रभात। मैं कहना चाहती हूं कि मुझे साधु और साघ्वियों की संगति में रहने का सौभाग्य जरूर मिला है, लेकिन मैं अभी साध्वी नहीं बनने जा रही। मनीषा ने हालांकि स्वीकार किया कि उन्होंने सन्यासी बनने के बारे में सोच-विचार जरूर किया था।




उन्होंने कहा, हां मेरे दिमाग में सन्यासी बनने की बात चल रही थी, लेकिन वह इसलिए कि मैं इसे लेकर काफी जिज्ञासु थी। साध्वी बनने के सही मायने भगवा कपड़े पहनने से कहीं ज्यादा हैं। इसलिए मुझे पता है कि साध्वी बनने की काबिलियत मुझमें नहीं है। -

बालोतरा स्कुल पर परेषान करने का आरोप


बालोतरा स्कुल पर परेषान करने का आरोप
बालोतरा। जसोल निवासी एक व्यक्ति ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए शेखावटी इंटरनेशनल स्कूल बालोतरा के प्रबंधन पर बच्चों को पढ़ाने के एवज में निर्धारित फीस व फीस से तीन गुना ज्यादा डोनेशन के नाम पर राशि वसूल करने का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में मोहनसिंह पुत्र जवाहरसिंह निवासी जसोल ने बताया कि मेरे बच्चे राहुल और विरेन्द्र क्रमशरू तीसरी व दूसरी कलाश में उक्त विद्यालय में अध्ययनरत है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस के रूप में पांच-पांच हजार रुपये तथा डोनेशन के रूप में 12,500 व 15500 रुपये जबरदस्ती वसूले गए है। पत्र में आरोप लगाया कि उक्त स्कूल में शुरू से ही डोनेशन के रूप में वसूली कर अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। अनुदान नहीं देने की स्थिति में विद्यालय में बच्चों के साथ भेदभाव व अभद्र व्यवहार कर प्रताडि़त किया जाता है। उन्होंने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से शेखावटी इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है।

बालोतरा प्रधान के शेक्षिक दस्तावेजो की हो रही जांच

बालोतरा  प्रधान के शेक्षिक दस्तावेजो की हो रही जांच

ओम प्रकाश सोनी 
बालोतरा। बालोतरा पंचायत समिति के नव निर्वाचित प्रधान ओम प्रकाष भील द्वारा निर्वाचन के समय निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शेक्षिक दस्तावेजो की जांच प्रषासन ने शुरू की है। सुत्रो के अनुसार प्रारंभिक जांच में प्रधान के शेक्षिक दस्तावेज फर्जी होने के बात सामने आई है। प्रधान द्वारा दी गई अंकतालिका की जांच के लिये बालोतरा पुलिस का एक दल उत्तर प्रदेष गया हुआ है। सुत्रो के अनुसार प्रधान ने माध्यमिक षिक्षा परिषद उत्तरप्रदेष इलाहाबाद से 1998 में हाई स्कुल पास करने का प्रमाण पत्र दिया है। जांच में प्रधान के रोल नंबर पर किसी देवेन्द्र त्रिपाठी के परीक्षार्थी होने की बात सामने आई है। अंकतालिका की जन्मतिथि में हेर फेर किये जाने की संभावना है। साथ ही प्रधान ओम प्रकाष ने 2010 में जब पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा था तब योग्यता में खुद का आठवी पास बताया था। पूरे मामले की प्रषासन के निर्देष पर बालोतरा पुलिस जांच कर रही है।

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देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार

जोधपुर. पुलिस की स्पेशल टीम ने शनिवार को घासमंडी क्षेत्र में तीन घरों में दबिश देकर 21 युवतियां व 7 युवकों को पीटा के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस कमिश्नर अशोक कुमार राठौड़ के निर्देशन में एसीपी (मंडोर) जसवंत सिंह, एसीपी (पूर्व) वेदप्रकाश व एसीपी (पश्चिम) सीमा हिंगोनिया के निर्देशन तीन टीमों ने अलग-अलग दबिश दी।


देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार

जहां एसीपी जसवंत सिंह की टीम ने मिलन, ज्योति, नेहा, सीमा, निशा, अंकिता, अंकिता, मोनिका, मोहनराम, सोनाराम, गणपत व छोटूराम को गिरफ्तार किया। एसीपी सीमा हिंगोनिया की टीम ने सुलेखा, बबली, नैना, रितो, मोबिना, मौजम, जमील व भागीरथ को गिरफ्तार किया। वहीं एसीपी वेदप्रकाश ने नगीना, सीता, रुबीना उर्फ रवीना, वंदना व विनिता को गिरफ्तार किया। तीनों एसीपी की तरफ से सदरबाजार थाने में आरोपियों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए। कार्रवाई के दौरान कांस्टेबल चंचलप्रकाश व कमरुद्दीन आदि शामिल थे।
देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार
क्या है पीटा एक्ट, क्या सजा
पीटा (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) एक्ट अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए 1956 में लागू किया गया है। 1986 में इसमें संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ग्राहक के लिए कानून में अलग-अलग सजा है। पब्लिक प्लेस या नोटिफाइड एरिया में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो ग्राहक को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है।

यहां से शुरू हुआ धर्मचक्र प्रर्वतन - सारनाथ।



बौद्ध धर्म का इतिहास यूं तो ज्यादा पुराना नहीं है पर काफी तेजी से इसने दुनिया के देशों में अपनी शिक्षाओं द्वारा अपने अनुयायियों की संख्या में वृद्धि कर ली है। भगवान बुद्ध इस धर्म के प्रमुख प्रर्वतक हुए हैं।वैसे तो भारत में कई स्थान ऐसे हैं जो बौद्ध धर्म के तीर्थ बन चुके हैं पर एक ऐसा भी स्थान है जो बौद्ध धर्म में प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है, वह है सारनाथ।



सारनाथ में ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यहीं से उन्होंने धर्मचक्र-प्रर्वतन प्रारम्भ किया था। सारनाथ में अशोक का चतुर्भुज सिंह स्तम्भ, भगवान बुद्ध का मंदिर (जो यहां का प्रधान मंदिर भी है), धमेखस्तूप, चौखण्डी स्तूप, सारनाथ का वस्तु संग्रहालय, नवीन विहार, मूलगन्धकुटी आदि दर्शनीय स्थल हैं।जैन ग्रंथों में सारनाथ को सिंहपुर कहा गया है।




जैनधर्मावलम्बी इसे अतिशय-क्षेत्र मानते हैं। श्रेयांसनाथ के यहां गर्भ, जन्म और तप- ये तीन कल्याणक हुए हैं। यहां के जैन मंदिरों में श्रेयांसनाथजी की प्रतिमा है। इस मंदिर के सामने ही अशोक स्तम्भ है।कभी सारनाथ बौद्ध धर्म का प्रधान केन्द्र था पर मुहम्मद गौरी ने हमला करके इसे नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था। पर अब इतिहास के विद्वानों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों का ध्यान इस ओर गया है और उन्होंने सारनाथ को वापस उसका पुराना स्वर्ण युग लौटाना शुरू कर दिया है।




कैसे पहुचें- सारनाथ पूर्वोत्तर रेलवे का स्टेशन है जो बनारस छावनी स्टेशन से 8 किलोमीटर, बनारस सिटी स्टेशन से 6 किलोमीटर और बनारस शहर से सड़क मार्ग द्वारा 10 किलोमीटर दूर है। बनारस से यहां जाने के लिए सवारी वाहन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।