नई दिल्ली। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी गैर जमानती वारंट को तामील करवाने के लिए पुलिस सुब्रत राय के लखनऊ स्थित घर पहुंची।
गिरफ्तारी से बचने के लिए सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुब्रत राय ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दी है। सुब्रत राय का कहना है कि उनकी मां की तबीयत खराब है इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे।
गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने पुलिस से कहा था कि सुब्रत राय को गिरफ्तार कर 4 मार्च को 2 बजे तक कोर्ट में पेश करो। अदालत ने सुब्रत राय को 26 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी गई थी। सहारा समूह पर निवेशकों के 24 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद वह निवेशकों का पैसा नहीं लौटा रहे हैं।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने सुब्रय राय को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।
साथ की कोर्ट ने सेबी को कंपनी की प्रोपर्टी बेचने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशकों रविशंकर दुबे,अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को भी 26 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुब्रत राय ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त करने की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दी है। सुब्रत राय का कहना है कि उनकी मां की तबीयत खराब है इसलिए वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे।
गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने पुलिस से कहा था कि सुब्रत राय को गिरफ्तार कर 4 मार्च को 2 बजे तक कोर्ट में पेश करो। अदालत ने सुब्रत राय को 26 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी गई थी। सहारा समूह पर निवेशकों के 24 हजार करोड़ रूपए बकाया हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद वह निवेशकों का पैसा नहीं लौटा रहे हैं।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने सुब्रय राय को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।
साथ की कोर्ट ने सेबी को कंपनी की प्रोपर्टी बेचने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशकों रविशंकर दुबे,अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को भी 26 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा था।
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