गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

सुब्रत राय के घर पहुंची पुलिस,गिरफ्तारी संभव

नई दिल्ली। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी गैर जमानती वारंट को तामील करवाने के लिए पुलिस सुब्रत राय के लखनऊ स्थित घर पहुंची। सुब्रत राय के घर पहुंची पुलिस,गिरफ्तारी संभव
गिरफ्तारी से बचने के लिए सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुब्रत राय ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दी है। सुब्रत राय का कहना है कि उनकी मां की तबीयत खराब है इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे।

गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने पुलिस से कहा था कि सुब्रत राय को गिरफ्तार कर 4 मार्च को 2 बजे तक कोर्ट में पेश करो। अदालत ने सुब्रत राय को 26 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी गई थी। सहारा समूह पर निवेशकों के 24 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद वह निवेशकों का पैसा नहीं लौटा रहे हैं।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने सुब्रय राय को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।

साथ की कोर्ट ने सेबी को कंपनी की प्रोपर्टी बेचने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशकों रविशंकर दुबे,अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को भी 26 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा था।

कांग्रेस में खलबली ,जसवंत सिंह के सामने किसे लड़ाएगी कांग्रेस ?ज्योति मिर्घा या हरीश चौधरी


कांग्रेस में खलबली ,जसवंत सिंह के सामने किसे लड़ाएगी कांग्रेस ?ज्योति मिर्घा या हरीश चौधरी




बाड़मेर कभी ऐसिअ के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र रहे बाड़मेर जैसलमेर लोक सभा सीट पर इस बार पुरे देश कि नज़ारे रहने वाली हें। एक बार फिर बाड़मेर संसदीय सीट चर्चाओ में हें। भारतीय जनता पार्टी कि राष्ट्रिय राजनीती में चार दशको कि सेवा के बाद राष्ट्रिय नेता और पूर्व वित् विदेश और रक्षा   मंत्री जसवंत सिंह अपने गृह जिले बाड़मेर से लोक सभा का चुनाव लड़ने कि ठान चुके हें कहने को दो तीन दावेदार के हें जसवंत सिंह का हें। भाजपा से जसवंत सिंह का नाम ,तय मना जा रहा हें ,जसवंत सिंह के नाम के आने के बाद विधानसभा चुनावो में बुरी तरह हारी कांग्रेस को और चिंता में दाल दिया हें। कांग्रेस कि और से वर्त्तमान हरीश चौधरी को प्रबल दावेदार माना जाता हें मगर क्षेत्र में उनकी स्थति बेहद नाज़ुक हें यह कांग्रेस के सर्वे में हें ऐसे में कांग्रेस हरीश चौधरी को बदल दे तो कोई आश्चर्य नहीं ,हरीश चौधरी के स्थान पर नागौर संसद ज्योति मिर्धा और पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी दावेदारी में शुमार हें ,राहुल गांधी इस बार कोई रिस्क लेना नहीं चाहते। जसवंत सिंह को कांग्रेस से गैर जात ही टक्कर दे सकता हें ,जात उम्मीदवार के उतरने से जसवंत सिंह स्वतः मजबूत होंगे। विधानसभा चुनावो में जाट मतदाताओ ने खुलकर भाजपा का साथ दिया ,जिसके कारन अल्पसंख्यक समुदाय के शिव विधानसभा से कांग्रेस प्रत्यासी अमिन खान बुरु तरह से चुनाव हार गए। मुस्लिम नेता अपनी हार का कारण जाट नेताओ को मानते हें ,मुस्लिम नेताओ का कहना हें कि जाट नेताओ ने मुस्लिम प्रत्यासी कि मदद नहीं कि जाटो के वोट मुस्लिमो को नहीं मिलने से पश्चिमी राजस्थान में एक भी मुस्लिम विधायक नहीं जीत पाया। मुस्लिम नेताओ ने तय कर दिया हें कांग्रेस यदि किसी भी जाट को उम्मीदवार बनाती हें मुस्लिम समाज उन्हें सहयोग नहीं करेंगे। कांग्रेस के परम्परागत जाट ,मुस्लिम मेघवाल गठबंधन विधासभा चुनावो में तार तार हो गया। जिसका विपरीत असर लोक सभा चुनावो में पड़ना तय हें। कहने को कांग्रेस एक मात्र बाड़मेर विधानसभा सीट पर जीती हें। बाड़मेर सीट कांग्रेस प्रत्यासी द्वारा जितने का एक मात्र कारन कांग्रेस प्रत्यासी का गैर जाट होना था। जसवन सिंह के पास सबसे विश्वशनीय चुनावी हथ्यार क्षेत्र के चार लाख अल्पसंख्यक मतदाता हें जो जसवंत सिंह जी के मुरीद हें। मुस्लिम समाज कि जसवंत सिंह पहली पसंद बने हुए हें। जसवंत सिंह को राजपूत ,दलित वर्ग ,मुस्लिम और अन्य जातियो का प्यूरा समर्थन हासिल हें। क्षेत्र के लोग चाहते हें कि जसवंत सिंह बाड़मेर से चुनाव लड़े। जसवन सिंह का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस में खलबली मची हुई हें।