गुरुवार, 29 मई 2014

बाड़मेर पति के वियोग में पत्नी ने दी जान

बाड़मेर पति के वियोग में पत्नी ने दी जान 


बाड़मेर जिले के सरहदी सेडवा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता ने अपने पति की मौत के वियोग में बुधवार को पानी के टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली ।महिला के पति का मंगलवार को सड़क हादसे में निधन हो गया था।7

एसपी व दलाल फरहीन में होती थी रोमांटिक बात

जयपुर। रिश्वत मामले में एसीबी के हत्थे चढ़ी फरहीन खान एसपी सत्यवीर सिंह के लिए सिर्फ दलाली का ही काम नहीं करती थी, वह एसपी की बेहद "खासमखास" भी थी। एसीबी के मुताबिक एसपी की दम्पती से रोजाना कई घंटे तक बात होती थी। एसीबी के पास सैकड़ों घंटों की रिकॉर्डिग मौजूद है। इनमें ज्यादातर बातचीत सत्यवीर और फरहीन की है।

एसीबी के डीआईजी हवा सिंह घुमरिया ने कहा कि एसपी और फरहीन के बीच मोबाइल पर सब तरह की बातें हुआ करती थीं। आप जितना सोच सकते हो, उससे भी कई ज्यादा। दो माह से ज्यादा समय से इनके फोन सर्विलांस पर थे। दोनों के बीच व्हाट्स एप पर भी कई रोमांटिक मैसेज का आदान-प्रदान हुआ।

नए अफसर को करती मैसेज

फरहीन खान के मोबाइल में कई बड़े पुलिस अफसरों के मोबाइल नम्बर हैं। इनमें से कुछ से वह नियमित सम्पर्क में रहती है, जिनसे उसका लगातार सम्पर्क नहीं होता, उन्हें भी वह व्हाट्स एप पर मैसेज करती थी। एसीबी की जांच में इसका खुलासा हुआ है। एसीबी सूत्रों ने बताया कि जैसे ही कोटा या आसपास जिले में नया अधिकारी पदस्थापित होता था, तो फरहीन उसके मोबाइल नम्बर ले लेती। व्हाट्स एप के जरिए मोबाइल पर वेलकम मैसेज करती। इसमें खुद का नाम भी लिखती और परिचय भी देती। कई अधिकारी ऎसे भी हैं, जिन्होंने पहला मैसेज मिलने के बाद ही उसके व्हाट्स एप कॉन्टेक्ट को ब्लॉक कर दिया।

एडीजी भी हैं घनिष्ठ

सूत्रों की मानें तो महिला का एक एडीजी स्तर के अधिकारी से गहरा सम्पर्क है। इनसे उसकी खूब बात हुआ करती थी। यह अधिकारी जब भी कोटा आते थे तो फरहीन से बिना मिले नहीं जाते थे। पुलिस में आम चर्चा है कि जिन एडीजी के महिला नजदीक थी, कोटा शहर एसपी उन्हीं के करीबी माने जाते हैं। संभवत: इसी वजह से एसपी कुछ ही दिनों में महिला के करीब आ गए।

नॉनवेज खिलाकर फांसती

एसीबी के मुताबिक अधिकारियों को जाल में फांसने के लिए फरहीन नॉनवेज बनवाकर भेजती थी। लजीज नॉनवेज का स्वाद यदि किसी अधिकारी को मुंह चढ़ जाता तो वह इसके जाल में फंस जाता था।

घर पर वर्दी में पिता की तस्वीर

एसीबी दल ने जब फरहीन के घर छापा मारा तो वहां उसके दिवंगत पिता की वर्दी में तस्वीर लगी हुई थी। उसके पिता पुलिस में उप निरीक्षक थे। ब्राह्मण परिवार में जन्मी मूलत: सुल्तानपुर की फरहीन ने निसार से प्रेम विवाह किया। यूं तो प्रेम विवाह के बाद से ही उसका परिवार उससे दूर हो गया, लेकिन पुलिस की वर्दी के चलते पिता की तस्वीर टांग रखी थी। घर आने वाले लोग भी इस तस्वीर को देखकर उससे प्रभावित होते थे।

सीआई और हैडकांस्टेबल ने फंसाया

एसपी सत्यवीर सिंह ने कहा कि मुझे एसीबी, गोपीचंद एवं मलिक ने साजिश रच फंसाया है। गोपीचंद मीणा सीआई है, जो पहले कोटा शहर में तथा वर्तमान में कोटा ग्रामीण पुलिस में कार्यरत है। रवीन्द्र मलिक कोटा शहर में हैड कांस्टेबल है। वह सत्यवीर सिंह के कार्यकाल में एक बार निलंबित हो चुका है। एसपी के आरोप के जवाब में गोपीचंद ने पत्रिका को बताया कि मेरी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। मेरी तबीयत खराब होने से मैं दस दिन से अवकाश पर हूं। गोपीचंद ने कहा कि मुझे ट्रेप करवाना होता तो मैं पांच दिन पहले ही करवा देता जब मेरे परिचित बिल्डर से एसपी ने डेढ़ लाख रूपए लिए थे। उधर, मलिक ने भी एसपी के आरोप नकारे हैं।

...और रो पड़ी फरहीन

पेशी के दौरान उपजे हालात देखने के बाद जब तीनों को फिर से अन्वेषण भवन लाया गया तो फरहीन फूट-फूटकर रो पड़ी। जब सुबह न्यायालय में उसने उनके खिलाफ जनाक्रोश देखा तो वह सहम गई। वह करीब 15 मिनट तक रोती रही। यहां उसकी बेटी ने उससे मुलाकात की। मां से मिलकर उसकी भी आंखें भर आई।

सामना कराया तो हो गए पानी-पानी

तीनों अभियुक्तों से एसीबी अधिकारियों की पूछताछ रात 3:30 बजे तक चली। लंबी पूछताछ के दौरान एसपी सत्यवीर सिंह और दलाल फरहीन को आमने-सामने भी बैठाया गया। अधिकारियों ने एसपी से एक ही सवाल किया कि आखिर ऎसे क्या कारण थे, जो वे महिला के कहे अनुसार हर काम को प्राथमिकता से करते रहे? इस पर एसपी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। महिला भी खुद से एसपी के संबंधों को बार-बार नकारती रही। हालांकि, सर्विलांस में सामने आई वार्ता के एक-एक पृष्ठ पढ़कर जब अधिकारी उन्हें सुनाने लगे तो दोनों आंखें भी नहीं मिला पाए।

तफ्तीश बदलने का "अजब" खेल

कोटा शहर में पिछले कुछ दिनों से किसी भी मामले की तफ्तीश बदल दी जाती थी और इसकी मॉनीटरिंग खुद एसपी करते थे। डीआईजी घुमरिया ने बताया कि ऎसे करीब तीन दर्जन ऎसे मामले आए हैं, जिनमें जांच बदलकर दूसरे अधिकारी को सौंपी गई। सभी मामले जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हैं। यह भी पता चला है कि इनमें से ज्यादातर पत्रावलियों में महिला दलाल फरहीन का दखल था।
 

बाड़मेर बाड़मेर हादसों का दिन रहा बुधवार। चार की मौत

बाड़मेर बाड़मेर हादसों का दिन रहा  बुधवार। चार की मौत
 



पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 

बाड़मेर. बुधवार को अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। बाड़मेर शहरी क्षेत्र में दो मासूम समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इसी तरह सदर थाना क्षेत्र के उण्डखा में खेजड़ी के पेड़ से गिरने से विवाहिता की मौत हो गई। जबकि परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज करवाया। ऐसे में बुधवार का दिन हादसों भरा रहा।
 

बोलेरो ने दो बच्चों को कुचला
 

बाड़मेर शहर में दो अलग-अलग हादसों में दो मासूम की मौत हो गई। पहला हादसा शहर के कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी चौहटन रोड़ के पास हुआ। चंपालाल माली ने मामला दर्ज करवाया कि उसका भतीज परमेश्वर उर्फ कालू पुत्र द्वारकादास माली अपने ननिहाल आया हुआ था। को-ऑपरेटिव सोसायटी के पास तेज रफ्तार से आ रही बोलेरो गाड़ी ने पांच वर्षीय मासूम परमेश्वर को टक्कर मार दी। घायलावस्था में उसे राजकीय अस्पताल लाया गया, जहां से जोधपुर रेफर किया गया, लेकिन मासूम ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर जाजम होटल के पास एक बोलेरो गाड़ी ने 12 वर्षीय मदन पुत्र चूनाराम मेघवाल निवासी कगाऊ को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई।
 

युवक ने आत्महत्या की
 

बाड़मेर शहर के रीको एरिया में मेघवाल छात्रावास के पीछे 30 वर्षीय युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना के बाद सदर थाने से हेड कांस्टेबल हनुमानराम व भंवरसिंह मौके पर पहुंचे। वहीं डीएसपी ओमप्रकाश गौतम ने भी घटनास्थल का जायजा लेकर फंदे से लटके युवक को नीचे उतार रिश्तेदारों से शिनाख्त करवाई। पुलिस थाना सदर में सुरेश कुमार ने रिपोर्ट दी कि बसंत कुमार पुत्र घनश्यामदास सिंधि निवासी इंद्रा कॉलोनी बाड़मेर उसके मकान में किराए पर रहता था। बुधवार को आसपास के लोगों ने सूचना दी कि मकान का दरवाज बंद है और उसमें बदबू आ रही है। पुलिस ने मकान का दरवाजा तोड़ देखा तो बसंत कुमार फंदे से लटका हुआ मिला।
 

विवाहिता की हत्या का आरोप
 

बुधवार को सदर थाना क्षेत्र के उण्डखा गांव में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या करने का मामला दर्ज हुआ है। विवाहिता के पिता ताजाराम ने बताया कि उसकी पुत्री कुसुंबी की शादी जोगाराम निवासी उण्डखा से हुई थी। ससुराल पक्ष के लोग उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे और मंगलवार रात में उसकी हत्या कर दी गई। वहीं ससुराल पक्ष के लोगों का कहना है कि विवाहिता खेजड़ी के पेड़ की टहनी टूटने से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई। डीएसपी ओमप्रकाश गौतम सहित सदर पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया, जहां पेड़ की टहनी टूटी हुई थी।

बुधवार, 28 मई 2014

बाड़मेर में पारा 47 डिग्री, अगले 3 दिन और जलाएगा सूरज -



 
बाड़मेर जेठ की अमावस के दिन सूरज नेमरूभूमि को तपा दिया। इसके चलते राजस्थान के अधिकांश शहरों में पारा 45 डिग्री पार हो गया। वहीं बाड़मेर में पिछले तीन साल का गर्मी का रिकॉर्ड टूट गया, यहां अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री दर्ज कियागया। सुबह सूरज तमतमाया हुआ निकला तो गर्मी का असर दिन निकलने के बाद बढ़ता गया।
Murcury sizzles in Rajasthan, temperature breaks 3 years record in Barmerराजधानी जयपुर सहित सभी बड़े शहर में भीषण गर्मी के चपेट में रहे। पारा सुबह 6 से शाम 6 बजे तक 30 डिग्री से नीचे ही नहीं जा पाया। गर्मी के बीच चली लू ने लोगों का बेहाल कर दिया। 44.1 डिग्री पारे के साथ जयपुर में बुधवार सीजन का सबसे गर्म दिन रहा।

अगले तीन दिन भीषण गर्मी
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक बी.एन. विश्नोई ने बताया कि अगले तीन दिन तक प्रदेश में भीषण गर्मी व लू का दौर चलेगा। हालांकि हवा की नमी व सूरज की गर्मी से आंशिक रूप से बादल छा सकते है। लेकिन इनका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रदेश के प्रमुख शहरों में बुधवार को पारा
बाड़मेर-- 47. 2
जैसलमेर- 46.6
बीकानेर- 46. 2
चूरू- 45. 7
कोटा- 45. 4
जोधपुर- 45. 2
श्रीगंगानगर- 45. 1 

अमित शाह होंगे भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष !



नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट मे राजनाथ सिंह के केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद उनकी जगह नया पार्टी अध्यक्ष कौन होगा, इसकी तलाश भाजपा ने शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के नामों पर चर्चा की जा रही है उसमें से एक नाम मोदी के करीबी माने जाने वाले अमित शाह का भी है। शाह ने उत्तर प्रदेश का प्रभारी रहते हुए 80 मे से 72 सीटें पार्टी की झोली में लाने मे अहम भूमिका निभाई थी।

Amit Shah may become new BJP Presidentहालांकि, सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष पद की दौड़ में पार्टी महासचिव जे पी नद्दा का नाम भी चर्चा में है और वह अभी दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। इन नामों में एक नाम और जुड़ गया है और वह है राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर का। माथुर भी मोदी के करीबी माने जाते हैं और आम चुनावों के दौरान वह गुजरात प्रभारी थे।

जैसे जैसे पद के लिए "दौड़" तेज हो रही है, वैसे वैसे अटकलबाजियों का बाजार भी गरम हो रहा है। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि जब प्रधानमंत्री गुजरात से है तो संभवत: पार्टी अध्यक्ष दूसरे राज्य से हो।

नेताओं ने कहा कि मोदी शाह के नाम को आगे बढ़ा सकते हैं ताकि नद्दा के संभावनाओं को कम किया जा सके ताकि माथुर के नाम को भी किसी तरह दौड़ में शामिल किया जा सके। नद्दा पूर्व में मोदी के साथ काम कर चुके हैं और तटस्थ नेता माना जाता है।

माथुर राजस्थान से आते हैं और उनकी प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बनती नहीं है। माथुर और शाह ने बुधवार को आरएसएस के नेताओं से भी मुलाकात की। वहीं, वर्तमान अध्यक्ष और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आरएसएस के मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ेगा क्योंकि भाजपा अपने नेताओं को दो पदों पर रहने की इजाजत नहीं देती। 

दो चचेरी बहनों से गैंगरेप, हत्या कर शव पेड़ से लटकाए -

बदायूं। उत्तर प्रदेश में बदायूं के हुसैत क्षेत्र में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिए जाने का मामला बुधवार को प्रकाश में आया है।
two sisters Allegedly gang raped, body hanged from tree 
पुलिस के अनुसार हुसैत क्षेत्र के कटरा गांव के जीवन लाल तथा उनके भाई सोहन लाल की नाबालिग पुत्रियों के शव सुबह गांव के बाहर एक पेड़ पर लटके मिले। मृतक किशोरियों के परिजनों का आरोप है कि कुछ बदमाशों ने शौच के लिए गई तीन किशोरियों का मंगलवार शाम अपहरण कर लिया था और उनमें से एक उनके चंगुल से भागने में सफल रही।

परिजनों का आरोप है कि गांव के पप्पू, बृजेश तथा दो अन्य बदमाशों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर उनकी पुत्रियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया और बाद में उनकी हत्या कर दी तथा शवों को पेड़ पर लटका दिया।

सूचना पाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए लेकिन उन्हें वहां गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गांव वालों ने शवों को अपने कब्जे में ले लिया है और मांग की है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां मौके पर आएं। उनकी मांग है कि इस सिलसिले में थाने के सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने का आदेश जारी करें।

हादसे के बाद गांव में आक्रोश व्याप्त है। किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को भेज दिया गया है। इस सिलसिले में पुलिस अधिकारियों ने एक पुलिसकर्मी प्रदीप कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। 

जानिए, क्या है "विवादित" धारा 370

नई दिल्ली। भारतीय संविधान की धारा-370 इस बार के लोकसभा चुनाव में एक
चर्चा का विषय रही। संविधान की इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है।

मोदी सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370 पर चर्चा के लिए आम सहमति बन गई है। सिंह के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने धमकी दी है कि या तो 370 रहेगा या जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा। आईए,जानते हैं संविधान की धारा 370 है क्या ?

आजादी के वक्त जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं था। ऎसे में राज्य के पास दो विकल्प थे या तो वह भारत में शामिल हो जाएं या फिर पाकिस्तान में शामिल हो जाए। जम्मू कश्मीर की अधिकतर जनता पाक में शामिल होना चाहती थी लेकिन तत्कालीन शासक हरि सिंह का झुकाव भारत की तरफ था।

हरी सिंह ने भारत में राज्य का विलय करने की सोची और विलय करते वक्त
उन्होंने "इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्ंसेशन" नाम के दस्तावेज पर साइन किए थे। जिसका खाका शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था। जिसके बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया गया।

शेख अब्दुल्ला को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बना दिया था। 1965 तक जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था। अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिन्ह भी है।

केंद्र के कानून लागू नहीं

धारा 370 के तहत भारत के सभी राज्यों में लागू होने वाले कानून इस राज्य में लागू नहीं होते हैं। भारत सरकार केवल रक्षा, विदेश नीति, वित्त और संचार जैसे मामलों में ही दखल दे सकती है। इसके अलावा संघ और समवर्ती सूची के तहत आने वालों विषयों पर केंद्र सरकार कानून नहीं बना सकती।

राज्य की नागरिकता, प्रॉपर्टी की ओनरशिप और अन्य सभी मौलिक अधिकार राज्य के अधिकार क्षेत्र में ाते हैं। इन मामलों में किसी तरह का कानून बनाने से पहले भारतीय संसद को राज्य की अनुमति लेनी जरूरी है। अलग प्रॉपर्टी ओनरशिप होने की वजह से किसी दूसरे राज्य का भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन या अन्य प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकता है। इसके साथ ही वहां के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है। एक नागरिकता जम्मू-कश्मीर की तथा दूसरी भारत की होती है। यहां दूसरे राज्य के नागरिक सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर सकते।

यहां का संविधान भारत के संविधान से अलग है। आजादी के वक्त जम्मू-कश्मीर की अलग संविधान सभा ने वहां का संविधान बनाया था। अनुच्छेद 370(ए) में प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के अनुमोदन के बाद 17 नवम्बर 1952 को भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद-370 के राज्य में लागू होने का आदेश दिया।

नहीं लग सकता आपातकाल

अनुच्छेद 370 के वजह से ही केंद्र राज्य पर धारा 360 के तहत आर्थिक आपातकाल जैसा कोई भी कानून राज्य पर नहीं थोप जा सकता। जिसमें राष्ट्रपति राज्य सरकार को बर्खास्त नहीं कर सकता। केंद्र राज्य पर युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही आपातकाल लगा सकता है। केंद्र सरकार राज्य के अंदर की गड़बडियों के कारण इमरजेंसी नहीं लगा सकता है, उसे ऎसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होती है।


कई बदलाव हुए

हालांकि अनुच्छेद 370 में समय के साथ-साथ कई बदलाव भी किए गए हैं। 1965 तक वहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री नहीं होता था। उनकी जगह सदर-ए-रियासत और प्रधानमंत्री हुआ करता था। जिसे बाद में बदला गया। इसके अलावा पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिक जाता तो उसे अपना साथ पहचान-पत्र रखना जरूरी थी। जिसका बाद में काफी विरोध हुआ। विरोध होने के बाद इस प्रावधान को हटा दिया गया। 

मोदी सरकार ने पहले दिन ली गंगा की सुध, दिए 18 करोड़ -



नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के इरादे से वाराणसी के घाटों की साफ सफाई और जेट्टी के निर्माण के लिए 18 करोड. रू. की राशि मंजूर की है। पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाईक ने पदभार ग्रहण करने के बाद इस बात की घोषणा की। वाराणसी से चुनाव जीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान वाराणसी के घाटों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए उनकी मरम्मत कर आकर्षक बनाने की बात कही थी।

Modi government released 18 crores for Ganga purificationनाईक ने कहा कि गंगा की पवित्रता और सफाई के साथ ही इसके किनारे बसे पौराणिक शहरों को देशी और विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बनाने की योजना उनकी प्राथमिकता में है। पर्यटन मंत्री के रूप में उनकी प्राथमिकता देश में पर्यटकों की आमद बढ़ाने, देशी-विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित, सुविधा संपन्न एवं भयमुक्त पर्यटन उपलब्ध कराने की होगी। उन्होंने बताया देश में कई राज्यों के पास पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अपार संभावनाएं हैं।

कैसीनो के पक्ष में नहीं

पर्यटन मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने कहा है निजी तौर पर वह कैसीनो को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन, यह राज्यों का विषय है। पर्यटन मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के अवसर पर यह पूछने पर कि क्या वह गोवा की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कैसीनो को बढ़ावा देंगे? नाईक ने कहा कैसिनो यानी जुए से क्या किसी का भला हुआ है। हालांकि यह कई जगहों पर चल रहा है। उनकी राय में इसे धीरे धीरे बंद किया जाना चाहिए। गोवा में कैसीनो है, लेकिन, उसमें स्थानीय लोगों के भाग लेने की मनाही है। -

मोदी का फरमान, स्टाफ में रिश्तेदारों को भर्ती नहीं करेंगे मंत्री -



नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रियों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। मोदी ने मंत्रियों को सलाह दी है कि वे अपने निजी स्टॉफ में रिश्तेदारों को ना रखें। मोदी ने कहा है कि स्टॉफ में सरकारी लोग ही रहें।

प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को भाई-भतीजावाद को खत्म करने के लिए कहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के जनशिकायत एवं पेंशन विभाग ने मंत्रियों को सलाह दी है कि रिश्तेदारों को निजी स्टॉफ के रूप में नियुक्त ना करें। मोदी ने मंत्रियों को खर्चे में कटौती करने और लोगों से संपर्क के लिए डायरेक्ट लाइन स्थापित करने को कहा है।

Narendra Modi`s advice to ministers: No relatives in personal staffएडवाइजरी में उन नियमों का खाका पेश किया गया है जिनका मंत्रियों से अटैच पर्सनल स्टॉफ की नियुक्ति के वक्त पालन करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद मोदी ने इस तरह के पहले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। आदेश का सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेटिव पार्ट यह है कि तत्पश्चात मंत्रियों को जनरल पूल से सचिवों और अन्य पर्सनल स्टॉफ की नियुक्ती करनी होगी।

शायद ऎसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री ने रिश्तेदारों को ऑफिशियल वर्क से दूर रखने के लिए मंत्रियों को धकियाया है। गौरतलब है कि पूर्व में मंत्रियों ने नियमों की उपेक्षा करते हुए दफ्तरों को रिश्तेदारों से भर दिया था। सबसे अच्छा उदाहरण पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल का है,जिन्होंने अपने दामाद वितुल कुमार को ओएसडी के रूप में नियु क्त किया था। बंसल ने अपनी बहन के जमाई राहुल भंडारी को निजी सचिव और भतीजे विजय सिंघला को नियुक्त किया था। -