शनिवार, 31 अगस्त 2013

रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी सड़क क्षतिग्रस्त,



रामदेवरा पैदल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी सड़क क्षतिग्रस्त, 
दलपत धतरवाल 
बायतु बाड़मेर-जैसलमेर जिले की सीमा पर स्थित बाड़मेर जिले बायतु उपखण्ड क्षेत्र के केसुम्बला गाँव से रामदेवरा जाने वाला सड़क मार्ग बीस किलोमीटर तक आधे में बड़े-बड़े पत्थर तथा शेष में रेतीला मार्ग हैं। जिससे रामदेवरा पैदल जा रहे यात्री परेशान है, तथा बड़े-बड़े पत्थरो से यात्रियों के पैरो में फफोले हो जाते है। बाद में उन्हें ड्रेसिंग मेडिसिन का सहारा लेना पड़ता है। स्थानीय जन प्रतिनिधि बताते है कि इस रोड़ के बारे में राजस्व मंत्री,सांसद,बायतु विधायक कर्नल सोनाराम और पोकरण विधायक साले मोहम्मद सहित कई नेताओ को भी अवगत कराया लेकिन समस्या जस की तस हैं।राजस्व मंत्री ने चार साल पहले आश्वासन दिया जो आजतक हकीकत में बदल नहीं पाया।बाकि नेताओ से एक ही रटारटाया जवाब मिलता है हो जाएगी। लेकिन ग्रामीण का सवाल हैं कि आखिर कब होगी। गुजरात से रामदेवरा पैदल जा रहे यात्रियों का कहना है कि सड़के चलने के लायक नही है। लेकिन हमारे यह एक रास्ता होने से मज़बूरी क्या करे।राजस्थान सरकार क्या कर रही हैं।लम्बे समय से यह सड़क क्षतिग्रस्त हें। रामदेवरा मेले में पैदल जाने वाले यात्रियों के लिए यही एकमात्र मार्ग हें स्थानीय लोगो ने यात्रियों की सुविधा के लिए बंदोबस्त भी किये हें मगर जिला प्रशासन सो रहा हें 

अलवर: पूछताछ के लिए थाने बुलाकर किया गैंगरेप, पीड़िता ने की आत्महत्या



राजस्थान के अलवर जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा थाने के लॉकअप में बंद महिला से रेप करने का सनसनीखेज मामला सामने सामने आया है. घटना से परेशान होकर महिला ने खुदकुशी कर ली.

परिजनों और ग्रामीणों के हंगामे के बाद गांव में भारी पुलिस तैनात कर दी गई है. पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने थानाधिकारी और दो आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है.


मामला खेरली थाने के कुट्टीन शाहबाद गांव का है. यहां रामस्वरूप मीणा नाम के व्यक्ति ने अपनी पुत्रवधु के खिलाफ बेटे रामावतार को गायब करने की एक रिपोर्ट गुरुवार को दर्ज करवाई थी. इसके बाद पुलिस ने महिला को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया और उसे लॉकअप में बंद कर दिया.

शुक्रवार सुबह दो पुलिस कांस्टेबल हेमंत कुमार और तेजसिंह अचानक महिला को उसके ससुराल कुट्टीन गांव के बाहर छोड़कर आ गए. महिला ने घर पहुंचकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. ग्रामीणों को जब जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सूचित किया.

ग्रामीणों को थानाधिकारी खेरली अमित कुमार ने बताया की उसने महिला को थाने से रात को ग्यारह बजे लॉकअप से छोड़ दिया था. इससे ग्रामीणों को विश्वास हो गया की महिला के साथ पुलिसकर्मियों ने दुष्कर्म किया है. इस वजह से महिला ने खुदकुशी की है ! ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अलवर राजेंद्र वर्मा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.

महिला के ससुर ने इस सम्बन्ध में खेरली थाने में मामला भी दर्ज करवाया है कि उसकी पुत्रवधु रात को थाने में थी और सुबह अचानक घर कैसे पहुंची और थानाधिकारी यह कह रहा है कि उसको रात 11 बजे छोड़ दिया था, तो फिर उसकी वह रातभर कहां रही और उसके साथ क्या हुआ है जिससे दुखी होकर उसने आत्महत्या कर ली. सुबह पुलिसकर्मी गांव में बिना किसी को बताये छोड़ कर आये है. पुलिस की भूमिका को देखते हुए उन्हें शक होता है कि उसकी पुत्रवधु के साथ दुष्कर्म हुआ है इस वजह से उसने सुसाइड कर लिया. ग्रामीणों ने भी पुलिस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है क्योंकि युवती के कपड़े मिट्टी में सने थे.


 

राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक प्रतियोगिताए होगी आयोजित

राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक प्रतियोगिताए होगी आयोजित 


भामाशाहो से सहयोग की अपील



बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थानी भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार और भाषा को संवेधानिक मान्यता के महत्त्व की आम जन को जानकारी के लिए राजस्थानी भाषा ने जाणो विषयक पर विभिन प्रतियोगिताए आयोजित करने का निर्णय लिया गया हें। राजस्थानी भाषा समिति के संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को लेकर जन प्रतिनिधि लोगो में भ्रम पैदा करने में लगे हें वही भाषा विरोधी लोग भी इस तरह की अफवाहे फेला रहे हें की राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलाने से क्या फायदा। उन्होंने बताया की आम जन और खास कर विद्यार्थी वर्ग को राजस्थानी भाषा के महत्त्व और संवेधानिक मान्यता के बाद उसद्से होने वाले लाभों को लेकर समिति आम लोगो के बीच चर्चा करेगी साथ ही विभिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रतियोगिताए आयोजित कर राजस्थानी भाषा की महत्वता के बारे में जानकारी देने के साथ प्रश्नोतरी ,भाषण और निबन्ध वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताए आयोजित करेगी। राजस्थानी चिंतन परिषद् के जिला संयोजक सोनाराम बेनीवाल के अनुसार राजास्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता क्यूँ जरुरी हें इसकी जानकारी आम जन और छात्र छात्राओं को उपलब्ध कराई जाएगी। विभिन विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रतियोगिताए आयोजित करा प्रथम तीन स्थानों पर आने वालो को सम्मानित और पुरष्कृत किया जायेगा। इस आशय की बैठक शीघ्र आयोजित की जायेगी ,जिला पाटवी रिडमल सिंह ने बताया की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलाने तक समिति का अभियान जारी रहेगा। इन प्रतियोगिताओ के लिए भामाशाहो का सहयोग लिया जायेगा

पब्लिक पर फिर महंगाई की मार, पेट्रोल 2.35 रुपये और डीजल 50 पैसे प्रति लीटर महंगा



लगातार बेतहाशा बढ़ती महंगाई से बेहाल आम लोगों की मुसीबतों में फिर से इजाफा हो गया है. पेट्रोल और डीजल के दाम फिर से बढ़ गए हैं. पेट्रोल 2.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल 50 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है.
फिर महंगाई की मार
पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम शनिवार आधी रात से लागू होंगे. पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद अब दिल्‍ली में इसकी कीमत 73.63 रुपये, मुंबई में 80.96 रुपये, लखनऊ में 80.48 रुपये, पटना में 79.36 रुपये और भोपाल में 78.19 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आने की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं. पेट्रोलियम कंपनियां सरकार पर कीमतें बढ़ाने का दबाव बना रही थीं, जिससे उनका घाटा कम हो सके.

बहरहाल, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने से अन्‍य जरूरी चीजों की भी कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे आम जनता की मुश्किलें बढ़ना तय है.


 

डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!



नई दिल्ली : वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये से होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई के लिये डीजल के दाम 3 से 5 रुपये, मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये लीटर तथा घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपये प्रति सिलेंडर तक महंगा हो सकता है।डीजल 5 रुपए, मिट्टी तेल 2 रुपए, LPG सिलेंडर 50 रुपए होगा महंगा!
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उनसे सस्ते डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री से तेल कंपनियों को होने वाले 1,80,000 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की भरपाई के लिये कदम उठाने का आग्रह किया है।

मोइली ने इससे पहले कल वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। उन्होंने, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मूल्य वृद्धि के बिना सरकार को रिकॉर्ड 97,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करनी होगी।

मोइली ने कहा है यदि मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो पेट्रोलिमय पदार्थों के मामले में चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल राजस्व नुकसान 1,80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा जोकि इससे पिछले साल 1,61,000 करोड़ रुपये पर रहा था।

संसद के मानसून सत्र के बाद पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में वृद्धि संभव है। मानसून सत्र 6 सितंबर को समाप्त हो रहा है। मोइली ने इससे पहले चिदंबरम को भेजे एक नोट में स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा है कि डीजल के दाम में एक रुपये की वृद्धि से नुकसान में 4,522 करोड़ रुपये कमी आयेगी जबकि तीन रुपये की वृद्धि से वर्ष की शेष अवधि में 13,565 करोड़ रुपये का नुकसान कम होगा। यदि डीजल में एकबारगी 5 रुपये की वृद्धि होती है तो नुकसान में 29,390 करोड़ रुपये की कटौती होगी।

डीजल के दाम में हालांकि इस साल जनवरी से हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि हो रही है, और एक बारगी वृद्धि इससे अलग होगी। रसोई गैस सिलेंडर में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी से कंपनियों के नुकसान में 2,604 करोड़ रुपये कमी आयेगी। राशन की दुकानों में बिकने वाले मिट्टी तेल का दाम 2 रुपये बढ़ाया जाता है तो नुकसान में 1,014 करोड़ रुपये की कमी आयेगी। कुल मिलाकर इन तीनों के दाम बढ़ने से सब्सिडी बोझ में 50,928 करोड़ रुपये की कमी आयेगी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को भेजे पत्र में मोइली ने कहा है, मैं आपके संज्ञान में यह लाना चाहता हूं कि रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट से तेल विपणन कंपनियों की राजस्व प्राप्ति पर गहरा असर होगा और इससे उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ेगी। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में एक रुपये की गिरावट आने पर तेल कंपनियों पर डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू एलपीजी पर कुल मिलाकर सालाना 7,900 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ पड़ता है।

वर्ष 2012.13 में तेल कंपनियों को 1,61,029 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसकी भरपाई के लिये सरकार ने 85,000 करोड़ रुपये की नकद सब्सिडी और तेल खोज एवं उत्पादन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से 60,000 करोड़ रुपये का योगदान किया गया। शेष राशि मार्केटिंग कंपनियों का स्वयं वहन करनी पड़ी।