जयपुर। इंटरनेट पर प्यार के बाद लव, सेक्स और धोखे के मामलों के बारे में तो आपने काफी सुना होगा।
लेकिन यहां हम ऎसे दो प्रेमियों के बारे में बता रहे है जिनके प्यार में दो देशों की सीमाएं भी छोटी हो गई।
इन प्रेमियों में से प्रेमी रहने वाला है पाकिस्तान का तो प्रेमिका भारत की।
दोनों का प्यार इंटरनेट पर परवान चढ़ा। दिनों-दिन दोनों का प्यार बढ़ता ही गया और फिर क्यों एक साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया।
सब कुछ छोड़ छाड़कर ओडिशा की रहने वाली महिला डॉक्टर प्रतिमा पाकिस्तान अपने प्रेमी से मिलने पहुंची और इस्लाम कबूल कर हमेशा के लिए उसकी हो गई।
ओडिशा के बोलांगिर निवासी प्रतिमा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अपने प्रेमी से मिलने 90 दिन के ट्यूरिस्ट वीसा पर गई थी। वहां उसने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल लिया और अपने प्रेमी से निकाह कर लिया। डॉक्टर प्रतिमा इस्लाम कबूलने के बाद मरियम बन गई और अपने शौहर के साथ पाकिस्तान में ही रहने लग गई है।
जयपुर। जेडीए अपनी आवासीय योजनाओं में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्लयूएस) वर्ग के लिए आरक्षित भूखण्डों की दर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इनमें 45 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड शामिल हैं। ईडब्ल्यूएस वर्ग को अब तक आरक्षित दर की 25 फीसदी राशि पर भूखण्ड आवंटित किए जाते रहे हैं। जेडीए ने इसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने की मंशा जताई है, जिसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है।
प्रस्ताव में योजनाओं के आय वर्ग के स्लैब में परिवर्तन और बड़े भूखण्डों में बढ़ते रिफण्ड मामलों के चलते इनकी आवंटन दर में भी बदलाव की मंशा जताई गई है। सूत्रों के मुताबिक, 45 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड में पात्र व्यक्तियों के लिए जो आय वर्ग बना है, वह वष्ाोü पहले बनाया गया था, जबकि लोगों की न्यूनतम आय बढ़ गई है। ऎसे में आय वर्ग स्लैब में बदलाव की जरूरत है।
रिफण्ड के मामले बढ़े
जेडीए की आवासीय योजनाओं में 90 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के भूखण्डों का आवंटन आरक्षित से ज्यादा दर में किया जाता रहा है। आमतौर पर 220 वर्गमीटर से बड़े भूखण्डों के लिए निर्घारित आरक्षित दर की 115 प्रतिशत राशि ली जाती है। जेडीए की पिछले दिनों सृजित चार में तीन आवासीय योजनाओं में आवंटित बड़े भूखण्डों की तरफ लोगों का रूझान कम रहा है। कई आवंटियों ने रिफण्ड के लिए आवेदन किया है। इसके पीछे दर ज्यादा, मौके पर विकास न होने और शहरी क्षेत्र से दूरी होने का हवाला दिया जा रहा है। -
जोधपुर। इन दिनों एक ऑडियो क्लिपिंग से भाजपा में बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ऑडियो क्लिप में आवाज पूर्व मंत्री व भाजपा के स्टार प्रचारक रहे राजेन्द्र गहलोत की है। सोशल साइट्स पर ऑडियो क्लिपिंग वायरल होने के बाद अब यह क्लिपिंग शहर के कई लोगों के मोबाइल पर आ गई है।
ऑडियो क्लिप में विधानसभा चुनाव के दौरान सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शंभूसिंह खेतासर को ठाकर कहकर संबोधित किया गया है।
क्लिप में भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह कच्छवाह द्वारा खुद (गहलोत) का टिकट कटवाने का आरोप लगाने तथा भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए कम से कम निकलने व खुद के प्रचार नहीं करने के लिए निर्वाचन विभाग का सहारा लेकर बला टालने जैसी बातें की गई हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल पांच बत्ती चौराहे पर राजेंद्र गहलोत और नरेंद्र कच्छवाह आमने-सामने हो गए थे। तब कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया था। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड अध्यक्षों के पद दिए जाने हैं।
इनमें राजेन्द्र गहलोत का नाम भी प्रमुखता से चल रहा है। उनके विरोधियों ने इस ऑडियो क्लिप को हथियार बनाकर उनको हाशिए पर ला खड़ा करने का प्रयास किया है।
बातचीत के मुख्य अंश
पहला : मिलनो ही नहीं हो रियो है...
दूसरा : सुबह ही फोन करियो, साब फ्री हो तो हाला। आप बिजी हा। पछै स्विच ऑफ आयो
पहला : ध्यान राख जो...।
दूसरा : म्है तो फालतू बारे ही नहीं निकलूं। छोरा आया हा, काले ही आया, परसो ही आया।
पहला: बारे नहीं, घूमता रो। ऎ नया वाला छोरा समझे कोणी।
दूसरा : हां सा...।
पहला : ...और कई समाचार है
दूसरा : समाचार तो हालत खराब ही है। एकजुट होयोड़ा है।
पहला: पोलिंग करे जरे है। हाईएस्ट पोलिंग करे जरे।
दूसरा : पोलिंग तो करी..सा...
पहला: आपाणा लोग ही बेवकूफ हैं। यह नरेन्द्र की बेवकूफी से हुआ है सारा काम। नरेंद्र और परिहार वहां जाकर बोले हैं, राजेन्द्र ने एक पैसा ही खर्च नहीं किया है।
दूसरा : करोड़ों खर्च करिया। पईसा रा मामले में कोई नाराजगी नहीं है। लुटाया दोनों ही हाथा सूं। कोई वार्ड रो ओलबो नहीं है।
पहला : व्है पईया टुकड़ा-टुकड़ा में दे रिया है। आवै जिका ले लो। नहीं तो परम्परा टूट जावेला।
दूसरा : हां...हूं..।
पहला : चुनाव अधिकारी केवे है, स्टार प्रचारक ने पूछे आपका प्रोग्राम कहा-कहा है...। ऎ तो ठाकरा ने लगा दिया है।
दूसरा : हां, सब वार्ड में लगा दिया है।
पहला : देख लिजो नया छोरा ने समझा दिजो, अबार नहीं, लास्ट दिना में।
दूसरा : हां, बिल्कुल सा..
पहला : व्है केवे है, आओ चुनाव प्रचार में। मैं तो कह दियो, मैं तो स्टार प्रचारक हूं। मैं तो पांच मिनट में राउंड शुरू करा आ जाऊं। मैं तो कह दियो, प्रचार करूलां तो खर्च में 25 हजार रूपए जुड़ जावेला। आज ही अखबार में आयो है। मैं तो बला टाल दी।
मेरी आवाज नहीं, मेरे खिलाफ षड़यंत्र
मैंने भी आज ही ऑडियो क्लिप सुनी है। उसमें कोई मतलब ही नहीं है। बातों में कोई दम भी नहीं है। सब बातें तोड़-मरोड़ कर डाली है। न तो मेरी आवाज है और ना ही मेरा बोलने का लहजा। मेरी आवाज होती तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही ऑडियो क्लिपिंग सामने आ जानी चाहिए थी।
अभी सामने लाकर मेरे विरोधी क्या हासिल करना चाहते हैं? जिन लोगों ने ऎसा षड़यंत्र किया है उनके खिलाफ डिटेल एकत्रित कर आईटी एक्ट में पुलिस केस करूंगा। भाजपा पार्टी कोई छुई-मुई की तरह नहीं है जो ऎसी छोटी बेहुदा हरकतों पर गंभीर होगी। -राजेन्द्र गहलोत, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता -
जयपुर। केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब प्रदेश मे भी मंत्रीमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं।
सरकारी सूत्रों का दावा है कि 15 जून से पहले मंत्रीमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा और इसके बाद मौजूदा सरकार विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करेगी।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीते दस दिनों में दिल्ली में मंत्रिमंडल के विस्तार का एक प्रारंभिक खाका भी तैयार कर चुकी है। इधर, प्रदेश के नेताओं के साथ ही नौकरशाही को भी बेसब्री से मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार है।
बनेंगे 20 मंत्री
राजे ने 12 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था। कैलाश मेघवाल के विधान सभाध्यक्ष बनने के बाद मंत्रियों की संख्या 10 ही रह गई है। इनमें 7 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री है। सूत्रों के अनुसार राजे मंत्रिमंडल के विस्तार के इस चरण में 20 मंत्री बनाए जाने हैं।
क्षेत्रीय सतुलन की तैयारी
चूंकि मंत्रिमंडल के गठन के पहले चरण में भाजपा के जितने विधायक जीते हैं। उस हिसाब से प्रतिनिधित्व नहीं मिला। नागौर से गजेन्द्र सिंह खींवचर और युनूस खान को मंत्री बनाया गया। जबकि अन्य किसी जिले से दो मंत्री नहीं बनाए गए।
अब माना जा रहा है कि पार्टी के 163 विधायक जीते हैं। ऎसे में अब लगभग सभी जिलों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, जिससे मंत्रिमंडल में संतुलन बना रहे।
नौकरशाही को भी विस्तार का इंतजार
नौकरशाही को भी मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार है। विस्तार के साथ ही एक फिर प्रदेश की नौकरशाही का पूर फेरबदल किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है आईएएस के तबादलों की सूची तैयार है, लेकिन विस्तार के चलते इसे रोक दिया गया है। सचिवालय सूत्रों का कहना है कि अफसरों की सूची विभाग ने तैयार कर ली है।
लिहाजा विस्तार के साथ ही आईएएस व आरएएस के तबादलों को किया जाएगा। वहीं आईएएस किरन सोन गुप्ता पहले ही प्रतिनियुक्ति पर जा चुकी है और अब उनके पति जयपुर संभागीय आयुक्त मुधकर गुप्ता, कृषि आयुक्त सुधांश पंत समेत आधा दर्जन अधिकारी भी केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयार में है। -
वल्लभाचार्य ने पुष्टिमार्ग का प्रतिपादन किया था। उन्होंने ही इस मार्ग पर चलने वालों के लिए वल्लभ संप्रदाय की आधारशिला रखी। पुष्टिमार्ग शुद्धाद्वैत दर्शन पर आधारित है।
पुष्टिमार्ग में भक्त भगवान के स्वरूप दर्शन के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु के लिए प्रार्थना नहीं करता। वह आराध्य के प्रति आत्मसमर्पण करता है। इसको 'प्रेमलक्षणा भक्ति' भी कहते हैं। भागवत पुराण के अनुसार, 'भगवान का अनुग्रह ही पोषण या पुष्टि है।' वल्लभाचार्य ने इसी आधार पर पुष्टिमार्ग की अवधारणा दी। इसका मूल सूत्र उपनिषदों में पाया जाता है। कठोपनिषद में कहा गया है कि परमात्मा जिस पर अनुग्रह करता है, उसे अपना साक्षात्कार कराता है।
वल्लभाचार्य ने प्रत्येक जीवात्मा को परमात्मा का अंश माना है। उनके अनुसार, परमात्मा ही जीव-आत्मा के रूप में संसार में छिटका हुआ है। यानी हर व्यक्ति परमात्मा का ही अंश है। इसी आधार पर वल्लभ ने किसी को भी कष्ट या प्रताड़ना देना अनुचित बताया है।
जीव को भगवान के अनुग्रह या पोषण की आवश्यकता क्यों होती है, इसका उत्तर वल्लभाचार्य ने जीवसृष्टि का स्वरूप समझाते हुए दिया है। उनके अनुसार, ब्रह्म की जब एक से अनेक होने की इच्छा होती है, तब अक्षर-ब्रह्म के अंश रूप में असंख्य जीव उत्पन्न हो जाते हैं। सच्चिदानंद अक्षर ब्रह्म के चित अंश से असंख्य निराकार जीव, सत अंश से जड़ प्रकृति तथा आनंद अंश से अंतर्यामी रूप प्रकट होते हैं। जीव में केवल सत और चित अंश होता है, आनंद अंश तिरोहित रहता है। इसी कारण वह भगवान के गुणों-ऐश्वर्य, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य- से रहित होता है। परिणामस्वरूप वह दीन, हीन, पराधीन, दुखी,
अहंकारी, भ्रमित और आसक्तिग्रस्त रहता है। यही उसकी क्षीणता या दुर्बलता कही जाती है। जब भगवान अपने अनुग्रह से उस जीव को पुष्ट कर देते हैं, तब वह आनंद से भर जाता है।