बुधवार, 28 मई 2014

गहलोत की क्लिप से भाजपा में हड़कंप

जोधपुर। इन दिनों एक ऑडियो क्लिपिंग से भाजपा में बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ऑडियो क्लिप में आवाज पूर्व मंत्री व भाजपा के स्टार प्रचारक रहे राजेन्द्र गहलोत की है। सोशल साइट्स पर ऑडियो क्लिपिंग वायरल होने के बाद अब यह क्लिपिंग शहर के कई लोगों के मोबाइल पर आ गई है।
bjp leader rajendra gehlot Audio clip on social sites 
ऑडियो क्लिप में विधानसभा चुनाव के दौरान सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शंभूसिंह खेतासर को ठाकर कहकर संबोधित किया गया है।

क्लिप में भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह कच्छवाह द्वारा खुद (गहलोत) का टिकट कटवाने का आरोप लगाने तथा भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए कम से कम निकलने व खुद के प्रचार नहीं करने के लिए निर्वाचन विभाग का सहारा लेकर बला टालने जैसी बातें की गई हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल पांच बत्ती चौराहे पर राजेंद्र गहलोत और नरेंद्र कच्छवाह आमने-सामने हो गए थे। तब कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर मामला शांत करवाया था। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड अध्यक्षों के पद दिए जाने हैं।

इनमें राजेन्द्र गहलोत का नाम भी प्रमुखता से चल रहा है। उनके विरोधियों ने इस ऑडियो क्लिप को हथियार बनाकर उनको हाशिए पर ला खड़ा करने का प्रयास किया है।


बातचीत के मुख्य अंश

पहला : मिलनो ही नहीं हो रियो है...
दूसरा : सुबह ही फोन करियो, साब फ्री हो तो हाला। आप बिजी हा। पछै स्विच ऑफ आयो

पहला : ध्यान राख जो...।
दूसरा : म्है तो फालतू बारे ही नहीं निकलूं। छोरा आया हा, काले ही आया, परसो ही आया।

पहला: बारे नहीं, घूमता रो। ऎ नया वाला छोरा समझे कोणी।
दूसरा : हां सा...।

पहला : ...और कई समाचार है
दूसरा : समाचार तो हालत खराब ही है। एकजुट होयोड़ा है।

पहला: पोलिंग करे जरे है। हाईएस्ट पोलिंग करे जरे।
दूसरा : पोलिंग तो करी..सा...

पहला: आपाणा लोग ही बेवकूफ हैं। यह नरेन्द्र की बेवकूफी से हुआ है सारा काम। नरेंद्र और परिहार वहां जाकर बोले हैं, राजेन्द्र ने एक पैसा ही खर्च नहीं किया है।
दूसरा : करोड़ों खर्च करिया। पईसा रा मामले में कोई नाराजगी नहीं है। लुटाया दोनों ही हाथा सूं। कोई वार्ड रो ओलबो नहीं है।

पहला : व्है पईया टुकड़ा-टुकड़ा में दे रिया है। आवै जिका ले लो। नहीं तो परम्परा टूट जावेला।
दूसरा : हां...हूं..।

पहला : चुनाव अधिकारी केवे है, स्टार प्रचारक ने पूछे आपका प्रोग्राम कहा-कहा है...। ऎ तो ठाकरा ने लगा दिया है।
दूसरा : हां, सब वार्ड में लगा दिया है।

पहला : देख लिजो नया छोरा ने समझा दिजो, अबार नहीं, लास्ट दिना में।
दूसरा : हां, बिल्कुल सा..

पहला : व्है केवे है, आओ चुनाव प्रचार में। मैं तो कह दियो, मैं तो स्टार प्रचारक हूं। मैं तो पांच मिनट में राउंड शुरू करा आ जाऊं। मैं तो कह दियो, प्रचार करूलां तो खर्च में 25 हजार रूपए जुड़ जावेला। आज ही अखबार में आयो है। मैं तो बला टाल दी।


मेरी आवाज नहीं, मेरे खिलाफ षड़यंत्र
मैंने भी आज ही ऑडियो क्लिप सुनी है। उसमें कोई मतलब ही नहीं है। बातों में कोई दम भी नहीं है। सब बातें तोड़-मरोड़ कर डाली है। न तो मेरी आवाज है और ना ही मेरा बोलने का लहजा। मेरी आवाज होती तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही ऑडियो क्लिपिंग सामने आ जानी चाहिए थी।

अभी सामने लाकर मेरे विरोधी क्या हासिल करना चाहते हैं? जिन लोगों ने ऎसा षड़यंत्र किया है उनके खिलाफ डिटेल एकत्रित कर आईटी एक्ट में पुलिस केस करूंगा। भाजपा पार्टी कोई छुई-मुई की तरह नहीं है जो ऎसी छोटी बेहुदा हरकतों पर गंभीर होगी। -राजेन्द्र गहलोत, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता - 

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